उत्तर प्रदेश Switch to English
उत्तर प्रदेश के 17 नगर निगम वाले शहरों में खोले जाएंगे दीदी कैफे
चर्चा में क्यों?
- 21 अगस्त, 2023 को ज़िला शहरी विकास अभिकरण (डूडा) अधिकारी कौशल कुमार ने बताया कि शहरी आजीविका मिशन के तहत प्रदेश के 17 नगर निगम में दीदी कैफे खोले जाने हैं। इसके लिये उपयुक्त स्थान का जल्द ही चयन किया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- वाराणसी की तर्ज़ पर ही सरकारी कार्यालयों में खोले जाने वाले दीदी कैफे में मिलने वाली खाद्य सामग्री की कीमत कम रहेगी।
- दीनदयाल अंत्योदय योजना के तहत स्वयं सहायता समूह शहर की महिलाएँ इन कैफे को चलाएंगी।
- प्रथण चरण में यह कैफे लखनऊ, कानपुर, गाज़ियाबाद, आगरा, अलीगढ़, बरेली, मेरठ, मुरादाबाद, सहारनपुर, प्रयागराज, गोरखपुर, वाराणसी, अयोध्या, झाँसी, फिरोज़ाबाद, शाहजहाँपुर और मथुरा-वृंदावन में खोले जाएंगे।
- दीदी कैफे शुरू करने का मुख्य उद्देश्य शहरी गरीब सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को रोज़गार के अवसर उपलब्ध कराना है तथा लोगों को उचित मूल्य पर साफ-सुथरा भोजन मिल सकेगा।
- वाराणसी में चल रही कैंटीन के अनुभव के आधार पर डूडा से प्रस्ताव तैयार कराया जाएगा। इस प्रस्ताव के आधार पर सभी निकायों में दीदी कैफे शुरू कराए जाएंगे
उत्तर प्रदेश Switch to English
उत्तर प्रदेश सरकार, कक्षा 9वीं से 12वीं के छात्रों को भी देगी मुफ्त किताबें
चर्चा में क्यों?
- 21 अगस्त, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार शासन स्तर पर हुई उच्चस्तरीय बैठक में फैसला लिया गया है कि कक्षा 9वीं से 12वीं के छात्रों को भी किताबें मुफ्त में दी जाएंगी।
प्रमुख बिंदु
- उत्तर प्रदेश में 2428 राजकीय माध्यमिक स्कूलों में कक्षा 9वीं से कक्षा 12वीं में पढ़ने वाले छात्रों को भी अब मुफ्त पुस्तकें दी जाएंगी।
- इसके लिये सरकार को अतिरिक्त खर्च करना पड़ेगा। सरकार इन किताबों को उपलब्ध कराने के लिये 19.70 करोड़ रुपए खर्च करेगी।
- देश में कई और राज्य हैं, जहाँ पर पहले से ही सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को यह सुविधा दी जाती है। इसमें गुजरात, उत्तराखंड, झारखंड, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक व तमिलनाडु शामिल हैं। अब इस सूची में उत्तर प्रदेश भी शामिल हो जाएगा
बिहार Switch to English
बिहार के बाढ़ में एनटीपीसी की 660 मेगावाट की सुपर थर्मल पावर परियोजना राष्ट्र को समर्पित
चर्चा में क्यों?
- 18 अगस्त, 2023 को केंद्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह ने बिहार के बाढ़ में बाढ़ सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट की 660 मेगावाट की इकाई राष्ट्र को समर्पित की।
प्रमुख बिंदु
- उद्घाटन की गई 660 मेगावाट इकाई परियोजना के चरण-I की इकाई-2 है। यह इकाई शुरू होने से राष्ट्र को विश्वसनीय एवं सस्ती बिजली उपलब्ध कराने के सरकार के प्रयास में एक और मील का पत्थर साबित होगा।
- बाढ़ सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट एक 3GW सुपरक्रिटिकल कोयला आधारित बिजली स्टेशन है, जिसे नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन (NTPC) द्वारा बाढ़, बिहार में विकसित किया जा रहा है।
- बिजली संयंत्र में 660 मेगावाट क्षमता की कुल पाँच कोयला आधारित बिजली उत्पादन इकाइयाँ होंगी।
- मेगा पावर प्रोजेक्ट को दो चरणों में विकसित किया जा रहा है। चरण एक में 1,980 मेगावाट की कुल स्थापित क्षमता के लिये तीन इकाइयाँ शामिल हैं और चरण दो में 1,320 मेगावाट की कुल क्षमता के लिये दो इकाइयाँ शामिल हैं
बिहार Switch to English
बिहार के लखीसराय में पावर ग्रिड सब-स्टेशन के विस्तार की आधारशिला रखी गई
चर्चा में क्यों?
- 18 अगस्त, 2023 को केंद्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह ने बिहार के लखीसराय में पावरग्रिड के 400/132 केवी लखीसराय उप-स्टेशन के विस्तार की आधारशिला रखी।
प्रमुख बिंदु
- इस उप-स्टेशन का निर्माण पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (पावरग्रिड) द्वारा किया गया है। यह भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के अधीन एक महारत्न केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम है।
- परियोजना के हिस्से के रूप में, मौजूदा सब-स्टेशन परिसर में 500 एमवीए क्षमता के 2 ट्रांसफार्मर की स्थापना के साथ 220 केवी जीआईएस का निर्माण किया जाएगा।
- केंद्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह ने कहा कि लखीसराय में पावर ग्रिड के सब स्टेशन के विस्तार से क्षेत्र में बिजली की उपलब्धता में काफी सुधार होगा। इससे पूरे बिहार को फायदा होगा।
- लखीसराय में सबस्टेशन के विस्तार से लखीसराय, शेखपुरा, मुंगेर और जमुई ज़िलों में बिजली की उपलब्धता में सुधार होगा और भविष्य की ऊर्जा मांग को पूरा करने के लिये बिजली की आपूर्ति में भी आसानी होगी।
- लखीसराय सब-स्टेशन में 220 केवी वोल्टेज स्तर की अत्याधुनिक जीआईएस तकनीक की स्थापना से क्षेत्र की राष्ट्रीय ग्रिड से कनेक्टिविटी और मज़बूत होगी। निर्बाध बिजली आपूर्ति के प्रावधान से क्षेत्र का औद्योगिक और वाणिज्यिक विकास भी होगा।
राजस्थान Switch to English
एनएलसी इंडिया लिमिटेड ने राजस्थान के साथ 300 मेगावाट सौर परियोजना के लिये दीर्घकालिक विद्युत उपयोग समझौता किया
चर्चा में क्यों?
- 20 अगस्त, 2023 को राजस्थान के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार राजस्थान विश्वविद्यालय में अध्ययनरत् ट्रांसजेंडर नूर शेखावत जनाधार पाने वाली राजस्थान की पहली ट्रांसजेंडर बन गई हैं।
प्रमुख बिंदु
- जनाधार प्राधिकरण ने नई मिसाल कायम करते हुए राज्य में पहली बार किसी ट्रांसजेंडर का जनाधार कार्ड जारी किया है।
- राजस्थान जनाधार प्राधिकरण के संयुक्त निदेशक सीताराम स्वरूप ने बताया कि यह पहला अवसर है, जब किसी ट्रांसजेंडर के नाम से जनाधार कार्ड जारी किया गया है।
- उन्होंने बताया कि नूर शेखावत ने उनसे मिलकर अपनी समस्या बताई थी कि परिवार द्वारा अस्वीकार किये जाने के कारण उनके पास स्वयं का जनाधार कार्ड नहीं है, जिससे वे राज्य सरकार द्वारा संचालित किसी भी योजना का लाभ नहीं ले पा रही हैं।
- नियमों के अनुसार किसी भी जन आधार परिवार में 18 वर्ष से अधिक की महिला या 21 वर्ष से अधिक के पुरुष को ही मुखिया बनाया जा सकता है। अब तक किसी भी ट्रांसजेंडर को परिवार का मुखिया नहीं बनाया गया था और न ही किसी ट्रांसजेंडर ने अब तक प्राधिकरण से संपर्क कर स्वयं को मुखिया बनाने के लिये आवेदन किया था। इसी कारण जब नूर शेखावत को भी अपने प्रयासों में निराशा हाथ लगी।
- सीताराम स्वरूप से जब नूर ने संपर्क किया तो उन्होंने अपनी तकनीकी टीम को निर्देशित कर सॉफ्टवेयर में इस संबंध में परिवर्तन करवाया तथा नूर शेखावत को जन आधार में नामांकित करवाकर जन आधार कार्ड की ई-कॉपी सौंपी।
- जन आधार कार्ड प्राप्त होने से अब नूर भी अन्य लाभार्थियों की तरह राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ आसानी से प्राप्त कर सकेंगी।
राजस्थान Switch to English
एनएलसी इंडिया लिमिटेड ने राजस्थान के साथ 300 मेगावाट सौर परियोजना के लिये दीर्घकालिक विद्युत उपयोग समझौता किया
चर्चा में क्यों?
- 17 अगस्त, 2023 को कोयला मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत एक नवरत्न केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम एनएलसी इंडिया लिमिटेड (एनएलसीआईएल) ने राजस्थान में सीपीएसयू योजना के तहत 300 मेगावाट सौर ऊर्जा की आपूर्ति के लिये राजस्थान ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड (आरयूवीएनएल) के साथ दीर्घकालिक विद्युत उपयोग समझौता किया है।
प्रमुख बिंदु
- राजस्थान के बीकानेर ज़िले के बरसिंगसर में 300 मेगावाट सौर परियोजना क्षमता कार्यान्वित की जा रही है। इस परियोजना के लिये ईपीसी अनुबंध प्रतिस्पर्धी बोली के माध्यम से मेसर्स टाटा पावर सोलर सिस्टम को दिया गया है।
- इस परियोजना से प्रतिवर्ष 750 मिलियन यूनिट विद्युत का उत्पादन किया जाएगा और उत्पादित कुल हरित विद्युत राजस्थान को आपूर्ति की जाएगी। यह परियोजना राजस्थान को उसके नवीकरणीय ऊर्जा खरीद दायित्व लक्ष्यों को पूरा करने में मदद करेगी।
- इस परियोजना से उत्पन्न विद्युत से हर साल 0.726 मिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में कमी लाने में मदद मिलेगी। नवीकरणीय ऊर्जा के संबंध में, तमिलनाडु में वर्तमान में 1.40 गीगावॉट क्षमता के अतिरिक्त पहली बार एनएलसीआईएल अन्य राज्यों में इस क्षमता का विस्तार कर रहा है।
- एनएलसीआईएल के पास वर्तमान में 1,421 मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा की क्षमता है। कंपनी की कॉरपोरेट योजना के अनुसार वह 2030 तक 6,031 मेगावाट क्षमता स्थापित करने पर विचार कर रही है।
- कंपनी ने प्रतिस्पर्धी बोली के माध्यम से भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी (आईआरईडीए) द्वारा शुरू की गई सीपीएसयू योजना चरण-II की कड़ी- III में 510 मेगावाट सौर परियोजना क्षमता हासिल की है
मध्य प्रदेश Switch to English
केंद्रीय गृह मंत्री ने जारी किया मध्य प्रदेश का रिपोर्ट कार्ड
चर्चा में क्यों?
- 20 अगस्त, 2023 को केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने भोपाल के कुशाभाऊ कन्वेंशन सेंटर में गरीब कल्याण महाअभियान में मध्य प्रदेश के रिपोर्ट कार्ड (2003-2023) को जारी किया।
प्रमुख बिंदु
- कार्यक्रम में गरीब कल्याण महा अभियान के अंतर्गत मध्य प्रदेश के दो दशक (2003-2023) में हुए विकास कार्यों का रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत किये जाने के अवसर पर मध्य प्रदेश में विकास आयामों पर केंद्रित फिल्म प्रदर्शित की गई।
- केंद्र सरकार के गत 9 वर्ष के कार्यकाल में हुए उल्लेखनीय कार्यों एवं उपलब्धियों पर आधारित एक लघु फिल्म भी प्रदर्शित की गई। साथ ही गरीब कल्याण योजनाओं पर आधारित गीत लॉन्च किया गया।
- केंद्रीय मंत्री अमित शाह द्वारा मध्य प्रदेश की उपलब्धियों का विषयवार उल्लेख-
- देश में यदि गत दस वर्ष में 10 प्रतिशत आबादी गरीबी के चक्र से बाहर निकली है तो उसमें मध्य प्रदेश का सर्वाधिक योगदान है।
- मध्य प्रदेश के बजट का आकार वर्ष 2002 में 23 हज़ार 100 करोड़ रुपए था। अब यह 3 लाख 14 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक है।
- मध्य प्रदेश में शिक्षा का बजट 2556 करोड़ रुपए से बढ़कर 38 हज़ार करोड़ रुपए हुआ है।
- मध्य प्रदेश में पूर्व सरकार के समय स्वास्थ्य का बजट सिर्फ 580 करोड़ रुपए था, जो अब 16 हज़ार करोड़ रुपए है। इसमें आयुष्मान भारत योजना शामिल नहीं है।
- सर्व शिक्षा अभियान में सिर्फ 844 रुपए की राशि खर्च होती थी, अब लगभग 7 हज़ार करोड़ रुपए खर्च हो रहे हैं।
- अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ा वर्ग कल्याण पर भी बजट में वृद्धि हुई है। पहले जहाँ 1056 करोड़ रुपए की राशि खर्च होती थी, अब 64 हज़ार 390 करोड़ रुपए खर्च हो रहे हैं।
- सर्व शिक्षा अभियान में सिर्फ 844 रुपए की राशि खर्च होती थी, अब लगभग 7 हज़ार करोड़ रुपए खर्च हो रहे हैं।
- मध्य प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय पहले 11 हज़ार 700 रुपए थी, जो अब बढ़कर एक लाख 40 हज़ार रुपए हो गई है।
- एमएसएमई सेक्टर में साल भर में 4 हज़ार 299 उद्योगों के पंजीयन होते थे। अब इनकी संख्या 3 लाख 61 हज़ार है।
- सड़क निर्माण में महत्त्वपूर्ण कार्य हुआ है। पहले सिर्फ 60 हज़ार किलोमीटर सड़कें थीं। अब प्रदेश में 5 लाख 10 हज़ार किलोमीटर लंबाई से अधिक की सड़कें हैं, जो आठ गुना से भी ज़्यादा हैं। एनएच सड़कों की लंबाई 4800 से बढ़कर 13 हज़ार किलोमीटर हो गई।
- कृषि क्षेत्र में कृषि विकास दर साढ़े छह गुना बढ़ गई है। गेंहूँ खरीदी 4 लाख 38 हज़ार मीट्रिक टन से 70 लाख 96 हज़ार मीट्रिक टन और धान खरीदी 0.95 हज़ार मीट्रिक टन से बढ़कर 46 लाख 30 हज़ार मीट्रिक टन हो गई है। प्रदेश में 90 लाख से अधिक किसानों को 19 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक लाभ दिये गए हैं।
- मध्य प्रदेश में नि:शुल्क राशन वितरण का लाभ सिर्फ 52 लाख परिवारों को मिलता था, जो करीब सवा करोड़ लोगों को मिल रहा है।
- प्रदेश में मेडिकल कॉलेज की संख्या 4 से बढ़कर 24 तक हो गई है। मेडिकल सीटें 620 थीं जो अब 4 हज़ार से ज्यादा हैं।
- एकलव्य आवासीय आदर्श विद्यालय बिल्कुल नहीं थे। इनकी संख्या अब 63 है। आईटीआई की संख्या 159 से बढ़कर 1514 हो गई है।
- पर्यटन क्षेत्र में सड़कों के बनने से पर्यटक संख्या बढ़ी है। एक समय सिर्फ 64 लाख पर्यटक प्रतिवर्ष आते थे, अब इनकी संख्या बढ़कर 9 करोड़ हो गई है।
- प्रदेश में तीन शहरों- रीवा, ग्वालियर और जबलपुर में एयरपोर्ट विकास और टर्मिनल निर्माण के कार्य हो रहे हैं। इंदौर को दिल्ली-मुंबई कॉरीडोर में शामिल किया गया है। इंदौर और भोपाल में मेट्रो रेल परियोजनाएँ क्रियान्वित हो रही हैं।
- प्रदेश की ऊर्जा क्षमता 29 हज़ार मेगावाट से भी अधिक है। सिंचाई साधनों के विस्तार से 47 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र सिंचित हो रहा है।
- प्रदेश में 46 लाख से अधिक बालिकाओं को ‘लाडली लक्ष्मी योजना’ और 53 लाख से अधिक बहनों को स्वसहायता समूहों से जोड़कर लाभान्वित किया गया है।
- प्रदेश में जनजातीय समाज के हित में पेसा कानून लागू करने और जनजातीय संस्कृति दिखाने वाले संग्रहालय की स्थापना की जा रही है।
- मध्य प्रदेश औद्योगिक निवेश के लिये फेवरेट डेस्टिनेशन बना है।
- खंडवा ज़िले में ओंकारेश्वर में 2400 करोड़ रुपए लागत से विद्युत उत्पादन इकाई प्रारंभ की जा रही है।
- प्रदेश में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम के निर्माण की पहल हुई है।
- प्रदेश की आर्थिक विकास दर 16 प्रतिशत से अधिक है
मध्य प्रदेश Switch to English
नई दिल्ली स्थित मध्य प्रदेश भवन में आयोजित हुआ फूड फेस्टिवल
चर्चा में क्यों?
- 18-20 अगस्त, 2023 तक दिल्ली स्थित मध्य प्रदेश भवन में ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव एवं एक भारत श्रेष्ठ भारत फूड फेस्टिवल’का आयोजन किया गया।
प्रमुख बिंदु
- आवासीय आयुक्त पंकज राग और मीडिया सलाहकार, मुख्यमंत्री आईसीपी केसरी ने फेस्टिवल का शुभारंभ किया।
- फेस्टिवल में मध्य प्रदेश के विशेष व्यंजन, जैसे- भुट्टे की किस, इंदौरी पोहा, सेव भाजी, बेसन गटेा, मटर निमोना, दाल बाफला, पिलाफ, मटन सैलाना और भोपाली मुर्ग रेजाला के साथ-साथ मालवा थाली, बुंदेलखंड थाली और मध्य प्रदेश स्पेशल थाली का स्वाद आगंतुकों ने लिया।
- श्रीअन्न को बढ़ावा देने के लिये मिलेट खीर, चूरमा लड्डू और रागी हलवा जैसे व्यंजन भी उपलब्ध रहे। सांची के दुग्ध उत्पाद की बिक्री और प्रदेश के हस्तशिल्प एवं खादी उत्पादों की प्रदर्शनी भी फेस्टिवल में लगाई गई थी।
- विदित है कि केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय विभिन्न राज्य सरकारों के सहयोग से ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव एवं एक भारत श्रेष्ठ भारत फूड फेस्टिवल’प्रतिभागी राज्यों के नई दिल्ली स्थित राज्य सदनों/भवनों में कर रहा है। इसका उद्देश्य पाक-कला के क्षेत्र में भारत की समृद्ध विविधता का उत्सव मनाना है।
मध्य प्रदेश Switch to English
मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना में संशोधन
चर्चा में क्यों?
- 18 अगस्त, 2023 को मध्य प्रदेश राज्य शासन द्वारा ‘मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना’ में संशोधन आदेश जारी किया गया। बीपीएल कार्डधारी अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति वर्ग के विद्यार्थी, जिनके पिता/पालक की आय 8 लाख रुपए तक हो, को इस योजना का लाभ मिल सकेगा।
प्रमुख बिंदु
- आदेशानुसार ऐसे विद्यार्थी, जिनके पिता/पालक की आय 8 लाख रुपए से कम हो, वे योजना के लिये पात्र होंगे, परंतु ऐसे विद्यार्थी जिनके पिता/पालक की वार्षिक आय 8 लाख रुपए तक है तथा वह बीपीएल कार्डधारी, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति वर्ग के विद्यार्थी हैं तथा कंडिका क्रमांक 3.1, 3.2, 3.3, 3.4 एवं 3.5 में उल्लेखित शर्तों के कारण योजना में सम्मिलित नहीं हो पा रहे हों, को विशेष प्रकरण मानते हुए इनके संबंध में विभागीय समन्वय में सक्षम अधिकारी के अनुमोदन प्राप्त कर उन्हें योजना में सम्मिलित कर सकेंगे।
- ऐसे विद्यार्थियों, जिन्हें योजना में एक बार लाभ प्राप्त हो जाने के बाद यथानिर्दिष्ट शर्तों के अधीन आय की सीमा 8, लाख रुपए से अधिक होने पर भी पाठ्यक्रम के पूर्ण होने तक योजना के लाभ की पात्रता होगी। यह संशोधन शैक्षणिक सत्र 2023-24 से लागू होगा
हरियाणा Switch to English
हरियाणा में विकसित होगी एक और इंडस्ट्रियल टाउनशिप
चर्चा में क्यों?
20 अगस्त, 2023 को हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने घोषणा करते हुए कहा कि फरीदाबाद ज़िले में यमुना खादर से लगते मोठूका गाँव में इंडस्ट्रियल टाउनशिप विकसित की जाएगी। इसके लिये योजना तैयार कर ली गई है।
प्रमुख बिंदु
- करीब 100 एकड़ में इंडस्ट्रियल टाउनशिप विकसित करने की योजना है। ऐसे में यहाँ आईटी सेंटर, डाटा सेंटर अथवा मैन्यूफैक्चरिंग के प्लांट लग सकते हैं। इससे इस क्षेत्र में युवाओं के लिये रोज़गार के अवसर भी पैदा होंगे।
- इसके अलावा पलवल में जेबीएम कंपनी इलेक्ट्रॉनिक बस बनाएगी। इन दोनों ज़िलों में उद्योगों के आने से रोज़गार के अवसर पैदा होंगे।
- उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार के प्रयास से मेवात में 180 एकड़ में मोबाइल फैक्टरी लगाई जा रही है, जिसमें मोबाइल की बैटरी बनेगी। अगले साल से इस कंपनी में उत्पादन शुरू होने की संभावना है। इसके अलावा मानेसर में बहुत बड़ा वेयर हाउस बनाया जा रहा है।
हरियाणा Switch to English
हरियाणा सरकार कुपोषण से निपटने के लिये स्पिरुलिना-आधारित उत्पाद पेश करेगी
चर्चा में क्यों?
19 अगस्त, 2023 को हरियाणा सरकार ने नूंह ज़िले में छह महीने की पायलट परियोजना के साथ बच्चों में कुपोषण से निपटने के लिये स्पिरुलिना-आधारित उत्पाद पेश करने के घोषणा की।
प्रमुख बिंदु
- पोषण अभियान के तहत आकांक्षी ज़िले नूंह के सभी ब्लॉकों में तीन पोषण-समृद्ध कार्यक्रम लागू किये जाएंगे।
- इन कार्यक्रमों का उद्देश्य बच्चों और महिलाओं में कुपोषण एवं एनीमिया को कम करना है।
- नूंह ज़िले के सभी ब्लॉकों में बच्चों और महिलाओं को रेडी-टू-ईट खाद्य पदार्थ, पोषण पैकेट और एंटीऑक्सीडेंट युक्त खाद्य पदार्थों के रूप में पोषण संबंधी सहायता प्रदान की जाएगी।
- महिला एवं बाल विकास विभाग नूंह ज़िले में पायलट आधार पर गंभीर तीव्र कुपोषित और मध्यम तीव्र कुपोषित बच्चों को एकीकृत बाल विकास योजना (आईसीडीएस) के तहत ‘ऑर्थोनट’ (मूंगफली मिश्रण) प्रदान करेगा।
- इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ मैनेजमेंट एंड रिसर्च (आईएचएमआर), बंगलूरू द्वारा किये गए एक अध्ययन में छह महीने तक बच्चों को स्पिरुलिना देने से कुपोषण में कमी देखी गई है।
- विदित है कि स्पिरुलिना, एक शैवाल जो मीठे पानी और खारे पानी दोनों में उगता है, पोषक तत्त्वों से भरपूर होता है और इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं।
झारखंड Switch to English
टूरिस्ट कॉरिडोर से जुड़ेंगे गेतलसूद डैम व जोन्हा-हुंडरू फॉल
चर्चा में क्यों?
20 अगस्त, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार राजधानी राँची में स्थित गेतलसूद डैम क्षेत्र को पतरातू की तरह विकसित करने की कार्ययोजना पर राज्य सरकार काम कर रही है। सरकार ने गेतलसूद डैम, हुंडरू फॉल व जोन्हा फॉल को टूरिस्ट कॉरिडोर से जोड़ने की योजना बनाई है।
प्रमुख बिंदु
- इन पर्यटन स्थलों को सरकार ने राजकीय महत्त्व का दर्जा दिया है। गेतलसूद डैम क्षेत्र में रिसॉर्ट, नाव शेड, नाव लैंडिंग की सुविधा, कैंपिंग ग्राउंड, कारवां पार्क, होली डे केबिन, होटल, हाउस बोट, मरीना, मोटल, खेल का मैदान, जलपान कक्ष, दुकान का निर्माण किया जाएगा। जेटीडीसी के अधीन इसकी देखरेख की जाएगी।
- जोन्हा, हुंडरू फॉल व गेतलसूद डैम को विकसित कर पर्यटकों को आकर्षित किया जाएगा। पर्यटकों को आकर्षित करने के लिये सरकार प्लानिंग करा रही है। इस पर पाँच साल में करोड़ों रुपए खर्च करने की योजना है। योजना के तहत यहाँ पहुँचने के लिये सड़क मार्ग को सुदृढ़ किया जाएगा।
- सिल्ली विधायक सुदेश ने बताया कि कॉरिडोर निर्माण से क्षेत्र में रोज़गार के अवसर बढ़ेंगे, साथ ही क्षेत्र का विकास भी होगा।
- पर्यटन विभाग जोन्हा, हुंडरू और दशम फॉल में रोप-वे लगाने की संभावना तलाश रहा है। इसके लिये पर्यटन विभाग ने राइट्स के साथ एमओयू किया है। इन स्थानों पर रोप-वे के तकनीकी और पर्यावरणीय पहलुओं का सटीक मूल्यांकन कराने का निर्णय हुआ है। इसके लिये परियोजना में व्यवहार्यता अध्ययन को सुनिश्चित किया जाएगा।
छत्तीसगढ़ Switch to English
मुख्यमंत्री ने न्याय योजनाओं के हितग्राहियों को 2055.60 करोड़ रुपए का किया ऑनलाइन भुगतान
चर्चा में क्यों?
20 अगस्त, 2023 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न स्वर्गीय राजीव गांधी की जयंती ‘सद्भावना दिवस’के अवसर पर महासमुंद के हाईस्कूल मैदान में न्याय योजनाओं सहित अन्य योजनाओं के हितग्राहियों, किसानों, मज़दूरों, ग्रामीण व पशुपालकों को 2055.60 करोड़ रुपए की राशि का ऑनलाइन भुगतान किया।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कार्यक्रम में ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’के हितग्राहियों को योजना की दूसरी किश्त के रूप में 1810 करोड़ रुपए का भुगतान किया। इस राशि को मिलाकर राजीव गांधी किसान न्याय योजना के 24.30 लाख किसानों को अब तक 21 हज़ार 912 करोड़ रुपए की इनपुट सब्सिडी का भुगतान किया जा चुका है।
- मुख्यमंत्री ने ‘राजीव गांधी भूमिहीन कृषि मज़दूर न्याय योजना’के हितग्राहियों को दूसरी किश्त के रूप में 168.63 करोड़ रुपए की राशि का भुगतान किया। इस राशि को मिलाकर योजना के 5.6 लाख हितग्राहियों को अब तक 758.03 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है।
- कार्यक्रम में भूपेश बघेल ने ‘राजीव युवा मितान क्लबों’को 66.21 करोड़ रुपए की राशि का भी अंतरण किया। युवाओं को रचनात्मक गतिविधियों से जोड़ने के लिये राज्य में गठित 13 हज़ार 242 क्लबों को अब तक 132.48 करोड़ रुपए की राशि का भुगतान किया जा चुका है।
- मुख्यमंत्री ने इसी कड़ी में ‘गोधन न्याय योजना’के हितग्राहियों को 9.65 करोड़ रुपए की राशि का भुगतान किया। इस राशि को मिलाकर योजना के तहत अब तक महिला स्व-सहायता समूहों, गोठान समितियों और ग्रामीणों को 551.31 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है।
- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कार्यक्रम में ‘मुख्यमंत्री परब सम्मान निधि योजना’के तहत गैर-अनुसूचित क्षेत्र की ग्राम पंचायतों को 1.11 करोड़ रुपए की राशि का अंतरण किया। इस राशि को मिलाकर 6,111 ग्राम पंचायतों को स्थानीय उत्सवों को मनाने के लिये 6.11 करोड़ रुपए की राशि का भुगतान किया जा चुका है।
छत्तीसगढ़ Switch to English
मुख्यमंत्री ने 13 नए अनुविभागों और 18 नई तहसीलों का किया वर्चुअल शुभारंभ
चर्चा में क्यों?
20 अगस्त, 2023 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न स्वर्गीय राजीव गांधी की जयंती ‘सद्भावना दिवस’अवसर पर महासमुंद के हाईस्कूल मैदान में नवगठित 13 राजस्व अनुविभाग और 18 तहसीलों का वर्चुअल शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- इन नवीन तहसीलों एवं अनुविभाग के प्रारंभ होने से राज्य में अब 122 राजस्व अनुविभाग एवं 250 तहसीलें हो गई हैं।
- गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा बीते पौने पाँच सालों में शासन-प्रशासन को आम जनता के करीब लाने, प्रशासनिक कामकाज में पारदर्शिता और कसावट लाने के उद्देश्य से राज्य में नए ज़िले, अनुविभागों एवं तहसीलों को बनाए जाने की घोषणा की जाती रही है।
- वर्ष 2018 में राज्य में ज़िलों की संख्या 27 थी। 6 नवीन ज़िलों- गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, सक्ती, सारंगगढ़-बिलाईगढ़, मोहला-मानपुर-चौकी, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई, मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर के गठन होने के बाद राज्य में ज़िलों की संख्या बढ़कर 33 हो गई है।
- इसी तरह मुख्यमंत्री द्वारा राज्य में 13 नवीन अनुविभाग एवं 18 नवीन तहसीलों के गठन की घोषणा की गई थी, जिनका विधिवत शुभारंभ किया गया। नवीन अनुविभागों एवं तहसीलों की स्थापना से शासकीय योजनाओं का सुचारु रूप से क्रियान्वयन एवं आम जनता तक मूलभूत सुविधाओं की पहुँच सुगम होगी।
- नवगठित 13 अनुविभाग- वर्ष 2023 में 13 नवीन अनुविभाग बकावंड (ज़िला बस्तर), छिंदगढ़ (ज़िला सुकमा), रामानुजनगर (ज़िला सूरजपुर), डौंडी (ज़िला बालोद), फरसाबहार (ज़िला जशपुर), पलारी (ज़िला बलौदाबाज़ार-भाटापारा), छुरा (ज़िला गरियाबंद), उसूर (आवापल्ली) (ज़िला बीजापुर), बसना (ज़िला महसमुंद), लुंड्रा (धौरपुर) एवं उदयपुर (ज़िला सरगुजा), केल्हारी (ज़िला मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर) तथा शंकरगढ़ (ज़िला बलरामपुर-रामानुजनगर) का गठन किया गया है।
- नवगठित 18 तहसीलें- वर्ष 2023 में 18 नवीन तहसील कापू (ज़िला रायगढ़), भटगाँव (ज़िला सूरजपुर), कुकदुर (ज़िला कबीरधाम), करपावंड (ज़िला बस्तर), दोरनापाल एवं जगरगुंडा (ज़िला सुकमा), घुमका एवं कुमरदा (ज़िला राजनांदगाँव), पचपेड़ी (ज़िला बिलासपुर), बागबहार (ज़िला जशपुर), बान्दे, आमाबेड़ा एवं कोयलीबेड़ा (ज़िला कांकेर), चंद्रपुर एवं भोथिया (ज़िला सक्ती), फिंगेश्वर (ज़िला गरियाबंद), दाढ़ी (ज़िला बेमेतरा) तथा सरसींवा (ज़िला सारंगढ़-बिलाईगढ़) का गठन किया गया है।
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रोपवे से जुड़ेगा कार्तिक स्वामी मंदिर
चर्चा में क्यों?
20 अगस्त, 2023 को उत्तराखंड के पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे ने बताया कि कार्तिक स्वामी मंदिर तक सरल व सुलभ पहुँच के लिये रोपवे का निर्माण किया जाएगा, जिसके लिये प्री-फिजिबिलिटी सर्वे हो चुका है। कार्तिक स्वामी के पैदल मार्ग में भी सुविधाएँ जुटाई जाएंगी।
प्रमुख बिंदु
- विदित है कि उत्तर भारत में भगवान कार्तिकेय का एकमात्र मंदिर रुद्रप्रयाग जनपद के क्रौंच पर्वत पर स्थित है, जिसे कार्तिक स्वामी कहा जाता है। इस मंदिर तक श्रद्धालुओं की पहुँच को आसान बनाने के लिये इसे रोपवे से जोड़ा जाएगा।
- मंदिर के बेस पॅाइंट कनकचौरी से कार्तिक स्वामी तक 1.4 किमी लंबा रोपवे बनेगा, जिसके लिये प्री-फिजिबिलिटी सर्वेक्षण भी हो चुका है। अधिकारियों के अनुसार आगामी सितंबर तक रोपवे निर्माण की अंतिम डीपीआर भी बन जाएगी।
- जनपद चमोली और रुद्रप्रयाग के 360 से अधिक गाँवों के आराध्य के रूप में पूजनीय भगवान कार्तिकेय के दर्शनों के लिये वर्षभर श्रद्धालु कार्तिक स्वामी मंदिर पहुँचते हैं। मंदिर पहुँचने के लिये श्रद्धालुओं को कनचौरी से लगभग चार किमी. की चढ़ाई तय करनी होती है, लेकिन अब मंदिर को रोपवे से जोड़ने की कार्ययोजना बन चुकी है।
- कनकचौरी से मंदिर तक बनने वाले रोपवे की लंबाई 1.4 किमी होगी। रोपवे बनने से कनकचौरी से 10 मिनट में ही कार्तिक स्वामी मंदिर पहुँचा जा सकेगा।
- कार्तिक स्वामी मंदिर समिति के अध्यक्ष शत्रुघन सिंह नेगी ने बताया कि मंदिर तक सुविधाएँ उपलब्ध होने से तीर्थाटन के साथ रोज़गार को बढ़ावा मिलेगा।
- भगवान कार्तिकेय के मंदिर कार्तिक स्वामी की यात्रा को सरल-सुलभ बनाने के लिये चंद्रापुरी-बाजबड्डू-कार्तिक स्वामी 10 किमी. सड़क भी स्वीकृत हो चुकी है। लोक निर्माण विभाग ऊखीमठ डिवीज़न द्वारा जल्द ही मार्ग का सर्वेक्षण किया जाएगा।
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