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एकमुश्त समझौता योजना
चर्चा में क्यों?
राजस्थान सरकार ने किसानों एवं लघु उद्यमियों के लिये एकमुश्त समझौता योजना (OTS) लागू करने की घोषणा की है।
मुख्य बिंदु
- योजना के बारे में:
- इसका प्रमुख उद्देश्य किसानों और लघु उद्यमियों को वित्तीय संकट से बचाना और भूमि विकास बैंकों की स्थिरता सुनिश्चित करना है।
- इस योजना के तहत, यदि ऋणी 1 जुलाई, 2024 तक अवधिपार हो चुके मध्यकालीन एवं दीर्घकालीन ऋण के मूलधन की 100 प्रतिशत राशि जमा करते हैं, तो उन्हें ब्याज में शत-प्रतिशत छूट प्रदान की जाएगी।
- इसके अलावा, 5 प्रतिशत अनुदान की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे पात्र ऋणी सदस्य पुनः ऋण प्राप्त करने में सक्षम होंगे।
- इस योजना से भूमि विकास बैंकों से जुड़े 36,351 अवधिपार ऋणी सदस्यों को लाभ मिलेगा।
- विभिन्न आपदाओं के कारण किसान ऋण की किस्तें समय पर नहीं चुका सके, जिससे सहकारी भूमि विकास बैंकों का अवधिपार ऋण 760 करोड़ रुपए तक पहुँच गया है।
- इस स्थिति को सुधारने के लिये सरकार 200 करोड़ रुपए खर्च करेगी, जिससे न केवल ऋणों की वसूली आसान होगी, बल्कि बैंकों की आर्थिक स्थिति में सुधार भी होगा।
- योजना का महत्त्व
- यह योजना किसानों को नया ऋण प्राप्त करने और उनकी उत्पादन क्षमता बढ़ाने में सहायता करेगी।
- इस योजना से छोटे व्यापारियों को वित्तीय राहत मिलेगी, जिससे वे अपने व्यवसाय को पुनः स्थापित और सशक्त कर सकेंगे।
- इस योजना से भूमि विकास बैंकों की ऋण वसूली दर में सुधार होगा।
भूमि विकास बैंक के बारे में:
- परिचय
- भूमि विकास बैंक (Land Development Bank - LDB) विशेष रूप से कृषि और ग्रामीण विकास के लिये स्थापित सहकारी बैंक हैं।
- ये बैंक दीर्घकालिक ऋण प्रदान करते हैं, जो मुख्य रूप से किसानों को भूमि सुधार, सिंचाई, बागवानी, कृषि उपकरण खरीदने, पशुपालन और अन्य कृषि संबंधी गतिविधियों के लिये दिये जाते हैं।
- इतिहास
- भारत में पहला भूमि विकास बैंक वर्ष 1920 में पंजाब के झंग में स्थापित किया गया था।
- इसके बाद वर्ष 1929 में चेन्नई में एक और बैंक की स्थापना हुई, जिसके साथ भूमि विकास बैंकों का विस्तार शुरू हुआ।
- वित्त के स्रोत
- केंद्र एवं राज्य सरकारों द्वारा अनुदान और सहायता।
- कृषि एवं ग्रामीण विकास के लिये वित्तपोषण।
- दीर्घकालिक वित्त जुटाने हेतु बॉन्ड्स का निर्गम।
- विभिन्न सहकारी एवं वाणिज्यिक बैंकों से ऋण।
- ऋण वितरण और पुनर्भुगतान
- भूमि विकास बैंक 20 से 30 वर्षों की अवधि के लिये दीर्घकालिक ऋण प्रदान करते हैं।
- ऋण की राशि आमतौर पर भूमि के मूल्य के 50% या वार्षिक राजस्व के 30 गुना तक होती है।
- ऋण प्रदान करने से पहले भूमि के स्वामित्व, आय और ऋण आवश्यकता का पूर्ण सत्यापन किया जाता है।
- ब्याज दरें आमतौर पर 11-12% होती हैं, ताकि किसान इसे आसानी से चुका सकें।

