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स्टेट पी.सी.एस.

  • 22 Apr 2022
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उत्तर प्रदेश Switch to English

उत्तर प्रदेश में पुलिस सुधार की कवायद

चर्चा में क्यों?

21 अप्रैल, 2022 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बैठक में पुलिस सुधार से संबंधित कई दिशा-निर्देश दिये।

प्रमुख बिंदु

  • मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश एटीएस (आतंकवाद निरोधक दस्ते) की दक्षता बढ़ाने के लिये इसके अधिकारियों एवं जवानों को अमेरिका की संघीय जाँच एजेंसी (FBI) एवं होम लैंड सिक्योरिटी जैसी एजेंसियों से प्रशिक्षण दिलवाने के संबंध में प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया है।
  • इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री ने कुछ अन्य निर्देश भी दिये, जिनका विवरण निम्न प्रकार है-
    • सीबीआई की तर्ज़ पर यूपी स्पेशल पुलिस एस्टेबिलिशमेंट का गठन।
    • एटीएस की स्पेशल पुलिस ऑपरेशन टीम (स्पॉट) की नई टीम के लिये अगले 100 दिनों में जवानों का चयन कर प्रशिक्षण दिलाना।
    • अगले 100 दिनों में अयोध्या में स्पेशल टास्क फोर्स की इकाई का गठन किया जाना।
  • पुलिस बलों में लैंगिक समानता से संबंधित भी कुछ निर्णय लिये गए हैं, जैसे-
    • महिलाकर्मियों की संख्या दोगुना किया जाना।
    • धार्मिक स्थलों के पास पिंक बूथ का निर्माण।
    • हर महिला बीट सिपाही को स्कूटी उपलब्ध कराना।
    • महिला कमांडो टीम का गठन।

उत्तर प्रदेश Switch to English

उत्तर प्रदेश टेक्सटाइल्स एंड गारमेंट पॉलिसी, 2022

चर्चा में क्यों?

21 अप्रैल, 2022 को उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव (हथकरघा एवं कपड़ा) डॉ. नवनीत सहगल की अध्यक्षता में टेक्सटाइल्स एंड गारमेंट पॉलिसी, 2022 के प्रारूप को अंतिम रूप देने के लिये बैठक आयोजित की गई।

प्रमुख बिंदु

  • इस नीति का उद्देश्य उत्तर प्रदेश को ग्लोबल टेक्सटाइल हब बनाने के साथ ही हथकरघा और टेक्सटाइल के क्षेत्र में निवेशकों को आकर्षित करना है। 
  • इसके अंतर्गत उद्यमियों को 40% तक की पूँजी निवेश सब्सिडी के साथ ही विभिन्न प्रकार की सुविधाएँ मुहैया कराने की व्यवस्था की जाएगी। साथ ही प्रस्तावित नीति में पूर्वांचल और बुंदेलखंड के निवेशकों को अतिरिक्त लाभ दिया जाएगा।
  • नई नीति में शत-प्रतिशत स्टांप शुल्क एवं भूमि लागत अनुदान देने का प्रावधान किया जा रहा है। 
  • राज्य से निर्यात बढ़ाने के लिये निर्यात सब्सिडी और बिजली शुल्क में छूट भी दी जाएगी, साथ ही निजी टेक्सटाइल पार्क विकसित करने वाले विकासकर्ताओं को 100 प्रतिशत प्रतिपूर्ति दी जाएगी। 
  • गौरतलब है कि कपड़ा और परिधान नीति, 2017 के तहत हथकरघा और कपड़ा क्षेत्र में निवेश के 79 प्रस्ताव प्राप्त हुए, जिनमें से 53 सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के लिये और 26 बड़े, मेगा और सुपर मेगा उद्योगों के लिये थे।

बिहार Switch to English

बिहार में लोहार जाति से छिना अनुसूचित जनजाति का दर्जा

चर्चा में क्यों?

21 अप्रैल, 2022 को बिहार सरकार ने आदेश जारी कर लोहार जाति से अनुसूचित जनजाति (Scheduled Tribes) का दर्जा वापस ले लिया है।

प्रमुख बिंदु

  • प्रदेश सरकार द्वारा यह निर्णय सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद लिया गया है।
  • गौरतलब है कि बिहार में लोहार जाति को वर्ष 2016 में अत्यंत पिछड़ा वर्ग की श्रेणी से हटाकर अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिया गया था।  
  • प्रदेश सरकार के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। सर्वोच्च न्यायालय ने सुनील कुमार एवं अन्य बनाम राज्य सरकार और अन्य के मामले में 21 फरवरी, 2022 को अपने फैसले में राज्य सरकार के वर्ष 2016 के आदेश को निरस्त कर दिया।
  • सामान्य प्रशासन विभाग के इस निर्णय के तहत लोहार जाति के दूसरी पिछड़ी जातियों की तरह एनेक्सचर वन में शामिल होने से अब लोहार जाति को अन्य पिछड़े वर्गों के तहत आने वाली अन्य जातियों की तरह ही सुविधाएँ दी जाएंगी।  
  • अनुच्छेद 366 (25) ने अनुसूचित जनजातियों को ऐसी जनजातियों या जनजातीय समुदायों या ऐसी जनजातियों या जनजातीय समुदायों के कुछ हिस्सों या समूहों के रूप में परिभाषित किया है, जिन्हें इस संविधान के प्रयोजनों के लिये अनुच्छेद 342 के तहत अनुसूचित जनजाति माना जाता है

राजस्थान Switch to English

लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिये चूरू ज़िला कलक्टर सम्मानित

चर्चा में क्यों?

21 अप्रैल, 2022 को सिविल सेवा दिवस पर विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चूरू ज़िला कलक्टर सिद्धार्थ सिहाग को लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिये प्रधानमंत्री पुरस्कार से सम्मानित किया। 

प्रमुख बिंदु

  • ‘खेलो इंडिया’ अभियान के तहत ज़िले में हुए उत्कृष्ट कार्यों और बेहतर उपलब्धियों के लिये चूरू ज़िले को मिले इस पुरस्कार के अंतर्गत प्रधानमंत्री ने ज़िला कलक्टर को 20 लाख रुपए का चेक एवं प्रशस्ति-पत्र प्रदान कर सम्मानित किया। 
  • यह पुरस्कार ज़िले में विकसित खेल केंद्रों, खिलाड़ियों द्वारा राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्राप्त पदक, महिला खिलाड़ियों, पैरा-खिलाड़ियों का प्रतिनिधित्व, फिट इंडिया-खेलो इंडिया में ज़िला प्रशासन द्वारा किये गए नवाचार में युवा खिलाड़ियों की व्यापक स्तर पर भागीदारी के लिये दिया गया है। 
  • उल्लेखनीय है कि ज़िले में भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के द्वारा स्वीकृत खेलो इंडिया के 8 केंद्र एथलेटिक्स राजगढ़, द्रोणाचार्य राष्ट्रीय मुक्केबाज़ी अकादमी राजगढ़, टेबल टेनिस ज़िला स्टेडियम चूरू, हॉकी गाजुवास, हैंडबॉल एकेडमी लोहा, भारोत्तोलन, कुश्ती, मुक्केबाज़ी उर्मिला खेल अकादमी न्यांगल बड़ी संचालित हैं, जो कि राजस्थान में सर्वाधिक हैं। 
  • ज़िला स्टेडियम चूरू में साई के 6.30 करोड़ से नवनिर्मित इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ एथलेटिक्स फेडरेशन (IAAF) द्वारा प्रमाणित वर्ड क्लास सिंथेटिक एथलेटिक ट्रैक बनाया गया है।
  • गौरतलब है कि ज़िले के 34 खिलाड़ियों द्वारा खेलो इंडिया यूथ गेम्स, 2019 और 2020 में प्रतिनिधित्व किया गया था। इनमें से 10 खिलाड़ियों द्वारा खेलो इंडिया यूथ गेम्स, 2020 में पदक प्राप्त किये गए, जो राजस्थान को मिले पदकों का 20 प्रतिशत था।
  • ज़िले में सन् 2019 से 2021 तक महिला एवं पैरा-खिलाड़ियों का खेल में अच्छा प्रतिनिधित्व रहा तथा महिला और पैरा-खिलाड़ियों ने पदक प्राप्त किये। ज़िला प्रशासन द्वारा नवाचार के रूप में ज़िले के विद्यालयों में पोषण और स्वास्थ्य जागरुकता अभियान चलाकर बच्चों को पोषण और स्वास्थ्य के बारे में जागरूक कर फिट इंडिया प्रोग्राम को सफल बनाया गया।

राजस्थान Switch to English

जोधपुर में राजीव गांधी फिनटेक डिजिटल इंस्टीट्यूट के लिये 672.5 करोड़ रुपए की मंज़ूरी

चर्चा में क्यों?

21 अप्रैल, 2022 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में हुई फिनटेक डिजिटल विश्वविद्यालय, जोधपुर की समीक्षा बैठक में जोधपुर में राजीव गांधी फिनटेक डिजिटल इंस्टीट्यूट की स्थापना के लिये 672.5 करोड़ रुपए की संशोधित राशि को मंज़ूरी दी गई।

प्रमुख बिंदु

  • यह संस्थान जोधपुर में 66 बीघा भूमि में स्थापित किया जाएगा। वर्ष 2021-22 की बजट घोषणा में 400 करोड़ रुपए फिनटेक डिजिटल इंस्टीट्यूट की स्थापना के लिये आवंटित किये गए थे।  
  • इस संस्थान को स्टेट ऑफ द आर्ट के रूप में विकसित किया जाएगा। संस्थान का परिसर शून्य अपशिष्ट, शून्य बिजली और शून्य पानी के साथ नेट ज़ीरो कैंपस होगा। यह भवन पर्यावरण हितैषी भवन होगा। राजस्थान राज्य में अपनी तरह का यह पहला निर्माण होगा। 
  • प्रारंभ में संस्थान के लिये 1,400 छात्रों की क्षमता की सोच रखी गई थी। अब यूजी, पीजी और पीएचडी कार्यक्रमों की संख्या को देखते हुए छात्रों की संख्या को 4,000 तक संशोधित किया गया है।  
  • राजीव गांधी फिनटेक डिजिटल इंस्टीट्यूट के तहत चार स्कूल प्रस्तावित हैं। इसमें स्कूल ऑफ फाइनेंशियल इन्फॉर्मेशन सिस्टम, स्कूल ऑफ फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी, इंस्ट्रूमेंट्स एंड मार्केट्स, स्कूल ऑफ फाइनेंशियल सिस्टंस एंड एनालिटिक्स और स्कूल ऑफ फिनटेक इनोवेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप हैं।  
  • संस्थान में स्मार्ट क्लासरूम, ट्यूटोरियल रूम, लेक्चर थिएटर, फ्लिप क्लासरूम, कंप्यूटर लैब, कंप्यूटर सेंटर, सेंट्रल लाइब्रेरी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, सेमिनार हॉल बोर्ड रूम 1,000 छात्रों के लिये ऑडिटोरियम, खेल सुविधाएँ आदि होंगी।
  • संस्थान में गेस्ट हाउस, एकेडमिक ब्लॉक, कार्यशालाएँ, छात्रावास, फैकल्टी ब्लॉक, गैर-शिक्षण ब्लॉक, डीन और निदेशक निवास सहित 11,55,500 वर्ग फीट में निर्माण होगा। इसमें शिक्षण, अनुसंधान और विकास के लिये अत्याधुनिक आईटी सुविधाएँ होंगी।

राजस्थान Switch to English

तीन दिवसीय 69वीं राज्यस्तरीय सीनियर कबड्डी प्रतियोगिता का शुभारंभ

चर्चा में क्यों?

21 अप्रैल, 2022 को राजस्थान के अल्पसंख्यक मामलात मंत्री शाले मोहम्मद ने  जैसलमेर के शहीद पूनम सिंह स्टेडियम में 69वीं राज्यस्तरीय तीन दिवसीय सीनियर पुरुष एवं महिला वर्ग कबड्डी प्रतियोगिता का विधिवत् शुभारंभ किया।

प्रमुख बिंदु

  • इस प्रतियोगिता का आयोजन 24 अप्रैल तक किया जाएगा। 
  • उल्लेखनीय है कि ज़िला कबड्डी संघ द्वारा पहली बार जैसलमेर में राज्यस्तरीय सीनियर कबड्डी प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है।  
  • इस प्रतियोगिता में पुरुष वर्ग में 31 ज़िलों की टीमें एवं महिला वर्ग में 24 ज़िलों की टीमें भाग ले रही हैं। 
  • इस अवसर पर अल्पसंख्यक मामलात मंत्री ने कहा कि पहली बार प्रदेश में पदक विजेता खिलाड़ियों को सरकारी नौकरियों में 2 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है, जो खेल जगत के लिये अनुकरणीय कदम है।

मध्य प्रदेश Switch to English

लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिये दतिया ज़िले को मिला प्रधानमंत्री पुरस्कार

चर्चा में क्यों?

21 अप्रैल, 2022 को सिविल सेवा दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दतिया ज़िला प्रशासन को पोषण अभियान में जनभागीदारी को बढ़ावा देने और लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिये प्रधानमंत्री पुरस्कार से सम्मानित किया। 

प्रमुख बिंदु

  • विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में दतिया ज़िले के कलक्टर संजय कुमार ने यह पुरस्कार ग्रहण किया। इसके साथ ही मध्य प्रदेश कैडर के 3 अन्य अधिकारियों को भी पीएम उत्कृष्टता पुरस्कार से नवाजा गया। 
  • दतिया ज़िले में जनभागीदारी के माध्यम से पोषण अभियान में ‘मेरा बच्चा अभियान’ की शुरुआत की गई। अभियान में कुपोषित माँ और बच्चों की पहचान कर उन्हें कुपोषण से सुपोषण कार्यक्रम में शामिल किया गया।  
  • इस कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चों में कम वजन, ठिगनापन और शारीरिक अपक्षय को दूर करना और महिलाओं में खून की कमी का उपचार करना है। इसके साथ ही ज़िले में ‘पोषण मटका’ थीम में कुपोषित बच्चों के परिवारों को खाद्यान्न सहयोग देने के लिये भी समुदाय को प्रेरित किया गया। 
  • इंदौर ज़िले के कलक्टर मनीष सिंह को ‘स्वच्छ इंदौर अभियान’ के लिये नागरिक-सरकारी इंटरफेस के लिये पीएम उत्कृष्टता पुरस्कार, 2020 से सम्मानित किया गया। 
  • मध्य प्रदेश एमएसएमई के संचालक विशेष गढ़पाले को दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों के लिये सरकार और नागरिक के बीच अलग-अलग इंटरफेस के लिये एक सॉफ्टवेयर विकसित करने हेतु पीएम उत्कृष्टता पुरस्कार, 2019 से सम्मानित किया गया है। 
  • इसी क्रम में मध्य प्रदेश के आईएएस अधिकारी अजय तिर्की, जो वर्तमान में केंद्रीय भूमि संसाधन विभाग में सचिव पद पर प्रतिनियुक्ति पर हैं, को संपत्ति दस्तावेज एवं कार्यों आदि के पंजीकरण के लिये ‘वन नेशन-वन सॉफ्टवेयर’ एप्लीकेशन विकसित करने के नवाचार के लिये पीएम उत्कृष्टता पुरस्कार, 2021 दिया गया।

मध्य प्रदेश Switch to English

मध्य प्रदेश के लिये 406 चलित पशु चिकित्सा इकाई स्वीकृत

चर्चा में क्यों?

21 अप्रैल, 2022 को मध्य प्रदेश के पशुपालन एवं डेयरी मंत्री प्रेम सिंह पटेल ने बताया कि केंद्र शासन द्वारा प्रदेश में 4 करोड़ 6 लाख पशुधन के मान से 406 चलित पशु चिकित्सा इकाई स्वीकृत की गई हैं।

प्रमुख बिंदु

  • केंद्रीय पशु चिकित्सालयों एवं औषधालयों की स्थापना एवं सुदृढ़ीकरण योजना में वर्ष 2021-22 में भारत सरकार द्वारा चलित पशु चिकित्सा इकाई का नवीन घटक शामिल किया गया है। योजना में प्रति एक लाख पशुधन पर एक चलित पशु चिकित्सा इकाई संचालित की जाएगी।
  • चलित पशु चिकित्सा इकाई का वाहन पूर्णत: आधुनिक उपकरणों और स्टाफ से सुसज्जित रहेगा। वाहन में एक पशु चिकित्सक, एक पैरावेट और एक वाहन चालक सह-सहायक रहेगा। इसके अलावा वाहन में पशु चिकित्सा, लघु शल्य चिकित्सा, कृत्रिम गर्भाधान, रोग अन्वेषण से संबंधित आवश्यक उपकरण स्थापित रहेंगे। प्रचार-प्रसार के लिये प्रोजेक्टर, स्पीकर आदि भी लगाया जाएगा। 
  • वाहन में उपलब्घ आवश्यक मानव संसाधन, औषधि, वाहन के लिये पीओएल एवं रख-रखाव आदि के लिये प्रति वर्ष 18 लाख 72 हज़ार रुपए प्रति चलित पशु चिकित्सा इकाई का प्रावधान किया गया है। इसमें 60 प्रतिशत केंद्रांश एवं 40 प्रतिशत राज्यांश रहेगा।
  • वाहन, वाहन की साज-सज्जा, पशु चिकित्सा के लिये आवश्यक उपकरण, प्रचार-प्रसार उपकरण और फेब्रीकेशन के लिये भी 16 लाख रुपए का प्रावधान किया गया है। यह राशि 100 प्रतिशत केंद्रांश पर आधारित है। 
  • चलित पशु चिकित्सा इकाई के लिये कॉल सेंटर की भी स्थापना की जाएगी। कॉल सेंटर में कॉल ऑपरेटर एवं पशु चिकित्सक की नियुक्ति की जाएगी। सेंटर के लिये भी 60 प्रतिशत केंद्रांश एवं 40 प्रतिशत राज्यांश राशि का प्रावधान किया गया है।

हरियाणा Switch to English

हरियाणा में पाँच वर्ष से कम आयु की बाल मृत्यु दर में पाँच अंकों की गिरावट

चर्चा में क्यों?

21 अप्रैल, 2022 को हरियाणा के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री अनिल विज ने बताया कि भारत के रजिस्ट्रार जनरल और नमूना पंजीकरण प्रणाली (एसआरएस) के अनुसार नवीनतम बाल स्वास्थ्य आँकड़ों में पाँच वर्ष से कम आयु की शिशु मृत्यु दर में हरियाणा में पाँच अंकों की उल्लेखनीय गिरावट आई है।

प्रमुख बिंदु

  • मंत्री अनिल विज ने बताया कि पंजाब, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड जैसे पड़ोसी राज्यों की तुलना में हरियाणा में यू5एमआर में 5 अंकों की गिरावट सबसे अधिक है। 
  • उन्होंने बताया कि हरियाणा माताओं और शिशुओं को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के निरंतर प्रयास के माध्यम से बाल स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। आरबीएसके कार्यक्रमों के तहत मुफ्त सर्जरी ने भी बाल मृत्यु दर की गिरावट में योगदान दिया है।  
  • हरियाणा में पाँच अंकों की गिरावट के साथ पाँच वर्ष से कम मृत्यु दर (यू5एमआर) 36 (एसआरएस, 2018) से घटकर 31 (एसआरएस, 2019) प्रति 1000 जन्म हुई है।  
  • शिशु मृत्यु दर (आईएमआर) 30, (एसआरएस 2018) से 27 (एसआरएस 2019) और नवजात मृत्यु दर (एनएमआर) 22 (एसआरएस 2018) से घटकर 19 (एसआरएस 2019) हो गई है, इन दोनों संकेतकों में भी उल्लेखनीय 3 अंक की गिरावट आई है। 
  • बाल स्वास्थ्य संकेतकों में गिरावट स्वास्थ्य विभाग द्वारा की गई, विभिन्न बाल स्वास्थ्य पहलों के कारण हुई है, जिसमें कार्यात्मक कंगारू मदर केयर यूनिट (केएमसी इकाइयों) के साथ 24 विशेष नवजात देखभाल इकाइयाँ (एसएनसीयू) शामिल हैं। उपमंडल अस्पताल (एसडीएच), अंबाला छावनी और एसडीएच जगाधरी में 2 नए एसएनसीयू स्थापित किये गए हैं। 
  • नलहड़ मेडिकल कॉलेज, नूँह और अग्रोहा मेडिकल कॉलेज, हिसार में मदर न्यूबॉर्न केयर यूनिट (एमएनसीयू) की स्थापना की गई है। 66 नवजात स्थिरीकरण इकाइयों (एनबीएसयू), 318 नवजात देखभाल केंद्रों के साथ-साथ 11 पोषण पुनर्वास केंद्रों (एनआरसी) ने भी एनएमआर और आगे आईएमआर को कम करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 
  • यू5एमआर में कमी टीकाकरण सेवाओं में सुधार, अन्य बाल स्वास्थ्य संबंधी कार्यक्रमों, जैसे- गहन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा, सामाजिक जागरुकता और निमोनिया को सफलतापूर्वक बेअसर करने के लिये कार्रवाई, सूक्ष्म पोषक तत्त्व अनुपूरक दौर, राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस, आशा के माध्यम से घर-घर प्रसवोत्तर देखभाल आदि नियमित रूप से चलने वाले कार्यक्रमों के कारण हुई है।

छत्तीसगढ़ Switch to English

छत्तीसगढ़ में 9240 करोड़ रुपए लागत की 33 सड़क परियोजनाओं का लोकार्पण-शिलान्यास

चर्चा में क्यों?

21 अप्रैल, 2022 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने छत्तीसगढ़ में 9240 करोड़ रुपए लागत की कुल 1017 किमी. लंबाई की 33 सड़क परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया।

प्रमुख बिंदु

  • राजधानी रायपुर के पं. जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल मेडिकल कॉलेज में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार तथा भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा आयोजित कार्यक्रम में इन परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया गया। 
  • इन सड़कों के बनने से छत्तीसगढ़ के पड़ोसी राज्यों ओडिशा, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, झारखंड, उत्तर प्रदेश से कनेक्टिविटी ज़्यादा अच्छी हो जाएगी। प्रदेश के पिछड़े क्षेत्र के लिये सुचारु रोड नेटवर्क विकसित होगा। इससे ईंधन, यात्रा समय, दूरी और कुल परिवहन लागत में बचत होगी। 
  • केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के तीन मार्गों- रायगढ़-घरघोड़ा-धरमजयगढ़-पत्थलगाँव मार्ग (लंबाई 75 किमी.), अंबिकापुर-वाड्रफनगर-बंहनी-रेनकूट-बनारस मार्ग (लंबाई 110.60 किमी.) तथा पंडरिया-बजाग-गाड़ासरई मार्ग (लंबाई 37 किमी.) को भारतमाला परियोजना-2 में शामिल करने का आश्वासन दिया। 
  • केंद्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आग्रह पर छत्तीसगढ़ में आरओबी निर्माण के लिये 300 करोड़ रुपए देने की घोषणा करते हुए कहा कि इसके अतिरिक्त आरओबी के लिये वर्ष 2022-23 में छत्तीसगढ़ को 400 करोड़ रुपए मिलेंगे।  
  • मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्रीय मंत्री गडकरी से रायपुर से शदाणी दरबार तक 10 किमी. हिस्से में सर्विस रोड की स्वीकृति प्रदान करने, रायपुर शहर में टाटीबंध चौक से मैगनेटो मॉल के बीच फ्लाईओवर निर्माण, एनएच-30 में ग्राम धनेली से विधानसभा, बलौदाबाज़ार होते हुए सारंगढ़ की ओर जाने वाले मार्ग को एनएच-53 से जोड़ने तथा विधानसभा से जोरा (एनएच-53) के इस भाग को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने का आग्रह किया। 
  • इसी तरह मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री गडकरी से राम वन गमन पथ (लंबाई 1000 किमी.), चंद्रपुर-खरसिया-पत्थलगाँव मार्ग, कुम्हारी-भिलाई बाइपास (लंबाई 23 किमी.) तथा बरदुला-नगरी-कांकेर-संबलपुर-मानपुर मार्ग (लंबाई 195 किमी.) को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने का आग्रह किया। 
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय राजमार्गों की कुल लंबाई 3525 किमी. है। इसमें से 2447 किमी. का लोक निर्माण विभाग तथा 1078 किमी. का एनएचएआई द्वारा संधारण एवं निर्माण किया जा रहा है।  
  • उन्होंने चांपा-उरगा-कोरबा मार्ग निर्माण, पाली-कटघोरा मार्ग निर्माण, मुंगेली-पोंडी मार्ग, झलमला-शेरपार-मानपुर मार्ग, अभनपुर-पोंड मार्ग, मदांगमुड़ा से देवभोग मार्ग के निर्माण की स्वीकृति देने तथा भारतमाला एवं इकोनॉमिक कॉरिडोर योजना के अंतर्गत रायपुर-विशाखापत्तनम मार्ग, बिलासपुर-उरगा-पत्थलगाँव मार्ग, चांपा-कोरबा मार्ग को शामिल करने पर केंद्रीय मंत्री गडकरी को धन्यवाद दिया।

छत्तीसगढ़ Switch to English

राष्ट्रीय जनजातीय साहित्य महोत्सव

चर्चा में क्यों?

19-21 अप्रैल, 2022 तक छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में राष्ट्रीय जनजातीय साहित्य महोत्सव, राज्यस्तरीय जनजातीय नृत्य महोत्सव एवं राज्यस्तरीय जनजाति कला एवं चित्रकला प्रतियोगिता के तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

प्रमुख बिंदु

  • इसका आयोजन भारत सरकार, जनजातीय कार्य मंत्रालय एवं आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान के सहयोग से किया गया।  
  • इस आयोजन के दौरान विविध कार्यक्रमों के साथ-साथ देश के प्रख्यात साहित्यकारों ने जनजातीय साहित्य और संस्कृति पर गहन विचार-विमर्श किया। 
  • साहित्य महोत्सव के अंतर्गत साहित्य परिचर्चा एवं शोध-पत्र वाचन किया गया। साहित्य परिचर्चा कार्यक्रम के अंतर्गत कुल 08 सत्र आयोजित किये गए, जिसमें देश के प्रख्यात साहित्यकारों ने भाग लिया।  
  • इसके अंतर्गत भारत जनजातीय भाषा एवं साहित्य का विकास- वर्तमान एवं भविष्य, भारत में जनजातीय विकास- मुद्दे, चुनौतियाँ एवं भविष्य, भारत में जनजातियों में वाचिक परंपरा के तत्त्व एवं विशेषताएँ तथा संरक्षण हेतु उपाय, भारत में जनजातीय धर्म एवं दर्शन, जनजातीय लोक कथाओं का पठन एवं अनुवाद तथा विभिन्न बोली-भाषाओं में जनजातीय लोक काव्य पठन एवं अनुवाद आदि विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया।  
  • इसी प्रकार शोध-पत्र वाचन में जनजातीय साहित्य: भाषा विज्ञान एवं अनुवाद, जनजातीय साहित्य में जनजातीय अस्मिता, जनजातीय साहित्य में जनजातीय जीवन का चित्रण, जनजातीय समाजों में वाचिक परंपरा की प्रासंगिकता, जनजातीय साहित्य में अनेकता एवं चुनौतियाँ, जनजातीय साहित्य में लिंग संबंधी मुद्दे, जनजातीय कला साहित्य, जनजातीय साहित्य में सामाजिक-सांस्कृतिक संघर्ष, जनजातीय साहित्य में मुद्दे, चुनौतियाँ एवं संभावनाएँ तथा जनजातीय विकास मुद्दे एवं चुनौतियाँ विषय पर शोध-पत्र का वाचन किया गया।  
  • साहित्यिक शोध-पत्र पठन एवं जनजातीय साहित्य पर परिचर्चा के अलावा इस अवसर पर कला एवं चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया। इसके अंतर्गत 18 से 30 आयु वर्ग एवं 30 से ऊपर प्रतिभागियों के लिये कैनवास पेंटिंग की प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।  
  • वहीं दूसरी ओर 12 से 18 आयु वर्ग के लिये ड्राइंग सीट पर पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।  
  • इसके अलावा हस्तकला प्रदर्शन के अंतर्गत बाँस कला, छिंदकला, गोदना कला, रजवार कला, शीसल कला, माटी कला एवं काष्ठ कला के प्रतिभागियों द्वारा अपनी प्रतिभा का जीवंत प्रदर्शन भी किया गया।

उत्तराखंड Switch to English

चंपावत में बनेगा हाई-टेक मधुमक्खीपालन प्रशिक्षण केंद्र

चर्चा में क्यों?

21 अप्रैल, 2022 को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित शहद निष्कर्षण कार्यक्रम के दौरान चंपावत में प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना के संबंध में बागवानी विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये।

प्रमुख बिंदु

  • उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री धामी ने हाल ही में मुख्यमंत्री आवास के परिसर को बागवानी गतिविधियों के मॉडल के रूप में विकसित करने का निर्देश दिया था, ताकि मुख्यमंत्री आवास पर आने वाले लोगों को बागवानी में आधुनिक तकनीकों के बारे में प्रत्यक्ष अनुभव और जानकारी मिल सके।
  • इस अवसर पर बागवानी निदेशक हरमिंदर सिंह बावेजा ने बताया कि मधुमक्खियाँ शहद उत्पादन के अलावा परागण को बढ़ाकर कृषि उत्पादन में वृद्धि करती हैं।
  • इसी तरह रॉयल जेली, प्रोपोलिस, मधुमक्खी मोम, पराग, कोंब हनी और बी वेनम जैसे उत्पाद भी मधुमक्खीपालकों द्वारा तैयार किये जाते हैं। 
  • गौरतलब है कि मीठी क्रांति मधुमक्खीपालन को बढ़ावा देने के लिये भारत सरकार की एक महत्त्वाकांक्षी पहल है, जिसे ‘मधुमक्खीपालन’ (Beekeeping) के नाम से जाना जाता है। मीठी क्रांति को बढ़ावा देने हेतु सरकार द्वारा वर्ष 2020 में (कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के तहत) राष्ट्रीय मधुमक्खीपालन और शहद मिशन शुरू किया गया।

उत्तराखंड Switch to English

‘प्रवेश उत्सव’

चर्चा में क्यों?

20 अप्रैल, 2022 को उत्तराखंड के शिक्षा एवं स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने राजकीय इंटर कॉलेज श्रीनगर से एक व्यापक नामांकन अभियान ‘प्रवेश उत्सव’ की शुरुआत की।

प्रमुख बिंदु

  • यह व्यापक नामांकन अभियान राज्य के सरकारी स्कूलों में छात्र नामांकन बढ़ाने के लिये उत्तराखंड के शिक्षा विभाग द्वारा चलाया जा रहा है। 
  • 10 दिवसीय ‘प्रवेश उत्सव’ अभियान का संचालन 30 अप्रैल तक किया जाएगा।
  • शिक्षा विभाग अपने ज़िले में अभियान में उच्चतम नामांकन प्राप्त करने वाले शीर्ष दस स्कूलों को एक कंप्यूटर प्रणाली प्रदान करेगा।
  • उत्तराखंड में विद्यार्थी नामांकन अनुपात निम्न प्रकार है- 

उत्तराखंड

प्राथमिक (1 से 5)

उच्च प्राथमिक (6 से 8)

एलीमेंट्री (1 से 8)

लड़के

113.7

लड़कियाँ

116.7

कुल

115.2

लड़के

97.3

लड़कियाँ

99.2

कुल

98.2

लड़के

107.3

लड़कियाँ

109.7

कुल

108.5

(स्रोत: भारतीय राज्यों पर सांख्यिकी की हैंडबुक, आरबीआई)


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