बिहार Switch to English
नाबार्ड ने बिहार के लिये ऋण क्षमता का प्रोजेक्ट किया
चर्चा में क्यों?
राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने वर्ष 2024-25 में बिहार के लिये 2,43,093 करोड़ रुपए की ऋण क्षमता का अनुमान लगाया है।
मुख्य बिंदु:
- यह अनुमान भारतीय रिज़र्व बैंक के प्राथमिकता क्षेत्र-आधारित दिशा-निर्देशों, केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों तथा टिकाऊ कृषि और ग्रामीण विकास के लिये नीतियों को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है।
- नाबार्ड के क्रेडिट सेमिनार में विकास आयुक्त द्वारा बिहार के लिये स्टेट फोकस पेपर 2024-25, राज्य के सभी 38 ज़िलों के लिये मूल्यांकन किये गए ऋण प्रवाह का एक संकलन का अनावरण किया गया।
- वर्ष 2024-25 के लिये प्राथमिकता क्षेत्र के तहत कुल ऋण प्रवाह 2,43,093 करोड़ रुपए अनुमानित है।
- बिहार में कृषि के अंतर्गत प्रत्येक उप-क्षेत्र के लिये विशिष्ट योजना के माध्यम से ऋण सघनीकरण की आवश्यकता है।
- राज्य में आर्थिक विकास और रोज़गार सृजन में ऋण महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (NABARD)
- यह एक विकास बैंक है जो मुख्य रूप से देश के ग्रामीण क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करता है। यह कृषि और ग्रामीण विकास के लिये वित्त प्रदान करने वाली शीर्ष बैंकिंग संस्था है।
- इसका मुख्यालय देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में स्थित है।
- यह छोटे उद्योगों, कुटीर उद्योगों और ऐसे किसी भी अन्य गाँव या ग्रामीण परियोजनाओं के विकास के लिये ज़िम्मेदार है।
- यह वर्ष 1982 में संसदीय अधिनियम-राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक अधिनियम, 1981 के तहत स्थापित एक वैधानिक निकाय है।
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI)
- इसकी स्थापना 1 अप्रैल, 1935 को भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 के प्रावधानों के अनुसार की गई थी।
- रिज़र्व बैंक का केंद्रीय कार्यालय शुरू में कलकत्ता में स्थापित किया गया था लेकिन वर्ष 1937 में स्थायी रूप से मुंबई में स्थानांतरित कर दिया गया था। केंद्रीय कार्यालय वह जगह है जहाँ गवर्नर बैठते हैं और जहाँ नीतियाँ बनाई जाती हैं।
- हालाँकि मूल रूप से निजी स्वामित्व में, 1949 में राष्ट्रीयकरण के बाद से, रिज़र्व बैंक पूरी तरह से भारत सरकार के स्वामित्व में है।
उत्तराखंड Switch to English
दिलीप जावलकर को उत्तराखंड का गृह सचिव नियुक्त किया
चर्चा में क्यों?
हाल ही में उत्तराखंड सरकार ने IAS अधिकारी दिलीप जावलकर को नया गृह सचिव नियुक्त किया है।
मुख्य बिंदु:
- वर्तमान में वित्त सचिव के पद पर कार्यरत दिलीप जावलकर को उत्तराखंड में गृह सचिव की ज़िम्मेदारी संभालने के लिये चुना गया है।
- निर्वाचन आयोग के निर्देश ने आगामी लोकसभा चुनावों के दौरान हितों के संभावित टकराव को रोकने के उद्देश्य से संबंधित मुख्यमंत्री कार्यालयों में समवर्ती पदों पर रहने वाले गृह सचिवों को हटाने का आदेश दिया।
उत्तराखंड Switch to English
अधिकारियों ने जोशीमठ में सरकारी भवनों को रेड ज़ोन से स्थानांतरित करने को कहा
चर्चा में क्यों?
हाल ही में चमोली के ज़िला मजिस्ट्रेट (DM) ने अधिकारियों से भूमि धंसाव प्रभावित जोशीमठ में असुरक्षित रेड ज़ोन में सरकारी भवनों और संपत्तियों का सर्वेक्षण करने तथा उन्हें सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने के लिये कहा।
मुख्य बिंदु:
- DM ने अधिकारियों से जोशीमठ में रेड ज़ोन के अंतर्गत आने वाले भूस्खलन प्रभावित परिवारों को पुनर्वास के सभी विकल्प प्रदान करने को भी कहा।
- जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति और जोशीमठ मूल निवासी स्वाभिमान संगठन ने राज्य सरकार की पुनर्वास नीति का विरोध किया है तथा 15 मांगें रखी हैं, जिनमें जोशीमठ में भूमि धँसाव की समस्या के लिये उपचारात्मक उपाय शुरू करना व प्रभावित लोगों के लिये विस्थापन भत्ता शामिल है।
जोशीमठ
- जोशीमठ उत्तराखंड के चमोली ज़िले में ऋषिकेश-बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-7) पर स्थित एक पहाड़ी शहर है।
- राज्य के अन्य महत्त्वपूर्ण धार्मिक और पर्यटन स्थलों के अलावा यह शहर बद्रीनाथ, औली, फूलों की घाटी (Valley of Flowers) एवं हेमकुंड साहिब की यात्रा करने वाले पर्यटकों के लिये रात्रि विश्राम स्थल के रूप में भी जाना जाता है।
- जोशीमठ, जो सेना की सबसे महत्त्वपूर्ण छावनियों में से एक है, भारतीय सशस्त्र बलों के लिये अत्यधिक सामरिक महत्त्व रखता है।
- शहर (उच्च जोखिम वाला भूकंपीय क्षेत्र-V) के माध्यम से धौलीगंगा और अलकनंदा नदियों के संगम, विष्णुप्रयाग से एक उच्च ढाल के साथ बहती हुई धारा आती है।
- यह आदि शंकराचार्य द्वारा स्थापित चार मुख्य मठों में से एक है, अन्य मठ उत्तराखंड के बद्रीनाथ में जोशीमठ, ओडिशा के पुरी और कर्नाटक के श्रींगेरी में हैं।
जोशीमठ की समस्याओं का कारण:
- पृष्ठभूमि:
- दीवारों और इमारतों में दरार पड़ने की घटना पहली बार वर्ष 2021 में दर्ज की गई, जबकि उत्तराखंड के चमोली ज़िले में भूस्खलन एवं बाढ़ की घटनाएँ निरंतर रूप से देखी जा रही थीं।
- रिपोर्टों के अनुसार, उत्तराखंड सरकार के विशेषज्ञ पैनल ने वर्ष 2022 में पाया कि जोशीमठ के कई हिस्सों में मानव निर्मित और प्राकृतिक कारकों के कारण इस प्रकार की समस्या उत्पन्न हो रही है।
- यह पाया गया कि व्यावहारिक रूप से शहर के सभी ज़िलों में संरचनात्मक खामियाँ हैं और अंतर्निहित सामग्री के नुकसान या गतिविधियों के परिणामस्वरूप पृथ्वी की सतह के धीरे-धीरे या अचानक धँसने अथवा विलय हो जाने जैसे परिणाम देखने को मिलते रहने की संभावना है।
- कारण:
- एक प्राचीन भूस्खलन स्थल: वर्ष 1976 की मिश्रा समिति की रिपोर्ट के अनुसार, जोशीमठ मुख्य चट्टान पर नहीं बल्कि रेत और पत्थर के जमाव पर स्थित है। यह एक प्राचीन भूस्खलन क्षेत्र पर स्थित है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अलकनंदा एवं धौलीगंगा की नदी धाराओं द्वारा कटाव भी भूस्खलन के कारकों के अंतर्गत आते हैं।
- समिति ने भारी निर्माण कार्य, ब्लास्टिंग या सड़क की मरम्मत के लिये बोल्डर हटाने और अन्य निर्माण, पेड़ों की कटाई पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की थी।
- भौगोलिक स्थिति: क्षेत्र में बिखरी हुई चट्टानें पुराने भूस्खलन के मलबे जिसमें बाउलडर, नीस चट्टानें और ढीली मृदा शामिल है, से ढकी हुई हैं, जिनकी धारण क्षमता न्यून है।
- ये नीस चट्टानें अत्यधिक अपक्षयित प्रकृति की होती हैं और विशेष रूप से मानसून के दौरान पानी से संतृप्त होने पर इनके रंध्रों पर उच्च दबाव बन जाता है फलस्वरूप इनका संयोजी मूल्य कम हो जाता है।
- निर्माण गतिविधियाँ: निर्माण कार्य में वृद्धि, पनबिजली परियोजनाओं और राष्ट्रीय राजमार्ग के चौड़ीकरण ने पिछले कुछ दशकों में ढलानों को अत्यधिक अस्थिर बना दिया है।
- भू-क्षरण: विष्णुप्रयाग से बहने वाली धाराओं और प्राकृतिक धाराओं के साथ हो रहा चट्टानी फिसलन, शहर में भूस्खलन के अन्य कारण हैं।
- एक प्राचीन भूस्खलन स्थल: वर्ष 1976 की मिश्रा समिति की रिपोर्ट के अनुसार, जोशीमठ मुख्य चट्टान पर नहीं बल्कि रेत और पत्थर के जमाव पर स्थित है। यह एक प्राचीन भूस्खलन क्षेत्र पर स्थित है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अलकनंदा एवं धौलीगंगा की नदी धाराओं द्वारा कटाव भी भूस्खलन के कारकों के अंतर्गत आते हैं।
- प्रभाव:
- कम-से-कम 66 परिवारों ने शहर छोड़ दिया है, जबकि 561 घरों में दरारें आने की सूचना है। एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि अब तक 3000 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं।
हरियाणा Switch to English
‘विवादों का समाधान’ पहल के तहत एकमुश्त निपटान योजनाएँ
चर्चा में क्यों?
हाल ही में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने राज्य में व्यवसाय संचालन को बढ़ावा देने के लिये 'विवादों का समाधान' पहल के तहत दो नई एकमुश्त निपटान योजनाएँ शुरू कीं।
मुख्य बिंदु:
- ये योजनाएँ हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं बुनियादी ढाँचा विकास निगम (HSIIDC) की औद्योगिक मॉडल टाउनशिप और औद्योगिक संपदाओं में प्लॉट की लागत तथा बढ़ी हुई लागत के संबंध में प्लॉट (औद्योगिक, वाणिज्यिक, आवासीय/समूह आवास एवं संस्थागत उपयोग) के खिलाफ संबंधित विरासत मामलों के निपटारे हेतु आवंटन का विकल्प प्रदान करेंगी।
- इस योजना का उद्देश्य औद्योगिक भूखंडों के 1,000 से अधिक आवंटियों को लाभ पहुँचाना है।
- सरकार सोनीपत के बरही शहर में 'फूड पार्क' के आवंटियों को एक विशेष रियायत दे रही है, जिससे उन्हें भूखंडों के स्वामित्व को लीजहोल्ड से फ्रीहोल्ड में बदलने की अनुमति मिल जाएगी।
- यह एकमुश्त निपटान योजना औद्योगिक भूखंडों/शेडों के साथ-साथ वाणिज्यिक, संस्थागत, आवासीय या समूह आवास भूखंडों या साइटों के सभी मौजूदा आवंटियों पर लागू है, जिन्हें 1 जनवरी 2021 से पहले भूखंड और साइट आवंटित की गई हैं।
- योजना तुरंत लागू होगी और योजना का लाभ उठाने के लिये आवंटियों को 30 जून, 2024 तक आवेदन करना होगा।
हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं बुनियादी ढाँचा विकास निगम (HSIIDC)
- इसकी स्थापना वर्ष 1967 में हरियाणा राज्य द्वारा पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी के रूप में की गई थी। यह हरियाणा सरकार के उद्योग और वाणिज्य विभाग के तत्त्वावधान में कार्य करता है।
- इसके उद्देश्य में अन्य बातों के साथ-साथ राज्य के औद्योगिक बुनियादी ढाँचे का विकास और हरियाणा राज्य में उद्योग के संवर्धन तथा विकास के लिये आवश्यक आवास एवं संबंधित सामाजिक, संस्थागत, मनोरंजन व वाणिज्यिक बुनियादी ढाँचे सहित एकीकृत उद्योग टाउनशिप/पार्क के लिये भूमि का अधिग्रहण करना तथा उन्हें उपयुक्त रूप से विकसित करना शामिल है।
उत्तर प्रदेश Switch to English
उत्तर प्रदेश: फार्मास्युटिकल उत्पादों का प्रमुख उत्पादक और निर्यातक
चर्चा में क्यों?
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मुताबिक, फार्मा उपभोक्ता राज्य होने से उत्तर प्रदेश फार्मास्युटिकल उत्पादों का प्रमुख उत्पादक और निर्यातक बनने की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है।
मुख्य बिंदु:
- सीएम ने कहा कि सरकार ललितपुर में 2,000 एकड़ में फैला एक फार्मा पार्क बना रही है और एक मेडिकल डिवाइस पार्क विकसित करने की भी योजना बना रही है।
- उन्होंने गोरखपुर में मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में एक फार्मेसी भवन की आधारशिला भी रखी।
- कार्यक्रम के दौरान सीएम ने स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तीकरण योजना के तहत छात्रों को स्मार्टफोन और टैबलेट भी वितरित किये।
स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तीकरण योजना
- इस योजना के तहत उच्च शिक्षण संस्थानों के विभिन्न शिक्षण/प्रशिक्षण कार्यक्रमों में नामांकित स्नातक, स्नातकोत्तर, डिप्लोमा, कौशल विकास, पैरामेडिकल और नर्सिंग छात्र आदि को इस योजना का लाभ मिलेगा।
- राज्य सरकार छात्रों को उनके संबंधित विश्वविद्यालय/कॉलेज/संस्थान के माध्यम से टैबलेट/स्मार्ट फोन वितरित करेगी।
- ये उपकरण छात्रों के बीच सरकार की विभिन्न विकासात्मक योजनाओं और कार्यक्रमों के बारे में जागरूकता फैलाने में सहायता करेंगे।
राजस्थान Switch to English
राजस्थान के मुख्यमंत्री ने कई सांस्कृतिक विरासत परियोजनाओं की घोषणा की
चर्चा में क्यों?
हाल ही में राजस्थान के मुख्यमंत्री ने राज्य की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के लिये 12 स्थानों पर विभिन्न पैनोरमा और संग्रहालयों के निर्माण की घोषणा की।
मुख्य बिंदु:
- युवाओं को राजस्थान की ऐतिहासिक जड़ों और मूल्यों के बारे में शिक्षित करने हेतु, सरकार देवताओं, महान योद्धाओं तथा संतों के जीवन को प्रदर्शित करने के लिये प्रतिबद्ध है।
- इस परियोजना के तहत करौली ज़िले के महावीर मंदिर में श्री महावीर पैनोरमा, भरतपुर ज़िले में ब्रज चौरासी कोस परिक्रमा मार्ग, अजमेर में जैन मुनि विद्यासागर महाराज पैनोरमा, डीडवाना-कुचामन के कालवा में भक्त शिरोमणि कर्मा बाई पैनोरमा, बीकानेर के कतरियासर में जसनाथ जी पैनोरमा , बालोतरा के बायतु में खेमा बाबा पैनोरमा, चित्तौड़गढ़ में भामाशाह पैनोरमा, जोधपुर में राव चंद्रसेन पैनोरमा, भरतपुर में गोकुला जाट पैनोरमा और जैसलमेर में जैसलमेर पैनोरमा का निर्माण राजस्थान हेरिटेज अथॉरिटी द्वारा किया जाएगा।
- वर्ष 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में गाँवों के योगदान को याद करने के लिये जयपुर में एक स्मारक के साथ-साथ राजस्थान की वीर नारियों के सम्मान में एक संग्रहालय भी बनाया जाएगा।
श्री महावीर जी मंदिर
- श्री महावीर जी में पाँच मंदिर हैं। अतिशय क्षेत्र श्रीमहावीरजी जैनियों के चमत्कारी तीर्थों में से एक माना जाता है।
- यह तीर्थ राजस्थान के करौली ज़िले के हिंडौन ब्लॉक में गंभीर नदी के तट पर स्थित है।
- इसका निर्माण 17वीं शताब्दी में महावीर की मूर्ति की खोज के बाद एक जैन व्यापारी, श्री अमर चंद बिलाला द्वारा किया गया था।
खेमा बाबा मंदिर
- खेमा बाबा मंदिर एक हिंदू मंदिर है जो लोक देवता भगवान "सिद्ध श्री खेमा बाबा" को समर्पित है, जो राजस्थान के बाड़मेर ज़िले के बायतु में एक रेत के टीले के पास स्थित है।
- वह बायतु भोपजी गाँव में पैदा हुए एक समाज सुधारक थे।
चित्तौड़गढ़ के भामाशाह
- भामा शाह एक प्रसिद्ध सेनापति, मंत्री और महाराणा प्रताप सिंह के करीबी सहयोगी थे। उनके द्वारा प्रदान की गई वित्तीय सहायता ने महाराणा प्रताप को अपनी सेना को बहाल करने और अपने खोए हुए क्षेत्र को पुनः प्राप्त करने की अनुमति दी।
- भामाशाह जयंती प्रत्येक वर्ष 29 जून को मनाई जाती है।
- उदयपुर में उन्हें समर्पित एक स्मारक है। भारत सरकार ने वर्ष 2000 में उनके सम्मान में एक डाक टिकट जारी किया।
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