‘मुख्यमंत्री कृषक मित्र योजना’ | मध्य प्रदेश | 21 Sep 2023
चर्चा में क्यों?
- 20 सितंबर, 2023 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों को स्थाई कृषि पंप कनेक्शन देने के लिये ‘मुख्यमंत्री कृषक मित्र योजना’में हितग्राहियों से फार्म भरवाने के कार्य का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- कुशाभाऊ ठाकरे सभागृह में हुए राज्यस्तरीय कार्यक्रम में मुख्यमंत्री चौहान ने हरदा ज़िले के ग्राम जिनवानिया की नमिता रनवे और भैंरूदा सीहोर के प्रेमनारायण पंवार के आवेदन भरवाकर योजना में नामांकन की प्रक्रिया आरंभ की। मुख्यमंत्री ने कहा कि योजना का क्रियान्वयन तत्काल आरंभ किया जा रहा है।
- मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि योजना में 3 एचपी या अधिक क्षमता के स्थाई पंप कनेक्शन के लिये 200 मीटर तक की दूरी की 11के.वी. लाइन के विस्तार, वितरण ट्रांसफार्मर की स्थापना और निम्न दाब लाइन केबल विस्तार कार्य शामिल हैं।
- योजना में समस्त सामग्री सहित विस्तार कार्य और इसका संधारण विद्युत वितरण कंपनी द्वारा किया जाएगा। इस कार्य का 50 प्रतिशत व्यय शासन द्वारा और 50 प्रतिशत कृषक या कृषक समूह द्वारा वहन किया जाएगा।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों की मेहनत ने ही मध्य प्रदेश को कृषि क्षेत्र में देश में अव्वल बनाया है। प्रदेश के शरबती गेहूँ, चिन्नोर चावल को अंतर्राष्ट्रीय पहचान मिल रही है। प्रदेश में 2002-03 में खाद्यान्न उत्पादन 159 लाख मीट्रिक टन था, जो अब बढ़कर 619 लाख मीट्रिक टन हो गया है।
- राज्य सरकार ने किसानों के लिये 0% ब्याज पर ऋण के साथ-साथ पर्याप्त बिजली और सिंचाई की व्यवस्था की है। केन-बेतवा लिंक परियोजना को स्वीकृति प्राप्त हो गई है, इससे प्रदेश में सिंचाई का रकबा और बढ़ेगा।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि एक समय प्रदेश में बिजली का कुल उत्पादन मात्र 2900 मेगावाट था। आज प्रदेश में 29 हज़ार मेगावाट से अधिक बिजली का उत्पादन हो रहा है। सिंचाई क्षमता 7 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 47 लाख हेक्टेयर हो चुकी है, जिसे 65 लाख हेक्टेयर से अधिक करना लक्ष्य है।
- योजना के प्रावधान
- अधोसंरचना विस्तार कार्य एवं सामग्री की व्यवस्था विद्युत वितरण कंपनी करेगी।
- अधोसंरचना विकास के खर्च का 50% किसानों को देना पड़ेगा, 50 फीसदी खर्च राज्य सरकार/ बिजली वितरण कंपनी देगी।
- पंप कनेक्शन के लिये ज़रूरी लाइन, ट्रांसफार्मर आदि का मेंटेनेंस भी बिजली वितरण कंपनी करेगी।
- कृषकों के समूह यदि आवेदन करते हैं तो समूह के सदस्यों के द्वारा समानुपातिक रूप से खर्च उठाना पड़ेगा।
- किसानों को केवल 50 प्रतिशत राशि भरनी पड़ेगी।
- ट्रांसफार्मर एवं अन्य सामग्री की बेहतर गुणवत्ता से निर्बाध विद्युत, समस्त रख-रखाव संबंधी कार्य अब बिजली वितरण कंपनी करेगी।
- योजना लागू होने से 2 वर्ष तक प्रभावशील रहेगी, प्रथम वर्ष में 10,000 किसानों को लाभ होगा।