उत्तर प्रदेश Switch to English
सोनौली में एयरपोर्ट की तर्ज पर बनेगा लैंडपोर्ट
चर्चा में क्यों?
20 नवंबर, 2022 को उत्तर प्रदेश के महराजगंज ज़िले के डीएम सत्येंद्र कुमार ने बताया कि महराजगंज के बौद्ध सर्किट के अंतर्राष्ट्रीय एक्जिट प्वाइंट सोनौली में एयरपोर्ट की तर्ज पर 120 एकड़ कैंपस में इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट (आईसीपी) लैंडपोर्ट बनेगा।
प्रमुख बिंदु
- सत्येंद्र कुमार ने बताया कि लैंडपोर्ट के लिये भूमि अधिग्रहण का कार्य पूरा हो चुका है। चहारदवारी का निर्माण कार्य चल रहा है। जल्दी ही शिलान्यास के बाद डीपीआर के मुताबिक कार्यदायी संस्था लैंडपोर्ट बनाएगी।
- सोनौली बॉर्डर के समीप बनने जा रहे इंटीग्रेटेड चेकपोस्ट बौद्ध सर्किट का एक महत्त्वपूर्ण निकास बिंदु है। यह गौतम बुद्ध की जन्मस्थली और लोकप्रिय बौद्ध पर्यटन केंद्र लुंबिनी के नज़दीक है। विदेश से आने वाले यात्रियों और पर्यटकों को सोनौली में अत्याधुनिक सुविधाओं का अहसास कराने के मापदंड के आधार पर यह लैंडपोर्ट विकसित किया जाएगा।
- निर्माण के बाद कस्टम, एसएसबी, पुलिस आव्रजन सहित खुफिया एजेंसियों के कार्यालय एक ही कैंपस में रहेंगे। इससे जाँच में सहुलियत मिलेगी तथा नेपाल के साथ व्यापार में तेजी आएगी।
- लैंडपोर्ट में टर्मिनल बिल्डिंग, नेपाल व भारत साइड पार्किग/बस टर्मिनल, होटल, इंपेक्शन शेड कस्टम, आयात-निर्यात के लिये वेयरहाउस, रेलवे टर्मिनल में आयात-निर्यात के लिये भवन, ट्रक पार्किंग, तोरण, मेंटिनेंस शेड, हैलिपेड, क्वांरटीन ब्लॉक, आइसोलेशन ब्लॉक, वॉच टॉवर व पेट्रोल बंक आदि का निर्माण होगा।
- उल्लेखनीय है कि भारत सरकार ने वर्ष 2004 में इंडो-नेपाल के सोनौली बॉर्डर पर इंटीग्रेटेड चेकपोस्ट के निर्माण की मंजूरी दी थी।
बिहार Switch to English
बिहार में बनेगी सीता माता की 251 फीट ऊँची प्रतिमा
चर्चा में क्यों?
19 नवंबर, 2022 को बिहार के सांसद सुनील कुमार पिंटू ने बताया कि राज्य के सीतामढ़ी ज़िले के राधोपुर बखरी में सीता माता की 257 फीट ऊँची प्रतिमा स्थापित करने की तैयारी शुरू हो गई है। इसका निर्माण कार्य जल्द शुरू किया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- विदित है कि देश में सीता माता की सबसे ऊँची प्रतिमा सीतामढ़ी के राधोपुर बखरी में स्थापित होगी। इसका निर्माण रामायण रिसर्च काउंसिल द्वारा करवाया जाएगा।
- सुनील कुमार ने बताया कि राधोपुर बखरी के मंहत के काउंसिल को 18 एकड़ 40 डिसिमल की ज़मीन दान में दी गई है। आसपास के किसानों ने भी करीब 6 एकड़ की ज़मीन देने का एग्रीमेंट किया है। कुल मिलाकर काउंसिल ने अब तक 39 एकड़ भूमि का एग्रीमेंट कर लिया है। इस संबंध में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से भी चर्चा हुई है।
- उन्होंने बताया कि सीतामढ़ी में हर धर्म और वर्ग के लोग इस प्रतिमा को बनाने में सहयेाग कर रहे हैं। यहाँ देश का पहला सांस्कृतिक दूतावास केंद्र भी स्थापित किया जाएगा।
- ज्ञातव्य है कि सीतामढ़ी में स्थापित होने वाली सीता माता की प्रतिमा के प्रचार-प्रसार के लिये 14 जनवरी से रथयात्रा रवाना की जाएगी। यह रथयात्रा पूरे देश में भ्रमण करेगी।
राजस्थान Switch to English
48वीं जूनियर बॉयज नेशनल कबड्डी चैंपियनशिप में राजस्थान की टीम ने जीता गोल्ड मेडल
चर्चा में क्यों?
20 नवंबर, 2022 को उत्तराखंड के हरिद्वार में आयोजित 48वीं जूनियर बॉयज नेशनल कबड्डी चैंपियनशिप के फाइनल में राजस्थान की टीम ने गोल्ड मेडल जीता।
प्रमुख बिंदु
- 48वीं जूनियर बॉयज नेशनल कबड्डी चैंपियनशिप में राजस्थान की टीम ने फाइनल में हरियाणा को 36-23 के अंतर से हराकर स्वर्ण पदक जीता है। राजस्थान को कबड्डी में यह स्वर्ण पदक 18 साल बाद मिला है।
- विदित है कि चार दिवसीय यह चैंपियनशिप 17 नवंबर को उत्तराखंड के हरिद्वार में शुरु हुई थी, जिसमें 29 राज्यों की टीमों के लगभग 600 खिलाड़ियों ने भाग लिया।
- उत्तराखंड कबड्डी एसोसिएशन द्वारा सभी खिलाड़ियों को उपहार के तौर पर मेडल और कंबल प्रदान किये गए।
मध्य प्रदेश Switch to English
‘जल महोत्सव’ के सातवें संस्करण का आयोजन 28 नवंबर से
चर्चा में क्यों?
20 नवंबर, 2022 को मध्य प्रदेश के प्रमुख सचिव पर्यटन और संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव एवं मप्र टूरिज्म बोर्ड के प्रबंध संचालक शिव शेखर शुक्ला ने बताया कि मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड द्वारा खंडवा ज़िले के हनुवंतिया टापू में प्रदेश के सबसे बड़े आयोजनों में से एक ‘जल महोत्सव’ के सातवें संस्करण का आयोजन 28 नवंबर 2022 से किया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- दो माह तक चलने वाले इस वाटर कार्निवल का शुभारंभ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान करेंगे। इसका समापन 28 जनवरी 2023 को होगा।
- शिव शेखर शुक्ला ने बताया कि जल महोत्सव देशभर के एडवेंचर लवर्स के लिये आदर्श गंतव्य के रूप में स्थापित हो चुका है। पर्यटकों के उत्साह और आनंद को बढ़ाने के लिये इंदिरा सागर बांध के बैकवाटर पर स्थित हनुवंतिया टापू पर फ्लाइंग इंफ्लेटेबल बोट एक्टिविटी आयोजित की जा रही है। देश में पहली बार पर्यटक इस तरह की गतिविधि का आनंद लेंगे।
- स्कूबा डाइविंग, बोरियामल द्वीप पर नाइट सफारी, लग्जरी रीगल सीरीज बोट, 40 फीट हाई रोप स्विंग, जिप सायकल, पैरामोटरिंग, पैरासेलिंग, स्पीड बोट, जेट स्काई, हॉट एयर बलूनिंग, मोटर बोट राइडिंग इत्यादि एडवेंचर गतिविधियाँ प्रमुख आकर्षण होंगी। इस अवसर पर एक वीडियो फिल्म भी दिखाई जाएगी।
- शुक्ला ने बताया कि टूरिज्म बोर्ड द्वारा सनसेट डेजर्ट कैंप के साथ मिलकर हनुवंतिया टापू में स्थित टेस्ट सिटी का संचालन पर्यटकों के लिये किया जा रहा है। इस टेंट सिटी में 104 लग्जरी स्विस टेंट्स के साथ-साथ कॉर्पोरेट सम्मेलनों के लिये एसी सम्मेलन हॉल की सुविधा मिलेगी।
- जल महोत्सव में केरल के प्रसिद्ध करैली समूह के द्वारा वेलनेस स्पा, राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय एंगलर्स की तीन दिवसीय एंगलिंग स्पोर्ट इवेंट, संगीत समारोह, पतंग उत्सव जैसी अनेक गतिविधियाँ पर्यटकों के मनोरंजन के लिये आयोजित की जाएंगी।
- उल्लेखनीय है कि इंदिरा सागर बांध के तट पर स्थित हनुवंतिया टापू को एक आदर्श पर्यटन स्थल विकसित करने के उद्देश्य से प्रत्येक वर्ष मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड द्वारा ‘जल महोत्सव’का आयोजन किया जाता है।
- ‘जल महोत्सव’को जनवरी 2022 में स्पेन में इंडियाज यूनिक वाटर एंड एडवेंचर कार्निवल से सम्मानित किया गया था। 2017 में भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय द्वारा सबसे अनोखे नवीन पर्यटन उत्पाद वर्ष 2015-16 हेतु सम्मानित किया जा चुका है।
- गौरतलब है कि जल महोत्सव 2021 के 60 दिनों के दौरान 2 लाख 40 हज़ार से ज्यादा लोगों ने भ्रमण किया था।
हरियाणा Switch to English
हरियाणा ने सुशासन पुरस्कार योजना के शुरू होने की अधिसूचना जारी की
चर्चा में क्यों?
19 नवंबर, 2022 को हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने बताया कि राज्य सरकार ने उल्लेखनीय और अभिनव कार्य करने वाले कर्मचारियों को प्रोत्साहित करने के लिये ‘सुशासन पुरस्कार योजना’ शुरू की है। इसके लिये अधिसूचना भी जारी कर दी गई है।
प्रमुख बिंदु
- मुख्य सचिव संजीव कौशल ने बताया कि ‘सुशासन पुरस्कार योजना’का उद्देश्य सुशासन को बढ़ावा देना और उन कर्मचारियों को पुरस्कृत करना है, जो अपने व्यक्तिगत नवाचारों एवं विशेष प्रयासों के माध्यम से राज्य में सुशासन को बढ़ावा देते हैं।
- उन्होंने बताया कि सुशासन पुरस्कार दो स्तरों पर दिये जाएंगे- एक राज्यस्तरीय पुरस्कार और दूसरा ज़िलास्तरीय पुरस्कार। राज्यस्तरीय पुरस्कार में व्यक्तिगत कर्मचारियों या कर्मचारियों की विजेता टीम को पहला पुरस्कार 51 हज़ार रुपए नकद, दूसरा पुरस्कार 31 हज़ार रुपए और तीसरा पुरस्कार 21 हज़ार रुपए का दिया जाएगा।
- इसी प्रकार, ज़िलास्तरीय पुरस्कार में पहला पुरस्कार 31 हज़ार रुपए नकद, दूसरा पुरस्कार 21 हज़ार रुपए और तीसरा पुरस्कार 11 हज़ार रुपए दिया जाएगा। इन पुरस्कार में नकद पुरस्कार के साथ ट्रॉफी, मुख्यमंत्री द्वारा हस्ताक्षरित प्रशंसा पत्र (जिसकी प्रति कर्मचारी की सर्विस बुक में लगेगी) भी दिया जाएगा।
- योजना के अनुसार राज्य स्तर पर अधिकतम 10 पुरस्कार दिये जाएंगे। पहले पायदान के लिये 2 पुरस्कार, दूसरे स्थान के लिये 3 पुरस्कार और तीसरे के लिये 5 पुरस्कार दिये जाएंगे। इसी प्रकार, ज़िला स्तर पर तीनों पायदान के लिये प्रत्येक ज़िले में 3-3 पुरस्कार दिये जाएंगे।
- उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने हरियाणा सुशासन पुरस्कार योजना, 2022 शुरू की है, जो ग्रुप ए, बी, सी और डी के सभी कर्मचारियों तथा हरियाणा सरकार के अधीन किसी भी विभाग, बोर्ड, निगम, वैधानिक प्राधिकरण, मिशन, सोसायटी, संस्थान, विश्वविद्यालय, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम आदि में आउटसोर्सिंग नीति के तहत काम करने वाले कर्मचारी और व्यक्तियों, जिन्होंने निर्दिष्ट क्षेत्रों में उल्लेखनीय और अभिनव कार्य किया है, पर लागू है। हालांकि, यह योजना प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों और एआईएस अधिकारियों पर लागू नहीं है।
हरियाणा Switch to English
संस्कृत साहित्यकारों की सम्मान राशि में बढ़ोतरी
चर्चा में क्यों?
हाल ही में हरियाणा संस्कृत अकादमी के निदेशक डॉ. दिनेश शास्त्री ने बताया कि राज्य सरकार ने राज्य के संस्कृत विद्वानों और साहित्यकारों की सम्मान राशि में बढ़ोतरी करने की घोषणा की है।
प्रमुख बिंदु
- डॉ. दिनेश शास्त्री ने बताया कि सम्मान राशि के अलावा सम्मान की नियमावली में भी फेरबदल किया गया है। सर्वोच्च सम्मान संस्कृत साहित्यालंकार और हरियाणा गौरव के लिये अब आयु सीमा का बंधन हटा दिया गया है। छात्रवृति, अनुदान और वित्तीय सहायता योजना की राशि में भी कई गुना बढ़ोतरी की गई है।
- उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय स्तर के सम्मान ‘संस्कृत साहित्यालंकार सम्मान’में 2 लाख रुपए की राशि को बढ़ाकर 7 लाख रुपए कर दी है। इसी तरह ‘हरियाणा संस्कृत गौरव सम्मान’की पुरस्कार राशि दो लाख रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर दी गई है।
- महर्षि वाल्मीकि और महर्षि वेदव्यास सम्मान की राशि डेढ़ लाख रुपए से बढ़ाकर तीन लाख रुपए कर दी गई है। महर्षि विश्वामित्र सम्मान की राशि डेढ़ लाख से बढ़ाकर ढाई लाख रुपए, आचार्य स्थाणुदत्त सम्मान में अब डेढ़ लाख के स्थान पर दो लाख रुपए मिलेंगे। इसी क्रम में महाकवि बाणभट्ट सम्मान के तहत एक लाख के स्थान पर ढाई लाख रुपए मिलेंगे। साहित्यकार सम्मान राशि पहले 11 लाख थी, जो अब बढ़कर 25 लाख हो गई है।
- निदेशक ने बताया कि आचार्य सम्मान की पुरस्कार राशि चार लाख रुपए से बढ़ाकर 8 लाख रुपए कर दी गई है। इसी प्रकार, अब गुरु विरजानंद आचार्य सम्मान, विद्यामार्तंड पं. सीताराम शास्त्री आचार्य सम्मान, पं. युधिष्ठिर मीमांसक आचार्य सम्मान को अब एक लाख रुपए से बढ़ाकर दो लाख रुपए कर दिया गया है। स्वामी धर्मदेव संस्कृत समाराधक सम्मान के लिये भी अब एक लाख रुपए की राशि को बढ़ाकर दो लाख रुपए कर दिया गया है।
- संस्कृत की नवलेखन प्रतिभाओं के लिये पुस्तक पुरस्कार राशि को भी 31,000 रुपए से बढ़ाकर 51,000 रुपए कर दिया गया है। इससे साहित्य लेखन में प्रतिभाएँ और उत्साहपूर्वक कार्य करेंगी। पांडुलिपि प्रकाशनार्थ सहायतानुदान के मानदेय की राशि 10,000 रुपए से बढ़ाकर 21,000 रुपए कर दी गई है। लघु संस्कृत कथा लेखन, नाटक लेखन प्रतियोगिता में प्रथम को अब 10,000 रुपए द्वितीय को 8,000 रुपए तथा तृतीय को 5,000 रुपए का पुरस्कार मिलेगा। सांत्वना पुरस्कार भी 3,000 रुपए से 6,000 रुपए किये गए हैं।
- डॉ. शास्त्री ने बताया कि संस्कृत पढ़ने वाले छात्रों को भी सरकार ने विशेष तोहफा दिया है। इसके तहत प्रथमा, पूर्व मध्यमा, उत्तर मध्यमा, विशारद, प्राक् शास्त्री और शास्त्री कक्ष में अध्ययन करने वाले छात्रों को छात्रवृत्ति राशि अब 3,000 रुपए की जगह 8,000 रुपए मिलेगी। इसके अलावा आचार्य कक्षाओं के छात्रों को 10,000 रुपए मिलेंगे।
- अभावग्रस्त संस्कृत लेखकों को चिकित्सा खर्च के लिये एक वर्ष में 3,000 रुपए की जगह 50,000 रुपए की सहायता मिल सकेगी। इसी तरह लेखक को वित्त वर्ष में मिलने वाली वित्तीय अनुदान राशि को भी बढ़ाकर 6,000 रुपए से सीधे 21,000 रुपए कर दिया गया है।
झारखंड Switch to English
पलामू में इप्टा का 15वाँ राष्ट्रीय सम्मेलन
चर्चा में क्यों?
20 नवंबर, 2022 को झारखंड के पलामू के जेलहाता स्थित इप्टा के राज्य अध्यक्ष डॉ. अरुण शुक्ला की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में बताया गया कि इप्टा (IPTA) का 15वाँ राष्ट्रीय सम्मेलन सह अखिल भारतीय सांस्कृतिक समारोह 17 से 19 मार्च, 2023 को पलामू में आयोजित किया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- इप्टा (IPTA) का 15वें राष्ट्रीय सम्मेलन में देश के 500 से अधिक संस्कृतिकर्मी शामिल होंगे। तीन दिवसीय इस सम्मेलन में अलग-अलग राज्यों की लोक सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के अलावा देशभर के कई नामचीन कलाकार अपनी प्रस्तुतियों से इस सम्मेलन को यादगार बनाएंगे।
- इप्टा के राष्ट्रीय सचिव शैलेंद्र कुमार ने बताया कि इप्टा ने अपने संस्कृति कर्म के जरिये प्रेम, दया, करुणा और जम्हूरियत के गीत गाये, इसलिये होने वाले इस सम्मेलन के लिये नारा दिया गया है ‘आओ कि कोई ख्वाब बुनें कल के वास्ते’।
- इप्टा के राज्य महासचिव उपेंद्र मिश्रा ने बताया कि भले ही यह सम्मेलन इप्टा का हो, लेकिन यह पूरा आयोजन पलामू के सभी कलाकारों का है, जिसमें सभी के सहयोग की आवश्यकता है।
झारखंड Switch to English
झारखंड राज्य स्तरीय जूडो चैंपियनशिप
चर्चा में क्यों?
18-20 नवंबर, 2022 को झारखंड जूडो एसोसिएशन के तत्वावधान में राज्य स्तरीय जूडो प्रतियोगिता का आयोजन राँची के खेल गाँव स्टेडियम में किया गया, जिसमें पलामू को दो ब्रोंज मेडल मिले हैं।
प्रमुख बिंदु
- इस प्रतियोगिता में पूरे राज्य से 1000 प्रतिभागियों ने भाग लिया।
- राज्य के जूडो कोच सेंसई सुमित वर्मन ने बताया कि इस प्रतियोगिता में पहली बार पलामू के चार खिलाड़ियों ने भाग लिया और इन खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया।
- राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में अपने खिलाड़ियों से प्रभावशाली प्रदर्शन कराने में सफल रहे जूडो कोच सेंसई सुमित वर्मन को पलामू ज़िले के बेस्ट कोच के सम्मान से सम्मानित किया गया।
- पलामू के मेडिनगर के ग्रीन वैली इंटरनेशनल स्कूल के अश्विन कुमार सब जूनियर केटेगरी में माइनस 50 किग्रा. से खेलते हुए बोकारो, धनबाद, गिरिडीह को हराते हुए सेमीफाइनल राउंड में पहुँचे, जबकि द कराटे एकेडमी के सौरभ कुमार ने माइनस 50 किग्रा. वेट कैटेगरी से खेलते हुए राँची के खिलाड़ियों को अपने टेक्निक से चित करते हुए ब्रोंज मेडल हासिल किया। जूनियर कैटेगरी में पलामू के राम प्रताप सिंह ने 55 किग्रा. वेट कैटेगरी से खेलते हुए कोडरमा के खिलाड़ियों को हराकर ब्रॉन्ज हासिल किया।
उत्तराखंड Switch to English
सीमांत पर्वतीय जनपद बाल विज्ञान महोत्सव-2022 का शुभारंभ
चर्चा में क्यों?
19 नवंबर, 2022 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के चंपावत के जवाहर नवोदय विद्यालय में उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् (यूकॉस्ट) देहरादून एवं ज़िला प्रशासन चंपावत के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय सीमांत पर्वतीय जनपद बाल विज्ञान महोत्सव-2022 का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर महोत्सव में विज्ञान के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने हेतु 5 वैज्ञानिकों व व्यत्तियों को मुख्यमंत्री द्वारा सम्मानित किया गया।
- मुख्यमंत्री ने बताया कि यह महोत्सव ऐसा पहला विज्ञान आधारित महोत्सव है जो दूरस्थ क्षेत्रों में पढ़ रहे छात्र-छात्राओं के लिये आयोजित किया जा रहा है। इसमें राज्य के सीमांत 6 जनपदों से आए सभी विद्यार्थियों, शिक्षकों के अलावा वैज्ञानिक और प्रबुद्ध जन शामिल हुए।
- उन्होंने बताया कि इस महोत्सव का मुख्य विषय पारंपरिक ज्ञान और आधुनिक विज्ञान है। पारंपरिक ज्ञान और आधुनिक विज्ञान, विकास के दो ऐसे घटक हैं जो विज्ञान आधारित विकास के लिये सुदृढ़ नींव का काम करते हैं। यह प्रथम सीमांत पर्वतीय जनपद बाल विज्ञान महोत्सव राज्य में वैज्ञानिक अवधारणा को पुष्ट करने का कार्य करेगा।
- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि इस विज्ञान महोत्सव के आयोजन का उद्देश्य राज्य के प्रत्येक दूरस्थ क्षेत्र तक वैज्ञानिक तकनीक पहुँचाना और जन-जन तक विज्ञान और हर बच्चे में वैज्ञानिक सोच विकसित करना है।
- महोत्सव में आयोजित होने वाली विभिन्न प्रतियोगिताओं (पोस्टर मेकिंग, ड्रामा, विज्ञान प्रश्नोत्तरी, कविता पाठ आदि) के माध्यम से सभी बच्चे अपनी अभिरुचियों से रूबरू होंगे।
- उन्होंने बताया कि चंपावत की भौगोलिक परिस्थितियाँ पूरे उत्तराखंड राज्य का प्रतिनिधित्व करती हैं। यहाँ पर मैदानी, उच्च एवं मध्य हिमालयी क्षेत्र हैं, इसीलिये सरकार ने आदर्श उत्तराखंड के लिये सबसे पहले चंपावत जनपद को मॉडल जनपद के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है, जिसके लिये राज्य सरकार के सभी विभाग अपने स्तर पर कार्य कर रहे हैं और यूकॉस्ट इसमें नोडल एजेंसी का कार्य कर रहा है।
- राज्य में वैज्ञानिक सोच को जागृत करने, विज्ञान शिक्षा के प्रचार-प्रसार हेतु और नवाचार अनुसंधान को प्रोत्साहित करने के लिये साइंस सिटी का निर्माण किया जा रहा है। राज्य के हर क्षेत्र तक अनुसंधान और शोध गतिविधियों को पहुँचाने हेतु लैब्स ऑन व्हील का कांसेप्ट राज्य के हर जनपद के लिये लाया गया है, ताकि राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों तक भी शोध और अनुसंधान गतिविधियाँ पहुँच सकें।
- अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में जागरूकता हेतु हल्द्वानी में यूकॉस्ट और एरीज साथ मिलकर ‘एस्ट्रो पार्क’का निर्माण कर रहे हैं जो पारंपरिक और आधुनिक ज्ञान एवं विज्ञान का मिश्रण होगा।
- अल्मोड़ा में एक उप क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र का भी निर्माण किया जा रहा है जहाँ पर विज्ञान आधारित गतिविधियाँ और कार्यक्रम संचालित होंगे तथा चंपावत में विज्ञान केंद्र की स्थापना प्रस्तावित है ताकि क्षेत्र में विज्ञान आधारित शिक्षा और जागरूकता का संचार हो।
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