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बिल लाओ इनाम पाओ योजना: विजेताओं को वित्त मंत्री ने दिये पुरस्कार
चर्चा में क्यों
19 अक्तूबर, 2023 को उत्तराखंड के वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने उत्तराखंड कर विभाग की ‘बिल लाओ इनाम पाओ योजना’ के अप्रैल और मई माह में निकाले गए लकी ड्रॉ विजेताओं को पुरस्कार वितरित किये।
प्रमुख बिंदु
- राज्य कर मुख्यालय में पुरस्कार वितरण कार्यक्रम में वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने लकी ड्रॉ के 100 विजेताओं को स्मार्टफोन, स्मार्ट वॉच तथा ईयर पॉड वितरित किये।
- उपभोक्ताओं को जीएसटी बिल लेने के लिये जागरूक करने के उद्देश्य से एक सितंबर, 2022 से ‘बिल लाओ इनाम पाओ योजना’ चलाई जा रही है। योजना के तहत अब तक सात मासिक लकी ड्रॉ निकाले गए हैं।
- इस अवसर पर वित्त मंत्री ने कहा कि सितंबर 2022 से अब तक योजना में 47,134 उपभोक्ता पंजीकृत हुए हैं। इनके माध्यम से 2,10,382 बिल अपलोड किये गए। इन बिलों में सामान खरीद का कुल मूल्य 82.60 करोड़ रुपए है। इस साल एक अप्रैल से अब तक 15,603 उपभोक्ता पंजीकृत हुए हैं, जिन्होंने 41.28 करोड़ रुपए के 1,23,467 बिल अपलोड किये।
- उन्होंने बताया कि ‘बिल लाओ इनाम पाओ योजना’31 मार्च, 2023 को समाप्त हो रही थी, जिसे सरकार ने नवंबर तक बढ़ा दिया है। 30 नवंबर के बाद मेगा पुरस्कार भी दिये जाएंगे। इसके अलावा अपलोड किये प्रत्येक बिल पर कस्टमर रिवॉर्ड प्रोग्राम लागू कर हर अपलोडेड बिल पर पॉइंट्स देने की व्यवस्था है। योजना में उन व्यापारियों को पुरस्कार दिया जाएगा।
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देश में कुल उत्पादन का 20 फीसदी दवाएँ बना रहा प्रदेश
चर्चा में क्यों?
18 अक्तूबर, 2023 को उत्तराखंड के राज्य औषधि नियंत्रक ताजबर सिंह ने बताया कि देश में कुल उत्पादन का 20 प्रतिशत दवाइयाँ उत्तराखंड बना रहा है। औषधि निर्माण में राज्य देश का प्रमुख हब के रूप में विकसित हो रहा है।
प्रमुख बिंदु
- राज्य औषधि नियंत्रक ताजबर सिंह ने बताया कि नई औद्योगिक नीति और अनुकूल माहौल से राज्य में फार्मा सेक्टर में निवेश के साथ कारोबार लगातार बढ़ रहा है। देश में निर्मित होने वाली कुल दवाओं के उत्पादन में उत्तराखंड का योगदान लगभग 20 प्रतिशत है।
- 2022 में राज्य के फार्मा सेक्टर ने 15 हज़ार करोड़ रुपए का कारोबार किया। इसमें 1150 करोड़ रुपए की दवाइयाँ निर्यात की गईं।
- उन्होंने बताया कि हरिद्वार, सेलाकुई और पंतनगर में 249 ड्रग्स निर्माता फार्मा कंपनियाँ हैं। विभाग का प्रयास है कि इन कंपनियों में उच्च गुणवत्तापूर्ण दवाइयों का उत्पादन हो, साथ ही देश में कंपनियों की दवाओं का शेयर भी बढ़े।
- औद्योगिक नीति के तहत एकल खिड़की योजना के तहत उद्योगों को ऑनलाइन अनुमति दी जाती है। प्रदेश में मानकों के तहत उच्च गुणवत्तापूर्ण दवाइयों का निर्माण करने के लिये औषधि नियंत्रण विभाग सतर्क रहता है और समय-समय पर दवाओं की गुणवत्ता और मानकों की जाँच की जाती है।
- ताजबर सिंह ने बताया कि केंद्रीय औषधि मानक संगठन के सब ज़ोन ऑफिस उत्तराखंड में स्थापित हैं। फार्मा कंपनियों के लिये ऑनलाइन लाइसेंस प्रक्रिया होने के कारण आवेदन की जटिलता को समाप्त किया गया है। दवाइयों की गुणवत्ता के लिये केंद्र व राज्य सरकार के संयुक्त निरीक्षण करने के बाद लाइसेंस जारी किये जाते हैं।
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