छत्तीसगढ़ Switch to English
छत्तीसगढ़ राज्य जैविक प्रमाणीकरण संस्था को मिली जैविक उत्पाद के प्रमाणीकरण की मान्यता
चर्चा में क्यों?
हाल ही में छत्तीसगढ़ राज्य जैविक प्रमाणीकरण संस्था, रायपुर (सीजीओसर्ट) को जैविक उत्पाद का पंजीयन करने एवं देश की अधिकृत संस्था से परीक्षण कराकर जैविक उत्पाद के रूप में सर्टिफाइड करने की अनुमति कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात प्राधिकरण (अपेडा) से प्राप्त हो गई है।
प्रमुख बिंदु
- छत्तीसगढ़ के कृषक अब राज्य जैविक प्रमाणीकरण संस्था में जैविक फसल के रूप में पंजीयन कराकर सर्टिफाइड फसल उपज का प्रदेश के बाहर एवं देश के बाहर विक्रय कर सकेंगे।
- छत्तीसगढ़ राज्य जैविक प्रमाणीकरण संस्था के अपर संचालक ए.बी. आसना ने बताया कि जैविक उत्पाद के प्रमाणीकरण की मान्यता मिलने से राज्य के किसानों को इसका बहुत लाभ मिलेगा। विदेश में छत्तीसगढ़ राज्य के सुगंधित चावल, फोर्टिफाइड राइस, कोदो, कुटकी, रागी की डिमांड बढ़ी है।
- जैविक खेती के माध्यम से उत्पादित सुगंधित चावल, कोदो, कुटकी, रागी का प्रमाणीकरण कराकर यदि विदेशों में इसकी सप्लाई की जाए, तो किसानों को 10 गुना से लेकर 100 गुना से भी अधिक कीमत मिलेगी, जिसका सीधा फायदा किसानों को होगा और देश को विदेशी मुद्रा भी प्राप्त होगी।
- उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ प्रदेश एक कृषि-प्रधान राज्य है। प्रदेश में लघु धान्य फसलों, जैसे- कोदो, रागी एवं कुटकी, सुगंधित चावल, जैसे- जीरा फूल, देवभोग, जवा फूल आदि का उत्पादन होता है।
- छत्तीसगढ़ के ऐसे जैविक कृषि उत्पादों की मांग देश एवं विदेशों में भी बहुत अधिक होने लगी है। जैविक उत्पाद के प्रमाणीकरण की मान्यता मिल जाने से किसानों को सुविधा होगी और इसका लाभ उठाकर किसान जैविक खेती की ओर प्रेरित और प्रोत्साहित होंगे।
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