विक्रमोत्सव-2021 | मध्य प्रदेश | 21 Dec 2021
चर्चा में क्यों?
20 दिसंबर, 2021 को महाराजा विक्रमादित्य शोध पीठ द्वारा भारत उत्कर्ष और नव-जागरण पर एकाग्र तीनदिवसीय ‘विक्रमोत्सव-2021’ का उद्घाटन जनजातीय संग्रहालय में महानाट्य ‘सम्राट विक्रमादित्य’की प्रस्तुति के साथ किया गया।
प्रमुख बिंदु
- विक्रमोत्सव के शुभारंभ अवसर पर महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ के निदेशक श्रीराम तिवारी ने कहा कि सम्राट विक्रमादित्य पर केंद्रित आयोजन प्राय: उज्जैन तक ही सीमित रहते आए हैं, जबकि विक्रम कीर्ति सार्वभौमिक रही है। इसी दृष्टि से विक्रमोत्सव श्रृंखला को उज्जैन के परकोटे से बाहर निकाल कर पहली बार भोपाल लाया जा रहा है।
- यह समारोह श्रृंखला भोपाल के अलावा पुणे, वाराणसी, प्रयागराज, पटना, अहमदाबाद, चंडीगढ़ आदि सांस्कृतिक केंद्रों पर भी आयोजित होगी।
- तिवारी ने बताया कि उज्जैन में पिछले दिनों भारत-विक्रम शीर्षक से व्याख्यान श्रृंखला का आरंभ किया गया है, जिसे मध्य प्रदेश के समस्त विश्वविद्यालयों में आयोजित किया जाएगा। भारत उत्कर्ष एवं नव-जागरण पर केंद्रित यह व्याख्यान माला देश के प्रमुख शहरों में भी आयोजित किये जाने की योजना है।
- विक्रमोत्सव के पहले दिन संजय मालवीय के निर्देशन में विशाला सांस्कृतिक एवं लोकहित समिति, उज्जैन ने महानाट्य ‘सम्राट विक्रमादित्य’की प्रस्तुति दी। लगातार तीन दिन चलने वाले विक्रमोत्सव में दो अन्य नाटकों की प्रस्तुति होगी।
देव श्रीमाली की पुस्तक ‘बिछड़े कई बारी बारी’ का विमोचन | मध्य प्रदेश | 21 Dec 2021
चर्चा में क्यों?
20 दिसंबर, 2021 को मध्य प्रदेश विधानसभा के मानसरोवर सभागार में वरिष्ठ पत्रकार देव श्रीमाली की किताब ‘बिछड़े कई बारी बारी’का विमोचन किया गया।
प्रमुख बिंदु
- यह पुस्तक उन पत्रकारों के योगदान पर आधारित है, जिन्होंने कोरोना काल में अपने कर्त्तव्य निर्वहन के दौरान जान गँवाई है।
- इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने कहा कि यह पुस्तक अपनेआप में एक तरह का वृत्तांत है। कोरोना योद्धाओं की स्मृति को सदा बनाए रखने के लिये देव श्रीमाली ने यह पुस्तक लिखी है।
- विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि कोरोना काल में कई वर्गों ने सरकार के साथ मिलकर काम करने में अहम भूमिका निभाई है, इनमें पत्रकार भी प्रमुख रूप से शामिल हैं।
- आम जनता को कोरोना के प्रति जागरूक करने में जहाँ मीडिया की अहम भूमिका रही, वहीं दूसरी ओर सरकार को समय-समय पर चेतावनी भी दी गई। आज मध्य प्रदेश कोविड-19 टीकाकरण में काफी बेहतर स्थिति में है और इसे जन- अभियान बनाने में मीडिया ने भी अपनी भूमिका निभाई है।
‘निर्झरणी महोत्सव’ | मध्य प्रदेश | 21 Dec 2021
चर्चा में क्यों?
20 दिसंबर, 2021 को मध्य प्रदेश शासन संस्कृति विभाग द्वारा ज़िला प्रशासन- अलीराजपुर के सहयोग से तीनदिवसीय ‘निर्झरणी महोत्सव’का शुभारंभ किया गया।
प्रमुख बिंदु
- देश की 75वीं स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव को समर्पित और अमर शहीद चंद्रशेखर आज़ाद की स्मृति और नदियों के प्रति आभार व्यक्त करने के लिये 20 से 22 दिसंबर तक रजवाड़ा परिसर में इस महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है।
- 20 दिसंबर को सांस्कृतिक शिक्षा कला केंद्र समिति, रीवा द्वारा आदिवासी भगोरिया नृत्य, कोरकू आदिवासी गडली-थप्ती नृत्य, मालवा का लोक नृत्य, गोंड आदिवासी धानदार नृत्य, गुजरात का राठवा आदिवासी नृत्य के साथ-साथ महानायक चंद्रशेखर आज़ाद और भगत सिंह का स्वतंत्रता संग्राम में योगदान नाटक ‘गगन दमामा बाज्यो’पर केंद्रित प्रस्तुति दी गई।
- दूसरे दिन 21 दिसंबर को भील आदिवासी नृत्य, निमाड़ लोकनृत्य एवं वन निवासी लीला नाट्य भक्तिमति शबरी की प्रस्तुति होगी।
- तीसरे दिन 22 दिसंबर को भील आदिवासी नृत्य, भारिया आदिवासी भादम नृत्य और वनवासी लीला नाट्य निषादराज गुह्या का प्रदर्शन किया जाएगा।