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झारखंड स्टेट पी.सी.एस.

  • 22 Aug 2023
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दुमका के जरमुंडी में जल्द खुलेगा प्रदेश का दूसरा सैनिक स्कूल

चर्चा में क्यों?

21 अगस्त, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार दुमका के जरमुंडी में जल्द ही राज्य का दूसरा सैनिक स्कूल खुलेगा। इसके लिये सरकार ने ज़मीन पहले ही चिह्नित कर दी है।  

प्रमुख बिंदु  

  • दुमका ज़िले के अपर समाहर्ता राजीव कुमार ने बताया कि सैनिक स्कूल के लिये जरमुंडी प्रखंड के विशुनपुर में 50 एकड़ ज़मीन को चयनित किया गया है। जल्द ही केंद्रीय टीम इसको लेकर जरमुंडी प्रखंड के विशुनपुर मौजा का दौरा कर सकती है। 
  • विदित है कि दुमका के जरमुंडी में खुलने वाला यह सैनिक स्कूल राज्य का दूसरा सैनिक स्कूल होगा। झारखंड में तिलैया में एक सैनिक स्कूल पहले से है। 
  • सैनिक स्कूल रक्षा मंत्रालय द्वारा संचालित होता है और पूर्णत: आवासीय होता है। सीबीएसई पाठ्यक्रम में यहाँ पढ़ाई होती है। देश के अधिकांश राज्यों में सैनिक स्कूल हैं।  
  • देशभर में अभी कुल 33 सैनिक स्कूल संचालित हैं। बिहार, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान ऐसे राज्य हैं, जहाँ दो-दो सैनिक स्कूल हैं, जबकि उत्तर प्रदेश में तीन सैनिक स्कूल हैं।
  • सैनिक स्कूल मूलरूप से देश की रक्षा सेवाओं में योग्य अधिकारी तैयार करने के ध्येय से स्थापित किये जाते हैं। यह स्कूल राष्ट्रीय डिफेंस एकेडमी और भारतीय नौसेना अकेडमी में अधिकारी वर्ग के पदों के लिये विद्यार्थियों को तैयार करते हैं।  
  • सेना में अनुशासन और दक्षता की बहुत आवश्यकता होती है। इसके लिये ऐसे बच्चों को तैयार करना होता है, जो बचपन से ही अनुशासित और तेज-तर्रार हों। इसके लिये कम आयु से ही बच्चों को शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार करना होता है। यह देश के सामान्य स्कूलों में इसलिये संभव नहीं है, क्योंकि वहाँ पर अच्छी आधारभूत संरचना और योग्य प्रशिक्षक नहीं होते हैं, जो सेना की आवश्यकताओं के अनुसार छोटे बच्चों को योग्य सैनिक अधिकारी बनने के लिये तैयार कर सकें।


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डीएसपीमयू में बनेगा झारखंड राज्य का पहला सेंट्रल इंस्ट्रूमेंट सेंटर एंड रिसर्च

चर्चा में क्यों?

21 अगस्त, 2023 को डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. तपन कुमार शांडिल्य से मिली जानकारी के अनुसार डीएसपीएमयू के स्टूडेंट्स फैकल्टी और रिसर्च स्कॉलरों के लिये जल्द ही डीएसपीएमयू प्रबंधन सेंट्रल इंस्ट्रूमेंट सेंटर एंड रिसर्च की स्थापना की जाएगी।

प्रमुख बिंदु 

  • यह झारखंड में पहला रिसर्च सेंटर होगा, जिसमें वर्ल्ड क्लास की सुविधाओं से युक्त लैब स्थापित की जाएगी। 
  • कुलपति प्रो. तपन कुमार शांडिल्य ने कहा कि रिसर्च के लिये सरकार के सहयोग से सेंटर बनाया जा रहा है।
  • यहाँ छात्रों फैकल्टी को वैश्विक स्तर की सुविधाएँ दी जाएंगी। नेचुरल साइंस और लाइव साइंस के लिये अत्याधुनिक बिल्डिंग का निर्माण होगा। बिल्डिंग का आकार जी प्लस 4 होगा।
  • जी प्लस 4 बिल्डिंग का कुल क्षेत्र 1.30 स्क्वॉयर फीट में होगा। मैसूर यूनिवर्सिटी में बने रिसर्च सेंटर की तर्ज पर डीएसपीएमयू में रिसर्च सेंटर तैयार होगा, सेंट्रल इंस्ट्रूमेंट सेंटर एंड रिसर्च का हर फ्लोर 26 हज़ार स्क्वॉयर फीट का होगा।
  • बिल्डिंग का निर्माण का प्रस्ताव बनाने से पहले से देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों के रिसर्च सेंटरों के बारे में जानकारी ली गई थी, ताकि यहाँ के स्टूडेंट्स और फैकल्टी को वैश्विक डिमांड के अनुसार फैसिलिटी दी जा सके।  
  • सेंट्रल इंस्ट्रूमेंट सेंटर एंड रिसर्च की बिल्डिंग में 20 लैब स्थापित किये जाएंगे। 10 लैब नेचुरल साइंस से संबंधित विषयों के छात्रों व रिसर्च स्कॉलरों के लिये होंगी। वहीं 10 लैब लाइव साइंस से संबंधित विषयों के छात्रों व रिसर्च स्कॉलरों के लिये होंगी। 
  • हर फैकल्टी और विभागाध्यक्ष के लिये विशेष सुविधाओं वाला कमरा होगा। प्रत्येक एचओडी के लिये एक कक्ष संबंधित विषय के शिक्षकों के लिये फैकल्टी कक्ष होगा। इसके अलावा प्रत्येक विभाग में गर्ल्स और ब्वॉयज के लिये अलग-अलग शौचालय होगा। 
  • सेंट्रल इंस्ट्रूमेंट सेंटर एंड रिसर्च बिल्डिंग में अत्याधुनिक ऑडिटोरियम का निर्माण किया जाएगा। इस ऑडिटोरियम में एक साथ 10 हज़ार स्टूडेंट्स, फैकल्टी एकसाथ बैठ सकेंगे। इसके अलावा लिफ्ट, अत्याधुनिक कॉरिडोर और रिकॉर्ड की भी सुविधा होगी।


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