राजस्थान Switch to English
अब हर ज़िले में दो लवकुश वाटिकाएँ
चर्चा में क्यों?
20 मई, 2023 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के सभी ज़िलों में दो-दो लवकुश वाटिकाएँ विकसित करने हेतु 66 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी है। इससे प्रदेश में इको-टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री के निर्णय से इन वाटिकाओं में वन एवं वन्यजीवों से संबंधित मॉडल स्थापित होंगे, जिनसे बच्चों को पर्यावरण व वन्यजीव संरक्षण की शिक्षा मिल सकेगी। यहाँ इको ट्रेल पथों का निर्माण और प्रदर्शनी के लिये जगह बनेगी।
- इन वाटिकाओं का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण के प्रति आमजन को शिक्षित एवं जागरूक करना है।
- उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री द्वारा वर्ष 2023-24 के बजट में प्रत्येक ज़िले में एक-एक अतिरिक्त वाटिका विकसित करने की घोषणा की गई थी।
राजस्थान Switch to English
जोधपुर, उदयपुर, कोटा और अजमेर शहर बनेंगे थ्री डी सिटी
चर्चा में क्यों?
20 मई, 2023 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के चार शहरों जोधपुर, उदयपुर, कोटा और अजमेर में जीआईएस आधारित थ्री डी सिटी और राजधरा सैटेलाइट इमेजरी रिपोजिटरी परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिये 106.46 करोड़ रुपए के वित्तीय प्रस्ताव को मंजूरी दी है।
प्रमुख बिंदु
- राज्य सरकार द्वारा शहरों के विकास की बेहतर प्लानिंग एवं प्रबंधन के लिये प्रदेश के जोधपुर, उदयपुर, कोटा और अजमेर शहरों के जियोग्राफिक इनफार्मेशन सिस्टम (जीआईएस) आधारित थ्री डी सिटी मॉडल विकसित किये जाएंगे।
- इससे शहरों के मास्टर प्लान में लैंड यूज प्रस्तावित करना, नई सड़कों, फ्लाईओवर, नई कॉलोनियों के निर्माण व विस्तार, ड्रेनेज प्लान सहित विभिन्न कार्यों को धरातल पर उतारने, बड़े पैमाने पर आधारभूत ढाँचे के विकास, परिवहन योजना, भूमि नियोजन, नगर नियोजन इत्यादि के प्रभावी आकलन, सिमुलेशन एवं योजना बनाने में आसानी होगी।
- विकसित थ्री डी मॉडल का ऑगमेंटेड रियलिटी/वर्चुअल रियलिटी (AR/VR) द्वारा शहर का वर्चुअल टूर भी किया जा सकेगा।
- इसके अतिरिक्त राजधरा प्लेटफॉर्म पर राजस्थान की विभिन्न समयावधि की सैटेलाइट इमेजरी की रिपोजिटरी भी स्थापित की जाएगी। इससे विभिन्न विभागों की आवश्यकताओं के अनुसार जैसे लेंड यूज, लेंड कवर, जलाशयों/जल स्रोतों एवं वन क्षेत्रों में परिवर्तन, फसल उपज अनुमान, शहरों के विकास एवं फैलाव इत्यादि के विश्लेषण में आसानी होगी।
राजस्थान Switch to English
राजस्थान साहित्य अकादमी पुरस्कार 2022-23
चर्चा में क्यों?
19 मई, 2023 को राजस्थान के कला साहित्य एवं संस्कृति मंत्री बी. डी. कल्ला ने राजस्थान साहित्य अकादमी का वार्षिक पुरस्कार-सम्मान समारोह 2022-23 में साहित्यकारों को संगीत, कला और साहित्य के क्षेत्र में अमूल्य योगदान के लिये सम्मानित किया।
प्रमुख बिंदु
- राजस्थान साहित्य अकादमी का वार्षिक पुरस्कार-सम्मान समारोह हरिश्चंद्र माथुर राजस्थान राज्य लोक प्रशासन संस्थान (ओटीएस) के भगवत सिंह मेहता सभागार में आयोजित किया गया।
- समारोह में मीरा पुरस्कार, रांगेय राघव पुरस्कार, सुधींद्र पुरस्कार, देवीलाल सामर पुरस्कार, देवराज उपाध्याय पुरस्कार, कन्हैयालाल सहल पुरस्कार, शंभूदयाल सक्सेना पुरस्कार, सुमनेश जोशी पुरस्कार, परदेशी पुरस्कार, चंद्रदेव शर्मा पुरस्कार एवं सुधा गुप्ता पुरस्कार का वितरण किया गया।
- इस मौके पर विशिष्ट साहित्यकार सम्मान से प्रदेश के कई ख्यातनाम साहित्यकारों को भी सम्मानित किया गया।
- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के विशेषाधिकारी फारूक आफरीदी को भी साहित्य के क्षेत्र में उनके अहम योगदान के लिये विशिष्ट साहित्यकार सम्मान प्रदान किया गया।
- इन साहित्यकारों को मिला सम्मान-
- 2022-23 के वार्षिक पुरस्कारों के तहत कथा एवं उपन्यास विधा में दिया जाने वाला रांगेय राघव पुरस्कार बाँसवाड़ा निवासी भरत चंद्र शर्मा को उनके उपन्यास ‘पीर परबत-सी’ के लिये दिया गया।
- काव्य विधा के लिये दिया जाने वाला सुधींद्र पुरस्कार जयपुर के कवि मायामृग को उनकी कविता संग्रह ‘मुझमें मीठा तू हैं’के लिये तथा एकांकी-नाटक के लिये दिया जाने वाला देवीलाल सामर पुरस्कार जयपुर निवासी अजय अनुरागी को नाट्य कृति ‘रांग नंबर’ के लिये दिया गया।
- आलोचना क्षेत्र का प्रतिष्ठित देवराज उपाध्याय पुरस्कार भरतपुर मूल के राजाराम भादू को आलोचना-कृति ‘कविता के आयाम’को तथा विविध विधाओं का कन्हैयालाल सहल पुरस्कार जयपुर के व्यंग्यकार यश गोयल को कृति ‘नामुमकिन नेता’के लिये दिया गया।
- बाल साहित्य के क्षेत्र में शंभूदयाल सक्सेना पुरस्कार कांकरोली की कुसुम अग्रवाल को उनकी पुस्तक ‘हम सब एक हैं’के लिये दिया गया।
- बहुप्रतिष्ठित मीरा पुरस्कार, रति सक्सेना को उनकी कृति ‘हँसी एक प्रार्थना के लिये’ के लिये प्रदान किया गया।
- ये सभी पुरस्कार इकतीस हज़ार रुपए की राशि के हैं।
- इक्कीस हज़ार रुपए की राशि वाला प्रथम प्रकाशित कृति सुमनेश जोशी पुरस्कार उदयपुर निवासी कथाकार तराना परवीन को कहानी संग्रह ‘एक सौ आठ’के लिये दिया गया।
नवोदित साहित्यकारों को भी अकादमी द्वारा सम्मानित किया गया
- विद्यालय स्तरीय परदेशी पुरस्कार
- कविता के लिये- महारानी गायत्री देवी कन्या विद्यालय, जयपुर की प्राचा शर्मा को ‘सागर मोती एवं अन्य कविताएँ’के लिये,
- कहानी के लिये- जवाहर नवोदय विद्यालय, पल्लू-हनुमानगढ़ की दिव्या सानप को कहानी ‘खुशी के आँसू’के लिये,
- निबंध के लिये- राउमावि अमरपुरा-उदयपुर की हर्षिता मीणा को निबंध ‘नवाचारों का उद्भव’के लिये
- लघुकथा के लिये- राजकीय सार्दुल उमावि बीकानेर के अरमान नदीम की लघुकथा ‘असली ताकत’के लिये दिया गया।
- महाविद्यालय स्तरीय चंद्रदेव शर्मा पुरस्कार
- कविता के लिये- राजकीय लोहिया महाविद्यालय चूरू के हिमांशु भारद्वाज को ‘स्पृहा और अन्य कविताएँ’के लिये,
- कहानी के लिये- इक्कीस कॉलेज गोपल्याण-लूणकरणसर की निर्मला शर्मा को कहानी ‘कोई चारा नहीं’के लिये,
- एकांकी के लिये- माँ जालपा देवी राजकीय महाविद्यालय तारानगर की तनिष्का पड़िहार की एकांकी ‘जागो प्यारे, जागो’के लिये,
- निबंध के लिये- सोनादेवी सेठिया कन्या महाविद्यालय सुजानगढ़ की मैना कँवर को निबंध ‘विगत और संभावनाएँ’के लिये दिया गया।
- सुधा गुप्ता महाविद्यालय स्तरीय कविता पुरस्कार महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय जोधपुर की सूरज कुमारी को ‘प्रकृति की आवाज और अन्य कविताएँ’के लिये दिया गया।
- उल्लेखनीय है कि उक्त सभी पुरस्कारों के तहत पाँच हज़ार रुपए प्रति पुरस्कार प्रदान किये जाते हैं।
राजस्थान Switch to English
आहूस (डेनमार्क) एवं राजस्थान सरकार के बीच हुआ एमओयू
चर्चा में क्यों?
19 मई, 2023 को राजस्थान के जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री डॉ. महेश जोशी की उपस्थिति में सचिवालय के कॉन्फ्रेंस हॉल में शहरी जल प्रबंधन के लिये आहूस, डेनमार्क एवं राजस्थान सरकार के बीच हुए एमओयू पर हस्ताक्षर किये गए।
प्रमुख बिंदु
- एमओयू पर राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त मुख्य सचिव पीएचईडी एवं जल संसाधन डॉ. सुबोध अग्रवाल ने हस्ताक्षर किये जबकि आहूस (डेनमार्क) की ओर से डायरेक्टर प्लानिंग लुइसे पेपे के डिजिटल हस्ताक्षर हुए।
- जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री डॉ. महेश जोशी ने कहा कि डेनमार्क एवं राजस्थान के बीच विभिन्न क्षेत्रों में आपसी सहयोग की मार्च, 2021 में पहल की गई थी। राजस्थान एवं डेनमार्क के बीच आपसी सहयोग की कड़ी को आगे बढ़ाते हुए इस एमओयू पर हस्ताक्षर किये गए हैं।
- शहरी पेयजल क्षेत्र में सेवाओं एवं गुणवत्ता में सुधार, वितरण तंत्र की दक्षता में वृद्धि से गैर-राजस्व जल (छीजत) में कमी, जल स्त्रोतों का समन्वित प्रबंधन तथा भूजल एक्विफर मैपिंग, अपशिष्ट जल प्रबंधन की योजना एवं पुनर्चक्रण, नदियों के कायाकल्प के लिये हरित समाधान आदि क्षेत्रों में राजस्थान एवं डेनमार्क मिलकर कार्य करेंगे।
- जलदाय मंत्री ने पानी के सदुपयोग एवं जल संरक्षण पर जोर देते हुए कहा कि डेनमार्क में पानी की छीजत शून्य है और वहाँ पानी का पूरा इस्तेमाल होता है। अलग-अलग तरीकों से पानी बचाने की उनकी तकनीक, पेयजल, अपशिष्ट जल प्रबंधन एवं पुनर्चक्रण, नदियों के कायाकल्प आदि में आपसी सहयोग से राजस्थान को इसका लाभ होगा।
- अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल ने कहा कि केंद्र सरकार के जल शक्ति मंत्रालय सहित विभिन्न स्तरों पर मंजूरी एवं प्रक्रियाएँ पूरी करने के बाद यह एमओयू हुआ है। इससे पेयजल प्रबंधन में स्मार्ट वाटर तकनीक, गैर राजस्व जल (छीजत) में कमी लाने, अपशिष्ट जल के ट्रीटमेंट एवं रिसाइकल के साथ ही नदियों के पुनरूद्धार में डेनमार्क का तकनीकी सहयोग मिलेगा।
- इस एमओयू के बाद जोधपुर, कोटा एवं जयपुर जैसे बड़े ज़िलों में कुशल जल प्रबंधन के क्षेत्र में आहूस एवं राजस्थान के बीच सहयोग बढ़ाया जाएगा।
- डेनमार्क के राजदूत फ्रेडी स्वान ने कहा कि डेनमार्क एवं भारत के बीच स्ट्रेटजिक पार्टनरशिप है। उन्होंने कहा कि राजस्थान के साथ लंबे समय तक आपसी सहयोग की दिशा में सकारात्मक प्रयास किये जाएंगे।
Switch to English