नोएडा शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 9 दिसंबर से शुरू:   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

बिहार स्टेट पी.सी.एस.

  • 22 Feb 2022
  • 0 min read
  • Switch Date:  
बिहार Switch to English

अंतरिक्ष में होने का अहसास कराएगा पटना का अत्याधुनिक तारामंडल

चर्चा में क्यों?

हाल ही में कोलकाता से आई 6 सदस्यीय टीम ने पटना स्थित तारामंडल का निरीक्षण किया, जिसके उपरांत इस तारामंडल को डिजिटल बनाने का कार्य शुरू हो गया है।

प्रमुख बिंदु

  • पटना तारामंडल देश का पहला ऐसा तारामंडल होगा, जहाँ 6 रेड, ग्रीन और ब्ल्यू (आरजीबी) प्योर लेज़र प्रोजेक्टर लगाए जाएंगे। इन प्रोजेक्टर में रंगों के अनेक प्रकार हैं।
  • ये प्रोजेक्टर आरजीबी किरणों को कंप्यूटर के माध्यम से मिलाकर शो के लिये वास्तविक रंगों का निर्माण करेंगे, जिससे दर्शकों को तारामंडल में अंतरिक्ष में होने का अहसास होगा।
  • यह प्रोजेक्शन सिस्टम 16 मीटर डायमीटर डोम एरिया के अनुरूप उपयुक्त एवं आधुनिक तकनीक से लैस होगा। इसकी कुल लागत 36 करोड़ 13 लाख 20 हज़ार रुपए होगी।
  • इस प्रोजेक्टर से 2डी और 3डी शो देखने की सुविधा मिलेगी।
  • गौरतलब है कि देश में 22 तारामंडल हैं, जिनमें से कोलकाता साइंस सिटी और कर्नाटक पिलिकुला स्वामी विवेकानंद प्लेटरियम में 3डी प्रोजेक्टर लगा हुआ है। बाकी सभी तारामंडलों में 2डी प्रोजेक्टर लगे हैं।
  • विदत है कि बिहार में पटना के अलावा गया और भागलपुर में भी तारामंडल का निर्माण कार्य प्रगति पर है।
  • आरजीबी प्योर लेज़र प्रोजेक्टर की आयु 40 हज़ार से अधिक घंटे की होती है। इसमें कूलिंग सिस्टम लगा रहता है। इस प्रोजेक्टर से आँखों पर कोई हानिकारक प्रभाव नहीं पड़ता। डिजिटल प्रोजेक्टर की अपेक्षा इसमें ब्राइटनेस अधिक होती है।

बिहार Switch to English

नेशनल मिशन फॉर इंटर डिसिप्लिनरी साइबर फिजिकल सिस्टम

चर्चा में क्यों?

21 फरवरी, 2022 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में राज्य के सभी राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालयों में भारत सरकार की बहुविषयक साइबर फिजिकल प्रणाली योजना (NM-ICPS) के तहत प्रौद्योगिकी विकास, कौशल विकास, उद्यमिता एवं स्टार्टअप विषयों में प्रशिक्षण दिये जाने हेतु प्रौद्योगिकी नवाचार केंद्र के रूप में आईआईटी रूड़की के ‘दिव्या संपर्क इनोवेशन हब’ को मनोनीत किया गया।

प्रमुख बिंदु

  • NM-ICPS एक समग्र मिशन है, जो साइबर फिजिकल सिस्टम में प्रौद्योगिकी विकास, मानव संसाधन विकास, उद्यमशीलता और स्टार्टअप विकास तथा संबंधित प्रौद्योगिकियों के मुद्दों को हल करेगा।
  • मिशन का लक्ष्य 15 प्रौद्योगिकी नवाचार केंद्र, 6 विनियोग नवाचार केंद्र और 4 प्रौद्योगिकी आधारित नव अनुसंधान केंद्र बनाना है।
  • इस मिशन को वर्ष 2018 में केंद्र सरकार द्वारा 5 वर्षों के लिये मंज़ूरी प्रदान की गई थी।

 Switch to English
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow