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उत्तर प्रदेश में बनेंगे 20 नए हाईटेक कारागार
चर्चा में क्यों?
20 मार्च, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार एक उच्च स्तरीय बैठक में उत्तर प्रदेश कारागार प्रशासन एवं सुधार विभाग ने अवगत कराया कि राज्य की जेलों में क्षमता से अधिक बंदियों की संख्या को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने कई ज़िलों में नई जेलों के निर्माण का निर्णय लिया है।
प्रमुख बिंदु
- राज्य में नई जेलों के निर्माण के लिये प्रदेश के 11 ऐसे ज़िले चिह्नित किये गए हैं, जहाँ पर अभी कोई जेल नहीं है।
- जानकारी के अनुसार अमेठी, महोबा, कुशीनगर, चंदौली, औरैया, हाथरस, हापुड़, संभल, अमरोहा, भदोही और शामली में नईं जेल बनेगी।
- आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि राज्य सरकार ने इसके अलावा एक केंद्रीय कारागार और नौ ज़िलों में दूसरी जेल के निर्माण की कार्रवाई शुरू कर दी है जबकि कुछ जेलों में बैरकों की संख्या बढ़ाई जा रही है। इसके लिये सरकार के निर्देश पर शासन ने कारागार विभाग को हरी झंडी देते हुए भारी भरकम बजट जारी कर दिया है।
- इन जेलों को वर्तमान परिदृश्य को देखते हुए हाईटेक टेक्नोलॉजी का यूज करते हुए बनाया जाएगा। इसके साथ ही नई जेलों के निर्माण का लक्ष्य दो से पाँच साल निर्धारित किया गया है।
- विदित है कि वर्तमान में प्रदेश की केंद्रीय और ज़िला कारागार समेत कई कारागार में क्षमता से अधिक बंदी हैं। ऐसे में जेल मैनुअल द्वारा प्रदत्त सुविधाएँ उपलब्ध कराने और बंदियों के मानवाधिकारों के संरक्षण को देखते हुए नई जेलों की आवश्यकता है।
- विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया था कि वर्तमान में सात केंद्रीय कारागार में 13,669 बंदियों की क्षमता है जबकि यहाँ पर 15,201 बंदी निरुद्ध हैं, जिसका अनुपात 111 प्रतिशत है।
- इसी तरह 62 ज़िला कारागार में 49,107 बंदियों की क्षमता है, जिसके सापेक्ष 95,597 बंदी निरुद्ध हैं, जिसका अनुपात 194 प्रतिशत है। वहीं 2 उप कारागार में 306 बंदियों की क्षमता है, जिसके सापेक्ष 664 बंदी निरुद्ध हैं, जिसका अनुपात 216 प्रतिशत है। महिला केंद्रीय कारागार में 120 बंदियों की क्षमता है, जिसके सापेक्ष 148 बंदी निरुद्ध हैं, जिसका अनुपात 123 प्रतिशत है।
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