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राजस्थान स्टेट पी.सी.एस.

  • 12 Oct 2024
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राजस्थान का भूमि एकत्रीकरण कानून

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में, राजस्थान ने उद्योगों की सहायता करने और किसानों को लाभ पहुँचाने के उद्देश्य से भूमि एकत्रीकरण कानून लागू करने वाला भारत का पहला राज्य बनने की अपनी योजना की घोषणा की है ।

प्रमुख बिंदु 

  • भूमि एकत्रीकरण विधेयक: राजस्थान विधानसभा में एक विधेयक पेश करने जा रहा है, जो भूमि एकत्रीकरण के लिये एक कानूनी तंत्र स्थापित करेगा। इस कानून से उद्योगों को सुविधा मिलने और किसानों को मदद मिलने की संभावना है।
  • वैश्विक निवेश पर फोकस: यह घोषणा दिसंबर 2024 में होने वाले 'राइज़िंग राजस्थान' वैश्विक निवेश शिखर सम्मेलन से पहले की गई है। 
    • राज्य सरकार पहले ही मुंबई और दिल्ली में रोड शो के दौरान 12.50 लाख करोड़ रुपए से अधिक के समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर कर चुकी है।
  • नीति विवरण: प्रस्तावित कानून का उद्देश्य इच्छुक मालिकों से निजी भूमि एकत्र करना, उसका विकास करना और विकसित भूमि का 25% मूल मालिकों को वापस करना है। इस मुआवज़े का उपयोग भूमि मालिक निजी उपयोग के लिये या बेहतर रिटर्न के लिये पट्टे पर देने या बेचने के लिये कर सकते हैं।
  • विकास में किसानों की भागीदारी: यह नीति सुनिश्चित करती है कि किसान विकास में भागीदार बनें, विकसित भूमि और शेष भूमि के बढ़े हुए मूल्य दोनों से लाभान्वित हों, जिससे उनकी आय में वृद्धि हो।
  • भूमि उपयोग और समय-सीमा: निजी भूमि का उपयोग औद्योगिक पार्कों, सार्वजनिक अवसंरचना और संबंधित विकास के लिये किया जाएगा। एकत्रित भूमि का उपयोग पाँच वर्षों के भीतर किया जाना चाहिये, अन्यथा यह भूमि एकत्रीकरण प्राधिकरण को वापस कर दी जाएगी।
  • भूमि एकत्रीकरण प्राधिकरण: भूमि के एकत्रीकरण और विकास का प्रबंधन करने के लिये एक नया "भूमि एकत्रीकरण और विकास प्राधिकरण" बनाया जाएगा। शिकायतों का कुशलतापूर्वक समाधान करने और न्यायालयी कार्यवाही से बचने के लिये एक अपीलीय प्राधिकरण भी बनाया जाएगा।
  • क्षेत्रीय लाभ: गुजरात की सीमा से लगे आदिवासी क्षेत्र बांसवाड़ा तथा दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारे और एक्सप्रेसवे जैसे क्षेत्रों को इस कानून से काफी लाभ मिलने की संभावना है।


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राजस्थान में कांगो बुखार का प्रकोप

चर्चा में क्यों?

हाल ही में राजस्थान में कांगो बुखार का मामला सामने आया है, जिसके कारण जोधपुर में 51 वर्षीय महिला की मृत्यु हो गई। 

राज्य सरकार ने बीमारी को और फैलने से रोकने के लिये दिशानिर्देश जारी किये हैं और स्वास्थ्य टीमें सक्रिय रूप से लक्षण वाले व्यक्तियों का पता लगा रही हैं।

प्रमुख बिंदु 

  • कांगो बुखार: कांगो बुखार, जिसे क्रीमियन-कांगो रक्तस्रावी बुखार (CCHF) के रूप में भी जाना जाता है , एक वायरल रोग है जो मुख्य रूप से टिक काटने या संक्रमित जानवरों के संपर्क के माध्यम से मनुष्यों में फैलता है। 
    • यह संक्रमित व्यक्ति के शारीरिक द्रव्यों के सीधे संपर्क से भी फैल सकता है।
  • लक्षण: इसकी शुरुआत अचानक होती है और इसमें तेज़ बुखार, मांसपेशियों में दर्द, चक्कर आना, गर्दन में दर्द और फोटोफोबिया शामिल हैं। 
    • गंभीर मामलों में रक्तस्राव, यकृत विफलता और यहाँ तक कि मृत्यु भी हो सकती है।
  • सरकारी प्रतिक्रिया: राज्य ने अस्पतालों को सतर्कता बढ़ाने, संभावित मामलों को अलग करने और रोग के बारे में जागरूकता अभियान चलाने का निर्देश दिया है।

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