नाबार्ड ने बिहार के लिये ऋण क्षमता का प्रोजेक्ट किया | बिहार | 21 Mar 2024
चर्चा में क्यों?
राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने वर्ष 2024-25 में बिहार के लिये 2,43,093 करोड़ रुपए की ऋण क्षमता का अनुमान लगाया है।
मुख्य बिंदु:
- यह अनुमान भारतीय रिज़र्व बैंक के प्राथमिकता क्षेत्र-आधारित दिशा-निर्देशों, केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों तथा टिकाऊ कृषि और ग्रामीण विकास के लिये नीतियों को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है।
- नाबार्ड के क्रेडिट सेमिनार में विकास आयुक्त द्वारा बिहार के लिये स्टेट फोकस पेपर 2024-25, राज्य के सभी 38 ज़िलों के लिये मूल्यांकन किये गए ऋण प्रवाह का एक संकलन का अनावरण किया गया।
- वर्ष 2024-25 के लिये प्राथमिकता क्षेत्र के तहत कुल ऋण प्रवाह 2,43,093 करोड़ रुपए अनुमानित है।
- बिहार में कृषि के अंतर्गत प्रत्येक उप-क्षेत्र के लिये विशिष्ट योजना के माध्यम से ऋण सघनीकरण की आवश्यकता है।
- राज्य में आर्थिक विकास और रोज़गार सृजन में ऋण महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (NABARD)
- यह एक विकास बैंक है जो मुख्य रूप से देश के ग्रामीण क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करता है। यह कृषि और ग्रामीण विकास के लिये वित्त प्रदान करने वाली शीर्ष बैंकिंग संस्था है।
- इसका मुख्यालय देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में स्थित है।
- यह छोटे उद्योगों, कुटीर उद्योगों और ऐसे किसी भी अन्य गाँव या ग्रामीण परियोजनाओं के विकास के लिये ज़िम्मेदार है।
- यह वर्ष 1982 में संसदीय अधिनियम-राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक अधिनियम, 1981 के तहत स्थापित एक वैधानिक निकाय है।
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI)
- इसकी स्थापना 1 अप्रैल, 1935 को भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 के प्रावधानों के अनुसार की गई थी।
- रिज़र्व बैंक का केंद्रीय कार्यालय शुरू में कलकत्ता में स्थापित किया गया था लेकिन वर्ष 1937 में स्थायी रूप से मुंबई में स्थानांतरित कर दिया गया था। केंद्रीय कार्यालय वह जगह है जहाँ गवर्नर बैठते हैं और जहाँ नीतियाँ बनाई जाती हैं।
- हालाँकि मूल रूप से निजी स्वामित्व में, 1949 में राष्ट्रीयकरण के बाद से, रिज़र्व बैंक पूरी तरह से भारत सरकार के स्वामित्व में है।