बिहार निवेश प्रोत्साहन परिषद की बैठक में 46 निवेश प्रस्तावों को प्रथम क्लियरेंस दिया गया | बिहार | 21 Nov 2023
चर्चा में क्यों?
हाल ही में बिहार निवेश प्रोत्साहन परिषद (एसआइपीबी) की 50वीं बैठक में 820.76 करोड़ रुपए के कुल 46 निवेश प्रस्तावों को प्रथम क्लियरेंस दिया गया है। सभी प्रस्ताव दो करोड़ रुपए से अधिक के हैं।
प्रमुख बिंदु
- बिहार निवेश प्रोत्साहन परिषद की यह बैठक 10 नवंबर को हुई थी, जिसकी प्रोसीडिंग 17 नवंबर को जारी की गयी।
- परिषद द्वारा जिन निवेश प्रस्तावों को प्रथम क्लियरेंस दिया गया है उनमें सर्वाधिक 14 प्रस्ताव (490 करोड़ रुपए) खाद्य प्रसंस्करण के हैं। इसके अलावा 13 प्रस्ताव (157.23 करोड़ रुपए) राइस मिलों की स्थापना के लिये, 12 प्रस्ताव (115 करोड़ रुपए) जनरल मैन्युफैक्चरिंग के, 4 प्रस्ताव (38 करोड़ रुपए) हेल्थ एंड केयर सेक्टर के, एक प्रस्ताव (102 करोड़ रुपए) टेक्सटाइल एंड लेदर सेक्टर का, एक प्रस्ताव (5.61 करोड़ रुपए) आइटी सेक्टर का और एक प्रस्ताव (3.91 करोड़ रुपए) स्मॉल स्केल इंडस्ट्रीज का है।
- राज्य के वैशाली ज़िले में 102 करोड़ रुपए से अधिक के निवेश से लेदर फुटवियर बनाने की फैक्ट्री स्थापित की जाएगी। साथ ही 191 करोड़ रुपए के निवेश से लॉजिस्टिक एंड वेयर हाउस स्थापित करने का प्रस्ताव है।
- हाजीपुर में 61 करोड़ रुपए के निवेश से बिस्कुट एंड केक यूनिट स्थापित करने का प्रस्ताव है। पटना में पाटलिपुत्र रोड क्षेत्र में फूड टेस्टिंग लेबोरेटरी की स्थापना और पाटलिपुत्र औद्योगिक क्षेत्र में सॉफ्टवेयर सर्विस कंपनी निवेश करने जा रही है।
- भागलपुर और पूर्णिया में इथेनॉल प्लांट स्थापित होने जा रहा है। इसके अलावा नौ ज़िलों- नालंदा, मुजफ्फरपुर, मुंगेर, गया, पश्चिमी चंपारण, औरंगाबाद, पटना, बक्सर और शेखपुरा में नयी राइस मिल स्थापित करने का प्रस्ताव है।
- भागलपुर के नौगछिया में 58 करोड़ रुपए के निवेश और पूर्णिया के परौरा में 17.30 करोड़ रुपए के निवेश से इथेनॉल प्लांट स्थापित किया जाएगा। बेगूसराय में वाटर पार्क/होटल/रेस्टारेंट स्थापित करने में लगभग 10 करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा।
- पटना में फूड लैब की स्थापना में करीब छह करोड़ रुपए का निवेश किया जा रहा है। पश्चिमी चंपारण के नरकटियागंज में चार करोड़ रुपए से अधिक के निवेश में होटल स्थापित किया जाएगा। शेष निवेश फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में किये जाएंगे।
- एसआइपीबी की बैठक में 216.85 करोड़ रुपए के 28 निवेश प्रस्तावों को वित्तीय क्लियरेंस भी दिया गया है। ये वे प्रस्ताव हैं, जिनमें निवेश के लिये वित्तीय मदद देने के लिये बैंक और अन्य वित्तीय एजेंसियाँ तैयार हैं। इस तरह का क्लियरेंस उन यूनिटों को दिया जाता है, जिन्हें वित्तीय एजेंसियां लोन और दूसरी सुविधाएं देने के लिये अंतिम रूप से तैयार हो जाती हैं।