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स्टेट पी.सी.एस.

  • 21 Dec 2022
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उत्तर प्रदेश Switch to English

वाराणसी में बनेगा ओडीओपी मॉल

चर्चा में क्यों?

20 दिसंबर, 2022 को उत्तर प्रदेश उद्योग के संयुक्त आयुक्त उमेश कुमार सिंह ने बताया कि राज्य के वाराणसी के चांदपुर औद्योगिक संस्थान में चार मंजिला ओडीओपी (वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडेक्ट) मॉल निर्माण का प्लान तैयार करने के निर्देश दिये गए हैं।

प्रमुख बिंदु

  • उल्लेखनीय है कि वाराणसी के चांदपुर औद्योगिक संस्थान में करीब दो एकड़ क्षेत्र में फैले पार्क में ओडीओपी मॉल प्रस्तावित है। इस पार्क में पहले उद्योगों के लिये कोयला स्टोरेज होता था और यहाँ फ्लैटेड फैक्ट्री बनाने की भी योजना बनी थी।
  • ओडीओपी मॉल के शहर में होने की वजह से यहाँ ट्रांसपोर्ट की बेहतर सुविधा मिलेगी। इससे बुनकरों, शिल्पियों को माल भाड़ा में राहत मिलेगी।
  • उमेश कुमार सिंह ने बताया कि उद्योग विभाग ओडीओपी मॉल में बुनकरों, शिल्पियों और निर्यातकों को लीज पर जगह देगा। एकमुश्त रकम देकर बुनकर व शिल्पी वहाँ लंबे समय तक रह सकेंगे। इससे किराया आदि के खर्च में बार-बार फेरबदल के झंझट से निजात मिलेगी।
  • ओडीओपी मॉल के निर्माण से सिल्क उत्पादों, मीनाकारी और लकड़ी के खिलौनों के कारोबार को प्रोत्साहन मिलेगा। मॉल का सबसे ज्यादा लाभ वाराणसी के चौक क्षेत्र के साड़ी व्यावसायियों को मिलेगा।

उत्तर प्रदेश Switch to English

आईएचआरसी का 63वाँ सत्र उत्तर प्रदेश राज्य अभिलेखागार में आयोजित

चर्चा में क्यों?

18-19 दिसंबर, 2022 को उत्तर प्रदेश राज्य अभिलेखागार, लखनऊ में भारतीय ऐतिहासिक अभिलेख समिति (आईएचआरसी) के 63वें सत्र का आयोजन किया गया।

प्रमुख बिंदु 

  • आईएचआरसी के 63वें सत्र का उद्घाटन दया शंकर सिंह, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), परिवहन मंत्रालय, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 18 दिसंबर को किया गया।
  • सत्र के दौरान भारत के राष्ट्रीय अभिलेखागार के संग्रह से मूल अभिलेखीय स्रोतों के आधार पर ‘स्वतंत्रता की गाथा: ज्ञात और अल्प ज्ञात संघर्षों’नामक एक प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया गया।
  • दो दिवसीय सत्र में पहले दिन उद्घाटन और व्यावसायिक सत्र और अगले दिन शैक्षणिक सत्र का आयोजन किया गया। विद्वानों द्वारा भारतीय इतिहास में 1600 ई. के पश्चात् के मूल स्रोतों पर आधारित कुल 24 शोधपत्र इतिहास के विभिन्न पहलुओं पर प्रस्तुत किया गया।
  • भारतीय ऐतिहासिक अभिलेख समिति (आईएचआरसी) अभिलेखों के रचनाकारों, संरक्षकों और उपयोगकर्त्ताओं का एक अखिल भारतीय मंच है जिसकी स्थापना 1919 में अभिलेखों के प्रबंधन और ऐतिहासिक अनुसंधान के लिये उनके उपयोग से जुड़े सभी मुद्दों पर भारत सरकार को सलाह देने के लिये की गई थी।
  • नई दिल्ली स्थित भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार, भारतीय ऐतिहासिक अभिलेख समिति (1911 में भारतीय ऐतिहासिक अभिलेख समिति के तौर पर फिर से नामित) का सचिवालय है।
  • आईएचआरसी की अध्यक्षता केंद्रीय संस्कृति मंत्री करते हैं और इसमें 134 सदस्य शामिल हैं जिनमें भारत सरकार की एजेंसियाँ, भारत सरकार के नामांकित व्यक्ति, राज्य/केंद्रशासित प्रदेशों के अभिलेखागार, विश्वविद्यालयों और विद्वान संस्थानों के प्रतिनिधि शामिल हैं। आईएचआरसी ने अब तक 62 सत्र आयोजित किये हैं।
  • समिति के दो सहायक निकाय हैं, (i) समितियों के सत्रों में प्रस्तुत करने के लिये अभिलेखीय स्रोतों के आधार पर कागजात की जाँच एवं अनुमोदन करने के लिये संपादकीय समिति और (ii) स्थायी समिति अपनी सिफारिशों पर समिति द्वारा की गई कार्रवाई की समीक्षा करने और इसके बारे में समिति की बैठक के एजेंडे पर अपने विचार व्यक्त करने के लिये। संस्कृति मंत्रालय के सचिव आईएचआरसी की स्थायी समिति के अध्यक्ष के रूप में कार्य करते हैं।

बिहार Switch to English

बागमती बांध के किनारे बनेगा बेनीपुरी का स्मारक

चर्चा में क्यों?

20 दिसंबर, 2022 को बिहार के मुजफ्फरपुर के बेनीपुरी चेतना समिति न्यास के सचिव डॉ. महंथ राजीव रंजन दास ने बताया कि बागमती बांध के किनारे बिहार सरकार की ओर से आवंटित ज़मीन पर रामवृक्ष बेनीपुरी के स्मारक निर्माण के प्रस्ताव को सरकार ने मंज़ूरी दे दी है।

प्रमुख बिंदु 

  • डॉ. महंथ राजीव रंजन दास ने बताया कि बागमती बांध के किनारे बनने वाले रामवृक्ष बेनीपुरी स्मारक के निर्माण पर 13 करोड़ रुपए खर्च होंगे। बागमती बांध के बाहर 1.4 एकड़ और 14 डिसमिल ज़मीन आवंटित है। स्मारक परिसर में उनकी आदमकद प्रतिमा स्थापित होगी।
  • उन्होंने बताया कि इस स्मारक के साथ-साथ चहारदिवारी, पार्क, वाचनालय व पुस्तकालय और मेन गेट का निर्माण भी प्रस्तावित है।
  • ज्ञातव्य है कि बिहार विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर इस स्मारक के लिये लगातार प्रयास कर रहे थे। उनके प्रयास से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्मारक निर्माण की स्वीकृति प्रदान कर दी है।
  • विदित है कि रामवृक्ष बेनीपुरी मुजफ्फरपुर समाजवादी आंदोलन के जनक, स्वतंत्रता सेनानी व प्रख्यात लेखक थे।
  • उल्लेखनीय है कि बागमती नदी हिमालय की महाभारत श्रेणियों में नेपाल से निकलती है। यह नदी नेपाल में लगभग 195 किलोमीटर की यात्रा तय करके भारत में बिहार के सीतामढ़ी ज़िले में प्रवेश करती है। बिहार में इस नदी की कुल लंबाई 394 किलोमीटर है। नेपाल में इस नदी का कुल जल ग्रहण क्षेत्र 7884 वर्ग किलोमीटर है।

मध्य प्रदेश Switch to English

6वीं एलीट महिला बॉक्सिंग चैंपियनशिप 2022 प्रारंभ

चर्चा में क्यों?

20 दिसंबर, 2022 को भोपाल के टी.टी. नगर स्टेडियम के मार्शल आर्ट भवन में 310 महिला मुक्केबाज़ों के बीच मध्य प्रदेश की खेल एवं युवा कल्याण मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने 6वीं एलीट महिला बॉक्सिंग चैंपियनशिप 2022 का शुभारंभ किया।

प्रमुख बिंदु 

  • चैंपियनशिप में पहले दिन अलग-अलग वेट कैटेगरी के कुल 27 क्वालीफाइंग मुकाबले हुए। पहले दिन मध्य प्रदेश बॉक्सिंग अकादमी की अंजलि शर्मा ने 45-48 किग्रा. की मिनिमम वेट कैटेगरी में आंध्र प्रदेश की ज्योति गोरली को 5-0 से हराकर प्रिलिमिनरी राउंड क्वालीफाई किया। अकादमी की ही मंजू बामबोरिया ने 63-66 किग्रा. वेट कैटेगरी में अपना बाउट क्वालीफाई किया।
  • तेलंगाना की अंतर्राष्ट्रीय मुक्केबाज़ निखत जरीन ने 48-50 किग्रा. फ्लाई वेट कैटेगरी में तमिलनाडु की एल. के. अभिनया को हराकर क्वालीफाई राउंड क्लियर किया। निखत ने आरएससी (रेफरी स्टॉप कॉन्टेक्ट्स) के ज़रिये ये बाउट जीता।
  • 6वीं एलीट महिला बॉक्सिंग चैंपियनशिप 2022 में देश की एशियाई मुक्केबाज़ी की गोल्ड मेडलिस्ट लवलीना बोरगोहेन, विश्व जूनियर गोल्ड मेडलिस्ट निखत जरीन तथा अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित निया लाथेर और सिमरनजीत कौर जैसी दिग्गज मुक्केबाज़ पंच बरसाती नज़र आएंगी।
  • इस चैंपियनशिप में मध्य प्रदेश राज्य बॉक्सिंग अकादमी की 12 बॉक्सर्स अलग-अलग वेट कैटेगरी में अपने पावर का प्रदर्शन करेंगी।

मध्य प्रदेश Switch to English

मध्य प्रदेश पैक्स को कंप्यूटरीकृत करने वाला देश का पहला राज्य

चर्चा में क्यों?

20 दिसंबर, 2022 को मध्य प्रदेश के प्रमुख सचिव सहकारिता के.सी. गुप्ता ने विधानसभा में सहकारिता विभाग की परामर्शदात्री समिति की बैठक में बताया कि मध्य प्रदेश पैक्स (प्राथमिक कृषि सहकारी साख समिति) को कंप्यूटरीकृत करने वाला देश का पहला राज्य है।

प्रमुख बिंदु

  • प्रमुख सचिव सहकारिता ने बताया कि पैक्स के माध्यम से 16 हज़ार 452 उचित मूल्य दुकानों का संचालन किया जा रहा है। दुकानों से 119 लाख परिवारों के लगभग 5 करोड़ हितग्राहियों को समय पर राशन वितरण हो रहा है।
  • विभाग द्वारा लोक सेवा गारंटी अधिनियम में 8 नई सेवाओं को शामिल किया गया है। आईसीएमआईएस पोर्टल पर सहकारी समितियों के ऑनलाइन पंजीयन की व्यवस्था शुरू की गई है।
  • विभाग द्वारा शून्य प्रतिशत ब्याज योजना में वर्ष 2021-22 में खरीफ सीज़न के लगभग 18 लाख कृषक और रबी सीज़न के 14 लाख कृषक को 16 हज़ार 860 करोड़ रुपए के फसल ऋण से लाभान्वित किया गया है।
  • वर्ष 2022-23 में खरीफ सीज़न के 19 लाख कृषक और रबी सीज़न में अब तक 7 लाख कृषक लाभान्वित हुए हैं। अब तक 14 हज़ार 699 करोड़ रुपए का फसल ऋण वितरण किया गया है। पीएम किसान योजना के सहकारी बैंकों के पात्र हितग्राहियों को 39 लाख 57 किसान क्रेडिट कार्ड जारी किये गए हैं।

मध्य प्रदेश Switch to English

स्कूली शिक्षा में ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस’पढ़ाने वाला मध्य प्रदेश देश में पहला राज्य

चर्चा में क्यों?

20 दिसंबर, 2022 को मध्य प्रदेश के राज्य मंत्री स्कूल शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार) इंदर सिंह परमार ने मध्य प्रदेश राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा संचालित ईएफए (एजुकेशन फॉर ऑल) स्कूलों में प्रारंभ किये गए ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस’विषय की कक्षा 8वीं एवं कक्षा 9वी की पुस्तकों का विमोचन करते हुए बताया कि स्कूली शिक्षा में ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस’पढ़ाने वाला मध्य प्रदेश देश में पहला राज्य है।

प्रमुख बिंदु 

  • मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि मध्य प्रदेश राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा संचालित प्रदेश में कुल 53 स्कूलों में ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस’विषय प्रारंभ किया गया है। इसे फिलहाल कक्षा 8वीं एवं 9वीं के विद्यार्थियों के लिये प्रारंभ किया गया है।
  • राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा इन स्कूलों में 40 आधुनिक कंप्यूटर्स की इंटरनेट युक्त प्रयोगशाला भी स्थापित की गई हैं।
  • मध्य प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिये शिक्षा विभाग द्वारा आधुनिक तकनीकी विषयों के समावेश एवं अनुप्रयोग पर ज़ोर दिया जा रहा है।
  • मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि मध्य प्रदेश पहला राज्य है, जहाँ ईएफए (एजुकेशन फॉर ऑल) विद्यालयों में कक्षा आठवीं और नौवीं में ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस’की कुल 240 घंटों की क्लास के माध्यम से शिक्षा दी जा रही है। सर्वसुविधायुक्त कंप्यूटर लैब की उपलब्धता से इस विषय की पढ़ाई में विद्यार्थियों को सुगमता हो रही है।
  • ‘आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस’जैसी नवीनतम तकनीक के साथ भारत को विश्व के समक्ष खड़ा करने के लिये विद्यार्थियों को इसका रचनात्मक प्रयोग और मानव कल्याण की दिशा में उपयोग करना सिखाया जा रहा है, जिसमें यह पाठ्यक्रम अति उपयोगी साबित होगा। 

मध्य प्रदेश Switch to English

मध्य प्रदेश मंत्रिपरिषद के महत्त्वपूर्ण निर्णय

चर्चा में क्यों?

20 दिसंबर, 2022 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंत्रालय में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में प्रदेश के सभी 31 हज़ार 425 आँगनवाड़ी भवनों में विद्युत संयोजन किये जाने की स्वीकृति देने के साथ ही कई अन्य महत्त्वपूर्ण निर्णय लिये गए।

प्रमुख बिंदु 

  • मंत्रिपरिषद की बैठक में वित्तीय वर्ष 2022-23 से वित्तीय वर्ष 2024-25 तक प्रदेश के सभी आगनवाड़ी केंद्रों में विभागीय निर्मित, निर्माणाधीन एवं भविष्य में निर्मित होने वाले 31 हज़ार 425 भवनों में विद्युत व्यवस्था के लिये विद्युत संयोजन किये जाने की स्वीकृति प्रदान की गई।
  • वर्तमान वित्तीय वर्ष से वित्तीय वर्ष 2024-25 तक तीन चरणों में विद्युत संयोजन का कार्य होगा। पहले वर्ष में 14 हज़ार 214, दूसरे वर्ष में 10 हज़ार 907 और तीसरे वर्ष में 6 हज़ार 304 आँगनवाड़ी भवन में विद्युत संयोजन किया जायेगा।
  • यह कार्य शत-प्रतिशत राज्य मद से किया जाएगा। इसके क्रियान्वयन के लिये वर्ष 2022-23 से लेकर वर्ष 2024-25 तक 79 करोड़ 7 लाख रुपए के बजट की स्वीकृति प्रदान की गई है।
  • मंत्रिपरिषद द्वारा मध्य प्रदेश सहकारी सोसाइटी (संशोधन) विधेयक, 2022 का अनुसमर्थन किया गया और विधेयक को विधानसभा में प्रस्तुत करने के लिये सहकारिता विभाग को अधिकृत किया गया।
  • मंत्रिपरिषद द्वारा प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के सुचारु संचालन के लिये केंद्रीय सोसायटी में प्रशासक की सहायता के लिये 5 व्यक्तियों की समिति गठित किये जाने के प्रावधान का अनुसमर्थन किया गया।
  • मंत्रिपरिषद द्वारा मध्य प्रदेश पेयजल परिरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2022 का अनुमोदन और विधेयक को विधानसभा में पुर:स्थापित कर पारित कराने के लिये लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को अधिकृत करने का अनुसमर्थन किया गया।
  • मंत्रिपरिषद ने उच्च न्यायालय की अनुशंसा के क्रम में मध्य प्रदेश उच्च न्यायिक सेवा (भर्ती तथा सेवा की शर्तें) नियम 2017 के नियम-15 में संशोधन की अधिसूचना जारी किये जाने का निर्णय लिया। ‘प्रतिज्ञान की शपथ’में सेवा के सदस्य के स्थान पर ज़िला न्यायाधीश शब्द प्रतिस्थापित किया। 

हरियाणा Switch to English

हैफेड रेवाड़ी में स्थापित करेगा ऑयल-मिल

चर्चा में क्यों?

20 दिसंबर, 2022 को हरियाणा के सहकारिता मंत्री डॉ. बनवारी लाल ने चंडीगढ़ में सहकारिता विभाग के अधिकारियों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करने के बाद बताया कि हैफेड द्वारा रेवाड़ी ज़िला के रामपुरा में नई ऑयल-मिल स्थापित की जाएगी।

प्रमुख बिंदु 

  • इस मिल के स्थापित होने से जहाँ मार्केट में बढ़ रही सरसों के तेल की डिमांड को पूरा करने में लाभ होगा, वहीं प्रदेश के किसानों द्वारा पैदा की जा रही सरसों की खपत भी सही हो सकेगी। इस मिल की पिराई क्षमता आरंभ में 150 टीपीडी होगी, परंतु इसको बाद में 300 टीपीडी तक बढ़ाया जा सकता है।
  • इस मिल की स्थापना होने से जहाँ करीब 500 लोगों को रोज़गार के अवसर उपलब्ध होंगे, वहीं इससे दक्षिण हरियाणा के लगभग 50 हज़ार किसानों को फायदा होगा।
  • डॉ. बनवारी लाल ने राज्य में हल्दी-प्लांट व इसमें ऑयल ,पाउडर तथा अन्य मसालों व कोल्ड स्टोर बनाने के कार्य के बारे में विस्तार से जानकारी लेते हुए कार्य को निर्धारित अवधि में पूरा करने के निर्देश दिये।
  • इसके अलावा उन्होंने बताया कि गुरुग्राम में वीटा-कैफे खोले जाएंगे, ताकि लोगों को वीटा दूध एवं दूध से बने गुणवत्तापरक उत्पाद मिल सकें। गुरुग्राम में वर्तमान में करीब एक दर्जन हैफेड के सेल्स आऊटलेट्स हैं, अब वहाँ पर डेयरी विकास प्रसंघ एवं हैफेड बूथ अथवा शोरूम खोले जाएंगे।
  • गौरतलब है कि हैफेड हरियाणा की सबसे बड़ी एवं शीर्ष सहकारी संघ है। यह 1 नवंबर, 1966 को एक अलग राज्य के रूप में हरियाणा के गठन के साथ ही अस्तित्व में आया।

हरियाणा Switch to English

सॉफ्टवेयर से तैयार होगी प्रदेश में ज़मीन की फर्द

चर्चा में क्यों?

20 दिसंबर, 2022 को हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने राज्य के सिरसा ज़िले के गाँव मिठी सुरेरां में आयोजित कार्यक्रम में बताया कि प्रदेश में ज़मीन की फर्द तैयार करने के लिये नया सॉफ्टवेयर लिया गया है। इससे अब किसानों को अपनी ज़मीन की फर्द लेने के लिये पटवारखानों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।

प्रमुख बिंदु 

  • दुष्यंत चौटाला ने बताया कि इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से जो फर्द, यानी जमाबंदी निकाली जाएगी, उस पर क्यूआर कोड अंकित होगा। क्यूआर कोड अंकित होने के कारण ही इस फर्द को वेरीफाइड डॉक्यूमेंट माना जाएगा।
  • उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार ने यह सॉफ्टवेयर केंद्र सरकार से खरीदा है और इस सॉफ्टवेयर से जो जमाबंदी निकाली जाएगी, उससे किसान ऋण भी ले सकेंगे और पटवारी से हस्ताक्षर करवाने की भी ज़रूरत नहीं होगी।
  • इसके अलावा उपमुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि अब बीपीएल कार्ड बनवाने के लिये लोगों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे, बल्कि आगामी एक जनवरी से एक लाख 80 हज़ार रुपए सालाना से कम आय वाले परिवारों की वेरीफाई आय के आधार पर बीपीएल कार्ड अपने आप ही बन जाएंगे।
  • उन्होंने बताया कि सरकार ने टेक्नोलॉजी की मदद से न केवल भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया है, बल्कि ऐसी व्यवस्था तैयार की है कि अब लोगों को घर-बैठे ही सरकार की योजनाओं का लाभ मिल रहा है और अब लोगों को कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ते। 

झारखंड Switch to English

झारखंड विधानसभा 8533.89 करोड़ रुपए का अनुपूरक बजट पेश

चर्चा में क्यों?

हाल ही में झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र में वित्त मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने चालू वित्तीय वर्ष के लिये 89 करोड़ रुपए का द्वितीय अनुपूरक बजट पेश किया।

प्रमुख बिंदु 

  • चालू वित्तीय वर्ष के द्वितीय अनुपूरक बजट में राजस्व खर्च के लिये 14 करोड़ रुपए और पूंजीगत खर्च के लिये 3862.74 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
  • अनुपूरक बजट की कुल राशि में 71 करोड़ रुपए का प्रावधान चार्जड एक्सपेंडीचर के रूप में किया गया है। चार्जड एक्सपेंडीचर के रूप में हाइकोर्ट, राज्यपाल, जेपीएससी के लिये राशि का प्रावधान किया जाता है।
  • सरकार ने द्वितीय अनुपूरक में सबसे ज्यादा राशि (15 करोड़ रुपए) का प्रावधान ऊर्जा विभाग के लिये किया है। यह प्रावधान ग्रामीण विद्युतीकरण योजना सहित बिजली की स्थिति में सुधार से जुड़ी योजनाओं के लिये किया गया है।
  • आपदा प्रबंधन के लिये 2000 करोड़ रुपए और समाज कल्याण विभाग में सामाजिक सुरक्षा मद में 1158.85 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। 

झारखंड Switch to English

डीपीएस बोकारो के प्राचार्य एएस गंगवार ‘एक्जम्पलरी लीडर आफ द ईयर 2022 अवार्ड’ से सम्मानित

चर्चा में क्यों?

हाल ही में दिल्ली पब्लिक स्कूल (DPS) बोकारो के प्राचार्य एएस गंगवार को विद्यालय में शिक्षा के क्षेत्र में डिजिटलीकरण, नवोन्मेषता व शिक्षकों में नेतृत्व-क्षमता के विकास के लिये ‘एक्जम्पलरी लीडर आफ द ईयर 2022 अवार्ड’से सम्मानित किया गया।

प्रमुख बिंदु

  • थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में आयोजित एशिया पैसिफिक एजुकेशन समिट एंड अवार्ड्स 2022 के दौरान मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित प्रसिद्ध बॉलीवुड अभिनेत्री अमीषा पटेल ने गंगवार को यह अवार्ड प्रदान किया।
  • बैंकाक के प्रातुनम बर्कले होटल में ग्लोबल ह्यूमन राइट्स काउंसिल, सीईडी (सेंटर फॉर एजुकेशनल डेवलपमेंट फाउंडेशन), एशिया पैसिफिक चैंबर आफ कॉमर्स और एशिया-अफ्रीका डेवलपमेंट काउंसिल की ओर से आयोजित उक्त शैक्षणिक शिखर सम्मेलन के दौरान गंगवार को डॉक्टरेट की मानद उपाधि से भी नवाज़ा गया।
  • शिक्षा के क्षेत्र में विगत तीन दशक से भी अधिक समय तक उनके उल्लेखनीय अवदान के लिये यह अंतर्राष्ट्रीय सम्मान प्रदान किया गया।
  • गंगवार यह अंतर्राष्ट्रीय उपलब्धि प्राप्त करने वाले झारखंड से एकमात्र प्राचार्य थे। डीपीएस बोकारो से अब तक लगभग 50 शिक्षक प्राचार्य के रूप में नेतृत्वकर्त्ता बनकर उभर चुके हैं।
  • विद्यालय में ई-लाइब्रेरी, लैंग्वेज लैब, कंप्यूटर लैब, प्रत्येक कक्षा में स्मार्ट बोर्ड सहित डिजिटलीकरण आधारित अन्य उच्च तकनीकी संसाधनों की व्यवस्था के साथ-साथ नवाचार में वर्चुअल रियलिटी लैब, कॉमर्स लैब के अलावा बच्चों में सामुदायिक सेवा की भावना विकसित करने के भी नवोन्मेषी प्रयास लगातार किये जा रहे हैं।  
  • प्राचार्य के थाईलैंड से बोकारो लौटने पर 20 दिसंबर को विशेष असेंबली में उनकी उपलब्धियों की घोषणा हुई।
  • उल्लेखनीय है कि हाल ही में गंगवार को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मॉरीशस में ‘एक्सीलेंस इन एजुकेशन अवार्ड 2022’ से सम्मानित किया गया। इसके पूर्व श्रीलंका में उन्होंने डीपीएस बोकारो की ओर से इंटरनेशनल एजुकेशन एक्सीलेंट अवार्ड भी प्राप्त किया था।

छत्तीसगढ़ Switch to English

मुख्यमंत्री ने सोनाखान में ओपन एयर म्यूजियम और बलौदाबाज़ार-भाटापारा टूरिज्म सर्किट का शुभारंभ किया

चर्चा में क्यों?

20 दिसंबर, 2022 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ज़िला बलौदाबाज़ार-भाटापारा के सोनाखान में निर्मित भव्य ओपन एयर म्यूजियम और बलौदाबाज़ार-भाटापारा टूरिज्म सर्किट का शुभारंभ किया।

प्रमुख बिंदु 

  • शहीद वीर नारायण सिंह की जन्म एवं कर्मस्थली को उनके गौरव के अनुरूप विकसित करने के लिये ज़िला प्रशासन बलौदाबाज़ार-भाटापारा द्वारा सोनाखान में भव्य ओपन एयर म्यूजियम का निर्माण किया गया है।
  • सोनाखान में बनाया गया यह म्यूजियम प्रदेश में अपनी तरह का पहला म्यूजियम होगा, जहाँ ऑडियो-विजुअल सेटअप और एक विशेष धातु कॉर्टेन स्टील के माध्यम से शहीद वीर नारायण सिंह की जीवनी को प्रदर्शित किया जा रहा है।
  • सन् 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले शहीद वीर नारायण सिंह की गौरवगाथा को प्रदर्शित करने के लिये एक विशेष तरह की कॉर्टेन स्टील का प्रयोग किया गया है। कॉर्टेन स्टील एक तरह का ऐसा मेटल है, जिसमें पहले से ज़ंग की एक परत लगी हुई होती है। खास बात यह है कि यह धातु प्रकृति को हानि नहीं पहुँचाती। कुर्रूपाठ पहाड़ की हरियाली के बीच इसकी नयनाभिराम सुंदरता देखते ही बनती है।
  • कॉर्टेन स्टील के बने लंबे और सुंदर पैनल्स पर शहीद वीर नारायण सिंह की जीवनी उकेरी गई है, जिसकी भव्यता दिन के साथ ही रात में भी देखी जा सकती है। लाइट के अद्भुत सेटअप इसे खास और अलग बनाते हैं।
  • सभी पैनल पर एक ऑडियो सेटअप लगा हुआ है, जिसके माध्यम से शहीद वीर नारायण सिंह की जन्म से लेकर क्रांति और बलिदान की गाथा को सुना जा सकता है। यह ऑडियो हिन्दी, अंग्रेज़ी और छत्तीसगढ़ी भाषा में उपलब्ध है। यहाँ आने वाले लोग अपनी पसंद मुताबिक ऑडियो की भाषा तय कर सकते हैं।
  • देश में कॉर्टेन स्टील का उपयोग विभिन्न महान परियोजनाओं में कलाकृतियाँ बनाने के लिये किया जा चुका है। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, बिहार म्यूजियम और कई देशों के प्रतिष्ठित प्रोजेक्ट में इसका उपयोग किया गया है।
  • म्यूजियम में पार्किंग और केंटीन की भी व्यवस्था रहेगी। केंटीन की व्यवस्था स्व-सहायता समूह के द्वारा संचालित की जाएगी। इसके साथ ही यहाँ आने वाले लोगों को म्यूजियम में प्रवेश सशुल्क रहेगा। इस नवाचार से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और लोगों को भी रोज़गार उपलब्ध होगा।
  • बलौदाबाज़ार-भाटापारा टूरिज्म सर्किट में बाबा गुरु घासीदास की जन्म एवं कर्मस्थली गिरौदपुरी, शहीद वीर नारायण सिंह की जन्म एवं कर्मस्थली सोनाखान, कबीर पंथियों की प्रसिद्ध धर्मस्थली दामाखेड़ा, तुरतुरिया, सिद्धखोल जलप्रपात, बलारडेम, सिद्धेश्वर मंदिर पलारी और नारायणपुर का शिव मंदिर शामिल हैं। इस टूरिज्म सर्किट में आने वाले पर्यटकों को विभिन्न सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

छत्तीसगढ़ Switch to English

अब होटलों के मेन्यू में शामिल होंगे मिलेट्स के बने व्यंजन

चर्चा में क्यों?

20 दिसंबर, 2022 को छत्तीसगढ़ जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार राजधानी रायपुर समेत छत्तीसगढ़ के होटलों के मेन्यू में मिलेट्स आधारित व्यंजनों को शामिल किया जाएगा। इस संबंध में संयुक्त संचालक कृषि और राजधानी रायपुर के 64 होटल संचालकों के बीच बैठक हुई।

प्रमुख बिंदु

  • गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष-2023 घोषित किया गया है, जिससे मिलेट्स के उत्पाद को जनसामान्य के दैनिक आहार में शामिल कर उपभोग को बढ़ावा देने हेतु प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।
  • इसी कड़ी में बीते दिनों कृषि विभाग की ओर से रायपुर क्षेत्र के होटल, रेस्टोरेंट, मार्ट के संचालकों व प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर मिलेट उत्पाद के प्रचार-प्रसार के साथ प्रतिष्ठान के मेन्यू में मिलेट्स उत्पाद को शामिल करने का आग्रह किया गया। इससे ग्राहकों को मिलेट्स आधारित व्यंजन सुगमतापूर्वक उपलब्ध हो सकेगा।
  • मिलेट्स में पाए जाने वाले पोषक तत्त्वों के फायदे की वजह से मिलेट्स का दैनिक आहार में उपभोग बढ़ाने पर चर्चा की गई। इससे मिलेट्स फसल क्षेत्र वृद्धि व उत्पादन को भी बढ़ावा मिलेगा। होटल, रेस्टोरेंट संचालकों ने मिलेट्स आधारित व्यंजनों व उत्पादों को अपने प्रतिष्ठान के मेन्यू में शामिल करने का आश्वासन दिया।
  • मिलेट्स में पोषक तत्त्वों की अधिकता के कारण इसे न्यूट्रीसीरियल्स भी कहा जाता है। इसमें प्रोटीन, रेशा, थायमिन, राइबोफ्लेविन, फॉलिक एसिड, कैल्शियम, फास्फोरस आदि अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं। मिलेट्स में मुफ्त ग्लूकोज बहुत कम समय के लिये होता है, जो मधुमेह से पीड़ित लोगों के लिये उपयुक्त आहार है।
  • मिलेट्स फसल में शामिल रागी में प्रोटीन व कैल्शियम अधिक मात्रा में पाए जाते हैं, जो हड्डियों को मज़बूत बनाने एवं कुपोषण दूर करने में सहायक हैं। रागी रेशा उदर विकार, उच्च रक्तचाप तथा आँतों के कैंसर से शरीर की रक्षा करता है।
  • इसी तरह कुटकी में 37-38 प्रतिशत तक रेशा होता है, जो शिशु खाद्य पदार्थ, स्नैक्स एवं अन्य प्रंसस्कृत उत्पाद के लिये उपयोगी खाद्य घटक है। वहीं कोदो में प्रोटीन 11 एवं रेशा 14 प्रतिशत तक पाया जाता है, जो हृदय विकार, उच्च रक्तचाप तथा उच्च कोलेस्ट्रॉल से पीड़ित लोगों के लिये उत्तम आहार है।
  • उल्लेखनीय है कि मिलेट फसल के फसल क्षेत्र वृद्धि एवं उत्पादन बढ़ाने के साथ ही फसल के उपार्जन, प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन करते हुए आमजन तक सुगमता से उत्पाद पहुँचाने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ शासन द्वारा ‘मिलेट मिशन’ लागू किया गया है। छत्तीसगढ़ में मिलेट्स फसलों में प्रमुख रूप से कोदो, कुटकी, रागी एवं ज्वार व बाजरा का उत्पादन किया जाता है।
  • आँकड़ों पर नज़र डालें तो प्रदेश में उत्पादित कोदो, कुटकी एवं रागी का छत्तीसगढ़ राज्य लघुवनोपज संघ के माध्यम से वर्ष 2021 में 52,728 क्विंटल उपार्जन किया गया। वहीं वर्ष 2022-23 में 13 हज़ार टन मिलेट्स उपार्जन का लक्ष्य है।
  • मिलेट्स से रागी खीर, लड्डू, माल्ट, केक, सेवईं, इडली, हलवा, पुलाव, कुटकी खीर, कुटकी चाय, जैम, कोदो खीर, ज्वार चॉकलेट, ब्राउनी आदि बनाए जाते हैं। कोदो व कुटकी को मुख्य भोजन के रूप में उपयोग में लाया जाता है।  

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पुरातत्त्व अभिलेखागार एवं संग्रहालय तथा संस्कृति एवं राजभाषा का पृथक्-पृथक् संचालनालय

चर्चा में क्यों?

20 दिसंबर, 2022 को छत्तीसगढ़ जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार राज्य शासन ने संस्कृति विभाग के अधीनस्थ संचालित संस्कृति एवं पुरातत्त्व विभाग को पृथक्-पृथक् संचालनालय के रूप में घोषित कर दिया है। इस आशय का आदेश मंत्रालय महानदी भवन स्थित संस्कृति विभाग द्वारा जारी कर दिया गया है।

प्रमुख बिंदु 

  • संस्कृति विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार अब संस्कृति एवं पुरातत्त्व विभाग संचालनालय पुरातत्त्व अभिलेखागार एवं संग्रहालय तथा संचालनालय संस्कृति एवं राजभाषा के नाम से जाना जाएगा।
  • नवगठित विभागाध्यक्ष कार्यालयों के सुव्यवस्थित कार्य निष्पादन-संचालन के लिये प्रशासनिक दृष्टि से कार्यालय का नाम एवं पता परिवर्तन किया गया है। इसके अनुसार संचालनालय पुरातत्त्व अभिलेखागार एवं संग्रहालय के कार्यालय का पता महंत घासीदास स्मारक संग्रहालय परिसर सिविल लाइन रायपुर है।
  • वहीं संचालनालय संस्कृति एवं राजभाषा के कार्यालय का पता छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल व्यावसायिक परिसर द्वितीय तल सेक्टर-27 नवा रायपुर अटल नगर है। 

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उत्तराखंड राज्य पार्किंग (स्थल चयन, निर्माण एवं संचालन इत्यादि) नियमावली, 2022 को मंज़ूरी

चर्चा में क्यों?

20 दिसंबर, 2022 को उत्तराखंड कैबिनेट ने राज्य में पार्किंग की समस्या दूर करने के लिये उत्तराखंड राज्य पार्किंग (स्थल चयन, निर्माण एवं संचालन इत्यादि) नियमावली, 2022 को मंज़ूरी दे दी।

प्रमुख बिंदु 

  • उत्तराखंड राज्य पार्किंग (स्थल चयन, निर्माण एवं संचालन इत्यादि) नियमावली, 2022 के अंतर्गत राज्य में अब खेती की ज़मीन पर भी खुली पार्किंग बन सकेगी। इसके लिये न तो लैंड यूज बदलने की ज़रूरत होगी और न ही कोई अन्य सरकारी अड़चन आएगी।
  • इस नीति के तहत चार श्रेणियों में पार्किंग के निर्माण होंगे। शासन स्तर से सरकारी जमीनों पर पार्किंग बनेगी। निजी ज़मीनों पर कोई भी व्यक्ति पार्किंग का निर्माण कर सकेगा। सरकारी जमीनों पर निजी विकासकर्त्ता भी पार्किंग का निर्माण कर सकेगा, वहीं निजी ज़मीनों पर सरकार पार्किंग का निर्माण कर सकेगी।
  • राज्य में जो भी पार्किंग बनाएंगे, उन्हें पाँच साल तक एक रुपया प्रति यूनिट की दर से बिजली में छूट मिलेगी। उनसे सरकार सब डिविजनल चार्ज या डेवलपमेंट चार्ज भी नहीं लेगी। स्थानीय युवा वीर चंद्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोज़गार योजना के तहत लोन लेकर भी पार्किंग निर्माण कर सकेंगे।
  • अगर कोई होटल, रेस्तरां, अस्पताल या कॉलेज अपनी पार्किंग अन्यत्र बनाता है तो उसे नियमों का पालन करने के साथ ही उस पार्किंग का एक हिस्सा सार्वजनिक पार्किंग के लिये भी रखना होगा, ताकि बाहर से आने वाले लोग यहाँ वाहन पार्क कर सकें।
  • राज्य में सभी शहरों में पार्किंग स्थल के चयन और वहाँ वसूले जाने वाले टैरिफ के लिये संबंधित विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष की अध्यक्षता में समिति का गठन किया जाएगा। इस समिति में पुलिस अधीक्षक या उनका नामित सदस्य, नगर नियोजन विभाग का प्रतिनिधि, अपर ज़िलाधिकारी प्रशासन, स्थानीय निकाय से मुख्य नगर अधिकारी या अधिशासी अधिकारी, यातायात निरीक्षक, अग्निशमन अधिकारी शामिल होंगे।
  • उल्लेखनीय है कि राज्य में पर्यटन सीजन में पार्किंग पर्याप्त न होने की वजह से मसूरी और नैनीताल जैसे पर्यटन स्थलों पर लंबे जाम लग जाते हैं। लोग घंटों जाम से जूझने के बाद या तो लौट जाते हैं या किसी तरह आगे बढ़ पाते हैं। पार्किंग नीति आने के बाद इतनी पार्किंग हो जाएंगी कि लोगों को अपने वाहन खड़े करने में परेशानी नहीं होगी।
  • विदित है कि राज्य में करीब 300 प्रतिशत की दर से वाहनों कि संख्या बढ़ रही हैं। राज्य गठन के समय तीन लाख 63 हज़ार 916 वाहन थे, जिनकी संख्या अब बढ़कर करीब 28 लाख 80 हज़ार 520 पहुँच गई हैं। इसमें निजी वाहनों की संख्या ही करीब 26 लाख से अधिक है।

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उत्तराखंड कैबिनेट द्वारा नई हाइड्रो पावर पॉलिसी की मंज़ूरी सहित लिये गए कई महत्त्वपूर्ण निर्णय

चर्चा में क्यों?

20 दिसंबर, 2022 को उत्तराखंड सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में नई हाइड्रो पावर पॉलिसी सहित 20 प्रस्तावों को हरी झंडी मिली।

प्रमुख बिंदु 

  • कैबिनेट की बैठक में नई हाइड्रो पावर पॉलिसी की मंज़ूरी से प्रदेश की नदियों, नालों और खालों से करीब 20 हज़ार मेगावाट बिजली उत्पादन की क्षमता का दोहन करने की राह आसान हो गई है। नीति हिमाचल प्रदेश की जलविद्युत नीति 2022 के अनुरूप बनाई गई है।
  • इस नीति से अब प्रदेश में जहाँ नए निवेशकों को 25 लाख रुपए की जगह सिर्फ एक लाख रुपए विकास शुल्क देना होगा तो वहीं पुरानी अटकीं योजनाओं को दूसरी कंपनियों को ट्रांसफर किया जा सकेगा। परियोजना की खुदाई के दौरान निकलने वाले माल से ही निर्माण कार्य कर सकेंगे, स्टोन क्रशर भी लगा सकेंगे।
  • प्रोजेक्ट की अवधि उसके संचालन से मानी जाएगी। 25 मेगावाट तक के सभी प्रोजेक्ट का यूपीसीएल को अनिवार्य पावर परचेज एग्रीमेंट (पीपीपी) करना होगा।
  • राज्य कैबिनेट द्वारा लिये गए कुछ अन्य महत्त्वपूर्ण निर्णय -
    • कैबिनेट ने औद्योगिक उत्पादों को बाहर ले जाने के लिये उत्तराखंड लॉजिस्टिक्स नीति 2022 को मंज़ूरी दे दी। इससे गोदामों, अंतर्देशीय कंटेनर डिपो (आईसीडी), कोल्ड स्टोरेज, औद्योगिक संपदाओं, क्लस्टरों से रेल-सड़क कनेक्टिविटी जैसे नए और मौजूदा लॉजिस्टिक्स बुनियादी ढाँचे को मज़बूती मिलेगी। पर्वतीय-मैदानी क्षेत्रों के बीच आर्थिक संबंध मज़बूत होंगे। वेयर हाउस बनाने की राह आसान होगी।
    • कैदियों को अब परिजनों की बीमारी, मृत्यु व पुत्र-पुत्री के विवाह के लिये 15 दिन की पैरोल डीएम के स्तर से मिल सकेगी। पहले मंडलायुक्त को यह अधिकार था। इसके लिये कैबिनेट ने उत्तराखंड (बंदियों के दंडादेश का निलंबन, संशोधन) नियमावली को मंज़ूरी दी।
    • प्रदेश के सरकारी और अशासकीय कॉलेजों में 9वीं से 12वीं के सभी वर्ग के छात्रों को आगामी वित्तीय वर्ष 2023-24 में नि:शुल्क पाठ्यपुस्तकें दी जाएंगी। इसकी योजना पर कैबिनेट ने मुहर लगा दी है। इससे करीब एक लाख छात्रों को लाभ मिलेगा।
    • प्रदेश में नि:शक्त व्यक्तियों को भी महिलाओं की तर्ज़ पर अचल संपत्ति, भूखंड व मकान आदि खरीदने पर 25 लाख रुपए स्टांप शुल्क प्रभार पर 25 प्रतिशत की छूट देने का फैसला लिया गया है। यह छूट जीवनकाल में दो बार ही मिलेगी।
    • यूनिवर्सिटी ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी रुड़की के नाम में संशोधन कर कोर यूनिवर्सिटी करने पर मुहर।
    • 20 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) को उद्योगों की आवश्यकता और रुचि के हिसाब से अपग्रेड किया जाएगा।
    • राज्यों के लिये पूंजीगत निवेश की विशेष सहायता योजना के तहत परिवहन विभाग को कुछ सुधार करने पर आर्थिक सहायता प्राप्त हो सकेगी। इसके तहत सिटी बसों को मोटरयान कर में शत-प्रतिशत और परिवहन निगम की पर्वतीय क्षेत्रों में संचालित बसों को छूट 50 से बढ़ाकर 75 प्रतिशत की गई।
    • उत्तर प्रदेश की तर्ज़ पर उत्तराखंड सरकार ने भी रेल भूमि विकास में भू-उपयोग परिवर्तन की शर्त को खत्म कर दिया है। स्थानीय निकाय व प्राधिकरण तालमेल बनाकर रेल विकास योजनाओं में काम करेंगे।
    • लखवाड़ बहुद्देशीय परियोजना के तहत 75 करोड़ रुपए के कार्यों की ई-निविदा में केवल एल एंडटीका टेंडर आया है, इसे खोलने की अनुमति।
    • औद्योगिक संबंध संहिता 2020 के तहत उत्तराखंड औद्योगिक संबंध नियमावली 2022 को मंज़ूरी। इसमें मुख्यत: व्यापार के सरलीकरण और उद्योगों को अनुकूल वातावरण देने के साथ कर्मचारी हितों को भी समयबद्ध तरीके से दिए जाने के संबंध में प्रावधान किये गए हैं।
    • उत्तराखंड राजस्व परिषद अनुभाग अधिकारी, सहायक राजस्व आयुक्त (प्रशासनिक) एवं उप राजस्व आयुक्त (प्रशासनिक) सेवा नियमावली 2022 को मंज़ूरी।
    • बदरीनाथ और केदारनाथ धाम की तर्ज़ पर अल्मोड़ा के जागेश्वर धाम और देहरादून के महासू देवता के लिये भी मास्टर प्लान बनेंगे।
    • उत्तराखंड के विधानसभा सत्र के सत्रावसान को कैबिनेट की मंज़ूरी।

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टिहरी झील में पहली बार होगी नेशनल वाटर स्पोर्ट्स प्रतियोगिता

चर्चा में क्यों?

20 दिसंबर, 2022 को उत्तराखंड के टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड, ऋषिकेश के अध्यक्ष व निदेशक आरके विश्नोई ने बताया कि भारत सरकार के सहयोग व भारतीय ओलंपिक संघ, उत्तराखंड ओलंपिक संघ और आईटीबीपी की तकनीकी देखरेख में 28 से लेकर 30 दिसंबर तक राज्य की टिहरी झील में राष्ट्र स्तरीय केनोइंग और क्याकिंग प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी।

प्रमुख बिंदु 

  • आरके विश्नोई ने बताया कि पहली बार आयोजित इस राष्ट्र स्तरीय वाटर स्पोर्ट्स प्रतियोगिता में एशियाई चैंपियनशिप एवं ओलंपिक क्वालीफाइंग चौथी रैंकिंग और केनो (डोंगी) स्प्रिंट सीनियर पुरुष और महिला चैंपियनशिप के तहत सभी मुकाबले होंगे।
  • तीनदिवसीय इस प्रतियोगिता में देश के 17 राज्यों के 300 खिलाड़ी, जिनमें 200 पुरुष और 100 महिला खिलाड़ी शामिल हैं, ने पंजीकरण कराया है।
  • गौरतलब है कि करीब आठ साल बाद समुद्र तल से 840 मीटर की ऊँचाई पर केनोइंग और क्याकिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है।
  • भारत सरकार के प्रेरित करने पर टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड केनोइंग और क्याकिंग को बढ़ावा देने के लिये टिहरी वाटर स्पोर्ट्स कप का आयोजन करने जा रहा है।
  • विश्नोई ने बताया कि उत्तराखंड में राष्ट्र स्तरीय वॉटर स्पोर्ट्स प्रतियोगिता कराए जाने से पर्यटकों और खिलाड़ियों का रुझान बढ़ेगा। टिहरी झील में वाटर स्पोर्ट्स की अपार संभावनाएँ हैं।
  • टिहरी झील और नदियों में वॉटर स्पोर्ट्स गतिविधियाँ बढ़ेंगी तो निश्चित तौर पर युवाओं को रोज़गार भी मिलेगा। टीएचडीसीआईएल प्रतियोगिता के बाद वॉटर स्पोर्ट्स के खिलाड़ियों और इससे संबंधित रोज़गारों को लेकर युवाओं को प्रशिक्षित करने की योजना पर भी काम कर रहा है।
  • टीएचडीसीआईएल के कॉरपोरेट संचार विभाग के अपर महाप्रबंधक एएन त्रिपाठी ने बताया कि इससे पूर्व कश्मीर में भी इतनी ही ऊँचाई पर कैनोइंग और क्याकिंग प्रतियोगिता आयोजित की गई थी। हिमाचल में भी ऊँचाई वाले क्षेत्रों में ऐसी प्रतियोगिताएँ आयोजित की जाती हैं।

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