लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिये दतिया ज़िले को मिला प्रधानमंत्री पुरस्कार | मध्य प्रदेश | 22 Apr 2022
चर्चा में क्यों?
21 अप्रैल, 2022 को सिविल सेवा दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दतिया ज़िला प्रशासन को पोषण अभियान में जनभागीदारी को बढ़ावा देने और लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिये प्रधानमंत्री पुरस्कार से सम्मानित किया।
प्रमुख बिंदु
- विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में दतिया ज़िले के कलक्टर संजय कुमार ने यह पुरस्कार ग्रहण किया। इसके साथ ही मध्य प्रदेश कैडर के 3 अन्य अधिकारियों को भी पीएम उत्कृष्टता पुरस्कार से नवाजा गया।
- दतिया ज़िले में जनभागीदारी के माध्यम से पोषण अभियान में ‘मेरा बच्चा अभियान’ की शुरुआत की गई। अभियान में कुपोषित माँ और बच्चों की पहचान कर उन्हें कुपोषण से सुपोषण कार्यक्रम में शामिल किया गया।
- इस कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चों में कम वजन, ठिगनापन और शारीरिक अपक्षय को दूर करना और महिलाओं में खून की कमी का उपचार करना है। इसके साथ ही ज़िले में ‘पोषण मटका’ थीम में कुपोषित बच्चों के परिवारों को खाद्यान्न सहयोग देने के लिये भी समुदाय को प्रेरित किया गया।
- इंदौर ज़िले के कलक्टर मनीष सिंह को ‘स्वच्छ इंदौर अभियान’ के लिये नागरिक-सरकारी इंटरफेस के लिये पीएम उत्कृष्टता पुरस्कार, 2020 से सम्मानित किया गया।
- मध्य प्रदेश एमएसएमई के संचालक विशेष गढ़पाले को दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों के लिये सरकार और नागरिक के बीच अलग-अलग इंटरफेस के लिये एक सॉफ्टवेयर विकसित करने हेतु पीएम उत्कृष्टता पुरस्कार, 2019 से सम्मानित किया गया है।
- इसी क्रम में मध्य प्रदेश के आईएएस अधिकारी अजय तिर्की, जो वर्तमान में केंद्रीय भूमि संसाधन विभाग में सचिव पद पर प्रतिनियुक्ति पर हैं, को संपत्ति दस्तावेज एवं कार्यों आदि के पंजीकरण के लिये ‘वन नेशन-वन सॉफ्टवेयर’ एप्लीकेशन विकसित करने के नवाचार के लिये पीएम उत्कृष्टता पुरस्कार, 2021 दिया गया।
मध्य प्रदेश के लिये 406 चलित पशु चिकित्सा इकाई स्वीकृत | मध्य प्रदेश | 22 Apr 2022
चर्चा में क्यों?
21 अप्रैल, 2022 को मध्य प्रदेश के पशुपालन एवं डेयरी मंत्री प्रेम सिंह पटेल ने बताया कि केंद्र शासन द्वारा प्रदेश में 4 करोड़ 6 लाख पशुधन के मान से 406 चलित पशु चिकित्सा इकाई स्वीकृत की गई हैं।
प्रमुख बिंदु
- केंद्रीय पशु चिकित्सालयों एवं औषधालयों की स्थापना एवं सुदृढ़ीकरण योजना में वर्ष 2021-22 में भारत सरकार द्वारा चलित पशु चिकित्सा इकाई का नवीन घटक शामिल किया गया है। योजना में प्रति एक लाख पशुधन पर एक चलित पशु चिकित्सा इकाई संचालित की जाएगी।
- चलित पशु चिकित्सा इकाई का वाहन पूर्णत: आधुनिक उपकरणों और स्टाफ से सुसज्जित रहेगा। वाहन में एक पशु चिकित्सक, एक पैरावेट और एक वाहन चालक सह-सहायक रहेगा। इसके अलावा वाहन में पशु चिकित्सा, लघु शल्य चिकित्सा, कृत्रिम गर्भाधान, रोग अन्वेषण से संबंधित आवश्यक उपकरण स्थापित रहेंगे। प्रचार-प्रसार के लिये प्रोजेक्टर, स्पीकर आदि भी लगाया जाएगा।
- वाहन में उपलब्घ आवश्यक मानव संसाधन, औषधि, वाहन के लिये पीओएल एवं रख-रखाव आदि के लिये प्रति वर्ष 18 लाख 72 हज़ार रुपए प्रति चलित पशु चिकित्सा इकाई का प्रावधान किया गया है। इसमें 60 प्रतिशत केंद्रांश एवं 40 प्रतिशत राज्यांश रहेगा।
- वाहन, वाहन की साज-सज्जा, पशु चिकित्सा के लिये आवश्यक उपकरण, प्रचार-प्रसार उपकरण और फेब्रीकेशन के लिये भी 16 लाख रुपए का प्रावधान किया गया है। यह राशि 100 प्रतिशत केंद्रांश पर आधारित है।
- चलित पशु चिकित्सा इकाई के लिये कॉल सेंटर की भी स्थापना की जाएगी। कॉल सेंटर में कॉल ऑपरेटर एवं पशु चिकित्सक की नियुक्ति की जाएगी। सेंटर के लिये भी 60 प्रतिशत केंद्रांश एवं 40 प्रतिशत राज्यांश राशि का प्रावधान किया गया है।