उत्तर प्रदेश Switch to English
सौश्रुतम 2024
चर्चा में क्यों?
हाल ही में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (AIIA) के शल्य तंत्र विभाग ने सुश्रुत जयंती-2024 के अवसर पर द्वितीय राष्ट्रीय संगोष्ठी सौश्रुतम (SAUSHRUTAM) शल्य संगोष्ठी का सफलतापूर्वक आयोजन किया।
मुख्य बिंदु
- शल्य चिकित्सा के महान जनक सुश्रुत के सम्मान में प्रतिवर्ष 15 जुलाई को सुश्रुत जयंती मनाई जाती है।
- वह काशी (लगभग 7वीं शताब्दी ईसा पूर्व) के एक प्राचीन भारतीय शल्य चिकित्सक थे और उन्होंने चिकित्सा तथा शल्य चिकित्सा पर एक व्यापक पाठ्यपुस्तक 'सुश्रुत संहिता' लिखी थी।
- सुश्रुत संहिता को पाँच प्रमुख भागों में विभाजित किया गया है:
- सूत्रस्थान (Sutrasthana): चिकित्सा विज्ञान और औषध विज्ञान के मूल सिद्धांतों से संबंधित प्राथमिक सिद्धांत;
- निदान (Nidana): यह रोगात्मक अवधारणाओं से संबंधित है;
- सरिरस्थान (Sarirasthana): मानव शरीर रचना विज्ञान पर;
- चिकित्सास्थानम (Chikitsasthanam): चिकित्सा और शल्य चिकित्सा प्रबंधन पर;
- कल्पस्थानम (Kalpasthanam): विष विज्ञान पर।
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