हरियाणा Switch to English
नीति आयोग के इंडिया इनोवेशन इंडेक्स में हरियाणा शीर्ष राज्यों में शामिल
चर्चा में क्यों?
21 जुलाई, 2022 को नीति आयोग द्वारा जारी इंडिया इनोवेशन इंडेक्स-2021 में हरियाणा शीर्ष राज्यों में शामिल हो गया है। इस इंडेक्स में 17 प्रमुख राज्यों की श्रेणी में हरियाणा को तीसरा स्थान हासिल हुआ है।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि जनवरी 2021 में जारी किये गए इंडेक्स में हरियाणा छठे स्थान पर था, लेकिन इस बार हरियाणा तीन पायदान चढ़ते हुए शीर्ष राज्यों में शामिल हो गया है।
- उल्लेखनीय है कि इंडिया इनोवेशन इंडेक्स-2021 को नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी द्वारा जारी किया गया।
- नीति आयोग के तीसरे इंडिया इनोवेशन इंडेक्स में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को उनके प्रदर्शन की प्रभावी तुलना करने के लिये 17 प्रमुख राज्यों, 10 पूर्वोत्तर और पहाड़ी राज्यों तथा 9 केंद्रशासित प्रदेशों व शहर-राज्यों की श्रेणी में वर्गीकृत किया गया था।
- 17 प्रमुख राज्यों की श्रेणी में कर्नाटक 01 अंक के साथ शीर्ष स्थान पर है, जबकि तेलंगाना (17.66 अंक) दूसरे और हरियाणा (16.35 अंक) तीसरे स्थान पर हैं। ओडिशा 11.42 अंक के साथ 16वें और छत्तीसगढ़ 10.97 अंक के साथ 17वें (अंतिम) स्थान पर हैं।
- पूर्वोत्तर और पहाड़ी राज्यों की श्रेणी में मणिपुर 37 अंकों के साथ शीर्ष स्थान पर है। इस श्रेणी में उत्तराखंड (17.67 अंक) दूसरे स्थान पर, जबकि नगालैंड (11.00 अंक) सबसे निचले पायदान पर है।
- केंद्रशासित प्रदेशों व शहर-राज्यों की श्रेणी में चंडीगढ़ (88 अंक) को शीर्ष स्थान मिला है। इस श्रेणी में दिल्ली (27.00 अंक) दूसरे स्थान पर, जबकि लद्दाख (5.91 अंक) सबसे निचले पायदान पर है।
- नीति आयोग और इंस्टीट्यूट ऑफ कॉम्पिटिटिवनेस द्वारा तैयार किया गया भारत नवाचार सूचकांक देश के नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र के मूल्यांकन और विकास के लिये एक व्यापक उपकरण है। यह राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को उनके बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा बनाने के लिये उनके नवाचार प्रदर्शन पर रैंक प्रदान करता है।
- इस इनोवेशन इंडेक्स को ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स की तर्ज़ पर तैयार किया गया है। पिछले संस्करणों में 36 संकेतकों के आधार पर विश्लेषण किया गया था, लेकिन इस बार 66 संकेतकों का इस्तेमाल किया गया। पहले और दूसरे इनोवेशन इंडेक्स क्रमश: अक्टूबर 2019 तथा जनवरी 2021 में जारी किये गए थे।
हरियाणा Switch to English
हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक में लिये गए महत्त्वपूर्ण निर्णय
चर्चा में क्यों?
21 जुलाई, 2022 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा राज्य सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक लिमिटेड द्वारा डिबेंचर/ऋण की फ्लोटेशन के लिये एक हज़ार करोड़ रुपए की ब्लॉक गारंटी के नवीनीकरण के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी गई।
प्रमुख बिंदु
- हरियाणा राज्य सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक लिमिटेड ने नाबार्ड से डिबेंचर/ऋण की फ्लोटेशन के लिये राज्य सरकार की एक हज़ार करोड़ रुपए की गारंटी को सात साल, यानी 1 मार्च, 2022 से 31 मार्च, 2029 तक के लिये रिन्यू करने का प्रस्ताव पेश किया था।
- हरियाणा राज्य सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक लिमिटेड को हरियाणा सहकारी समिति अधिनियम, 1984 के तहत स्थापित किया गया था।
- यह सहकारी संस्था प्रदेश में कृषि एवं संबद्ध गतिविधियों के विकास हेतु किसानों को दीर्घकालीन ऋण निवेश उपलब्ध कराने में लगी है। इस तरह की क्रेडिट सीमा/ऋणों के लिये उन्हें नाबार्ड के डिबेंचर/ऋण पर निर्भर रहना पड़ता है। नाबार्ड सरकारी गारंटी पर यह सुविधा प्रदान करता है।
- इसके अलावा मंत्रिमंडल की बैठक में सरकारी कर्मचारी आचरण नियमावली, 2016 के नियम 24 में संशोधन के प्रस्ताव को भी स्वीकृति प्रदान की गई।
- संशोधन के अनुसार, ‘आचरण नियम, 2016’ के नियम 24 में वर्णित चल संपत्ति की परिभाषा में ‘बीमा नीतियाँ’ शब्द हटा दिया गया है। इसी प्रकार, अनुलग्नक-ए में ‘बीमा नीतियाँ’ शब्द जहाँ कहीं भी आएंगे, उन्हें हटा दिया गया है।
- राज्य सरकार ने ‘चल संपत्ति’ की परिभाषा में संशोधन के प्रस्ताव पर विचार किया और ‘आचरण नियम, 2016’ के नियम 24 में वर्णित ‘चल संपत्ति’ की परिभाषा में संशोधन करने का निर्णय लिया।
- चल संपत्ति के स्पष्टीकरण में उल्लिखित सभी वस्तुओं को एक कर्मचारी द्वारा खुले बाज़ार में स्थानांतरित/बेचा जा सकता है, लेकिन ‘बीमा नीतियाँ’ किसी अन्य व्यक्ति या पार्टी को बेची/हस्तांतरण नहीं की जा सकती हैं। इसलिये, केवल ‘चल संपत्ति’ की अभिव्यक्ति से ‘बीमा नीतियाँ’ शब्द को हटाने का निर्णय लिया गया।
हरियाणा Switch to English
नेशनल ई-विधान एप्लीकेशन (नीवा) की दोदिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ
चर्चा में क्यों?
21 जुलाई, 2022 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पंचकूला में हरियाणा विधानसभा द्वारा नेशनल ई-विधान एप्लीकेशन (नीवा) को लेकर आयोजित दोदिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि आगामी विधानसभा सत्र में ई-विधानसभा की झलक देखने को मिलेगी। विधानसभा में विधायकों के सामने टैबलेट की स्क्रीन नज़र आएगी।
- उन्होंने कहा कि ई-विधानसभा पर्यावरण के नाते से भी उपयोगी साबित होगी, यह व्यवस्था विधानसभा को पेपरलेस बनाएगी। इससे कागज़ की बचत होगी और पेड़ बचाए जा सकेंगे।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि नेशनल ई-विधान एप्लीकेशन (नीवा) के माध्यम से हरियाणा की विधानसभा ही नहीं, बल्कि लोकसभा के साथ-साथ दूसरे राज्यों की विधानसभाओं के काम-काज को भी देख सकते हैं। इसके साथ ही दूसरी विधानसभाओं के काम-काज से तुलना भी कर सकेंगे।
- विधानसभा में पेश किये जाने वाले बिल, नोटिफिकेशन, प्रश्न-उत्तर आदि सभी टैबलेट की स्क्रीन पर मौजूद होंगे।
Switch to English