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स्टेट पी.सी.एस.

  • 22 Aug 2023
  • 2 min read
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राजस्थान Switch to English

उदयपुर में 9वाँ सीपीए भारत क्षेत्र सम्मेलन प्रारंभ

चर्चा में क्यों?

21 अगस्त, 2023 को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह सहित अन्य अतिथियों ने राष्ट्रमंडल ससदीय संघ (सीपीए) का 9वाँ भारत क्षेत्र सम्मेलन का झीलों की नगरी उदयपुर में दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया।  

प्रमुख बिंदु 

  • सम्मेलन में लोकतांत्रिक संस्थाओं की मज़बूती, जनप्रतिनिधियों को अधिक उत्तरदायी बनाने, डिजिटल सशक्तीकरण से गुड गवर्नेंस जैसे महत्त्वपूर्ण बिंदुओं पर मंथन प्रारंभ हुआ। 
  • सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ने बताया कि वर्ष 1911 में राष्ट्रमंडल संसदीय संघ की स्थापना हुई थी, तब इसमें 57 देश थे। इसके बाद निरंतर इसका विस्तार होता गया। इस संघ ने लोकतांत्रिक संस्थाओं को सुदृढ़ करने में अभूतपूर्व योगदान दिया है।  
  • सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने कहा कि सीपीए इंडिया लोकतांत्रिक प्रणाली की मज़बूती के लिये विभिन्न गतिविधियों का आयोजन कर विचारों और नवाचारों से लोक कल्याण की दिशा में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।  
  • सम्मेलन के ज़रिये विशेषज्ञों के विचारों से जनप्रतिनिधियों का ज्ञानवर्द्धन होगा, जिससे लोकतंत्र और सुशासन अधिक मज़बूत होगा।  
  • राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (सीपीए) का मुख्य उद्देश्य प्रजातंत्र को सुदृढ़ बनाना है। इसके माध्यम से संसद प्रमुख तथा विभिन्न राज्यों की विधायिका के प्रमुख, जनप्रतिनिधिगण आदि मिलकर लोकतंत्र की मज़बूती के लिये मंथन करते हैं। कॉमन नीति बनाकर उस पर अमल करते हैं, इससे लोकतंत्र को सुदृढ़ बनाने में मदद मिलती है।  
  • सीपीए के माध्यम से मंथन होगा कि सदन को कैसे सुगमतापूर्वक चलाया जाए, ताकि आमजन के हितों के मुताबिक नीति-नियमों को निर्धारित किया जा सके। 
  • समारोह में अतिथियों ने राजस्थान विधानसभा में राष्ट्रमंडल संसदीय संघ की राजस्थान शाखा द्वारा आयोजित किये गए विविध कार्यक्रमों और कार्यशालाओं पर आधारित कॉफी टेबल बुक का विमोचन भी किया गया।  
  • इसी प्रकार कार्यक्रम में राष्ट्रमंडल संसदीय संघ की राजस्थान शाखा के कार्यक्रमों पर आधारित एक डॉक्यूमेंट्री का भी प्रदर्शन किया गया। 

राजस्थान Switch to English

वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोजेक्ट (ओडीओपी) डिस्प्ले विंडो का उद्घाटन

चर्चा में क्यों?

21 अगस्त, 2023 को राजस्थान लघु उद्योग निगम एवं राजस्थान एक्सपोर्ट प्रमोशनल काउंसिल के चेयरमैन राजीव अरोड़ा ने भारत सरकार की ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोजेक्ट’ (ओडीओपी) के अंतर्गत नई दिल्ली के राजस्थली एम्पोरियम में ओडीओपी डिस्प्ले विंडो का उद्घाटन किया। 

प्रमुख बिंदु 

  • इस अवसर पर राजसीको के चेयरमैन ने कहा कि ‘ओडीओपी’अपनी डिस्प्ले विंडो के माध्यम से राजस्थान के कारीगरों, शिल्पकारों और किसानों के सामाजिक एवं आर्थिक विकास को बढ़ावा देने की क्षमता रखता है।  
  • विदित है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा परिकल्पित इस पहल ने पहले ही परिणाम देना शुरू कर दिया है क्योंकि राज्य की एमएसएमई नीति के तहत औद्योगिक इकाइयाँ फल-फूल रही हैं। इसके अलावा, ओडीओपी मिशन निर्यातक बनो योजना के माध्यम से निर्यात के अवसरों को काफी बढ़ावा देगा।  
  • चेयरमैन ने राजस्थान के विभिन्न ज़िलों के प्रसिद्ध उत्पादों का वर्णन करते हुए जयपुर की ब्लू पॉटरी रत्न और आभूषण की विशेषता का वर्णन किया।  
  • इस अवसर पर जोधपुर की लकड़ी और लोहे की हस्तशिल्प, जोधपुर के कारीगरों की उत्कृष्ट रचनाएँ, जो लकड़ी और गढ़ा लोहे से बड़ी मेहनत से बनाई जाती हैं, उनके कौशल और रचनात्मकता के बारे में बताया गया। 
  • राजसीको के चेयरमैन ने बताया कि कोटा का कोटा डोरिया, हल्के और जटिल बुनाई के लिये प्रसिद्ध नाजुक और विशिष्ट कोटा डोरिया वस्त्र राजस्थान की कलात्मक विरासत के वास्तविक सार को दर्शाते हैं।
  • नागौर के संगमरमर उत्पाद, प्राचीन संगमरमर को लुभावनी कला में बदलते हुए कुशल हाथ और कारीगर स्थायी सुंदरता को आकार देते हैं। प्रतापगढ़ की थेवा कला: मंत्रमुग्ध कर देने वाली थेवा तकनीक, सोने और काँच का मिश्रण, अपने जटिल रूपांकनों के माध्यम से मनोरम कहानियों को प्रकट करती है।  
  • इसी प्रकार उत्कृष्टता का यह प्रदर्शन असंख्य अन्य उत्पादों तक फैला हुआ है, जिनमें जालौर से जीरा और चमड़े के उत्पाद, भरतपुर से शहद और खाद्य तेल, दौसा से जूट कालीन, राजसमंद से टेराकोटा, बाड़मेर से कपड़ा कढ़ाई और विभिन्न ज़िलों से विविध पेशकश शामिल हैं। प्रत्येक उत्पाद राजस्थान की विरासत का सार समेटे हुए है। 
  • राज्य सरकार का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि राजस्थान के उत्पादों को सीधे निर्यात किया जाए, जिससे अन्य राज्यों या शहरों से मध्यस्थ खरीद की आवश्यकता समाप्त हो जाए। इससे न केवल राज्य के स्थानीय कारीगर और किसान सशक्त होंगे, बल्कि राजस्थान की वैश्विक उपस्थिति भी बढ़ेगी। 
  • उद्घाटन समारोह में राजस्थान सरकार की उद्योग एवं वाणिज्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव वीनू गुप्ता ने कहा कि दिल्ली में ओडीओपी डिस्प्ले विंडो का उद्घाटन एक मील का पत्थर साबित होगा, जिसके परिणामस्वरूप कारीगरों, शिल्पकारों और किसानों की आय में वृद्धि होगी।  
  • राजसीको की प्रबंध निदेशक डॉ. मनीषा अरोड़ा ने कहा कि जी-20 देशों और दुनिया भर में राजस्थान के उत्कृष्ट हस्तशिल्प, सदाबहार रत्न और आभूषण, विशिष्ट वस्त्र, प्रचुर कृषि उपज, अत्याधुनिक मशीनरी, मनोरम संगमरमर की कृतियों और सुगंधित मसालों की बढ़ती मांग के जवाब में राजसीको ने यह कदम उठाया है।  
  • नई दिल्ली के राजस्थली एम्पोरियम में एक अत्याधुनिक ओडीओपी डिस्प्ले विंडो सावधानीपूर्वक तैयार की गई है, जो समकालीन सौंदर्यशास्त्र को पारंपरिक आकर्षण के साथ सामंजस्यपूर्ण रूप से जोड़ती है। 

 


उत्तर प्रदेश Switch to English

उत्तर प्रदेश में 23 अगस्त को पहली बार शाम को खुलेंगे स्कूल

चर्चा में क्यों? 

21 अगस्त, 2023 को केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की ओर से मिले निर्देश के बाद योगी आदित्यनाथ सरकार ने स्कूलों को 23 अगस्त को पहली बार शाम को खोलने की व्यवस्था के निर्देश दिये हैं।  

प्रमुख बिंदु 

  • प्राचार्यों और बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिये गए हैं कि वे विद्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों से छात्र-छात्राओं एवं शिक्षकों के साथ शाम 5.15 बजे से 6.15 बजे तक विशेष सभा कराएँ।  
  • इस दौरान चंद्रयान-3 की लैंडिंग को प्रदेश के स्कूली बच्चे टीवी या यूट्यूब चैनल पर सीधे प्रसारण के माध्यम से देखेंगे। यह भारतीय विज्ञान, इंजीनियरिंग, प्रौद्योगिकी और उद्योग के लिये एक महत्त्वपूर्ण कदम है। 
  • विदित है कि 23 अगस्त को शाम 5:27 बजे चंद्रयान-3 का चंद्रमा पर उतरने की प्रक्रिया का सीधा प्रसारण ISRO Website (https://www.isro.gov.in/) एवं ISRO के आधिकारिक YouTube Channel और DD National पर किया जाएगा।  
  • भारत के चंद्रयान-3 का चाँद पर उतरना एक यादगार मौका है, जो न केवल जिज्ञासा को बढ़ाएगा, बल्कि युवाओं के मन में अन्वेषण के लिये एक जुनून भी जगाएगा।  
  • यूजीसी ने भी उच्च शिक्षण संस्थानों से ये अपील की है कि हर किसी की निगाहें चंद्रयान की सुरक्षित लैंडिंग पर रहेंगी। इसी क्रम में यूजीसी ने चंद्रमा तक की यात्रा की जानकारी देशभर के उच्च शिक्षण संस्थानों के माध्यम से विद्यार्थियों को देने की अपील की है।

 


राजस्थान Switch to English

मुख्यमंत्री ने राज्य में 150 एनिकट एवं 100 नहरों के निर्माण व जीर्णोद्धार को दी मंज़ूरी

चर्चा में क्यों?

21 अगस्त, 2023 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में सिंचाई तंत्र के विकास एवं सुदृढ़ीकरण के लिये निरंतर कार्य करने के क्रम में नहरों, जल एवं सिंचाई परियोजनाओं से संबंधित 150 एनिकटों एवं 100 नहरी तंत्रों के निर्माण एवं जीर्णोद्धार की मंज़ूरी दी। 

प्रमुख बिंदु 

  • विदित है कि मुख्यमंत्री ने 800 करोड़ रुपए की लागत से प्रदेश में 100 एनिकटों एवं 100 नहरी तंत्रों के निर्माण एवं जीर्णोद्धार कार्यों की घोषणा की थी।  
  • एनिकटों के संबंध में प्रदेश की जनता से प्राप्त सुझावों एवं कार्यों की महत्ता को देखते हुए इन कार्यों में वृद्धि कर 100 के स्थान पर 150 एनिकटों के निर्माण/सुदृढ़ीकरण कार्यों की स्वीकृति दी गई है। इससे अधिक क्षेत्रों में जल की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।  
  • उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने बजट वर्ष 2023-24 में प्रदेश में विभिन्न एनिकटों एवं नहरों के जीर्णोद्धार की घोषणा की थी।

मध्य प्रदेश Switch to English

मुख्यमंत्री एवं केंद्रीय मंत्री ने दतिया में नवीन एयरपोर्ट का किया शिलान्यास

चर्चा में क्यों?

21 अगस्त, 2023 को केंद्रीय नागरिक विमानन एवं उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दतिया में 29 करोड़ 30 लाख रुपए की लागत के नवीन एयरपोर्ट का शिलान्यास किया।  

प्रमुख बिंदु  

  • इस अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दतिया के बसई में महाविद्यालय खोलने, नगर पंचायत बनाने के साथ-साथ ग्राम खिरिया फैजुल्ला का नाम खिरिया सरकार करने के लिये केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजने की घोषणा की।  
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में बहनों के खाते में प्रति माह 1 हज़ार रुपए की राशि पहुँच रही है, जो धीरे-धीरे बढ़ाकर प्रतिमाह 3 हज़ार की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान की शुरुआत माँ पीतांबरा की धरा दतिया से ही की गई थी। 
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के मेडिकल कॉलेज एवं इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ने वाले बेटा-बेटियों की फीस अब सरकार भरेगी। इसी 22 अगस्त से युवाओं को रोज़गार देने के साथ स्टाईपेंड देने हेतु ‘मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना’शुरू की जा रही है, जिसमें आईटीआई एवं 12वीं कक्षा उत्तीर्ण युवाओं को 8 से 10 हज़ार रुपए का स्टाईपेंड दिया जाएगा। 
  • केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि दतिया में नवीन एयरपोर्ट के बन जाने पर 19 सीटर विमान उतरने की सुविधा प्राप्त होगी। एयरपोर्ट से खजुराहो एवं भोपाल के लिये हवाई सेवाएँ भी शुरू की जाएगी। ग्वालियर का नवीन एयरपोर्ट भी 15 माह में तैयार होगा। 
  • सिंधिया ने कहा कि प्रधानमंत्री की प्रेरणा से नगरीय क्षेत्रों के साथ-साथ धार्मिक क्षेत्रों में भी विमानों की सेवाएँ देना शुरू कर दिया गया है। श्रीनगर-जम्मू में भी नए एयरपोर्ट की सुविधा मिलेगी।


हरियाणा Switch to English

गुरुग्राम के विकास को गति देने के लिये कई अहम परियोजनाओं को मिली स्वीकृति

चर्चा में क्यों?

19 अगस्त, 2023 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (जीएमडीए) की 12वीं बैठक आयोजित हुई, जिसमें (जीएमडीए) के माध्यम से गुरुग्राम शहर के विकास को गति देने के लिये कई महत्त्वपूर्ण योजनाओं को स्वीकृति प्रदान की गई।  

प्रमुख बिंदु 

  • मुख्यमंत्री ने प्राधिकरण के सदस्यों के साथ व्यापक विचार-विमर्श करते हुए वर्ष 2023-24 के लिये 2574.40 करोड़ रुपए के वार्षिक बजट की स्वीकृति प्रदान की।   
  • वार्षिक बजट में ढाँचागत तंत्र (सड़क, जलापूर्ति, सीवरेज, स्टोर्म वाटर आदि) के लिये 570.06 करोड़ रुपए, कैपिटल वर्क के लिये 1151.77 करोड़ रुपए, जिसमें स्वास्थ्य सेवाएँ, विशेषकर शीतला माता मंदिर के लिये 300 करोड़ रुपए, शहरी पर्यावरण के लिये 36 करोड़ रुपए, ऑपरेशन एंड मेंटीनेंस के लिये 538 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।  
  • वार्षिक बजट के लिये प्राधिकरण के पास 2043.17 करोड़ रुपए का राजस्व विभिन्न मदों से प्राप्त होगा। साथ ही, शेष 531.23 करोड़ रुपए की आवश्यकता पहले से उपलब्ध कॉर्प्स फंड से पूरी की जाएगी।   
  • गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण की बैठक में शहर के विभिन्न क्षेत्रों तथा नए सेक्टर्स की जलापूर्ति की मांग को लेकर भी नई मास्टर वाटर सप्लाई लाईन का भी प्रस्ताव रखा गया, जिस पर मुख्यमंत्री ने 20.50 किलोमीटर लंबी मास्टर वाटर सप्लाई लाईन को स्वीकृति प्रदान की। इस लाईन के लिये 125 करोड़ रुपए के बजट को भी स्वीकृत किया गया। 
  • बसई जल शोधन संयंत्र पार्ट दो से 200 एमएलडी क्षमता की नई लाईन से सेक्टर 101, 104, 108, 110, 110 ए, न्यू पालम विहार, पालम विहार, सेक्टर 23, एनएच-48 को पार करते हुए साइबर हब आदि क्षेत्रों में जलापूर्ति होगी। इस लाइन के माध्यम से नए व पुराने शहर में जलापूर्ति की मांग को पूरा किया जा सकेगा।
  • मुख्यमंत्री ने जीएमडीए की 12वीं बैठक में दौलताबाद के समीप सेक्टर 107 तथा नौरंगपुर के समीप सेक्टर 78 में प्रस्तावित नए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट्स (एसटीपी) के लिये ज़मीन हस्तांतरण को स्वीकृति प्रदान की।  
  • इसी तरह बैठक में सदर्न पेरिफेरेल रोड (एसपीआर) को फरीदाबाद रोड से एनएच 48 तक जोड़ने वाली सड़क के अपग्रेडेशन के कार्य के तहत वाटिका चौक पर बन रहे अंडरपास के लिये 109.14 करोड़ रुपए की धनराशि को प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई।  
  • इस अंडरपास का निर्माण भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) और जीएमडीएम 50:50 शेयर बेस पर कर रहे हैं। 
  • बैठक में मुख्यमंत्री ने जीएमडीए के अधिकारियों को विज्ञापन व अन्य माध्यमों से राजस्व प्राप्ति को बढ़ाने की चर्चा भी की।


हरियाणा Switch to English

शहीदों के नाम से जाने जाएंगे प्रदेश के 509 स्कूल, शिक्षा विभाग ने जारी की स्कूलों की लिस्ट

चर्चा में क्यों?

  • 20 अगस्त, 2023 को हरियाणा के सोनीपत ज़िले के ज़िला शिक्षा अधिकारी नवीन गुलिया ने बताया कि सोनीपत ज़िले में राजकीय स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थी अब स्वतंत्रता सेनानियों व देश के प्राणों को लिये न्योछावर करने वाले वीर शहीदों के बारे में जान सकेंगे। इसके लिये प्रदेश सरकार शहीदों को श्रद्धांजलि देने के उद्देश्य से बड़ा कदम उठाते हुए प्रदेश के 509 स्कूलों के नाम शहीदों के नाम पर रखने जा रही है। इसमें सोनीपत के आठ स्कूल शामिल हैं। 

प्रमुख बिंदु 

  • शिक्षा विभाग के सभी रिकॉर्ड और वेबसाइट पर इन सरकारी स्कूलों का नाम बदलकर शहीदों के नाम पर अपडेट किया जा रहा है। सरकार के इस कदम से शहीदों के परिजन खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।  
  • इनमें प्रदेश के 358 उच्च, वरिष्ठ, माध्यमिक स्कूल और 151 माध्यमिक व प्राथमिक पाठशालाएँ शामिल हैं। इन स्कूलों का नाम उस गाँव के स्वतंत्रता सेनानियों व देश के लिये अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर शहीदों के नाम पर रखा जा रहा है।  
  • इससे जहाँ युवा पीढ़ी को शहीदों की शहादत के बारे में जानने का अवसर मिलेगा, वहीं उनके दिल में देशभक्ति की भावना भी जागृत होगी। 
  • जिन स्कूलों का नाम बदलकर वहाँ के स्वतंत्रता सेनानियों या वीर शहीदों के नाम पर रखा जाएगा, उनमें सोनीपत, गोहाना, कथूरा व खरखौदा खंड के दो-दो स्कूलों को शामिल किया गया है। इन स्कूलों में कुछ स्कूलों के मुख्य द्वार पर नाम बदलकर लिखवा भी दिया गया है।

सोनीपत में शहीदों के नाम से जाने जाएंगे यह स्कूल: 

खंड

शहीद

स्कूल

सोनीपत

स्वतंत्रता सेनानी महावीर प्रसाद जैन

राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, शहजादपुर 

सोनीपत

स्वतंत्रता सेनानी चौधरी चंदन सिंह

राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, बैंयापुर लहराड़ा 

गोहाना

शहीद सुखबीर सिंह 

राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, रुखी 

गोहाना

स्वतंत्रता सेनानी बाबू मूलचंद जैन

राजकीय उच्च विद्यालय, सिकंदरपुर माजरा 

कथूरा

शहीद सिपाही कप्तान सिंह

राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, धनाना 

कथूरा

शहीद महावीर सिंह

राजकीय उच्च विद्यालय, भंडेरी 

खरखौदा

शहीद रविंद्र सिंह दहिया

राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, रोहणा 

खरखौदा

शहीद राय सिंह

राजकीय प्राथमिक पाठशाला, झरोंठी 

  • कहाँ कितने स्कूलों के नाम बदले जाएंगे?
  • रेवाड़ी  - 94, भिवानी - 85, जींद - 61, पलवल - 38, रोहतक - 36, चरखी दादरी  - 28, झज्जर - 28, गुरुग्राम  - 25, कैथल - 21, महेंद्रगढ़ - 16, हिसार-  13, फतेहाबाद - 10, अंबाला - 8, फरीदाबाद  - 8, कुरुक्षेत्र - 8, सोनीपत - 8, यमुनानगर - 5, पंचकूला - 5, पानीपत - 5, सिरसा - 4, करनाल - 2, नूंह -1।
  • कुल  - 509


झारखंड Switch to English

दुमका के जरमुंडी में जल्द खुलेगा प्रदेश का दूसरा सैनिक स्कूल

चर्चा में क्यों?

21 अगस्त, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार दुमका के जरमुंडी में जल्द ही राज्य का दूसरा सैनिक स्कूल खुलेगा। इसके लिये सरकार ने ज़मीन पहले ही चिह्नित कर दी है।  

प्रमुख बिंदु  

  • दुमका ज़िले के अपर समाहर्ता राजीव कुमार ने बताया कि सैनिक स्कूल के लिये जरमुंडी प्रखंड के विशुनपुर में 50 एकड़ ज़मीन को चयनित किया गया है। जल्द ही केंद्रीय टीम इसको लेकर जरमुंडी प्रखंड के विशुनपुर मौजा का दौरा कर सकती है। 
  • विदित है कि दुमका के जरमुंडी में खुलने वाला यह सैनिक स्कूल राज्य का दूसरा सैनिक स्कूल होगा। झारखंड में तिलैया में एक सैनिक स्कूल पहले से है। 
  • सैनिक स्कूल रक्षा मंत्रालय द्वारा संचालित होता है और पूर्णत: आवासीय होता है। सीबीएसई पाठ्यक्रम में यहाँ पढ़ाई होती है। देश के अधिकांश राज्यों में सैनिक स्कूल हैं।  
  • देशभर में अभी कुल 33 सैनिक स्कूल संचालित हैं। बिहार, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान ऐसे राज्य हैं, जहाँ दो-दो सैनिक स्कूल हैं, जबकि उत्तर प्रदेश में तीन सैनिक स्कूल हैं।
  • सैनिक स्कूल मूलरूप से देश की रक्षा सेवाओं में योग्य अधिकारी तैयार करने के ध्येय से स्थापित किये जाते हैं। यह स्कूल राष्ट्रीय डिफेंस एकेडमी और भारतीय नौसेना अकेडमी में अधिकारी वर्ग के पदों के लिये विद्यार्थियों को तैयार करते हैं।  
  • सेना में अनुशासन और दक्षता की बहुत आवश्यकता होती है। इसके लिये ऐसे बच्चों को तैयार करना होता है, जो बचपन से ही अनुशासित और तेज-तर्रार हों। इसके लिये कम आयु से ही बच्चों को शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार करना होता है। यह देश के सामान्य स्कूलों में इसलिये संभव नहीं है, क्योंकि वहाँ पर अच्छी आधारभूत संरचना और योग्य प्रशिक्षक नहीं होते हैं, जो सेना की आवश्यकताओं के अनुसार छोटे बच्चों को योग्य सैनिक अधिकारी बनने के लिये तैयार कर सकें।


झारखंड Switch to English

डीएसपीमयू में बनेगा झारखंड राज्य का पहला सेंट्रल इंस्ट्रूमेंट सेंटर एंड रिसर्च

चर्चा में क्यों?

21 अगस्त, 2023 को डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. तपन कुमार शांडिल्य से मिली जानकारी के अनुसार डीएसपीएमयू के स्टूडेंट्स फैकल्टी और रिसर्च स्कॉलरों के लिये जल्द ही डीएसपीएमयू प्रबंधन सेंट्रल इंस्ट्रूमेंट सेंटर एंड रिसर्च की स्थापना की जाएगी।

प्रमुख बिंदु 

  • यह झारखंड में पहला रिसर्च सेंटर होगा, जिसमें वर्ल्ड क्लास की सुविधाओं से युक्त लैब स्थापित की जाएगी। 
  • कुलपति प्रो. तपन कुमार शांडिल्य ने कहा कि रिसर्च के लिये सरकार के सहयोग से सेंटर बनाया जा रहा है।
  • यहाँ छात्रों फैकल्टी को वैश्विक स्तर की सुविधाएँ दी जाएंगी। नेचुरल साइंस और लाइव साइंस के लिये अत्याधुनिक बिल्डिंग का निर्माण होगा। बिल्डिंग का आकार जी प्लस 4 होगा।
  • जी प्लस 4 बिल्डिंग का कुल क्षेत्र 1.30 स्क्वॉयर फीट में होगा। मैसूर यूनिवर्सिटी में बने रिसर्च सेंटर की तर्ज पर डीएसपीएमयू में रिसर्च सेंटर तैयार होगा, सेंट्रल इंस्ट्रूमेंट सेंटर एंड रिसर्च का हर फ्लोर 26 हज़ार स्क्वॉयर फीट का होगा।
  • बिल्डिंग का निर्माण का प्रस्ताव बनाने से पहले से देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों के रिसर्च सेंटरों के बारे में जानकारी ली गई थी, ताकि यहाँ के स्टूडेंट्स और फैकल्टी को वैश्विक डिमांड के अनुसार फैसिलिटी दी जा सके।  
  • सेंट्रल इंस्ट्रूमेंट सेंटर एंड रिसर्च की बिल्डिंग में 20 लैब स्थापित किये जाएंगे। 10 लैब नेचुरल साइंस से संबंधित विषयों के छात्रों व रिसर्च स्कॉलरों के लिये होंगी। वहीं 10 लैब लाइव साइंस से संबंधित विषयों के छात्रों व रिसर्च स्कॉलरों के लिये होंगी। 
  • हर फैकल्टी और विभागाध्यक्ष के लिये विशेष सुविधाओं वाला कमरा होगा। प्रत्येक एचओडी के लिये एक कक्ष संबंधित विषय के शिक्षकों के लिये फैकल्टी कक्ष होगा। इसके अलावा प्रत्येक विभाग में गर्ल्स और ब्वॉयज के लिये अलग-अलग शौचालय होगा। 
  • सेंट्रल इंस्ट्रूमेंट सेंटर एंड रिसर्च बिल्डिंग में अत्याधुनिक ऑडिटोरियम का निर्माण किया जाएगा। इस ऑडिटोरियम में एक साथ 10 हज़ार स्टूडेंट्स, फैकल्टी एकसाथ बैठ सकेंगे। इसके अलावा लिफ्ट, अत्याधुनिक कॉरिडोर और रिकॉर्ड की भी सुविधा होगी।


उत्तराखंड Switch to English

जल्द उठेगा जागेश्वर और बद्रीनाथ के शिलालेखों के रहस्य से पर्दा

चर्चा में क्यों?

20 अगस्त, 2023 को उत्तराखंड के देहरादून मंडल के सहायक अधीक्षण पुरातत्त्वविद् केबी शर्मा ने बताया कि अल्मोड़ा के विश्व प्रसिद्ध जागेश्वर धाम और चमोली स्थित बद्रीनाथ के प्राचीन शिलालेखों के रहस्य से जल्द पर्दा उठेगा। इसके लिये भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने एपिग्राफी शाखा लखनऊ को पत्र भेज दिया है। 

प्रमुख बिंदु 

  • जागेश्वर धाम स्थित महामृत्युंजय समेत कुछ अन्य मंदिरों की दीवारों में प्राचीन लिपि उत्कीर्ण है। महामृत्युंजय मंदिर के दो विशालकाय शिलालेख अब पुरातात्त्विक संग्रहालय में संरक्षित हैं। इन शिलालेखों में उत्कीर्ण लिपि का अब तक अनुवाद नही हो सका है। बद्रीनाथ धाम में भी शिलालेख में उत्कीर्ण प्राचीन लिपि लोगों के लिये रहस्य बनी हुई है।  
  • इसी को देखते हुए बीते दिनों एएसआई के अधिकारी केबी शर्मा ने एपिग्राफी शाखा को पत्र भेजकर जागेश्वर और बद्रीनाथ धाम स्थित प्राचीन शिलालेखों में उत्कीर्ण लिपि का अनुवाद करने के लिये विशेषज्ञों की टीम भेजने का आग्रह किया है।  
  • रिसर्च प्रक्रिया पूरी होने के बाद एएसआई प्राचीन लिपि के हिन्दी और अंग्रेज़ी अनुवाद को लोगों के लिये डिस्प्ले करेगी। 
  • एएसआई के अधिकारियों के मुताबिक जागेश्वर धाम के मंदिरों की दीवारों पर उत्कीर्ण कुछ शिलालेखों का अनुवाद डॉ. डीसी सरकार कर चुके हैं। डॉ. डी.सी. सरकार की इंडिका बुक में यह अनुवाद पूर्व में प्रकाशित हो चुका है, लेकिन मुख्य शिलालेखों का अनुवाद अब तक नहीं हो पाया है। 
  • विदित है कि एएसआई ने जागेश्वर और बद्रीनाथ के शिलालेखों के अनुवाद की मांग को लेकर करीब दो साल पहले भी एक पत्र एपिग्राफी शाखा को भेजा था। व्यस्तता के कारण विशेषज्ञों की टीम यहाँ नहीँ पहुँच पाई थी, लेकिन अब जल्द उसके यहाँ पहुँचने की उम्मीद जगी है। 


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