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उत्तराखंड में होगा राज्य मत्स्य विकास बोर्ड का गठन
चर्चा में क्यों?
21 सितंबर, 2022 को उत्तराखंड के पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने पत्रकारों को बताया कि प्रदेश में मछली पालन व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिये पहली बार सरकार राज्य मत्स्य विकास बोर्ड का गठन करेगी। सचिव मत्स्य की अध्यक्षता में बोर्ड का ढाँचा तैयार किया जा रहा है।
प्रमुख बिंदु
- पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने बताया कि प्रदेश में मछली पालन में रोज़गार की बहुत संभावनाएँ हैं। मछली पालन को बढ़ावा देने के लिये पहली बार अलग से बोर्ड बनाने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिये गए हैं। बोर्ड के माध्यम से मछली पालन योजनाओं का क्रियान्वयन और मार्केटिंग को बढ़ावा दिया जाएगा।
- राज्य मत्स्य पालक विकास अभिकरण की प्रबंध समिति की बैठक में बोर्ड के गठन का निर्णय लिया गया। बोर्ड के ढाँचे का प्रस्ताव बनाने की कवायद शुरू हो गई है, जिसके बाद मंज़ूरी के लिये कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जाएगा।
- गौरतलब है कि राज्य में लगभग छह हज़ार मीट्रिक टन मछली का उत्पादन किया जाता है। सरकार ने आने वाले एक साल के भीतर मछली उत्पादन को 11 हज़ार मीट्रिक टन तक पहुँचाने का लक्ष्य रखा है।
- प्रदेश में 11 हज़ार से अधिक लोग मछली व्यवसाय कर रहे हैं। प्रदेश में अभी तक कॉमन कार्प, सिल्वर कॉर्प, रोहू मछली का उत्पादन अधिक है।
- बाज़ार में बढ़ती मांग को देखते हुए सरकार की ट्राउट फिश उत्पादन बढ़ा कर रोज़गार के अवसर उपलब्ध कराने की योजना है। प्रदेश सरकार पशुपालन विकास के लिये उत्तराखंड पशुधन विकास बोर्ड की तर्ज़ पर अब मछली पालन के लिये अलग से मत्स्य विकास बोर्ड बनाने जा रही है।
- उत्तराखंड में शीर्ष तीन मछली उत्पादक जिले हैं- 1. ऊधमसिंह नगर (2921.349 मीट्रिक टन), 2. हरिद्वार (1424.89 मीट्रिक टन), 3. देहरादून (295.53 मीट्रिक टन)।
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