अमृत 2.0 की योजनाओं की स्वीकृति में देश का पहला राज्य बना झारखंड | झारखंड | 22 Mar 2022
चर्चा में क्यों?
हाल ही में केंद्र सरकार ने नवीकरण और शहरी परिवर्तन के लिये अटल मिशन (अमृत) 2.0 हेतु झारखंड सरकार की शत-प्रतिशत योजनाओं को स्वीकृति प्रदान कर दी है। इसके साथ ही झारखंड पूरे देश में अमृत 2.0 के तहत योजनाओं की स्वीकृति में पहला राज्य बन गया है।
प्रमुख बिंदु
- पहले चरण में 6 राज्यों ने प्रस्ताव भेजा था, जिनमें झारखंड पहला ऐसा राज्य है, जिसकी सभी योजनाओं को सबसे पहले स्वीकृति मिली है।
- इससे राज्य के 16 नगर निकायों- रामगढ़, सिमडेगा, लोहरदगा, गुमला, जामताड़ा, बरहरवा, बड़कीसरइया, बचरा, छतरपुर, हरिहरगंज, वंशीधर, धनवार, महगामा, डोमचांच, कपाली और विश्रामपुर की जलापूर्ति व्यवस्था दुरुस्त होगी। इसके अलावा अमृत सिटी में अपशिष्ट जल प्रबंधन के क्षेत्र में भी कार्य तेज़ हो सकेगा।
- झारखंड में अमृत 2.0 के तहत निर्धारित लक्ष्य हैं- शहरी क्षेत्र के हर घर को नि:शुल्क पीने का पानी पहुँचाना, राज्य के सात प्रमुख शहरों में अपशिष्ट जल प्रबंधन, सभी निकायों में जलस्रोत का जीर्णोद्धार और 2025-26 तक हरियाली विकसित करना।
- गौरतलब है कि राज्य में हर घर में लगने वाले मीटर कनेक्शन को पहले ही नि:शुल्क कर दिया गया है तथा नियंत्रित मात्रा में जल उपयोग करने वाले परिवार को नि:शुल्क जलापूर्ति की घोषणा की जा चुकी है, चाहे वो वाटर कनेक्शन किसी भी योजना के तहत मिला हो।
- राज्य के 16 नगर निकायों में 190000 घरों को टैब वाटर के रूप में नि:शुल्क जल देने की योजना है। इन योजनाओं से 900000 से ज़्यादा लोग लाभान्वित होंगे। योजनाओं में नवीन तकनीक, जैसे- स्काडा, जीआईएस और सेंसर का इस्तेमाल होगा।।
- राज्य को अमृत 2.0 के तहत 1178 करोड़ रुपए केंद्र के अंशदान राशि के रूप में प्राप्त हैं। प्रथम चरण में जिन योजनाओं के लिये स्वीकृति मिली है, उनमें कुल 1122 करोड़ रुपए की लागत आएगी, जिसमें केंद्र के साथ-साथ राज्य सरकार का अंशदान भी है।
- उल्लेखनीय है कि नवीकरण और शहरी परिवर्तन के लिये अटल मिशन (अमृत), देश का पहला केंद्रित राष्ट्रीय जल मिशन है, जिसे जून 2015 में देश के 500 शहरों में नागरिकों को नल कनेक्शन और सीवर कनेक्शन प्रदान करके जीवन में सुगमता लाने के लिये शुरू किया गया था।