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बिहार के बाढ़ में एनटीपीसी की 660 मेगावाट की सुपर थर्मल पावर परियोजना राष्ट्र को समर्पित
चर्चा में क्यों?
- 18 अगस्त, 2023 को केंद्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह ने बिहार के बाढ़ में बाढ़ सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट की 660 मेगावाट की इकाई राष्ट्र को समर्पित की।
प्रमुख बिंदु
- उद्घाटन की गई 660 मेगावाट इकाई परियोजना के चरण-I की इकाई-2 है। यह इकाई शुरू होने से राष्ट्र को विश्वसनीय एवं सस्ती बिजली उपलब्ध कराने के सरकार के प्रयास में एक और मील का पत्थर साबित होगा।
- बाढ़ सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट एक 3GW सुपरक्रिटिकल कोयला आधारित बिजली स्टेशन है, जिसे नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन (NTPC) द्वारा बाढ़, बिहार में विकसित किया जा रहा है।
- बिजली संयंत्र में 660 मेगावाट क्षमता की कुल पाँच कोयला आधारित बिजली उत्पादन इकाइयाँ होंगी।
- मेगा पावर प्रोजेक्ट को दो चरणों में विकसित किया जा रहा है। चरण एक में 1,980 मेगावाट की कुल स्थापित क्षमता के लिये तीन इकाइयाँ शामिल हैं और चरण दो में 1,320 मेगावाट की कुल क्षमता के लिये दो इकाइयाँ शामिल हैं
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बिहार के लखीसराय में पावर ग्रिड सब-स्टेशन के विस्तार की आधारशिला रखी गई
चर्चा में क्यों?
- 18 अगस्त, 2023 को केंद्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह ने बिहार के लखीसराय में पावरग्रिड के 400/132 केवी लखीसराय उप-स्टेशन के विस्तार की आधारशिला रखी।
प्रमुख बिंदु
- इस उप-स्टेशन का निर्माण पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (पावरग्रिड) द्वारा किया गया है। यह भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के अधीन एक महारत्न केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम है।
- परियोजना के हिस्से के रूप में, मौजूदा सब-स्टेशन परिसर में 500 एमवीए क्षमता के 2 ट्रांसफार्मर की स्थापना के साथ 220 केवी जीआईएस का निर्माण किया जाएगा।
- केंद्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह ने कहा कि लखीसराय में पावर ग्रिड के सब स्टेशन के विस्तार से क्षेत्र में बिजली की उपलब्धता में काफी सुधार होगा। इससे पूरे बिहार को फायदा होगा।
- लखीसराय में सबस्टेशन के विस्तार से लखीसराय, शेखपुरा, मुंगेर और जमुई ज़िलों में बिजली की उपलब्धता में सुधार होगा और भविष्य की ऊर्जा मांग को पूरा करने के लिये बिजली की आपूर्ति में भी आसानी होगी।
- लखीसराय सब-स्टेशन में 220 केवी वोल्टेज स्तर की अत्याधुनिक जीआईएस तकनीक की स्थापना से क्षेत्र की राष्ट्रीय ग्रिड से कनेक्टिविटी और मज़बूत होगी। निर्बाध बिजली आपूर्ति के प्रावधान से क्षेत्र का औद्योगिक और वाणिज्यिक विकास भी होगा।
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