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राजस्थान स्टेट पी.सी.एस.

  • 22 Aug 2023
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उदयपुर में 9वाँ सीपीए भारत क्षेत्र सम्मेलन प्रारंभ

चर्चा में क्यों?

21 अगस्त, 2023 को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह सहित अन्य अतिथियों ने राष्ट्रमंडल ससदीय संघ (सीपीए) का 9वाँ भारत क्षेत्र सम्मेलन का झीलों की नगरी उदयपुर में दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया।  

प्रमुख बिंदु 

  • सम्मेलन में लोकतांत्रिक संस्थाओं की मज़बूती, जनप्रतिनिधियों को अधिक उत्तरदायी बनाने, डिजिटल सशक्तीकरण से गुड गवर्नेंस जैसे महत्त्वपूर्ण बिंदुओं पर मंथन प्रारंभ हुआ। 
  • सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ने बताया कि वर्ष 1911 में राष्ट्रमंडल संसदीय संघ की स्थापना हुई थी, तब इसमें 57 देश थे। इसके बाद निरंतर इसका विस्तार होता गया। इस संघ ने लोकतांत्रिक संस्थाओं को सुदृढ़ करने में अभूतपूर्व योगदान दिया है।  
  • सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने कहा कि सीपीए इंडिया लोकतांत्रिक प्रणाली की मज़बूती के लिये विभिन्न गतिविधियों का आयोजन कर विचारों और नवाचारों से लोक कल्याण की दिशा में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।  
  • सम्मेलन के ज़रिये विशेषज्ञों के विचारों से जनप्रतिनिधियों का ज्ञानवर्द्धन होगा, जिससे लोकतंत्र और सुशासन अधिक मज़बूत होगा।  
  • राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (सीपीए) का मुख्य उद्देश्य प्रजातंत्र को सुदृढ़ बनाना है। इसके माध्यम से संसद प्रमुख तथा विभिन्न राज्यों की विधायिका के प्रमुख, जनप्रतिनिधिगण आदि मिलकर लोकतंत्र की मज़बूती के लिये मंथन करते हैं। कॉमन नीति बनाकर उस पर अमल करते हैं, इससे लोकतंत्र को सुदृढ़ बनाने में मदद मिलती है।  
  • सीपीए के माध्यम से मंथन होगा कि सदन को कैसे सुगमतापूर्वक चलाया जाए, ताकि आमजन के हितों के मुताबिक नीति-नियमों को निर्धारित किया जा सके। 
  • समारोह में अतिथियों ने राजस्थान विधानसभा में राष्ट्रमंडल संसदीय संघ की राजस्थान शाखा द्वारा आयोजित किये गए विविध कार्यक्रमों और कार्यशालाओं पर आधारित कॉफी टेबल बुक का विमोचन भी किया गया।  
  • इसी प्रकार कार्यक्रम में राष्ट्रमंडल संसदीय संघ की राजस्थान शाखा के कार्यक्रमों पर आधारित एक डॉक्यूमेंट्री का भी प्रदर्शन किया गया। 

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वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोजेक्ट (ओडीओपी) डिस्प्ले विंडो का उद्घाटन

चर्चा में क्यों?

21 अगस्त, 2023 को राजस्थान लघु उद्योग निगम एवं राजस्थान एक्सपोर्ट प्रमोशनल काउंसिल के चेयरमैन राजीव अरोड़ा ने भारत सरकार की ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोजेक्ट’ (ओडीओपी) के अंतर्गत नई दिल्ली के राजस्थली एम्पोरियम में ओडीओपी डिस्प्ले विंडो का उद्घाटन किया। 

प्रमुख बिंदु 

  • इस अवसर पर राजसीको के चेयरमैन ने कहा कि ‘ओडीओपी’अपनी डिस्प्ले विंडो के माध्यम से राजस्थान के कारीगरों, शिल्पकारों और किसानों के सामाजिक एवं आर्थिक विकास को बढ़ावा देने की क्षमता रखता है।  
  • विदित है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा परिकल्पित इस पहल ने पहले ही परिणाम देना शुरू कर दिया है क्योंकि राज्य की एमएसएमई नीति के तहत औद्योगिक इकाइयाँ फल-फूल रही हैं। इसके अलावा, ओडीओपी मिशन निर्यातक बनो योजना के माध्यम से निर्यात के अवसरों को काफी बढ़ावा देगा।  
  • चेयरमैन ने राजस्थान के विभिन्न ज़िलों के प्रसिद्ध उत्पादों का वर्णन करते हुए जयपुर की ब्लू पॉटरी रत्न और आभूषण की विशेषता का वर्णन किया।  
  • इस अवसर पर जोधपुर की लकड़ी और लोहे की हस्तशिल्प, जोधपुर के कारीगरों की उत्कृष्ट रचनाएँ, जो लकड़ी और गढ़ा लोहे से बड़ी मेहनत से बनाई जाती हैं, उनके कौशल और रचनात्मकता के बारे में बताया गया। 
  • राजसीको के चेयरमैन ने बताया कि कोटा का कोटा डोरिया, हल्के और जटिल बुनाई के लिये प्रसिद्ध नाजुक और विशिष्ट कोटा डोरिया वस्त्र राजस्थान की कलात्मक विरासत के वास्तविक सार को दर्शाते हैं।
  • नागौर के संगमरमर उत्पाद, प्राचीन संगमरमर को लुभावनी कला में बदलते हुए कुशल हाथ और कारीगर स्थायी सुंदरता को आकार देते हैं। प्रतापगढ़ की थेवा कला: मंत्रमुग्ध कर देने वाली थेवा तकनीक, सोने और काँच का मिश्रण, अपने जटिल रूपांकनों के माध्यम से मनोरम कहानियों को प्रकट करती है।  
  • इसी प्रकार उत्कृष्टता का यह प्रदर्शन असंख्य अन्य उत्पादों तक फैला हुआ है, जिनमें जालौर से जीरा और चमड़े के उत्पाद, भरतपुर से शहद और खाद्य तेल, दौसा से जूट कालीन, राजसमंद से टेराकोटा, बाड़मेर से कपड़ा कढ़ाई और विभिन्न ज़िलों से विविध पेशकश शामिल हैं। प्रत्येक उत्पाद राजस्थान की विरासत का सार समेटे हुए है। 
  • राज्य सरकार का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि राजस्थान के उत्पादों को सीधे निर्यात किया जाए, जिससे अन्य राज्यों या शहरों से मध्यस्थ खरीद की आवश्यकता समाप्त हो जाए। इससे न केवल राज्य के स्थानीय कारीगर और किसान सशक्त होंगे, बल्कि राजस्थान की वैश्विक उपस्थिति भी बढ़ेगी। 
  • उद्घाटन समारोह में राजस्थान सरकार की उद्योग एवं वाणिज्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव वीनू गुप्ता ने कहा कि दिल्ली में ओडीओपी डिस्प्ले विंडो का उद्घाटन एक मील का पत्थर साबित होगा, जिसके परिणामस्वरूप कारीगरों, शिल्पकारों और किसानों की आय में वृद्धि होगी।  
  • राजसीको की प्रबंध निदेशक डॉ. मनीषा अरोड़ा ने कहा कि जी-20 देशों और दुनिया भर में राजस्थान के उत्कृष्ट हस्तशिल्प, सदाबहार रत्न और आभूषण, विशिष्ट वस्त्र, प्रचुर कृषि उपज, अत्याधुनिक मशीनरी, मनोरम संगमरमर की कृतियों और सुगंधित मसालों की बढ़ती मांग के जवाब में राजसीको ने यह कदम उठाया है।  
  • नई दिल्ली के राजस्थली एम्पोरियम में एक अत्याधुनिक ओडीओपी डिस्प्ले विंडो सावधानीपूर्वक तैयार की गई है, जो समकालीन सौंदर्यशास्त्र को पारंपरिक आकर्षण के साथ सामंजस्यपूर्ण रूप से जोड़ती है। 

 


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मुख्यमंत्री ने राज्य में 150 एनिकट एवं 100 नहरों के निर्माण व जीर्णोद्धार को दी मंज़ूरी

चर्चा में क्यों?

21 अगस्त, 2023 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में सिंचाई तंत्र के विकास एवं सुदृढ़ीकरण के लिये निरंतर कार्य करने के क्रम में नहरों, जल एवं सिंचाई परियोजनाओं से संबंधित 150 एनिकटों एवं 100 नहरी तंत्रों के निर्माण एवं जीर्णोद्धार की मंज़ूरी दी। 

प्रमुख बिंदु 

  • विदित है कि मुख्यमंत्री ने 800 करोड़ रुपए की लागत से प्रदेश में 100 एनिकटों एवं 100 नहरी तंत्रों के निर्माण एवं जीर्णोद्धार कार्यों की घोषणा की थी।  
  • एनिकटों के संबंध में प्रदेश की जनता से प्राप्त सुझावों एवं कार्यों की महत्ता को देखते हुए इन कार्यों में वृद्धि कर 100 के स्थान पर 150 एनिकटों के निर्माण/सुदृढ़ीकरण कार्यों की स्वीकृति दी गई है। इससे अधिक क्षेत्रों में जल की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।  
  • उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने बजट वर्ष 2023-24 में प्रदेश में विभिन्न एनिकटों एवं नहरों के जीर्णोद्धार की घोषणा की थी।

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