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हैफेड रेवाड़ी में स्थापित करेगा ऑयल-मिल
चर्चा में क्यों?
20 दिसंबर, 2022 को हरियाणा के सहकारिता मंत्री डॉ. बनवारी लाल ने चंडीगढ़ में सहकारिता विभाग के अधिकारियों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करने के बाद बताया कि हैफेड द्वारा रेवाड़ी ज़िला के रामपुरा में नई ऑयल-मिल स्थापित की जाएगी।
प्रमुख बिंदु
- इस मिल के स्थापित होने से जहाँ मार्केट में बढ़ रही सरसों के तेल की डिमांड को पूरा करने में लाभ होगा, वहीं प्रदेश के किसानों द्वारा पैदा की जा रही सरसों की खपत भी सही हो सकेगी। इस मिल की पिराई क्षमता आरंभ में 150 टीपीडी होगी, परंतु इसको बाद में 300 टीपीडी तक बढ़ाया जा सकता है।
- इस मिल की स्थापना होने से जहाँ करीब 500 लोगों को रोज़गार के अवसर उपलब्ध होंगे, वहीं इससे दक्षिण हरियाणा के लगभग 50 हज़ार किसानों को फायदा होगा।
- डॉ. बनवारी लाल ने राज्य में हल्दी-प्लांट व इसमें ऑयल ,पाउडर तथा अन्य मसालों व कोल्ड स्टोर बनाने के कार्य के बारे में विस्तार से जानकारी लेते हुए कार्य को निर्धारित अवधि में पूरा करने के निर्देश दिये।
- इसके अलावा उन्होंने बताया कि गुरुग्राम में वीटा-कैफे खोले जाएंगे, ताकि लोगों को वीटा दूध एवं दूध से बने गुणवत्तापरक उत्पाद मिल सकें। गुरुग्राम में वर्तमान में करीब एक दर्जन हैफेड के सेल्स आऊटलेट्स हैं, अब वहाँ पर डेयरी विकास प्रसंघ एवं हैफेड बूथ अथवा शोरूम खोले जाएंगे।
- गौरतलब है कि हैफेड हरियाणा की सबसे बड़ी एवं शीर्ष सहकारी संघ है। यह 1 नवंबर, 1966 को एक अलग राज्य के रूप में हरियाणा के गठन के साथ ही अस्तित्व में आया।
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सॉफ्टवेयर से तैयार होगी प्रदेश में ज़मीन की फर्द
चर्चा में क्यों?
20 दिसंबर, 2022 को हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने राज्य के सिरसा ज़िले के गाँव मिठी सुरेरां में आयोजित कार्यक्रम में बताया कि प्रदेश में ज़मीन की फर्द तैयार करने के लिये नया सॉफ्टवेयर लिया गया है। इससे अब किसानों को अपनी ज़मीन की फर्द लेने के लिये पटवारखानों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
प्रमुख बिंदु
- दुष्यंत चौटाला ने बताया कि इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से जो फर्द, यानी जमाबंदी निकाली जाएगी, उस पर क्यूआर कोड अंकित होगा। क्यूआर कोड अंकित होने के कारण ही इस फर्द को वेरीफाइड डॉक्यूमेंट माना जाएगा।
- उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार ने यह सॉफ्टवेयर केंद्र सरकार से खरीदा है और इस सॉफ्टवेयर से जो जमाबंदी निकाली जाएगी, उससे किसान ऋण भी ले सकेंगे और पटवारी से हस्ताक्षर करवाने की भी ज़रूरत नहीं होगी।
- इसके अलावा उपमुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि अब बीपीएल कार्ड बनवाने के लिये लोगों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे, बल्कि आगामी एक जनवरी से एक लाख 80 हज़ार रुपए सालाना से कम आय वाले परिवारों की वेरीफाई आय के आधार पर बीपीएल कार्ड अपने आप ही बन जाएंगे।
- उन्होंने बताया कि सरकार ने टेक्नोलॉजी की मदद से न केवल भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया है, बल्कि ऐसी व्यवस्था तैयार की है कि अब लोगों को घर-बैठे ही सरकार की योजनाओं का लाभ मिल रहा है और अब लोगों को कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ते।
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