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राजस्थान स्टेट पी.सी.एस.

  • 22 Sep 2022
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राजस्थान विनियोग (संख्या-3) विधेयक, 2022 ध्वनिमत से पारित

चर्चा में क्यों?

21 सितंबर, 2022 को राजस्थान विधानसभा ने राजस्थान विनियोग (संख्या-3) विधेयक, 2022 को ध्वनिमत से पारित कर दिया।

प्रमुख बिंदु

  • विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए प्रभारी मंत्री और विधायक बुलाकी दास कल्ला ने कहा कि राज्य सरकार ने पूरी तरह से राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन अधिनियम (एफबीआरएम) का पालन किया है। राज्य का राजकोषीय घाटा 5 प्रतिशत से कम रहा है, जबकि 2016-17 में यह09 प्रतिशत था।   
  • उन्होंने बताया कि सरकार के ऑन टैक्स रेवेन्यू में 28 प्रतिशत और नॉन टैक्स रेवेन्यू में 23 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। बेहतर वित्तीय प्रबंधन की वजह से अगस्त, 2021 में राजस्व प्राप्तियाँ 90 हज़ार 11 करोड़ रुपए प्राप्त हुई थीं, जो इस वर्ष अगस्त में 1 लाख 30 हज़ार 777 करोड़ रुपए पहुँच गई हैं।
  • प्रभारी मंत्री ने बताया कि सरकार ने अनुपूरक अनुदान की मांगें आरजीएसएस, ईआरसीपी, नेहरू यूथ हॉस्टल (दिल्ली), इंदिरा गांधी शहरी रोज़गार गारंटी योजना, जयपुर मेट्रो, उड़ान इत्यादि के क्रियान्वयन के लिये ली हैं। सरकार का मकसद कैपिटल असेट्स बनाना और पैसे का सदुपयोग करना है।
  • विधेयक को सदन में रखते हुए उन्होंने बताया कि यह विधेयक वित्तीय वर्ष 2022-23 की सेवाओं के लिये राज्य की समेकित निधि में से कतिपय और राशियों के संदाय एवं विनियोजन को प्राधिकृत करने के लिये लाया गया है। विधेयक पारित होने से 4 हज़ार 402 करोड़ 12 लाख 18 हज़ार रुपए की राशि संदत्त और उपयोजित की जा सकेगी।
  • इससे पूर्व विधानसभा ने अनुपूरक अनुदान की मांगें वर्ष 2022-23 (प्रथम संकलन) को भी पारित किया। प्रभारी मंत्री कल्ला ने मांगों का उपस्थापन किया, जिसे सदन ने मुखबंद का प्रयोग कर पारित कर दिया।

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राजस्थान अधिवक्ता कल्याण निधि (संशोधन) विधेयक, 2020 ध्वनिमत से पारित

चर्चा में क्यों?

21 सितंबर, 2022 को राजस्थान विधानसभा ने राजस्थान अधिवक्ता कल्याण निधि (संशोधन) विधेयक, 2020 को ध्वनिमत से पारित कर दिया। शिक्षा मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला ने विधेयक को सदन में प्रस्तुत किया था।

प्रमुख बिंदु

  • शिक्षा मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला ने विधेयक पर हुई चर्चा के बाद अपने जवाब में कहा कि बार काउंसिल ऑफ राजस्थान के साथ विचार-विमर्श के बाद ही विधेयक में संशोधन किये गए हैं। बार काउंसिल ने अगस्त, 2021 में सरकार को पत्र में जो भी सुझाव दिये थे, वे इस विधेयक में शामिल किये गए हैं।
  • उन्होंने कहा ही काउंसिल के ही सुझाव पर 5 से 50 वर्ष तक वकालत का कार्य करने के बाद अधिवक्ताओं को राशि देने का विधेयक में प्रावधान किया गया है। यह राशि एक्स-ग्रेसिया नहीं, अपितु अधिवक्ताओं की सेवाओं का प्रतिफल है।
  • डॉ. कल्ला ने बताया की विधेयक में वकालत पर 100 रुपए के स्टाम्प का प्रावधान किया है। सेशन कोर्ट, उच्च न्यायालय या जेडीए सहित सभी कोर्ट में यह समान रूप से लागू होगा। यह संशोधन भी काउंसिल के सुझाव पर ही शामिल किया गया है।  

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राजस्थान कृषि उपज मंडी (संशोधन) विधेयक, 2022 ध्वनिमत से पारित

चर्चा में क्यों?

21 सितंबर, 2022 को राजस्थान विधानसभा ने राजस्थान कृषि उपज मंडी (संशोधन) विधेयक, 2022 को ध्वनिमत से पारित कर दिया। कृषि विपणन राज्य मंत्री मुरारीलाल मीणा ने विधेयक को सदन में प्रस्तुत किया था।

प्रमुख बिंदु

  • राज्य मंत्री मुरारीलाल मीणा ने विधेयक पर हुई चर्चा के बाद अपने जवाब में कहा कि यह नया विधेयक केंद्र सरकार द्वारा कृषि संबंधी लाए गए तीन कृषि कानूनों से उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिये लाया गया है। केंद्रीय कानूनों के निरस्त होने के बाद इस कानून के माध्यम से पुन: पहले वाली स्थिति को अस्तित्व में लाया जा रहा है। साथ ही, कृषि मंडियों में गैर-अधिसूचित कृषि उपजों तथा खाद्य उत्पादों के व्यापार को सुविधाजनक बनाया गया है।
  • मुरारीलाल मीणा ने कहा कि केंद्र सरकार के कृषि कानूनों की वजह से मंडी समितियों द्वारा संगृहीत की जाने वाली मंडी फीस और किसान कल्याण फीस में काफी कमी आ गई थी। इन कानूनों के आने से पहले वर्ष 2019-20 में कृषि मंडी समितियों को 665 करोड़ रुपए की राजस्व प्राप्ति हुई।
  • नए केंद्रीय कृषि कानूनों के अस्तित्व में आने के बाद इनकी राजस्व प्राप्ति गिरकर वर्ष 2020-21 में 562 करोड़ रुपए एवं वर्ष 2021-22 में 424 करोड़ रुपए रह गई। इससे मंडियों के आधारभूत विकास पर विपरीत असर पड़ा है।
  • उन्होंने बताया कि केंद्रीय कृषि कानूनों को वापस लेने की अधिसूचना जारी होने के बाद 24 जनवरी, 2022 को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक आयोजित हुई, जिसमें व्यापार मंडलों एवं किसान प्रतिनिधियों से सलाह-मशविरा कर मंडियों में पहले की तरह ही व्यवस्थाएँ करने का निर्णय लिया गया।
  • उन्होंने बताया कि राज्य सरकार किसान कल्याण शुल्क के माध्यम से एग्रो प्रोसेसिंग इकाइयाँ लगाने और आधारभूत संरचना विकास के लिये एक करोड़ रुपए तक अनुदान दे रही है।
  • राज्य मंत्री ने बताया कि कृषि मंडियों में अधिसूचित वस्तुओं के साथ गैर-अधिसूचित कृषि उपज का भी व्यापार करते हैं। इसको ध्यान में रखते हुए मंडी यार्ड के भीतर गैर-अधिसूचित कृषि उपजों तथा खाद्य उत्पादों के कारोबार के लिये व्यापारियों को बेहतर सुविधाएँ उपलब्ध कराने के लिये एक नई धारा 17ख जोड़ी गई है। इन वस्तुओं पर मात्र 0.25 प्रतिशत शुल्क लगाया गया है, जबकि उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में यह शुल्क एक फीसदी से अधिक है।  

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