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राजस्थान स्वास्थ्य का अधिकार विधेयक, 2022 पारित
चर्चा में क्यों?
21 मार्च, 2023 को राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री परसादीलाल मीणा ने बताया कि राज्य विधानसभा ने राजस्थान स्वास्थ्य का अधिकार विधेयक, 2022 को ध्वनिमत से पारित कर दिया है।
प्रमुख बिंदु
- चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री परसादीलाल मीणा ने बताया कि राज्य सरकार ने सभी सदस्यों के सुझाव के आधार पर इस विधेयक को प्रवर समिति को भेजा था। विधेयक में सभी सदस्यों एवं चिकित्सकों के सुझाव शामिल किये गए हैं।
- उन्होंने बताया कि राज्य में अस्पतालों में उपचार के लिये मरीजों को मना नहीं किया जाए, इसीलिये राइट टू हेल्थ विधेयक लाया गया है। इसके अंतर्गत इमरजेंसी में इलाज का खर्चा संबंधित मरीज द्वारा वहन नहीं करने की स्थिति में पुनर्भरण राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा।
- राइट टू हेल्थ विधेयक के तहत राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण लॉजिस्टिकल शिकायत का भी गठन किया गया है। साथ ही, ज़िला स्तरीय प्राधिकरण का प्रावधान भी किया गया है।
- मंत्री ने बताया कि बड़े अस्पतालों को राज्य सरकार द्वारा रियायती दर पर ज़मीनें उपलब्ध करवाई गई हैं। इन अस्पतालों को राइट टू हेल्थ विधेयक के अंतर्गत जोड़ने का प्रावधान है।
- चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि प्रदेश स्वास्थ्य के क्षेत्र में मॉडल स्टेट बन रहा है। इसके लिये राज्य सरकार द्वारा स्वास्थ्य क्षेत्र पर 7 प्रतिशत बजट व्यय हो रहा है।
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राजस्थान अधिवक्ता संरक्षण विधेयक, 2023 संशोधित रूप में पारित
चर्चा में क्यों?
21 मार्च, 2023 को राजस्थान के विधि एवं विधिक कार्य मंत्री शांति कुमार धारीवाल ने बताया कि राज्य विधानसभा ने अधिवक्ताओं के विरूद्ध हिंसा को रोकने के लिये राजस्थान अधिवक्ता संरक्षण विधेयक, 2023 को संशोधित रूप में पारित कर दिया है, जिसमें अधिवक्ताओं द्वारा दिये गए महत्त्वपूर्ण सुझावों को शामिल किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- शांति कुमार धारीवाल ने बताया कि राजस्थान अधिवक्ता संरक्षण विधेयक, 2023 राज्य में कर्तव्यों के निर्वहन करने के दौरान किसी अधिवक्ता के विरूद्ध हमला, घोर उपहति, आपराधिक बल और आपराधिक अभित्रास को रोकने के लिये लाया गया है। इस कानून से अधिवक्ताओं को हिंसा के विरूद्ध संरक्षण मिलेगा।
- उन्होंने बताया कि राजस्थान पहला राज्य है जहाँ अधिवक्ताओं के संरक्षण की दिशा में ऐसा कानून लाया गया है। अधिवक्ताओं के कल्याण के लिये राज्य सरकार द्वारा प्रतिवर्ष 5 करोड़ रुपए बार काउंसिल को दिये जाते हैं।
- विधेयक के प्रावधानों को अधिवक्ताओं से विस्तृत चर्चा के बाद तैयार किया गया है। इस संबंध में वर्ष 2019 में प्रथम बैठक की गई थी, जिसके बाद कई अनौपचारिक बैठक कर विधेयक को तैयार किया गया।
- यदि कोई अपराधी किसी अधिवक्ता की संपत्ति को नुकसान पहुँचाता है तो न्यायालय द्वारा निर्धारित क्षतिपूर्ति की राशि उससे वसूल कर पीड़ित अधिवक्ता को देने का प्रावधान किया गया है। क्षतिपूर्ति की इस राशि की त्वरित वसूली भू-राजस्व के बकाया की तर्ज पर की जाएगी।
- अधिवक्ताओं द्वारा इस कानून का दुरुपयोग करने पर 2 साल तक की सजा का प्रावधान भी किया गया है। साथ ही, राजस्थान अधिवक्ता संरक्षण विधेयक, 2023 प्रारूप के खंड 9 को विलोपित कर दिया गया है।
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