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मुख्यमंत्री ने कुम्हारी में नवनिर्मित क्रिकेट स्टेडियम का किया लोकार्पण
चर्चा में क्यों?
20 जुलाई, 2022 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दुर्ग ज़िले के नगरपालिका परिषद कुम्हारी में साढ़े चार करोड़ रुपए की लागत से बने क्रिकेट स्टेडियम का लोकार्पण किया।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री ने इस मौके पर 42 करोड़ रुपए के निर्माण कार्यों का लोकार्पण एवं भूमि पूजन भी किया। इन कार्यों में 10 करोड़ रुपए के लोकार्पण कार्य तथा 31 करोड़ रुपए के भूमि पूजन कार्य शामिल हैं।
- मुख्यमंत्री ने कुम्हारी के नागरिकों के प्रस्ताव पर स्टेडियम का नाम स्वर्गीय मिनीमाता के नाम पर रखने की घोषणा भी की।
- मुख्यमंत्री ने स्टेडियम के निर्माण कार्य की प्रशंसा की और कहा कि इस तरह के खेल की बढ़िया अधोसंरचना से खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ेगा और कुम्हारी में खेल प्रतिभाओं को निखारने में मदद मिलेगी।
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समर्थन मूल्य पर अरहर, उड़द और मूंग की खरीदी
चर्चा में क्यों?
20 जुलाई, 2022 को छत्तीसगढ़ जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, राज्य शासन द्वारा खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में किसानों से समर्थन मूल्य पर अरहर, उड़द और मूंग की खरीदी की जाएगी।
प्रमुख बिंदु
- कृषि विकास एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा राज्य में अरहर, उड़द एवं मूंग फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उपार्जन के लिये विस्तृत दिशा-निर्देश सभी संभागायुक्तों, कलेक्टरों सहित मार्कफेड एवं मंडी बोर्ड को जारी किये गए हैं।
- उड़द एवं मूंग का उपार्जन 17 अक्टूबर, 2022 से 16 दिसंबर, 2022 तक तथा अरहर का उपार्जन 13 मार्च, 2023 से 12 मई, 2023 तक की अवधि में किया जाएगा।
- इनका उपार्जन छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ मार्कफेड के माध्यम से किया जाएगा। किसानों से अरहर और उड़द 6,600 रुपए तथा मूंग की खरीदी 7,755 रुपए प्रति क्विंटल की दर से की जाएगी।
- गोदाम एवं भंडारण की सुविधायुक्त 25 कृषि उपज मंडियों को अरहर, मूंग और उड़द की खरीदी के लिये उपार्जन केंद्र के रूप में चिह्नांकित किया गया है।
- राज्य में भाटापारा, गरियाबंद, महासमुंद, बसना, दुर्ग, बेमेतरा, राजनांदगाँव, खैरागढ़ डोंगरगढ़, गंडई, कवर्धा, पंडरिया, मुंगेली, लोरमी, सक्ती, रायगढ़, अंबिकापुर, सूरजपुर, रामानुजगंज, जशपुर, कोंडागाँव, केशकाल, नारायणपुर, संबलपुर, पखांजूर कृषि मंडी में अरहर, मूंग और उड़द की खरीदी समर्थन मूल्य पर होगी।
- उपार्जन केंद्र पर आवश्यक भौतिक संसाधनों, उपकरणों एवं मानव संसाधन की व्यवस्था मार्कफेड द्वारा की जाएगी।
- ‘यूनिफाईड फार्मर पोर्टल’ पर कृषक का पंजीयन कर उपलब्ध डाटा नाफेड को दिया जाएगा। नाफेड द्वारा डाटा को ई-समृद्धि पोर्टल में उपार्जन हेतु इंटीग्रेड किया जाएगा एवं चयनित उपार्जन केंद्रों से उक्त कृषकों की टैगिंग की जाएगी। डाटा के आधार पर ही किसानों से खरीदी कर भुगतान किया जाएगा। किसानों की भूमि, बोई गई फसल का रकबा आदि का मैदानी सत्यापन एवं रेंडम सत्यापन किया जाएगा।
- उपार्जन केंद्रों में कृषकों की सामान्य जानकारी हेतु एफएक्यू उत्पाद का प्रदर्शन सुनिश्चित करने के साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि एफएक्यू मानक का अरहर, उड़द एवं मूंग का समर्थन मूल्य से कम पर उपार्जन केंद्र में विक्रय न हो। एफएक्यू गुणवत्ता की खरीदी की सघन मॉनिटरिंग की जाएगी।
- रेंडम सैंपलिंग हेतु नाफेड के साथ राज्यस्तरीय संयुक्त टीम गठित की जाएगी, जो उपार्जन केंद्र के खरीदी कार्य की तैयारी से लेकर संग्रहण तक का निरीक्षण करेगी। किसान से क्रय की गई मात्रा की प्रिंटेड रसीद, जिसमें देय राशि का उल्लेख हो, उपार्जन केंद्र प्रभारी द्वारा हस्ताक्षर कर किसान को दी जाएगी।
- गौरतलब है कि खरीफ सीज़न 2022 में राज्य में एक लाख 40 हज़ार हेक्टेयर में अरहर, 22 हज़ार हेक्टेयर में मूंग तथा एक लाख 75 हज़ार हेक्टेयर में उड़द की खेती का लक्ष्य है। कृषि विभाग द्वारा राज्य में 94,500 मीट्रिक टन अरहर, 12,100 मीट्रिक टन मूंग तथा 70,000 मीट्रिक टन उड़द का उत्पादन अनुमानित है।
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