मुख्यमंत्री ने सोनाखान में ओपन एयर म्यूजियम और बलौदाबाज़ार-भाटापारा टूरिज्म सर्किट का शुभारंभ किया | छत्तीसगढ़ | 21 Dec 2022
चर्चा में क्यों?
20 दिसंबर, 2022 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ज़िला बलौदाबाज़ार-भाटापारा के सोनाखान में निर्मित भव्य ओपन एयर म्यूजियम और बलौदाबाज़ार-भाटापारा टूरिज्म सर्किट का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- शहीद वीर नारायण सिंह की जन्म एवं कर्मस्थली को उनके गौरव के अनुरूप विकसित करने के लिये ज़िला प्रशासन बलौदाबाज़ार-भाटापारा द्वारा सोनाखान में भव्य ओपन एयर म्यूजियम का निर्माण किया गया है।
- सोनाखान में बनाया गया यह म्यूजियम प्रदेश में अपनी तरह का पहला म्यूजियम होगा, जहाँ ऑडियो-विजुअल सेटअप और एक विशेष धातु कॉर्टेन स्टील के माध्यम से शहीद वीर नारायण सिंह की जीवनी को प्रदर्शित किया जा रहा है।
- सन् 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले शहीद वीर नारायण सिंह की गौरवगाथा को प्रदर्शित करने के लिये एक विशेष तरह की कॉर्टेन स्टील का प्रयोग किया गया है। कॉर्टेन स्टील एक तरह का ऐसा मेटल है, जिसमें पहले से ज़ंग की एक परत लगी हुई होती है। खास बात यह है कि यह धातु प्रकृति को हानि नहीं पहुँचाती। कुर्रूपाठ पहाड़ की हरियाली के बीच इसकी नयनाभिराम सुंदरता देखते ही बनती है।
- कॉर्टेन स्टील के बने लंबे और सुंदर पैनल्स पर शहीद वीर नारायण सिंह की जीवनी उकेरी गई है, जिसकी भव्यता दिन के साथ ही रात में भी देखी जा सकती है। लाइट के अद्भुत सेटअप इसे खास और अलग बनाते हैं।
- सभी पैनल पर एक ऑडियो सेटअप लगा हुआ है, जिसके माध्यम से शहीद वीर नारायण सिंह की जन्म से लेकर क्रांति और बलिदान की गाथा को सुना जा सकता है। यह ऑडियो हिन्दी, अंग्रेज़ी और छत्तीसगढ़ी भाषा में उपलब्ध है। यहाँ आने वाले लोग अपनी पसंद मुताबिक ऑडियो की भाषा तय कर सकते हैं।
- देश में कॉर्टेन स्टील का उपयोग विभिन्न महान परियोजनाओं में कलाकृतियाँ बनाने के लिये किया जा चुका है। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, बिहार म्यूजियम और कई देशों के प्रतिष्ठित प्रोजेक्ट में इसका उपयोग किया गया है।
- म्यूजियम में पार्किंग और केंटीन की भी व्यवस्था रहेगी। केंटीन की व्यवस्था स्व-सहायता समूह के द्वारा संचालित की जाएगी। इसके साथ ही यहाँ आने वाले लोगों को म्यूजियम में प्रवेश सशुल्क रहेगा। इस नवाचार से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और लोगों को भी रोज़गार उपलब्ध होगा।
- बलौदाबाज़ार-भाटापारा टूरिज्म सर्किट में बाबा गुरु घासीदास की जन्म एवं कर्मस्थली गिरौदपुरी, शहीद वीर नारायण सिंह की जन्म एवं कर्मस्थली सोनाखान, कबीर पंथियों की प्रसिद्ध धर्मस्थली दामाखेड़ा, तुरतुरिया, सिद्धखोल जलप्रपात, बलारडेम, सिद्धेश्वर मंदिर पलारी और नारायणपुर का शिव मंदिर शामिल हैं। इस टूरिज्म सर्किट में आने वाले पर्यटकों को विभिन्न सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
अब होटलों के मेन्यू में शामिल होंगे मिलेट्स के बने व्यंजन | छत्तीसगढ़ | 21 Dec 2022
चर्चा में क्यों?
20 दिसंबर, 2022 को छत्तीसगढ़ जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार राजधानी रायपुर समेत छत्तीसगढ़ के होटलों के मेन्यू में मिलेट्स आधारित व्यंजनों को शामिल किया जाएगा। इस संबंध में संयुक्त संचालक कृषि और राजधानी रायपुर के 64 होटल संचालकों के बीच बैठक हुई।
प्रमुख बिंदु
- गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष-2023 घोषित किया गया है, जिससे मिलेट्स के उत्पाद को जनसामान्य के दैनिक आहार में शामिल कर उपभोग को बढ़ावा देने हेतु प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।
- इसी कड़ी में बीते दिनों कृषि विभाग की ओर से रायपुर क्षेत्र के होटल, रेस्टोरेंट, मार्ट के संचालकों व प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर मिलेट उत्पाद के प्रचार-प्रसार के साथ प्रतिष्ठान के मेन्यू में मिलेट्स उत्पाद को शामिल करने का आग्रह किया गया। इससे ग्राहकों को मिलेट्स आधारित व्यंजन सुगमतापूर्वक उपलब्ध हो सकेगा।
- मिलेट्स में पाए जाने वाले पोषक तत्त्वों के फायदे की वजह से मिलेट्स का दैनिक आहार में उपभोग बढ़ाने पर चर्चा की गई। इससे मिलेट्स फसल क्षेत्र वृद्धि व उत्पादन को भी बढ़ावा मिलेगा। होटल, रेस्टोरेंट संचालकों ने मिलेट्स आधारित व्यंजनों व उत्पादों को अपने प्रतिष्ठान के मेन्यू में शामिल करने का आश्वासन दिया।
- मिलेट्स में पोषक तत्त्वों की अधिकता के कारण इसे न्यूट्रीसीरियल्स भी कहा जाता है। इसमें प्रोटीन, रेशा, थायमिन, राइबोफ्लेविन, फॉलिक एसिड, कैल्शियम, फास्फोरस आदि अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं। मिलेट्स में मुफ्त ग्लूकोज बहुत कम समय के लिये होता है, जो मधुमेह से पीड़ित लोगों के लिये उपयुक्त आहार है।
- मिलेट्स फसल में शामिल रागी में प्रोटीन व कैल्शियम अधिक मात्रा में पाए जाते हैं, जो हड्डियों को मज़बूत बनाने एवं कुपोषण दूर करने में सहायक हैं। रागी रेशा उदर विकार, उच्च रक्तचाप तथा आँतों के कैंसर से शरीर की रक्षा करता है।
- इसी तरह कुटकी में 37-38 प्रतिशत तक रेशा होता है, जो शिशु खाद्य पदार्थ, स्नैक्स एवं अन्य प्रंसस्कृत उत्पाद के लिये उपयोगी खाद्य घटक है। वहीं कोदो में प्रोटीन 11 एवं रेशा 14 प्रतिशत तक पाया जाता है, जो हृदय विकार, उच्च रक्तचाप तथा उच्च कोलेस्ट्रॉल से पीड़ित लोगों के लिये उत्तम आहार है।
- उल्लेखनीय है कि मिलेट फसल के फसल क्षेत्र वृद्धि एवं उत्पादन बढ़ाने के साथ ही फसल के उपार्जन, प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन करते हुए आमजन तक सुगमता से उत्पाद पहुँचाने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ शासन द्वारा ‘मिलेट मिशन’ लागू किया गया है। छत्तीसगढ़ में मिलेट्स फसलों में प्रमुख रूप से कोदो, कुटकी, रागी एवं ज्वार व बाजरा का उत्पादन किया जाता है।
- आँकड़ों पर नज़र डालें तो प्रदेश में उत्पादित कोदो, कुटकी एवं रागी का छत्तीसगढ़ राज्य लघुवनोपज संघ के माध्यम से वर्ष 2021 में 52,728 क्विंटल उपार्जन किया गया। वहीं वर्ष 2022-23 में 13 हज़ार टन मिलेट्स उपार्जन का लक्ष्य है।
- मिलेट्स से रागी खीर, लड्डू, माल्ट, केक, सेवईं, इडली, हलवा, पुलाव, कुटकी खीर, कुटकी चाय, जैम, कोदो खीर, ज्वार चॉकलेट, ब्राउनी आदि बनाए जाते हैं। कोदो व कुटकी को मुख्य भोजन के रूप में उपयोग में लाया जाता है।
पुरातत्त्व अभिलेखागार एवं संग्रहालय तथा संस्कृति एवं राजभाषा का पृथक्-पृथक् संचालनालय | छत्तीसगढ़ | 21 Dec 2022
चर्चा में क्यों?
20 दिसंबर, 2022 को छत्तीसगढ़ जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार राज्य शासन ने संस्कृति विभाग के अधीनस्थ संचालित संस्कृति एवं पुरातत्त्व विभाग को पृथक्-पृथक् संचालनालय के रूप में घोषित कर दिया है। इस आशय का आदेश मंत्रालय महानदी भवन स्थित संस्कृति विभाग द्वारा जारी कर दिया गया है।
प्रमुख बिंदु
- संस्कृति विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार अब संस्कृति एवं पुरातत्त्व विभाग संचालनालय पुरातत्त्व अभिलेखागार एवं संग्रहालय तथा संचालनालय संस्कृति एवं राजभाषा के नाम से जाना जाएगा।
- नवगठित विभागाध्यक्ष कार्यालयों के सुव्यवस्थित कार्य निष्पादन-संचालन के लिये प्रशासनिक दृष्टि से कार्यालय का नाम एवं पता परिवर्तन किया गया है। इसके अनुसार संचालनालय पुरातत्त्व अभिलेखागार एवं संग्रहालय के कार्यालय का पता महंत घासीदास स्मारक संग्रहालय परिसर सिविल लाइन रायपुर है।
- वहीं संचालनालय संस्कृति एवं राजभाषा के कार्यालय का पता छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल व्यावसायिक परिसर द्वितीय तल सेक्टर-27 नवा रायपुर अटल नगर है।