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मुख्यमंत्री ने ग्रामीण संवर्धन कार्यक्रम के तहत 10 नए कार्यों को दी मंज़ूरी
चर्चा में क्यों?
18 अक्तूबर, 2023 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने राज्य में जल आपूर्ति में सुधार के प्रयासों के तहत 4 ज़िलों नामत: कैथल, सिरसा, रोहतक और जींद में ग्रामीण संवर्धन कार्यक्रम के तहत 113 करोड़ रुपए से अधिक के 10 नए कार्यों को प्रशासनिक मंज़ूरी प्रदान की।
प्रमुख बिंदु
- इस संबंध में एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि स्वीकृत कार्यों में तीन गाँवों (ठोबरियाँ, मिर्ज़ापुर और तलवाड़ा खुर्द) तथा 4 ढाणियों (मोजू की ढाणी, टिब्बा की ढाणी, दया सिंह थेड़, बाज़ीगर ढाणी) के लिये नहर आधारित जलापूर्ति योजना के कार्य शामिल हैं।
- साथ ही ज़िला सिरसा के विभिन्न गाँवों में मोजू की ढाणी में वॉटर वर्क्स का निर्माण, गाँव खारी सुरेरां में मौजूदा जल आपूर्ति योजना का विस्तार और सामान्य पंपिंग स्टेशन बनाकर 9 मौजूदा वॉटर वर्क्स को शेरांवाली डिस्ट्रीब्यूटरी से ताजा पानी उपलब्ध करवाने के कार्य शामिल हैं।
- इनके अलावा, ज़िला सिरसा में गाँव संत नगर, दलीप नगर, टिगरी और सहरानी में नहर आधारित वॉटर वर्क्स, कैथल ज़िले के गाँव ढांड ब्लॉक में जल आपूर्ति योजना का विस्तार और वितरण प्रणाली का उन्नयन कार्य को भी मंज़ूरी दी गई है।
- प्रवक्ता ने बताया कि ज़िला सिरसा में गाँव मौजदीन एवं गाँव ओट्टू में नहर आधारित वाटर वर्क्स, ज़िला रोहतक के गाँव बालंद में बूस्टिंग स्टेशन के निर्माण के साथ-साथ रोहतक पंप हाउस से दूसरे वाटर वर्क्स और पहले वाटर वर्क्स तक डीआई पाइप बिछाने के साथ जेएलएन नहर से ताज़े पानी की व्यवस्था सुनिश्चित करने के कार्य को भी मंज़ूरी दी गई।
- मुख्यमंत्री ने जींद शहर की विभिन्न कॉलोनियों में सीवर लाइनें बिछाने और सभी क्षतिग्रस्त मौजूदा सीवर लाइनों को बदलने की भी मंज़ूरी प्रदान की।
- प्रवक्ता ने बताया कि जींद शहर के 90 प्रतिशत हिस्से में सीवरेज प्रणाली उपलब्ध कराई गई है, जिसमें सीवर लाइनों की कुल लंबाई 465 किलोमीटर है। सीवेज उपचार संयंत्रों तक सीवर पंपिंग के लिये 16 सीवर पंपिंग स्टेशन स्थापित किये गए हैं। हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा निर्धारित मानदंडों के अनुरूप सीवेज उपचार के लिये 27 एमएलडी क्षमता वाले 3 सीवेज उपचार संयंत्र भी स्थापित किये गए हैं।
- विभिन्न कॉलोनियों में कई स्थानों पर सीवर लाइनें बहुत पुरानी हो चुकी हैं और बुरी तरह क्षतिग्रस्त हैं, जिनकी मरम्मत नहीं की जा सकती है या मरम्मत की लागत नई लाइनों के बराबर है। इसलिये 8.21 करोड़ रुपए की लागत से नई सीवर लाइनों के प्रावधान को मंज़ूरी दी गई है।
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