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2027 तक साइबर डिफेंस कॉरिडोर में होगा झारखंड
चर्चा में क्यों?
21 नवंबर, 2022 को झारखंड यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी (जेयूटी) सभागार में प्रोजेक्ट-आरंभ के तहत आयोजित कार्यशाला में कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम-इंडिया (सीईआरटी-इन) के महानिदेशक संजय बहल ने बताया कि अगले 10 वर्ष में एक मिलियन साइबर इंजीनियर तैयार करने का लक्ष्य है तथा वर्ष 2027 तक झारखंड को दुनिया के साइबर डिफेंस कॉरिडोर के रूप में बढ़ावा दिया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- संजय बहल ने बताया कि साइबर सुरक्षा के लिये झारखंड में पाँच बिलियन डॉलर निवेश आकर्षित करने का कार्य किया जा रहा है।
- उन्होंने बताया कि साइबर क्राइम वैश्विक समस्या बन गई है और इससे निपटने के लिये सबको मिल कर कार्य करने की आवश्यकता है। इस दिशा में क्लस्टर बना कर कार्य करने होंगे तथा इस ज्वलंत समस्या से निपटने के लिये देश में लगभग तीन लाख साइबर आर्मी की भी नियुक्ति की जायेगी।
- जेयूटी के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग के सचिव राहुल पुरवार ने बताया कि इस समस्या से निपटने के लिये गाँव-गाँव जाकर लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है तथा ट्रेनिंग टू ट्रेनर की व्यवस्था करनी होगी।
- उन्होंने बताया कि इस ड्रीम प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिये रोडमैप बनाने की आवश्यकता है तथा फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम हेतु निर्धारित शुल्क राज्य सरकार की ओर से दिया जाएगा।
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