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उत्तराखंड स्टेट पी.सी.एस.

  • 21 Dec 2022
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उत्तराखंड राज्य पार्किंग (स्थल चयन, निर्माण एवं संचालन इत्यादि) नियमावली, 2022 को मंज़ूरी

चर्चा में क्यों?

20 दिसंबर, 2022 को उत्तराखंड कैबिनेट ने राज्य में पार्किंग की समस्या दूर करने के लिये उत्तराखंड राज्य पार्किंग (स्थल चयन, निर्माण एवं संचालन इत्यादि) नियमावली, 2022 को मंज़ूरी दे दी।

प्रमुख बिंदु 

  • उत्तराखंड राज्य पार्किंग (स्थल चयन, निर्माण एवं संचालन इत्यादि) नियमावली, 2022 के अंतर्गत राज्य में अब खेती की ज़मीन पर भी खुली पार्किंग बन सकेगी। इसके लिये न तो लैंड यूज बदलने की ज़रूरत होगी और न ही कोई अन्य सरकारी अड़चन आएगी।
  • इस नीति के तहत चार श्रेणियों में पार्किंग के निर्माण होंगे। शासन स्तर से सरकारी जमीनों पर पार्किंग बनेगी। निजी ज़मीनों पर कोई भी व्यक्ति पार्किंग का निर्माण कर सकेगा। सरकारी जमीनों पर निजी विकासकर्त्ता भी पार्किंग का निर्माण कर सकेगा, वहीं निजी ज़मीनों पर सरकार पार्किंग का निर्माण कर सकेगी।
  • राज्य में जो भी पार्किंग बनाएंगे, उन्हें पाँच साल तक एक रुपया प्रति यूनिट की दर से बिजली में छूट मिलेगी। उनसे सरकार सब डिविजनल चार्ज या डेवलपमेंट चार्ज भी नहीं लेगी। स्थानीय युवा वीर चंद्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोज़गार योजना के तहत लोन लेकर भी पार्किंग निर्माण कर सकेंगे।
  • अगर कोई होटल, रेस्तरां, अस्पताल या कॉलेज अपनी पार्किंग अन्यत्र बनाता है तो उसे नियमों का पालन करने के साथ ही उस पार्किंग का एक हिस्सा सार्वजनिक पार्किंग के लिये भी रखना होगा, ताकि बाहर से आने वाले लोग यहाँ वाहन पार्क कर सकें।
  • राज्य में सभी शहरों में पार्किंग स्थल के चयन और वहाँ वसूले जाने वाले टैरिफ के लिये संबंधित विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष की अध्यक्षता में समिति का गठन किया जाएगा। इस समिति में पुलिस अधीक्षक या उनका नामित सदस्य, नगर नियोजन विभाग का प्रतिनिधि, अपर ज़िलाधिकारी प्रशासन, स्थानीय निकाय से मुख्य नगर अधिकारी या अधिशासी अधिकारी, यातायात निरीक्षक, अग्निशमन अधिकारी शामिल होंगे।
  • उल्लेखनीय है कि राज्य में पर्यटन सीजन में पार्किंग पर्याप्त न होने की वजह से मसूरी और नैनीताल जैसे पर्यटन स्थलों पर लंबे जाम लग जाते हैं। लोग घंटों जाम से जूझने के बाद या तो लौट जाते हैं या किसी तरह आगे बढ़ पाते हैं। पार्किंग नीति आने के बाद इतनी पार्किंग हो जाएंगी कि लोगों को अपने वाहन खड़े करने में परेशानी नहीं होगी।
  • विदित है कि राज्य में करीब 300 प्रतिशत की दर से वाहनों कि संख्या बढ़ रही हैं। राज्य गठन के समय तीन लाख 63 हज़ार 916 वाहन थे, जिनकी संख्या अब बढ़कर करीब 28 लाख 80 हज़ार 520 पहुँच गई हैं। इसमें निजी वाहनों की संख्या ही करीब 26 लाख से अधिक है।

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उत्तराखंड कैबिनेट द्वारा नई हाइड्रो पावर पॉलिसी की मंज़ूरी सहित लिये गए कई महत्त्वपूर्ण निर्णय

चर्चा में क्यों?

20 दिसंबर, 2022 को उत्तराखंड सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में नई हाइड्रो पावर पॉलिसी सहित 20 प्रस्तावों को हरी झंडी मिली।

प्रमुख बिंदु 

  • कैबिनेट की बैठक में नई हाइड्रो पावर पॉलिसी की मंज़ूरी से प्रदेश की नदियों, नालों और खालों से करीब 20 हज़ार मेगावाट बिजली उत्पादन की क्षमता का दोहन करने की राह आसान हो गई है। नीति हिमाचल प्रदेश की जलविद्युत नीति 2022 के अनुरूप बनाई गई है।
  • इस नीति से अब प्रदेश में जहाँ नए निवेशकों को 25 लाख रुपए की जगह सिर्फ एक लाख रुपए विकास शुल्क देना होगा तो वहीं पुरानी अटकीं योजनाओं को दूसरी कंपनियों को ट्रांसफर किया जा सकेगा। परियोजना की खुदाई के दौरान निकलने वाले माल से ही निर्माण कार्य कर सकेंगे, स्टोन क्रशर भी लगा सकेंगे।
  • प्रोजेक्ट की अवधि उसके संचालन से मानी जाएगी। 25 मेगावाट तक के सभी प्रोजेक्ट का यूपीसीएल को अनिवार्य पावर परचेज एग्रीमेंट (पीपीपी) करना होगा।
  • राज्य कैबिनेट द्वारा लिये गए कुछ अन्य महत्त्वपूर्ण निर्णय -
    • कैबिनेट ने औद्योगिक उत्पादों को बाहर ले जाने के लिये उत्तराखंड लॉजिस्टिक्स नीति 2022 को मंज़ूरी दे दी। इससे गोदामों, अंतर्देशीय कंटेनर डिपो (आईसीडी), कोल्ड स्टोरेज, औद्योगिक संपदाओं, क्लस्टरों से रेल-सड़क कनेक्टिविटी जैसे नए और मौजूदा लॉजिस्टिक्स बुनियादी ढाँचे को मज़बूती मिलेगी। पर्वतीय-मैदानी क्षेत्रों के बीच आर्थिक संबंध मज़बूत होंगे। वेयर हाउस बनाने की राह आसान होगी।
    • कैदियों को अब परिजनों की बीमारी, मृत्यु व पुत्र-पुत्री के विवाह के लिये 15 दिन की पैरोल डीएम के स्तर से मिल सकेगी। पहले मंडलायुक्त को यह अधिकार था। इसके लिये कैबिनेट ने उत्तराखंड (बंदियों के दंडादेश का निलंबन, संशोधन) नियमावली को मंज़ूरी दी।
    • प्रदेश के सरकारी और अशासकीय कॉलेजों में 9वीं से 12वीं के सभी वर्ग के छात्रों को आगामी वित्तीय वर्ष 2023-24 में नि:शुल्क पाठ्यपुस्तकें दी जाएंगी। इसकी योजना पर कैबिनेट ने मुहर लगा दी है। इससे करीब एक लाख छात्रों को लाभ मिलेगा।
    • प्रदेश में नि:शक्त व्यक्तियों को भी महिलाओं की तर्ज़ पर अचल संपत्ति, भूखंड व मकान आदि खरीदने पर 25 लाख रुपए स्टांप शुल्क प्रभार पर 25 प्रतिशत की छूट देने का फैसला लिया गया है। यह छूट जीवनकाल में दो बार ही मिलेगी।
    • यूनिवर्सिटी ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी रुड़की के नाम में संशोधन कर कोर यूनिवर्सिटी करने पर मुहर।
    • 20 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) को उद्योगों की आवश्यकता और रुचि के हिसाब से अपग्रेड किया जाएगा।
    • राज्यों के लिये पूंजीगत निवेश की विशेष सहायता योजना के तहत परिवहन विभाग को कुछ सुधार करने पर आर्थिक सहायता प्राप्त हो सकेगी। इसके तहत सिटी बसों को मोटरयान कर में शत-प्रतिशत और परिवहन निगम की पर्वतीय क्षेत्रों में संचालित बसों को छूट 50 से बढ़ाकर 75 प्रतिशत की गई।
    • उत्तर प्रदेश की तर्ज़ पर उत्तराखंड सरकार ने भी रेल भूमि विकास में भू-उपयोग परिवर्तन की शर्त को खत्म कर दिया है। स्थानीय निकाय व प्राधिकरण तालमेल बनाकर रेल विकास योजनाओं में काम करेंगे।
    • लखवाड़ बहुद्देशीय परियोजना के तहत 75 करोड़ रुपए के कार्यों की ई-निविदा में केवल एल एंडटीका टेंडर आया है, इसे खोलने की अनुमति।
    • औद्योगिक संबंध संहिता 2020 के तहत उत्तराखंड औद्योगिक संबंध नियमावली 2022 को मंज़ूरी। इसमें मुख्यत: व्यापार के सरलीकरण और उद्योगों को अनुकूल वातावरण देने के साथ कर्मचारी हितों को भी समयबद्ध तरीके से दिए जाने के संबंध में प्रावधान किये गए हैं।
    • उत्तराखंड राजस्व परिषद अनुभाग अधिकारी, सहायक राजस्व आयुक्त (प्रशासनिक) एवं उप राजस्व आयुक्त (प्रशासनिक) सेवा नियमावली 2022 को मंज़ूरी।
    • बदरीनाथ और केदारनाथ धाम की तर्ज़ पर अल्मोड़ा के जागेश्वर धाम और देहरादून के महासू देवता के लिये भी मास्टर प्लान बनेंगे।
    • उत्तराखंड के विधानसभा सत्र के सत्रावसान को कैबिनेट की मंज़ूरी।

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टिहरी झील में पहली बार होगी नेशनल वाटर स्पोर्ट्स प्रतियोगिता

चर्चा में क्यों?

20 दिसंबर, 2022 को उत्तराखंड के टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड, ऋषिकेश के अध्यक्ष व निदेशक आरके विश्नोई ने बताया कि भारत सरकार के सहयोग व भारतीय ओलंपिक संघ, उत्तराखंड ओलंपिक संघ और आईटीबीपी की तकनीकी देखरेख में 28 से लेकर 30 दिसंबर तक राज्य की टिहरी झील में राष्ट्र स्तरीय केनोइंग और क्याकिंग प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी।

प्रमुख बिंदु 

  • आरके विश्नोई ने बताया कि पहली बार आयोजित इस राष्ट्र स्तरीय वाटर स्पोर्ट्स प्रतियोगिता में एशियाई चैंपियनशिप एवं ओलंपिक क्वालीफाइंग चौथी रैंकिंग और केनो (डोंगी) स्प्रिंट सीनियर पुरुष और महिला चैंपियनशिप के तहत सभी मुकाबले होंगे।
  • तीनदिवसीय इस प्रतियोगिता में देश के 17 राज्यों के 300 खिलाड़ी, जिनमें 200 पुरुष और 100 महिला खिलाड़ी शामिल हैं, ने पंजीकरण कराया है।
  • गौरतलब है कि करीब आठ साल बाद समुद्र तल से 840 मीटर की ऊँचाई पर केनोइंग और क्याकिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है।
  • भारत सरकार के प्रेरित करने पर टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड केनोइंग और क्याकिंग को बढ़ावा देने के लिये टिहरी वाटर स्पोर्ट्स कप का आयोजन करने जा रहा है।
  • विश्नोई ने बताया कि उत्तराखंड में राष्ट्र स्तरीय वॉटर स्पोर्ट्स प्रतियोगिता कराए जाने से पर्यटकों और खिलाड़ियों का रुझान बढ़ेगा। टिहरी झील में वाटर स्पोर्ट्स की अपार संभावनाएँ हैं।
  • टिहरी झील और नदियों में वॉटर स्पोर्ट्स गतिविधियाँ बढ़ेंगी तो निश्चित तौर पर युवाओं को रोज़गार भी मिलेगा। टीएचडीसीआईएल प्रतियोगिता के बाद वॉटर स्पोर्ट्स के खिलाड़ियों और इससे संबंधित रोज़गारों को लेकर युवाओं को प्रशिक्षित करने की योजना पर भी काम कर रहा है।
  • टीएचडीसीआईएल के कॉरपोरेट संचार विभाग के अपर महाप्रबंधक एएन त्रिपाठी ने बताया कि इससे पूर्व कश्मीर में भी इतनी ही ऊँचाई पर कैनोइंग और क्याकिंग प्रतियोगिता आयोजित की गई थी। हिमाचल में भी ऊँचाई वाले क्षेत्रों में ऐसी प्रतियोगिताएँ आयोजित की जाती हैं।

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