उत्तर प्रदेश Switch to English
उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट में खुलासा : कानपुर में गंगा सबसे अधिक प्रदूषित
चर्चा में क्यों?
21 जून, 2023 को उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने गंगा, यमुना समेत प्रदेश की सभी नदियों की रिपोर्ट जारी की, जिसमें बताया गया है कि प्रदेश की औद्योगिक नगरी कानपुर में गंगा सबसे अधिक प्रदूषित है।
प्रमुख बिंदु
- उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट में ही यह खुलासा हुआ है कि औद्योगिक नगरी कानपुर के डाउनस्ट्रीम जाना गाँव के पास गंगा में बीओडी (बायोलॉजिकल ऑक्सीजन डिमांड) 4.60 मिलीग्राम प्रति लीटर है। यहीं गंगा में टोटल कोलीफॉर्म 20 हज़ार और फीकल कोलीफॉर्म 17 हज़ार पाया गया है।
- प्रयागराज के संगम क्षेत्र में गंगा का बीओडी अधिकतम 2.90 मिलीग्राम प्रति लीटर मिला है जिसे संतोषजनक माना जा सकता है।
- रिपोर्ट में गंगा से मिलने वाली वरुणा नदी का प्रदूषण खतरनाक स्तर पर बताया गया है। वाराणसी में गंगा में मिलने से पहले वरुणा का बीओडी 12.40 मिलीग्राम प्रति लीटर मिला है।
- बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार वरुणा का पानी जलीय जीवों के लिये भी काफी खतरनाक हो गया है। गंगा में मिलने से पहले वरुणा का डीओ (डिजॉल्व्ड ऑक्सीजन) 3.30 मिलीग्राम प्रति लीटर है।
- यमुना आगरा से हमीरपुर तक बहुत प्रदूषित है। इटावा में यमुना का बीओडी 16.80 मिलीग्राम प्रति लीटर है, जबकि डीओ 5.80 मिलीग्राम प्रति लीटर पाया गया।
- पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बहने वाली काली नदी का पानी बेहद खतरनाक पाया गया। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट में बुलंदशहर में हिंडन नदी का बीओडी 54 मिलीग्राम प्रति लीटर मिला।
- नदी में डीओ शून्य मिलने से जलीय जीवों के जिंदा रहने की कोई संभावना नहीं है। मुजफ्फरनगर में नदी का यही हाल है।
- प्रदूषण के मामले में सबसे अधिक बदनाम हिंडन नदी सहारनपुर से नोएडा तक काली से अधिक प्रदूषित है। सीतापुर से बाराबंकी तक गोमती नदी का भी लगभग यही हाल है। उन्नाव और जौनपुर में सई का प्रदूषण सामान्य से अधिक पाया गया।
- नदियों के पानी में प्रदूषण का मानक
प्रदूषण कारक |
मात्रा |
बीओडी |
तीन मिलीग्राम प्रति लीटर अधिकतम |
डीओ |
पाँच मिलीग्राम प्रति लीटर न्यूनतम |
- प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी आर.के. सिंह ने बताया कि नदियों की महीनेभर की गई जांच के बाद मुख्यालय रिपोर्ट जारी करता है।
बिहार Switch to English
स्मिता कुमारी ने सेंटर स्प्लिट होल्डिंग (समकोणासन, योग) में बनाया नया वर्ल्ड रिकॉर्ड
चर्चा में क्यों?
21 जून, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार बिहार के नालंदा ज़िले के बसानपुर गांव की स्मिता कुमारी ने सेंटर स्प्लिट होल्डिंग (समकोणासन, योग) में तीन घंटे 10 मिनट और 12 सेकेंड तक योग की एक ही मुद्रा में खड़ी होकर नया वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है।
प्रमुख बिंदु
- जानकारी के अनुसार 29 वर्षीय स्मिता अदाणी ग्रुप के हेल्थ केयर डिपार्टमेंट के साथ पिछले चार सालों से इन-हाउस योगा इंस्ट्रक्टर के रूप में जुड़ी हैं। गुजरात में उन्हें अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी ने सम्मानित भी किया।
- उन्होंने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की टीम से अपना रिकॉर्ड सर्टिफिकेट हासिल किया।
- विदित है कि स्मिता ने ग्रेजुएशन की पढ़ाई राँची से की है। वहाँ उन्होंने मारवाड़ी कॉलेज में इकोनॉमिक्स ऑनर्स में दाखिला लिया। इसके बाद उन्होंने दिल्ली में मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान से योग विज्ञान में डिप्लोमा किया।
- इसके बाद स्मिता कुमारी वर्ष 2015-2017 में देव संस्कृति विश्वविद्यालय से एप्लाइड योग और ह्यूमन साइंस में मास्टर की पढ़ाई कर चुकी हैं।
राजस्थान Switch to English
प्रदेश में शोधार्थियों को मिलेगा आर्थिक संबल एवं प्रोत्साहन
चर्चा में क्यों?
20 जून, 2023 को प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य के राजकीय महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों के लगभग 6 हज़ार शोधार्थियों को आर्थिक संबल एवं प्रोत्साहन प्रदान करने के लिये फैलोशिप देने हेतु 62.30 करोड़ रुपए के वित्तीय प्रस्ताव का अनुमोदन किया है।
प्रमुख बिंदु
- राजकीय महाविद्यालयों एवं राज्य सरकार से वित्तीय सहायता प्राप्त विश्वविद्यालयों के लगभग 2200 शोधार्थियों को 20 हज़ार रुपए प्रतिमाह की फैलोशिप दी जाएगी। इसके लिये 52.80 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गई है।
- साथ ही राजकीय महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में अध्ययनरत 3800 शोधार्थियों को देश के प्रतिष्ठित उच्च शिक्षण संस्थानों एवं शोध संस्थानों में इंटर्नशिप, सेमिनार, वर्कशॉप, कॉन्फ्रेंस में सहभागिता के लिये 25 हज़ार रुपए तक की वित्तीय सहायता मिलेगी। इसके लिये 9.50 करोड़ रुपए की मंजूरी दी है।
- यह फैलोशिप अधिकतम 2 वर्ष के लिये दी जाएगी। कॉलेज शिक्षा विभाग इसका नोडल विभाग होगा।
- राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में इन शोधार्थियों का सहयोग लिया जा सकेगा।
- इनमें चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालयों के शोधार्थी तथा अन्य किसी भी तरह की फैलोशिप प्राप्त करने वाले शोधार्थी पात्र नहीं होंगे।
- उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने वर्ष 2023-24 के बजट में इस संबंध में घोषणा की थी।
राजस्थान Switch to English
गोडवाड़ देसुरी में लेपर्ड कन्जर्वेशन रिजर्व होगा विकसित
चर्चा में क्यों?
21 जून, 2023 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में वन क्षेत्र विकास एवं पर्यावरण संरक्षण करने हेतु राज्य के पाली ज़िले के गोडवाड़ देसुरी में लेपर्ड कन्जर्वेशन रिजर्व विकसित करने तथा सिरोही के संरक्षित वन क्षेत्र वाडाखेड़ा में विभिन्न विकास कार्यों के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री ने इन कार्यों के लिये लगभग 5.15 करोड़ रुपए की वित्तीय स्वीकृति दी है तथा गोडवाड़ देसुरी में 2 करोड़ रुपए की लागत से लेपर्ड कन्जर्वेशन रिजर्व विकसित किये जाने के कार्य होंगे।
- साथ ही संरक्षित वन क्षेत्र वाडाखेड़ा में 3.15 करोड़ रुपए की लागत से विकास एवं सुदृढ़ीकरण के कार्य कराए जाएंगे।
- उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री द्वारा बजट वर्ष 2023-24 में इन कार्यों के लिये घोषणा की गई थी।
मध्य प्रदेश Switch to English
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में निगरानी एवं मार्गदर्शन के लिये राज्य स्तरीय समिति का गठन
चर्चा में क्यों?
21 जून, 2023 को मध्य प्रदेश राज्य शासन ने मिशन शक्ति योजना-संबल एवं सामर्थ्य उपयोजना के अंतर्गत संबंधित विभागों से समन्वय तथा ज़िला एवं राज्य स्तर पर योजना के क्रियान्वयन की निगरानी व मार्गदर्शन के लिये मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय समिति का गठन किया है।
प्रमुख बिंदु
- इस राज्य स्तरीय समिति में प्रमुख सचिव/सचिव, महिला एवं बाल विकास सदस्य सचिव होंगे।
- सचिव, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा कौशल एवं रोजगार, वित्त, विज्ञान एवं प्रौद्यागिकी, गृह, खेल एवं युवा कल्याण, अनुसूचित जाति कल्याण, सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण, विधि और विधायी कार्य समिति में सदस्य होंगे।
- समिति द्वारा मिशन शक्ति के अंतर्गत योजनाओं की राज्य स्तरीय वार्षिक कार्य-योजना तैयार करने एवं वर्ष में कम से कम 2 बार निगरानी बैठक आयोजित किये जाने का कार्य किया जाएगा। समिति का कार्यकाल 15वें वित्त आयोग की अवधि तक होगा।
झारखंड Switch to English
हजारीबाग में सीपीएस सिद्धू- कान्हूं विद्यापीठ और छात्रावास की रखी गई आधारशिला
चर्चा में क्यों?
21 जून, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार झारखंड के हजारीबाग के सदर प्रखंड के ग्रामीण क्षेत्रों के गरीब बच्चों को सीबीएसई बोर्ड आधारित गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिये स्कूल छात्रावास उपलब्ध कराने हेतु हजारीबाग के सिद्धू-कान्हू सेवा संस्थान एवं कोलकाता की संस्था पिंजरापोल सोसाइटी द्वारा सीतागढ़ा गौशाला में सीपीएस सिद्धू- कान्हूं विद्यापीठ एवं छात्रावास का भूमि पूजन किया गया।
प्रमुख बिंदु
- हजारीबाग के सीतागढ़ा गौशाला परिसर में 2000 बच्चों का सीबीएसई बोर्ड आधारित यह स्कूल होगा, जहाँ 1000 बच्चों का आवासीय व्यवस्था उपलब्ध रहेगा।
- आवासीय परिसर में भारतीय संस्कृति और सभ्यता भारतीय प्राचीन गुरुकुल की संपूर्ण झलक दिखेगी।
- 22 एकड़ भूखंड में प्रकृति की खूबसूरत वादियों के बीच यह विद्यालय अपने आप में अनोखा और उत्कृष्ट होगा।
छत्तीसगढ़ Switch to English
‘देखो बस्तर सीजन 2-बस्तर ऑन बाइक’
चर्चा में क्यों?
18-20 जून, 2023 तक छत्तीसगढ़ के बस्तर ज़िले में कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान द्वारा ‘देखो बस्तर सीजन 2-बस्तर ऑन बाइक’का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया।
प्रमुख बिंदु
- छत्तीसगढ़ पर्यटन बोर्ड, बस्तर एवं स्थानीय सहयोगी संस्थाओं के सहयोग से आयोजित कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ एवं सीमावर्ती राज्यों के 60 राइडर्स ने भाग लिया और बस्तर पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये मोटर सर्किट पूरा किया।
- कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के निदेशक धम्मशील गणवीर ने बताया कि ‘बस्तर ऑन बाइक’ का मुख्य उद्देश्य राइडर्स के माध्यम से बस्तर की प्राकृतिक सुंदरता एवं पहुँच मार्ग, सड़कें, सुविधाएँ पर्यटकों को दिखाना एवं पर्यटन को बढ़ावा देना है।
- राइडर्स ‘देखो बस्तर राइड’का प्रारंभ 18 जून को मां दंतेश्वरी मंदिर जगदलपुर से करते हुए कुरंदी, गुमलवाड़ा, कोलेंग होते हुए तीरथगढ़ पहुँचे। इसके उपरांत 19 जून को सभी राइडर्स तीरथगढ़ से कटेकल्याण होते हुए दंतेवाड़ा, बारसूर, कोरलापल के रास्ते चित्रकोट पहुँचकर मोटर सर्किट को पूरा किया।
- इस आयोजन के समापन समारोह में 19 जून को छत्तीसगढ़ पर्यटन बोर्ड के द्वारा वेलनेस टूरिज़्म को बढ़ावा देने हेतु एक कार्यशाला का भी आयोजन किया। जिसमें मास्टरशेफ विजय शर्मा ने मिलेट्स जैसे कोदो, कुटकी, रागी आदि के फायदे एवं पकवानों के बारे में जानकारी दी।
उत्तराखंड Switch to English
प्रदेश के लिये ओडिशा में लगेगा कोयले से बिजली का प्लांट
चर्चा में क्यों?
21 जून, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार उत्तराखंड में बिजली की मांग के सापेक्ष उत्पादन काफी कम होने के चलते अब ओडिशा में कोयले से बिजली पैदा की जाएगी। इसके लिये प्रदेश में जल्द ही टीएचडीसी-यूजेवीएनएल का संयुक्त उपक्रम बनने जा रहा है।
प्रमुख बिंदु
- इस प्रोजेक्ट के बनने से अगले चार से पाँच साल में प्रदेश में बिजली किल्लत पर काबू पाया जा सकेगा।
- ऊर्जा सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि जल विद्युत परियोजनाओं से होने वाला बिजली उत्पादन सीजन के हिसाब से प्रभावित होता है। मानसून आता है तो उत्पादन बढ़ता है, लेकिन नदियों में गाद आने पर कम होता है। सर्दियों और इसके बाद गर्मियों में नदियों का जल स्तर गिरने से उत्पादन कम हो जाता है।
- दूसरी ओर सौर ऊर्जा परियोजनाओं से होने वाला उत्पादन भी केवल दिनभर का होता है। रात को इसका इस्तेमाल नहीं होता, क्योंकि अभी ऐसी बैटरी नहीं है, जो कि इस बिजली को स्टोर कर सके।
- प्रदेश में बिजली की मांग लगातार बढ़ती जा रही है। जिसको ध्यान में रखते हुए थर्मल पावर प्लांट के बारे में सोचा जा रहा है। पूर्व में सरकार तय कर चुकी है कि कोयल से बिजली बनाने की दिशा में आगे बढ़ेंगे। इसके लिये जल्द ही टीएचडीसी-यूजेवीएनएल का संयुक्त उपक्रम बनाया जाएगा।
- ओडिशा में टीएचडीसी के पास पहले से ही कोयले की खदान है। इसके पास ही संयंत्र स्थापित किया जाएगा, क्योंकि वहाँ से उत्तराखंड तक कोयला पहुँचाने का खर्च काफी अधिक होगा।
- ऊर्जा सचिव ने बताया कि टीएचडीसी पहले से ही अपना संयंत्र बनाने की तैयारी में था, जो कि अब उत्तराखंड के साथ संयुक्त तौर पर बनेगा। अगले चार से पाँच साल में ये बन जाएगा तो राज्य में बिजली किल्लत काबू में आ जाएगी।
- प्रदेश में तीन गैस आधारित पावर प्लांट हैं। इनमें से दो चल रहे हैं, जबकि तीसरे में कुछ निर्णय होने हैं। तीसरे प्लांट पर भी जल्द ही निर्णय लिया जाएगा। इसके बाद गैस ऊर्जा संयंत्र से बिजली उत्पादन बढ़ जाएगा।
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