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केंद्रीय मंत्री ने जनजातीय संस्कृति केंद्र का शिलान्यास किया
चर्चा में क्यों?
हाल ही में केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री; कृषि एवं किसान कल्याण अर्जुन मुंडा ने वर्चुअल माध्यम से झारखंड के सरायकेला खरसावां ज़िले में 'जनजातीय संस्कृति और विरासत के संरक्षण एवं संवर्धन केंद्र' की आधारशिला रखी।
मुख्य बिंदु:
- यह संग्रहालय झारखंड राज्य में आदिवासी समुदाय की समृद्ध विरासत को चित्रित करने और संरक्षित करने का एक प्रयास है, साथ ही समृद्ध आदिवासी जीवन शैली एवं संस्कृति को प्रदर्शित करता है।
- केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्रालय ने केंद्र की स्थापना हेतु 10 करोड़ रुपए का बजट आवंटित करके इस पहल को स्वीकृति दे दी है।
- इस केंद्र को भविष्य में एक जीवंत केंद्र के रूप में विकसित करने का लक्ष्य है, जिसमें कारीगरों को अपने कौशल का प्रदर्शन करने और पर्यटन के केंद्र के रूप में कार्य करने के लिये जगह मिलेगी।
- यह क्षेत्र की भौतिक और अमूर्त जनजातीय संस्कृति, इसके इतिहास एवं विरासत का प्रदर्शन करेगा।
- एक अन्य कार्यक्रम में, उन्होंने नई दिल्ली में भारतीय आदिम जाति सेवक संगठन (BAJSS) में केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्रालय द्वारा वित्त पोषित हाल ही में पुनर्निर्मित राष्ट्रीय अद्वितीय जनजातीय संग्रहालय, ई-लाइब्रेरी और एसटी गर्ल्स हॉस्टल का भी उद्घाटन किया।
- BAJSS की स्थापना वर्ष 1948 में अमृतलाल विट्ठलदास ठक्कर द्वारा की गई थी, जिन्हें ठक्कर बापा के नाम से जाना जाता था, जो एक भारतीय सामाजिक कार्यकर्त्ता थे, जिन्होंने आदिवासी लोगों के उत्थान के लिये कार्य किया था।
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