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उत्तर प्रदेश दुग्धशाला विकास एवं दुग्ध उत्पादन प्रोत्साहन नीति-2022
चर्चा में क्यों?
20 अक्टूबर, 2022 को उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव दुग्ध विकास विभाग डॉ. रजनीश दुबे ने उत्तर प्रदेश दुग्धशाला विकास एवं दुग्ध उत्पादन प्रोत्साहन नीति-2022 की अधिसूचना जारी कर दी।
प्रमुख बिंदु
- डॉ. रजनीश दुबे ने बताया कि इस नीति का उद्देश्य दुग्ध प्रसंस्करण के स्तर को 10 से बढ़ाकर 25 प्रतिशत करना और बाज़ार के लिये उपलब्ध दूध को 44 से बढ़ाकर 65 फीसदी करना है तथा इसके द्वारा दुग्ध उत्पाद जैसे चीज, आइसक्रीम इत्यादि का विनिर्माण करने वाली नवीन इकाई की स्थापना के लिये लाभान्वित किया जाएगा। यह नीति पाँच सालों के लिये प्रभावी होगी।
- इस नीति में कोल्ड चेन की स्थापना के लिये दुग्ध केंद्र के उपकरण, बल्क मिल्क कूलर, रेफ्रिजरेटेड वैन, कूलिंग वैन, रोड मिल्क टैंकर, आइसक्रीम ट्रॉली आदि खरीद पर भी मिलेगी।
- उन्होंने बताया कि राज्य के सभी जिलों में दुग्ध प्रसंस्करण व दुग्ध उत्पाद विनिर्माण दुग्धशाला इकाइयों की स्थापना या विस्तारीकरण में न्यूनतम 25 प्रतिशत की वृद्धि के लिये संयंत्र, तकनीकी सिविल कार्य व स्पेयर पार्ट्स की लागत का 10 प्रतिशत, अधिकतम पाँच करोड़ रुपए तक तथा प्लांट मशीनरी, तकनीकी सिविल कार्य और स्पेयर पार्ट्स का ऋण पर देय ब्याज की दर के पाँच प्रतिशत अधिकतम 1000 करोड़ रुपए दिया जाएगा। इसमें नए पशु आहार व पशु पोषण उत्पाद इकाई के लिये प्लांट लगाने को पाँच वर्षों के लिये अधिकतम 7.50 करोड़ रुपए दिया जाएगा।
- इस नीति में तकनीकी कामों के लिये 2.50 करोड़ व क्वालिटी कंट्रोल उपकरण, जैसे ऑटोमेटिक मिल्क कलेक्शन यूनिट (कोल्ड चेन के अतिरिक्त) के लिये एक करोड़ दिया जाएगा।
- कोल्ड चेन की स्थापना के लिये रेफ्रीजरेटेड वैन, इन्सुलेटेड वैन, रोड मिल्क टैंकर, बल्क मिल्क कूलर, आइसक्रीम ट्राली के लिये एक करोड़ दिया जाएगा तथा विस्तारीकरण के लिये 2.50 करोड़ दिया जाएगा।
- पशु आहार व पशु पोषण उत्पाद निर्माणशाला इकाई के विस्तारीकरण के लिये दो करोड़ मिलेगा। सूक्ष्म एवं लघु उद्यम क्षेत्र के तहत आने वाली मूल्य संवर्धित दुग्ध उत्पाद जैसे-चीज, आइसक्रीम आदि का विनिर्माण करने वाली इकाइयों का प्लांट लगाने के लिये दो करोड़ दिया जाएगा। नई इकाइयों के लगने की 10 साल की अवधि में भुगतान, विद्युत शुल्क की प्रतिपूर्ति दी जाएगी। स्टांप शुल्क नीति के अंतर्गत छूट दी जाएगी।
- राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि राज्य सरकार उत्तर प्रदेश के दूध उत्पादों की ब्रांडिंग के लिये हर साल 20 लाख रुपए तीन सालों तक देगी एवं निर्यात प्रोत्साहन के लिये यह राशि 40 लाख रुपए होगी तथा अन्य देशों में उत्पाद का नमूना भेजने के लिये कुल लागत का 50 प्रतिशत दिया जाएगा। इसके अलावा उत्पादों के मानकीकरण के लिये पाँच लाख रुपए का अनुदान भी दिया जाएगा।
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