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कोल इंडिया लिमिटेड का पहला व्यावसायिक कोल बेड मीथेन निष्कर्षण
चर्चा में क्यों?
20 सितंबर, 2021 को झारखंड के धनबाद में कोल इंडिया की सब्सिडियरी भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (BCCL) एवं प्रभा एनर्जी प्रा.लि. (PEPL) के बीच पहले व्यावसायिक कोल बेड मीथेन के निष्कर्षण हेतु एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किया गया।
प्रमुख बिंदु
- अनुबंध के तहत PEPL द्वारा झरिया कोल फील्ड्स के झरिया कोल बेड मीथेन ब्लॉक-1 के डेवलपर रूप में कार्य किया जाएगा।
- सेंट्रल माइन प्लानिंग डिजाइन इंस्टीट्यूट (CMPDI) इस परियोजना के कार्यान्वयन के लिये प्रमुख कार्यान्वयन एजेंसी (PIA) है।
- यह निष्कर्षण कोल इंडिया द्वारा मीथेन उत्सर्जन में कमी लाने के लिये किये जा रहे प्रयासों का हिस्सा है। इसके अतिरिक्त कोयला खनन से पहले सीबीएम (कोल बेड मीथेन) निष्कर्षण करने से कोयला खदानों में खनन के समय विस्फोट एवं आगजनी की घटनाओं में कमी आएगी, जिससे भूमिगत कोयला खदानों में काम करने वाले क्रमिकों की सुरक्षा बढ़ जाएगी।
- इसके अलावा सीबीएम का निष्कर्षण ऊर्जा के उपयोग को भी सक्षम करेगा, जो खनन के दौरान निकलकर बर्बाद हो जाता है।
- उल्लेखनीय है कि सीबीएम प्राकृतिक गैस का एक रूप है, जिसे कोयला निक्षेपों से प्राप्त किया जाता है। यह ऊर्जा का एक गैर-परंपरागत स्रोत है, जिसका उपयोग विभिन्न देशों में सीमेंट, रोलिंग मिल, स्टील प्लॉन्ट्स आदि उद्योगों में किया जा रहा है।
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