बिहार Switch to English
बिहार का विश्व प्रसिद्ध राजगीर मलमास मेला हुआ शुरू
चर्चा में क्यों?
18 जुलाई, 2023 को बिहार के नालंदा ज़िले के राजगीर में विश्व प्रसिद्ध राजगीर मलमास मेला शुरू हो गया। 1 माह तक चलने वाले मेले के दौरान कई पवित्र स्नान होंगे। पारंपरिक ध्वजारोहण के साथ संतों और साधुओं की उपस्थिति में मेले की शुरुआत हुई।
प्रमुख बिंदु
- हिंदू धर्म में मान्यता है कि मलमास यानी अधिक मास में 33 करोड़ देवी-देवता राजगीर में प्रवास करते हैं। इस दौरान देश-प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से लाखों की संख्या में श्रद्धालु पूजा अर्चना करने राजगीर पहुँचते हैं और ब्रह्मकुंड में पवित्र स्नान करते हैं।
- मलमास मेला का आयोजन तीन साल में किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि मलमास के दौरान राजगीर के गर्म जल कुंड में स्नान करने से सभी पाप खत्म हो जाते हैं।
- मान्यता है कि लगने वाले मलमास मेला के समय देश में कहीं भी पूजा-पाठ और शादी समारोह और शुभ काम नहीं होता है। मान्यता यह भी है कि मलमास मेले के ध्वजारोहण के समय मंत्र का जप करते समय पीले वस्त्र धारण किये जाते हैं, इससे लाभ प्राप्त होता है।
राजस्थान Switch to English
राजस्थान पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय (जोबनेर) जयपुर विधेयक-2023 ध्वनिमत से पारित
चर्चा में क्यों?
20 जुलाई, 2023 को राजस्थान विधानसभा में राजस्थान पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय (जोबनेर) जयपुर विधेयक-2023 को चर्चा के बाद ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।
प्रमुख बिंदु
- कृषि एवं पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने विधानसभा में इस विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि खेती एवं पशुपालन सेक्टर का जीडीपी में योगदान बढ़ाने की मंशा से यह विधेयक लाया गया है।
- उन्होंने कहा कि पशुधन को बचाने एवं पशु चिकित्सा के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिये जोबनेर में राज्य का दूसरा पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय खोला जा रहा है। विश्वविद्यालय की स्थापना से ग्रामीण परिवारों के बच्चों को भी पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान की आधुनिकतम तकनीक से युक्त शिक्षा ग्रहण करने का अवसर मिलेगा।
- उन्होंने कहा कि राजस्थान देश का ऐसा पहला राज्य होगा, जहाँ दो पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय होंगे। बीकानेर में स्थित पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के अधिकार क्षेत्र में 16 ज़िले होंगे, जबकि जोबनेर में स्थापित होने वाले नये विश्वविद्यालय का अधिकार क्षेत्र 17 ज़िलों का होगा।
- कृषि एवं पशुपालन मंत्री ने बताया कि राज्य में 5 लाख 66 हज़ार पशुधन एवं 1 लाख 46 हज़ार कुक्कुट संपदा है। भारत सरकार के नये आँकड़ों के अनुसार दूध उत्पादन में प्रदेश का पहला स्थान है।
- इससे पहले विधेयक को जनमत जानने के लिये परिचालित करने का प्रस्ताव सदन ने ध्वनिमत से अस्वीकार कर दिया।
राजस्थान Switch to English
मारवाड़ चिकित्सा विश्वविद्यालय विधेयक-2023 ध्वनिमत से पारित
चर्चा में क्यों?
20 जुलाई, 2023 को राजस्थान विधानसभा में मारवाड़ चिकित्सा विश्वविद्यालय विधेयक-2023 को चर्चा के बाद ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।
प्रमुख बिंदु
- चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने इस विधेयक पर चर्चा के बाद अपना जवाब देते हुए कहा कि जोधपुर में मारवाड़ चिकित्सा विश्वविद्यालय खुलने से पश्चिमी राजस्थान के मरीजों को अपने निकट ही बेहतर चिकित्सकीय सुविधाएँ उपलब्ध हो सकेगी।
- चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार मेडिकल कॉलेजों की स्थापना कर प्रदेश में चिकित्सा सुविधाओं एवं सेवाओं का निरंतर विस्तार कर रही है। वर्तमान सरकार के कार्यकाल में ही 16 मेडिकल कॉलेज की शुरुआत की गई है तथा दौसा, बूंदी, करौली, अलवर और हनुमानगढ़ ज़िलों में भी इसी वर्ष मेडिकल कॉलेज शुरू हो जाएंगे। साथ ही राज्य सरकार तीन ज़िलों- जालौर, प्रतापगढ़ और राजसमंद में अपने वित्तीय संसाधनों से भी मेडिकल कॉलेज खोल रही है।
- जोधपुर में मारवाड़ चिकित्सा विश्वविद्यालय को शीघ्र संचालित करने के लिये 500 करोड़ रुपए की वित्तीय स्वीकृति देने के साथ ही पद भी सृजित कर दिये गए हैं।
- उन्होंने कहा कि प्रदेश में एमबीबीएस की सीटें भी 750 से बढ़कर 3 हज़ार 230 हो जाएगी। उन्होंने बताया कि प्रत्येक प्राथमिक चिकित्सा केंद्र और सामुदायिक चिकित्सा केंद्र पर चिकित्सक नियुक्त किये गए हैं।
- इससे पहले विधेयक को जनमत जानने के प्रस्ताव को सदन ने ध्वनिमत से अस्वीकार कर दिया।
राजस्थान Switch to English
राजस्थान राज्य मेला प्राधिकरण विधेयक-2023 पारित
चर्चा में क्यों?
19 जुलाई, 2023 को राजस्थान विधानसभा में राजस्थान राज्य मेला प्राधिकरण विधेयक-2023 पारित हो गया।
प्रमुख बिंदु
- राज्य मेला प्राधिकरण के उपाध्यक्ष रमेश बोराणा ने कहा कि प्राधिकरण का बिल पास होकर एक्ट बन जाने से अब प्रदेश में आयोजित होने वाले मेले व पदयात्राएँ अधिक सुरक्षित व सुव्यवस्थित तरीके से आयोजित हो सकेंगे।
- विदित है कि राजस्थान एक समृद्ध सांस्कृतिक प्रदेश है, जहाँ मेले और उत्सव लोगों के पारंपरिक जीवन का प्रमुख आधार है और तेजी से बदलते सामाजिक मूल्यों में इनकी प्रासंगिकता ओर अधिक महत्त्वपूर्ण हो जाती है।
- उल्लेखनीय है कि राज्य मेला प्राधिकरण का गठन 2011 में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ही किया था और अब इस प्राधिकरण का विधिवत् एक्ट बनवाकर राज्य के मेले व लोक उत्सवों को संरक्षित, सुरक्षित व विकसित होने का कानूनी कवच पहना दिया गया है।
- राज्य सरकार ने इस एक्ट के माध्यम से जहाँ एक ओर प्रदेश में धर्म-अध्यात्म का सम्मान करते हुए श्रद्धालुओं की आस्था को बलवती होने का अवसर दिया है, वहीं राज्य की मेला संस्कृति को पल्लवित होने का सुरक्षित वातावरण भी प्रदान किया है।
मध्य प्रदेश Switch to English
राज्यपाल ने ‘चैंपियंस ऑफ चेंज मध्य प्रदेश’संस्करण के तहत प्रदेश के 16 उत्कृष्ट प्रतिभाओं को सम्मानित किया
चर्चा में क्यों?
19 जुलाई, 2023 को राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने राजधानी भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर के सभागार में आयोजित ‘चैंपियंस ऑफ चेंज मध्य प्रदेश’ संस्करण के पुरस्कार वितरण कार्यक्रम में अध्यात्म, समाज-कल्याण, कला, स्वास्थ्य, शिक्षा और खेल के क्षेत्र की 16 उत्कृष्ट प्रतिभाओं को सम्मानित किया।
प्रमुख बिंदु
- राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने अध्यात्म के क्षेत्र में पं. प्रदीप मिश्रा, समाज-कल्याण के क्षेत्र में पं. ओम प्रकाश मेहता, विधायक कृष्णा गौर, हेमंत तिवारी, उमाशंकर सिंह, विनोद कुमार अग्रवाल, अपर पुलिस महानिदेशक अन्वेष मंगलम, रोहित जैन, मनोज साहू, अभिषेक कुमार पांडे, स्वास्थ्य के क्षेत्र में पद्मश्री डॉ. मुनिश्वर चंद्र डावर, डॉ. अजय राणा, कला के क्षेत्र में फिल्म अभिनेत्री सौम्या टंडन, फिल्म निर्देशक अनिल सिह चंदेल, शिक्षा के क्षेत्र में जयनारायण चौकसे और खेल के क्षेत्र में पावर लिफ्टर भावना टोकेकर को सम्मानित किया।
- चैंपियंस ऑफ चेंज के संस्थापक नंदन कुमार झा ने बताया कि कार्यक्रम मध्य प्रदेश संस्करण का दूसरा अवार्ड समारोह है। समारोह का आयोजन राष्ट्रीय स्तर पर चार बार किया गया है। मध्य प्रदेश सहित चार राज्यों में राज्य स्तरीय कार्यक्रम किये गए हैं। शीघ्र ही अवार्ड अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी दिये जाएंगे।
- उल्लेखनीय है कि ‘चैंपियंस ऑफ चेंज (सीओसी)’ सामुदायिक सेवा, सामाजिक विकास, स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा और राष्ट्रीय एकता जैसे भारतीय मूल्यों को बढ़ावा देने के लिये एक भारतीय पुरस्कार है। इसकी स्थापना 2011 में हुई थी।
- चैंपियंस ऑफ चेंज पुरस्कार इंटरैक्टिव फोरम ऑन इंडियन इकॉनमी (IFIE) संस्था, भारत सरकार द्वारा देश में चिह्नित कुल 115 आशावादी ज़िलों में गांधीवादी मूल्यों (स्वच्छता), सामुदायिक सेवा और सामाजिक विकास को अपने सकारात्मक प्रयासों से बढ़ावा देने वाले राजनेता, सामाजिक कार्यकर्त्ता, उद्यमियों को दिया जाता रहा है।
- इंटरैक्टिव फोरम ऑन इंडियन इकॉनमी संस्था प्रतिवर्ष भारत में अंतर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर चैंपियंस ऑफ चेंज पुरस्कार का आयोजन करता है। इस अवार्ड को आमतौर पर राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल या भारत के एक प्रमुख व्यक्ति द्वारा प्रस्तुत किया जाता है।
- पुरस्कार विजेताओं का चयन भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश और एनएचआरसी के पूर्व अध्यक्ष की अध्यक्षता में शीर्ष संवैधानिक जूरी सदस्यों द्वारा किया जाता है।
- इंटरैक्टिव फोरम ऑन इंडियन इकॉनमी संस्था भारत सरकार से मान्यता प्राप्त (80G, 8A के अनुरूप), गैर-लाभकारी कंपनी है, जो महात्मा गांधी के मूल्यों को बढ़ावा दने वाले 115 आकांक्षात्मक ज़िलों सहित ग्रामीण भारत की महिलाओं और बच्चों के विकास और कल्याण के लिये समर्पित है।
- ‘चैंपियंस ऑफ चेंज मध्य प्रदेश’पुरस्कार साहस, सामुदायिक सेवा और समावेशी सामाजिक विकास के मूल्यों को बढ़ावा देने के लिये एक राज्य पुरस्कार है। यह पुरस्कार महिला स्वतंत्रता सेनानी रानी लक्ष्मीबाई के दृष्टिकोण से प्रेरणा लेकर शुरू किया गया है। पुरस्कार विजेताओं का चयन न्यायमूर्ति ज्ञान सुधा मिश्रा (सुप्रीम कोर्ट की पूर्व न्यायाधीश) की अध्यक्षता में संवैधानिक जूरी के सदस्यों द्वारा किया जाता है।
मध्य प्रदेश Switch to English
नागदा बनेगा प्रदेश का नया ज़िला
चर्चा में क्यों?
20 जुलाई, 2023 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उज्जैन ज़िले की तहसील नागदा में विकास पर्व के दौरान कुल 261 करोड़ 14 लाख रुपए के विकास कार्यों का भूमि-पूजन/लोकार्पण किया और नागदा को ज़िला बनाने की घोषणा की।
प्रमुख बिंदु
- विदित है कि विकास पर्व में प्रदेश के सभी क्षेत्रों में बड़ी संख्या में विकास कार्यों का लोकार्पण/शिलान्यास किया जा रहा है।
- मुख्यमंत्री ने नागदा में 92 करोड़ 61 लाख रुपए के विकास कार्यों का लोकार्पण और 168 करोड़ 53 लाख रुपए के विकास कार्यों का भूमि-पूजन किया।
- मुख्यमंत्री ने नागदा क्षेत्र की बहु-प्रतीक्षित मांग को पूरा करते हुए इसे ज़िला बनाए जाने की घोषणा की। उज्जैन ज़िले की जो तहसीलें नागदा में स्वेच्छा से मिलना चाहें, उन्हें ही नागदा में सम्मिलित किया जाएगा।
- उल्लेखनीय है कि उज्जैन से अलग होकर नागदा प्रदेश का 54वाँ ज़िला बनेगा। इसके पहले रीवा ज़िले के मऊगंज तहसील को ज़िला बनाए जाने की घोषणा की जा चुकी है। फिलहाल मध्य प्रदेश में 52 ज़िले हैं, लेकिन नागदा और मऊगंज को ज़िले में परिवर्तित करने से 54 ज़िले हो जाएंगे।
- वर्तमान में नागदा, उज्जैन ज़िले की एक तहसील है। महाभारत का युद्ध जीतने वाले पांडवों के इतिहास में नागदा का उल्लेख मिलता है। बताया गया है कि इस स्थान में पांडवों के पौत्र राजा जन्मेजय द्वारा नागों के दाह के लिये एक विशाल यज्ञ किया गया था, इसीलिये इस नगर का नाम नागदा हुआ।
- इसके अलावा मुख्यमंत्री ने कई अन्य घोषनाएँ भी कीं-
- उन्हेल को तहसील बनाया जाएगा और यहाँ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खोले जाएंगे।
- नागदा, खाचरोद, आलोट में सी. एम. राइज स्कूल खोले जाएंगे।
- नर्मदा का पानी क्षिप्रा के साथ ही गंभीर और कालीसिंध नदियों में पहुँचाया जाएगा।
हरियाणा Switch to English
आरसीसी पैरलल ड्रेन के रखरखाव का ज़िम्मा अब सरस्वती बोर्ड के पास होगा
चर्चा में क्यों?
18 जुलाई, 2023 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल, जो हरियाणा सरस्वती बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं, ने कुरुक्षेत्र में सरस्वती नदी के साथ-साथ तैयार की गई ‘आरसीसी पैरलल ड्रेन’(RCC Parallel Drain) के रखरखाव का जिम्मा अब हरियाणा सरस्वती बोर्ड को देने के निर्देश दिये हैं।
प्रमुख बिंदु
- विदित है कि अब तक इसकी ज़िम्मेवारी हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के पास थी।
- सरस्वती बोर्ड के उपाध्यक्ष धूमन सिंह किरमच ने बताया कि यह ड्रेन खेडी-मारकंडा से लेकर कुरुक्षेत्र शहर के मध्य से होते हुए नरकातारी एसटीपी तक चलती है। इसकी कुल लंबाई लगभग 18 किमी है तथा इसकी क्षमता 70-80 क्यूसिक पानी की है।
- उन्होंने बताया कि वे इस ड्रेन के रखरखाव के लिये पिछले एक वर्ष से प्रयासरत थे। इस ड्रेन के अधिकार बोर्ड के पास आने से बरसात के दिनों में बाढ़ के पानी की इस ड्रेन के माध्यम से भी निकासी की जा सकती है। ड्रेन को ऊपर से भी कवर किया जाएगा।
छत्तीसगढ़ Switch to English
‘कारवाँ पर्यटन’
चर्चा में क्यों?
20 जुलाई, 2023 को छत्तीसगढ़ जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ में पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने के लिये कारवाँ गाड़ियों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से मोटर कारवाँ के पृथक् से पंजीयन हेतु टैक्स दर का निर्धारण किया गया है। इसके तहत कारवाँ गाड़ी के पंजीयन के लिये गाड़ी की कीमत का 10 प्रतिशत टैक्स देना होगा।
प्रमुख बिंदु
- गौरतलब है कि राज्य में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में जनसुविधा को ध्यान में रखते हुए परिवहन विभाग द्वारा नये-नये कदम उठाए जा रहे हैं। इस कड़ी में राज्य सरकार नदियों, पर्वत श्रृंखलाओं, हिल स्टेशनों, जंगलों और विरासत स्थलों पर ‘कारवाँ पर्यटन’को बढ़ावा देने की योजना बना रही है।
- कारवाँ पर्यटन की अवधारणा ने दुनिया भर में अपार लोकप्रियता हासिल की है। इस नीति के तहत मनोरंजक वाहन या घूमने के लिये प्रयोग किये जाने वाले वाहन, टूरिस्ट वैन या मोटर घरों को उन स्थानों पर अनुमति दी जाएगी, जहाँ स्थायी निर्माण निषिद्ध है और जहाँ होटल और रिसॉर्ट दुर्लभ हैं।
- इसका उद्देश्य सुरक्षित यात्रा प्रदान करना और टूर ऑपरेटरों को प्रोत्साहित करना है। यह राज्य की प्राकृतिक सुंदरता और अन्य आकर्षणों का आनंद लेने की पर्यटकों को अनुमति देगा और इससे पर्यटन क्षेत्र में स्थानीय रोज़गार के अवसर भी पैदा होंगे।
- क्या है मोटर कारवाँ?
- कारवाँ एक तरह का यात्री वाहन है, जिसे विशेष प्रयोजन हेतु उपयोग किया जाता है। इस वाहन में बैठने और सोने की व्यवस्था होती है। साथ ही साथ टेबल और किचन भी होता है, कई वाहनों में बाथरूम भी होता है। एक तरह से मोटर कारवाँ एक चलता-फिरता होटल या घर के समान होता है।
- कारवाँ वाहन बनाने के लिये कोई नई गाड़ी या केवल चेसिस खरीदकर उसे पंजीकृत बॉडी बिल्डर से कारवाँ वाहन बनवाया जा सकता है अथवा फिर कोई पुरानी गाड़ी को भी मॉडिफाई कर कारवाँ वाहन बनवाया जा सकता है, लेकिन कारवाँ गाड़ी बनाने के लिये पुरानी गाड़ी तीन वर्ष से अधिक पुरानी नहीं होनी चाहिये।
- यह टूरिस्ट सर्किट, गंतव्यों में भी परिवार-उन्मुख पर्यटन को बढ़ावा देता है, जहाँ पर पर्याप्त होटल आवास नहीं होते हैं।
- यात्रा, अवकाश और आवास के उद्देश्य से मोटर कारवाँ का उपयोग किया जा सकता है। एडवेंचर टूरिज़्म के लिये भी मोटर कारवाँ का काफी उपयोग किया जाता है।
- छत्तीसगढ़ में विशाल भूमि क्षेत्र और परिदृश्य हैं, जो मोटर कारवाँ पर्यटन के लिये एक नया पहलू जोड़ेगा। वर्तमान में ईको, वन्यजीव, तीर्थ पर्यटन इत्यादि की मांग बढ़ रही है। इसमें दूर-दराज के इलाकों, जंगलों और नदियों में जाना और रहना शामिल है।
- पर्यटन स्थलों पर पहले से ही आवास की कमी है, विशेष रूप से दूरदराज के क्षेत्रों में और कुछ स्थानों पर जहाँ स्थायी निर्माण न तो स्वीकार्य हो सकता है और न ही संभव है। ऐसे परिदृश्य में कारवाँ टूरिज़्म प्रभावी रूप से बढ़ती मांग को पूरा कर सकता है, जबकि यह सुनिश्चित करने के साथ-साथ क्वालिटी, स्टैंडर्ड और सुरक्षा मानदंडों का भी पालन करता है।
- इसमें कोई संदेह नहीं है कि कारवाँ पर्यटन युवाओं, परिवारों, वरिष्ठ नागरिकों और अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों सहित बाज़ार क्षेत्रों की एक विस्तृत श्रृंखला को आकर्षित करेगा।
छत्तीसगढ़ Switch to English
विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिये 6032 करोड़ रुपए का पहला अनुपूरक बजट पारित
चर्चा में क्यों?
19 जुलाई, 2023 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिये 6031 करोड़ 75 लाख 2 हज़ार 977 रुपए का पहला अनुपूरक बजट पारित किया गया। इस राशि को मिलाकर अब वित्तीय वर्ष 2023-24 में मुख्य बजट का आकार 01 लाख 27 हज़ार 532 करोड़ रुपए हो गया है।
प्रमुख बिंदु
- पहले अनुपूरक बजट में राजस्व, गृह, ऊर्जा, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, लोक निर्माण विभाग, ग्रामीण आवास सहित विभिन्न मदों में अतिरिक्त राशि का प्रावधान रखा गया है।
- पहले अनुपूरक बजट में 2976 करोड़ रुपए राजस्व व्यय तथा पूंजीगत व्यय हेतु 3054 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा गया है।
- गौरतलब है कि वर्ष 2023-24 के मुख्य बजट में 01 लाख 21 हज़ार 500 करोड़ का प्रावधान किया गया है और अब प्रथम अनुपूरक बजट में 6 हज़ार 31 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पहले अनुपूरक बजट को प्रस्तुत करने के दौरान सदन को संबोधित करते हुए कहा कि इस वर्ष शुरूआती दिनों में कम वर्षा ने चिंता बढ़ाई थी, किंतु अब अच्छी बारिश हो रही है, जिससे इस वर्ष अच्छी फसल की पूरी संभावना है। पिछले कुछ वर्ष में अकाल की स्थिति निर्मित नहीं हुई है। सभी मध्यम एवं बड़े बांधों में 60 से 65 प्रतिशत जलभराव हो चुका है।
- उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षों में प्रदेश में राजस्व आधिक्य की स्थिति रही है और वर्तमान में भी छत्तीसगढ़ की वित्तीय स्थिति काफी अच्छी है।
- सुगम सड़क योजना के बेहतर क्रियान्वयन और आवश्यकता को देखते हुए अनुपूरक बजट में 100 करोड़ रुपए का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है।
- इसी प्रकार प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लिये 200 करोड़, रोजगारमूलक एवं आजीविका मूलक योजनाओं के लिये 156 करोड़, खाद्य सुरक्षा के अंतर्गत राशन दुकान के संचालक के लिये 95 करोड़ रुपए, सुपोषण अभियान के अंतर्गत फोर्टिफाईड चावल के वितरण के लिये 76 करोड़ रुपए का अनुपूरक बजट में अतिरिक्त प्रावधान किया गया है।
- ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य संरचनाओं के विकास के लिये अनुपूरक बजट में प्रावधान किये गए है। शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय रायगढ़, बिलासपुर और अंबिकापुर में एमबीबीएस की 50-50 सीटें बढ़ाने पर होने वाले अतिरिक्त व्यय के लिये अनुपूरक बजट में 45 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इसी तरह शैक्षणिक संस्थाओं के उन्नयन और अधोसंरचनाओं के विकास के लिये अनुपूरक बजट में प्रावधान किया गया है।
- अनुपूरक बजट के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की 2000 करोड़ रुपए की महत्त्वपूर्ण घोषणाएँ-
- प्रदेश के लगभग 5 लाख शासकीय सेवकों के महँगाई भत्ते में 4 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की गई है। इस प्रकार मूल वेतन पर अब तक कुल 42 प्रतिशत बढ़ोतरी हो चुकी है। 4 प्रतिशत बढ़ोत्तरी होने से 800 करोड़ रुपए का अतिरिक्त व्यय राज्य सरकार को पड़ेगा।
- 37000 संविदा कर्मियों के वेतन में 27 प्रतिशत वृद्धि की गई है। इससे 350 करोड़ रुपए का अतिरिक्त व्यय राज्य सरकार को पड़ेगा।
- दैनिक वेतन भोगी के वेतन में 4000 रुपए मासिक वृद्धि की गई है। इससे 240 करोड़ रुपए का अतिरिक्त व्यय राज्य सरकार को पड़ेगा।
- 1650 अतिथि शिक्षकों के मानदेय में 2 हज़ार रुपए मासिक की बढ़ोतरी की गई है, इससे 4 करोड़ रुपए का अतिरिक्त व्यय राज्य सरकार पर पड़ेगा।
- 6000 पटवारियों को 500 रुपए मासिक संसाधन भत्ता, इससे 4 करोड़ रुपए का अतिरिक्त व्यय राज्य सरकार को पड़ेगा।
- सभी शासकीय सेवकों को 7वें वेतनमान पर बी श्रेणी शहर हेतु 9 प्रतिशत एवं सी तथा अन्य शहरों हेतु 6 प्रतिशत गृह भाड़ा भत्ता दिया जाएगा। इससे 265 करोड़ रुपए का अतिरिक्त व्यय राज्य सरकार को पड़ेगा।
- सभी पुलिस आरक्षकों को 8000 रुपए किट वार्षिक भत्ता दिया जाएगा। इसका 40 करोड़ रुपए का अतिरिक्त व्यय राज्य सरकार को पड़ेगा।
- मितानिन ट्रेनर, ब्लॉक कोआर्डिनेटर एवं हेल्प डेस्क ऑपरेटर को प्रतिदिन दैनिक प्रोत्साहन भत्ता 100 रुपए दिया जाएगा। इससे 11 करोड़ रुपए का अतिरिक्त व्यय राज्य सरकार को पड़ेगा।
- 10 हज़ार पंचायत सचिवों को 2500 से 3000 रुपए मासिक दिया जाएगा। इससे 50 करोड़ रुपए का अतिरिक्त व्यय राज्य सरकार को पड़ेगा। इसके अतिरिक्त उन्हें अर्जित अवकाश, 10 लाख रुपए तक की उपादान राशि एवं 05 लाख रुपए तक चिकित्सा व्यय प्रतिपूर्ति का लाभ भी दिया जाएगा।
- शासकीय सेवकों के लिये उपरोक्त घोषणाओं से कुल 1764 करोड़ रुपए का व्यय राज्य सरकार को पड़ेगा।
- मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना के अंतर्गत अधिकतम सहायता राशि की सीमा 20 लाख रुपए से बढ़ाकर 25 लाख रुपए कर दी गई है।
- सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण 2011 की सर्वे सूची के आधार पर प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास की पात्रता निर्धारित होने से जरूरतमंद परिवारों को आवास स्वीकृत करने में कठिनाई हो रही थी। इसे दूर करने के लिये राज्य के संसाधनों से ग्रामीण आवास न्याय योजना आरंभ की जाएगी। इसके लिये बजट में 100 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
उत्तराखंड Switch to English
प्रदेश में नौकरियों में खिलाड़ियों को मिलेगा चार प्रतिशत खेल कोटा
चर्चा में क्यों?
19 जुलाई, 2023 को उत्तराखंड के मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु की अध्यक्षता में हुई बैठक में प्रदेश के खिलाड़ियों को सरकारी सीधी भर्ती के पदों पर चार प्रतिशत क्षैतिज खेल कोटा देने के प्रस्ताव पर सहमति बन गई है। जल्द ही कैबिनेट में इसका प्रस्ताव आएगा।
प्रमुख बिंदु
- वहीं राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता खिलाड़ियों को विभिन्न छह विभागों में 2000 से लेकर 5400 ग्रेड पे तक के पदों पर सीधे नौकरी मिलेगी।
- विदित है कि राष्ट्रीय प्रतियोगिता के पदक विजेता खिलाड़ियों को ग्रेड पे 2000 के पद पर नौकरी दिये जाने के प्रस्ताव को वित्त विभाग ने पूर्व में यह कहते हुए लौटा दिया था कि इस ग्रेड पे के पद पर नौकरी नहीं दी जा सकती। हालाँकि वित्त विभाग ने ओलंपिक में स्वर्ण, रजत, कांस्य पदक विजेता खिलाड़ियों को समूह ‘ख’ के पदों पर नियुक्ति देने पर सहमति जताई थी।
- विभाग की ओर से खेल श्रेणी दो में ओलंपिक खेल में प्रतिभाग, विश्व चैंपियनशिप, विश्वकप, एशियन खेल एवं राष्ट्रमंडल खेल के स्वर्ण पदक विजेता खिलाड़ियों को ग्रेड पे 4800 एवं रजत व कांस्य पदक विजेता खिलाड़ियों को ग्रेड पे 4600 के पदों पर नौकरी देने की बात हुई थी।
- खेल श्रेणी तीन में सैफ खेल व राष्ट्रीय खेल में पदक विजेता खिलाड़ियों को एशियन खेल, राष्ट्रमंडल खेल, विश्व चैंपियनशिप, विश्वकप के प्रतिभागी खिलाड़ियों को समूह ‘ग’ के पदों पर रखे जाने की सहमति दी थी, लेकिन ग्रेड पे 2000 के पद पर नौकरी का मामला लटक गया था।
- बैठक में इन पर भी बनी सहमति:
- महाविद्यालयों में प्रवेश के लिये उत्कृष्ट खिलाड़ियों को पाँच प्रतिशत कोटा।
- ऊधमसिंह नगर में महिला स्पोर्ट्स कालेज की स्थापना के लिये चिन्हित की गई भूमि की उपयोगिता की जाँच का निर्णय।
- सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खेल प्रशिक्षक की व्यवस्था।
- दिव्यांगों के लिये खेल प्रतियोगिता एवं प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन।
- हल्द्वानी में खेल विश्वविद्यालय की भूमि के लिये वन विभाग के साथ होगी बैठक।
- ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण शिविरों के आयोजन किये जाएंगे।
- शराब व बीयर की बोतल पर एक रुपए की धनराशि सेस के रूप में आबकारी विभाग कटौती कर रहा है। इसे खेल विभाग को दिया जाएगा। इसकी अधिसूचना के लिये कैबिनेट में प्रस्ताव आएगा।
- पौड़ी स्थित रांसी में निर्माणाधीन स्टेडियम हाई एल्टीट्यूट सेंटर के रूप में विकसित होगा।
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