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छत्तीसगढ स्टेट पी.सी.एस.

  • 22 Apr 2022
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छत्तीसगढ़ में 9240 करोड़ रुपए लागत की 33 सड़क परियोजनाओं का लोकार्पण-शिलान्यास

चर्चा में क्यों?

21 अप्रैल, 2022 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने छत्तीसगढ़ में 9240 करोड़ रुपए लागत की कुल 1017 किमी. लंबाई की 33 सड़क परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया।

प्रमुख बिंदु

  • राजधानी रायपुर के पं. जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल मेडिकल कॉलेज में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार तथा भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा आयोजित कार्यक्रम में इन परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया गया। 
  • इन सड़कों के बनने से छत्तीसगढ़ के पड़ोसी राज्यों ओडिशा, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, झारखंड, उत्तर प्रदेश से कनेक्टिविटी ज़्यादा अच्छी हो जाएगी। प्रदेश के पिछड़े क्षेत्र के लिये सुचारु रोड नेटवर्क विकसित होगा। इससे ईंधन, यात्रा समय, दूरी और कुल परिवहन लागत में बचत होगी। 
  • केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के तीन मार्गों- रायगढ़-घरघोड़ा-धरमजयगढ़-पत्थलगाँव मार्ग (लंबाई 75 किमी.), अंबिकापुर-वाड्रफनगर-बंहनी-रेनकूट-बनारस मार्ग (लंबाई 110.60 किमी.) तथा पंडरिया-बजाग-गाड़ासरई मार्ग (लंबाई 37 किमी.) को भारतमाला परियोजना-2 में शामिल करने का आश्वासन दिया। 
  • केंद्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आग्रह पर छत्तीसगढ़ में आरओबी निर्माण के लिये 300 करोड़ रुपए देने की घोषणा करते हुए कहा कि इसके अतिरिक्त आरओबी के लिये वर्ष 2022-23 में छत्तीसगढ़ को 400 करोड़ रुपए मिलेंगे।  
  • मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्रीय मंत्री गडकरी से रायपुर से शदाणी दरबार तक 10 किमी. हिस्से में सर्विस रोड की स्वीकृति प्रदान करने, रायपुर शहर में टाटीबंध चौक से मैगनेटो मॉल के बीच फ्लाईओवर निर्माण, एनएच-30 में ग्राम धनेली से विधानसभा, बलौदाबाज़ार होते हुए सारंगढ़ की ओर जाने वाले मार्ग को एनएच-53 से जोड़ने तथा विधानसभा से जोरा (एनएच-53) के इस भाग को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने का आग्रह किया। 
  • इसी तरह मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री गडकरी से राम वन गमन पथ (लंबाई 1000 किमी.), चंद्रपुर-खरसिया-पत्थलगाँव मार्ग, कुम्हारी-भिलाई बाइपास (लंबाई 23 किमी.) तथा बरदुला-नगरी-कांकेर-संबलपुर-मानपुर मार्ग (लंबाई 195 किमी.) को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने का आग्रह किया। 
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय राजमार्गों की कुल लंबाई 3525 किमी. है। इसमें से 2447 किमी. का लोक निर्माण विभाग तथा 1078 किमी. का एनएचएआई द्वारा संधारण एवं निर्माण किया जा रहा है।  
  • उन्होंने चांपा-उरगा-कोरबा मार्ग निर्माण, पाली-कटघोरा मार्ग निर्माण, मुंगेली-पोंडी मार्ग, झलमला-शेरपार-मानपुर मार्ग, अभनपुर-पोंड मार्ग, मदांगमुड़ा से देवभोग मार्ग के निर्माण की स्वीकृति देने तथा भारतमाला एवं इकोनॉमिक कॉरिडोर योजना के अंतर्गत रायपुर-विशाखापत्तनम मार्ग, बिलासपुर-उरगा-पत्थलगाँव मार्ग, चांपा-कोरबा मार्ग को शामिल करने पर केंद्रीय मंत्री गडकरी को धन्यवाद दिया।

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राष्ट्रीय जनजातीय साहित्य महोत्सव

चर्चा में क्यों?

19-21 अप्रैल, 2022 तक छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में राष्ट्रीय जनजातीय साहित्य महोत्सव, राज्यस्तरीय जनजातीय नृत्य महोत्सव एवं राज्यस्तरीय जनजाति कला एवं चित्रकला प्रतियोगिता के तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

प्रमुख बिंदु

  • इसका आयोजन भारत सरकार, जनजातीय कार्य मंत्रालय एवं आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान के सहयोग से किया गया।  
  • इस आयोजन के दौरान विविध कार्यक्रमों के साथ-साथ देश के प्रख्यात साहित्यकारों ने जनजातीय साहित्य और संस्कृति पर गहन विचार-विमर्श किया। 
  • साहित्य महोत्सव के अंतर्गत साहित्य परिचर्चा एवं शोध-पत्र वाचन किया गया। साहित्य परिचर्चा कार्यक्रम के अंतर्गत कुल 08 सत्र आयोजित किये गए, जिसमें देश के प्रख्यात साहित्यकारों ने भाग लिया।  
  • इसके अंतर्गत भारत जनजातीय भाषा एवं साहित्य का विकास- वर्तमान एवं भविष्य, भारत में जनजातीय विकास- मुद्दे, चुनौतियाँ एवं भविष्य, भारत में जनजातियों में वाचिक परंपरा के तत्त्व एवं विशेषताएँ तथा संरक्षण हेतु उपाय, भारत में जनजातीय धर्म एवं दर्शन, जनजातीय लोक कथाओं का पठन एवं अनुवाद तथा विभिन्न बोली-भाषाओं में जनजातीय लोक काव्य पठन एवं अनुवाद आदि विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया।  
  • इसी प्रकार शोध-पत्र वाचन में जनजातीय साहित्य: भाषा विज्ञान एवं अनुवाद, जनजातीय साहित्य में जनजातीय अस्मिता, जनजातीय साहित्य में जनजातीय जीवन का चित्रण, जनजातीय समाजों में वाचिक परंपरा की प्रासंगिकता, जनजातीय साहित्य में अनेकता एवं चुनौतियाँ, जनजातीय साहित्य में लिंग संबंधी मुद्दे, जनजातीय कला साहित्य, जनजातीय साहित्य में सामाजिक-सांस्कृतिक संघर्ष, जनजातीय साहित्य में मुद्दे, चुनौतियाँ एवं संभावनाएँ तथा जनजातीय विकास मुद्दे एवं चुनौतियाँ विषय पर शोध-पत्र का वाचन किया गया।  
  • साहित्यिक शोध-पत्र पठन एवं जनजातीय साहित्य पर परिचर्चा के अलावा इस अवसर पर कला एवं चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया। इसके अंतर्गत 18 से 30 आयु वर्ग एवं 30 से ऊपर प्रतिभागियों के लिये कैनवास पेंटिंग की प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।  
  • वहीं दूसरी ओर 12 से 18 आयु वर्ग के लिये ड्राइंग सीट पर पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।  
  • इसके अलावा हस्तकला प्रदर्शन के अंतर्गत बाँस कला, छिंदकला, गोदना कला, रजवार कला, शीसल कला, माटी कला एवं काष्ठ कला के प्रतिभागियों द्वारा अपनी प्रतिभा का जीवंत प्रदर्शन भी किया गया।

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