मंत्रिपरिषद ने मेधावी विद्यार्थी योजना में संशोधन की दी स्वीकृति | मध्य प्रदेश | 21 Sep 2022
चर्चा में क्यों?
20 सितंबर, 2022 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में ‘मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना’ में संशोधनों की स्वीकृति देने के साथ ही कई अन्य महत्त्वपूर्ण निर्णय लिये गए।
प्रमुख बिंदु
- संशोधन के अनुसार ऐसे विद्यार्थियों को जिन्हें योजना में 1 बार लाभ प्राप्त हो जाने के बाद और आय की सीमा 6 लाख रुपए से अधिक होने पर भी पाठ्यक्रम के पूरे होने तक योजना के लाभ की पात्रता होगी।
- साथ ही ‘लेटरल एंट्री’ के माध्यम से इंजीनियरिंग और फार्मेसी पाठ्यक्रम के द्वितीय वर्ष में प्रदेश की केंद्रीकृत कॉमन मेरिट सूची में प्रथम 15 प्रतिशत में स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थी एवं 10वीं और 12वीं की परीक्षा माध्यमिक शिक्षा मंडल से 70 प्रतिशत या सीबीएससी/आईसीएसई की परीक्षा 85 प्रतिशत के साथ उत्तीर्ण विद्यार्थी यदि आदेश में शामिल संस्थाओं के इंजीनियरिंग एवं फार्मेसी पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेते है, तो ऐसे विद्यार्थी योजना के लिये पात्र होंगे। ऐसे विद्यार्थियों को इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिये जेईई मेन्स रैंक की बाध्यता नहीं होगी।
- मंत्रिपरिषद ने ज़िला दतिया में मोटर ड्राईविंग ट्रेनिंग एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट (MDTRI) की स्थापना एवं संचालन की स्वीकृति दी।
- मंत्रिपरिषद ने शासकीय सेवकों और पेंशनरों को सातवें वेतनमान में देय महँगाई-भत्ता एवं राहत की दर में एक अगस्त, 2022 (भुगतान माह सितंबर, 2022) से 3 प्रतिशत की वृद्धि की जाकर 34 प्रतिशत करने एवं राज्य शासन के छठवें वेतनमान में कार्यरत् शासकीय सेवकों तथा राज्य शासन के उपक्रम, निगम, मंडल तथा अनुदानप्राप्त संस्थाओं के राज्य शासन में प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत् चौथे एवं पाँचवें वेतनमान में आनुपातिक आधार पर महँगाई-भत्ते में वृद्धि का 18 अगस्त, 2022 को जारी आदेश का अनुसमर्थन किया।
- मध्य प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम, 2000 की धारा 49 में पेंशनरों/परिवार पेंशनरों को महँगाई राहत में वृद्धि के फलस्वरूप व्ययभार मध्य प्रदेश शासन एवं छत्तीसगढ़ शासन द्वारा नियत अनुपात में वहन किया जाता है। छत्तीसगढ़ शासन की सहमति प्राप्त करने के बाद महँगाई राहत का आदेश जारी करने के लिये वित्त विभाग को अधिकृत किया गया।
- कर्मचारियों को देय महँगाई-भत्ता में 3 प्रतिशत की वृद्धि किये जाने पर इस वित्तीय वर्ष में 625 करोड़ रुपए का अतिरिक्त अनुमानित व्यय भार संभावित है। पेंशनर/परिवार पेंशनरों को छत्तीसगढ़ शासन से सहमति प्राप्त होने की स्थिति में महँगाई राहत में 3 प्रतिशत की वृद्धि किये जाने पर इस वित्तीय वर्ष में 304 करोड़ रुपए का अतिरिक्त अनुमानित व्यय भार संभावित है।
- मंत्रिपरिषद द्वारा मध्य प्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम द्वारा संचालित योजनाओं के त्वरित क्रियान्वयन के लिये मानव संसाधन की भर्ती प्रक्रिया में गति लाने तथा नई तकनीकों में दक्ष आईटी विशेषज्ञों की सुगम उपलब्धता के दृष्टिगत निर्णय लिया गया है कि मध्य प्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम के अंतर्गत संचालित (COE, PeMTS, MPSSDI, CPCT, Email-PMU, TCU, SDC, Security Audit Lab) परियोजनाओं में स्वीकृत पद परिवर्तित करते हुए संविदा अथवा आउटसोर्स से सेवाएँ ली जा सकेंगी।
मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को मिला राज्यस्तरीय ‘मोस्ट प्रोमीनेंट इंडस्ट्री’ का अवार्ड | मध्य प्रदेश | 21 Sep 2022
चर्चा में क्यों?
20 सितंबर, 2022 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी भोपाल को एसपीएसयू श्रेणी में पूरे प्रदेश में सबसे अधिक शिक्षुओं को शिक्षुता प्रशिक्षण देने के लिये ‘मोस्ट प्रोमीनेंट इंडस्ट्री’ का अवार्ड प्रदान किया।
प्रमुख बिंदु
- कुशाभाऊ ठाकरे अंतर्राष्ट्रीय कन्वेन्शन सेंटर (मिंटो हॉल) भोपाल में आयोजित आईटीआई उत्तीर्ण प्रशिक्षणार्थियों के प्रथम दीक्षांत समारोह में मुख्यमंत्री के हाथों मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के मुख्य महाप्रबंधक (मानव संसाधन एवं प्रशासन) दिलीप कुमार कापसे ने यह अवार्ड प्राप्त किया।
- गौरतलब है कि मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के पावर डिस्ट्रीब्यूशन ट्रेनिंग सेंटर द्वारा केंद्र सरकार की राष्ट्रीय शिक्षुता प्रोत्साहन योजना (NAPS) के अंतर्गत मध्य प्रदेश राज्य में सर्वाधिक 973 ट्रेड शिक्षुओं को इलेक्ट्रिशियन, इलेक्ट्रॉनिक्स, मैकेनिक, कोपा, स्टेनो अंग्रेज़ी एवं स्टेनो हिन्दी जैसे विषयों में कंपनी के अंतर्गत विभिन्न वृत्तों में एकवर्षीय प्रशिक्षण दिया गया है।
कमर्शियल वाहनों की फिटनेस के लिये बनेंगे ऑटोमेटिव व्हीकल फिटनेस सेंटर | मध्य प्रदेश | 21 Sep 2022
चर्चा में क्यों?
20 सितंबर, 2022 को मध्य प्रदेश के परिवहन एवं राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया कि प्रदेश के 10 संभागीय मुख्यालयों पर लगभग 150 करोड़ रुपए की लागत से कमर्शियल वाहनों की फिटनेस के लिये ऑटोमेटिव व्हीकल फिटनेस सेंटर की स्थापना किया जाना प्रस्तावित है।
प्रमुख बिंदु
- परिवहन एवं राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया कि सेंटर्स की स्थापना से फिटनेस प्रमाण-पत्र देने के पूर्व वाहनों की फिजिकल चेकिंग एक ही स्थान पर हो जाएगी। वर्तमान में वाहनों का फिटनेस मैन्युअली किया जा रहा है।
- गौरतलब है कि वाहन दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से केंद्र सरकार द्वारा सभी राज्यों में ऑटोमेटिव मोटर फिटनेस सेंटर की स्थापना के निर्देश दिये गए हैं।
- एक सेंटर की स्थापना पर लगभग 15 करोड़ रुपए का व्यय होगा। एक सेंटर की स्थापना से एक साल में लगभग 40 हज़ार वाहनों की फिटनेस एवं जाँच की जा सकेगी।
- फिटनेस सेंटर में वाहन की चेकिंग के दौरान पॉल्यूशन, ऑयल लीकेज, ब्रेक, लाइट्स, व्हील अलाइनमेंट, स्पीड गवर्नर आदि की मशीनों से जाँच के बाद ही फिटनेस प्रमाण-पत्र दिया जाएगा।