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जामडोली में खुलेगा दिव्यांगजनों के लिये प्रदेश का पहला विश्वविद्यालय
चर्चा में क्यों?
20 मार्च, 2023 को राजस्थान के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री टीकाराम जूली ने बताया कि राज्य विधानसभा ने दिव्यांगजन के लिये उच्च शिक्षण एवं अनुसंधान के लिये जयपुर के जामडोली में बाबा आम्टे दिव्यांग विश्वविद्यालय की स्थापना के विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया है।
प्रमुख बिंदु
- सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने बताया कि 72 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले इस विश्वविद्यालय के लिये ज़मीन चिह्नित की जा चुकी है।
- उन्होंने बताया कि बाबा आम्टे दिव्यांग विश्वविद्यालय दिव्यांगजनों के लिये प्रदेश का पहला एवं देश का तीसरा विश्वविद्यालय होगा।
- इस विश्वविद्यालय की स्थापना से दिव्यांगजनों को उच्च अध्ययन एवं शोध के बेहतर अवसर उपलब्ध होंगे। विश्वविद्यालय स्थापित करने का उद्देश्य शिक्षण, प्रशिक्षण एवं अनुसंधान के साथ ही दिव्यांगजनों का पुनर्वास कर उन्हें सक्षम एवं आत्मनिर्भर बनाना है।
- यह विश्वविद्यालय पूर्णतया आधुनिक होगा, जिसमें वाई-फाई, स्मार्ट क्लास रुम, मॉडर्न कंप्यूटर लैब, प्रोजेक्टर इत्यादि की सुविधा उपलब्ध होगी। विश्वविद्यालय का भवन दिव्यांगों की सुविधा को देखते हुए पूर्णतया बाधारहित बनाया जाएगा।
- मंत्री टीकाराम जूली ने बताया कि विश्वविद्यालय में बी.एड. बौद्धिक दिव्यांगता, डिप्लोमा इन साइन लैंग्वेज इत्यादि पाठ्यक्रम के साथ-साथ नियमित पाठ्यक्रम भी संचालित किये जाएंगे। पाठ्यक्रम की शुरुआत वर्ष 2023-24 से होगी तथा विश्वविद्यालय में प्रवेश हेतु दिव्यांग छात्र-छात्राओं को प्राथमिकता दी जाएगी।
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राजस्थान एमएसएमई एक्ट-2023 विधेयक पारित
चर्चा में क्यों?
20 मार्च, 2023 को राजस्थान के उद्योग मंत्री शकुंतला रावत ने बताया कि राज्य विधानसभा में राजस्थान सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (स्थापना और प्रवर्तन का सुकरीकरण) (संशोधन) विधेयक, 2023 को ध्वनि मत से पारित कर दिया गया है।
प्रमुख बिंदु
- उद्योग मंत्री शकुंतला रावत ने बताया कि राजस्थान एमएसएमई एक्ट-2023 विधेयक आने के बाद राज्य का आर्थिक, सामाजिक स्वरूप बदलेगा और राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर औद्योगिक क्षेत्र मजबूत होगा।
- इस अधिनियम में अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करने और राज्य सरकार के विभिन्न अनुमोदन प्राप्त करने के लिये छूट की अवधि को 3 वर्ष से बढ़ाकर 5 वर्ष करने का विनिश्चय किया गया है। एमएसएमई पॉलिसी के तहत 5 वर्ष तक किसी भी निरीक्षण या एनओसी से मुक्त उद्योग स्थापित करने का रास्ता खोला गया है।
- उन्होंने बताया कि उद्योगों से जुड़ी किसी भी समस्या के समाधान के लिये राज्य स्तरीय वन स्टॉप शॉप का संचालन किया जा रहा है, जहाँ 14 विभागों के उच्च अधिकारी बैठकर उद्योगों से जुड़ी समस्याओं का तुरंत निस्तारण करते हैं।
- शकुंतला रावत ने बताया कि राजस्थान देश का पहला अनूठा राज्य है जो नई एमएसएमई और हस्तशिल्प नीति लेकर आया है।
- उन्होंने बताया कि उद्योग स्थापित करने के लिये मुख्यमंत्री प्रोत्साहन योजना, युवा उद्योग प्रोत्साहन योजना, रिप्स सहित कई प्रमुख योजनाएँ लाई गई हैं।
- प्रदेश में पहली बार ज़िला स्तर पर व्यापक रोड शो किये गए, जिससे कि छोटे से छोटा उद्यमी भी उद्योगों के लिये मिल रही छूट का लाभ उठा सका।
- विदित है कि राजस्थान में होटल को भी उद्योग का दर्जा दिया गया है। हाल ही हुए इन्वेस्ट राजस्थान में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हुए एमओयू को धरातल पर उतारा जा चुका है।
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‘मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक भाषा दक्षता एवं संप्रेषण कौशल विकास योजना’
चर्चा में क्यों?
20 मार्च, 2023 को राजस्थान के अल्पसंख्यक मामलात मंत्री शाले मोहम्मद ने राज्य के अल्पसंख्यकों के समावेशी विकास के लिये नवाचार करने की कड़ी में भाषा दक्षता एवं संप्रेषण कौशल विकास के लिये ‘मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक भाषा दक्षता एवं संप्रेषण कौशल विकास योजना’का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- ‘मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक भाषा दक्षता एवं संप्रेषण कौशल विकास योजना’का उद्देश्य अल्पसंख्यक समुदाय के युवाओं को अंग्रेजी के साथ फ्रेंच, जर्मन, अरबी, स्पेनिश, फारसी और अन्य विदेशी भाषाओं का अध्ययन, बोलना व संप्रेषण कौशल विकसित कर रोज़गार प्राप्ति में सहयोग प्रदान करना है।
- भाषा के इल्म के साथ, इस योजना में नामांकित छात्रों को उनकी उपस्थिति के आधार पर 1500 रुपए मासिक अधिकतम कुल 4500 रुपए स्टाइपेंड 3 माह तक प्रदान किया जाएगा।
- उल्लेखनीय है कि कार्यकारी एजेंसी द्वारा सभी ज़िला मुख्यालयों पर अंग्रेजी भाषा के प्रशिक्षण की सुविधा उपलब्ध है। अन्य विदेशी भाषाओं के प्रशिक्षण की सुविधा संभाग स्तर पर उपलब्ध है।
- ‘मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक भाषा दक्षता एवं संप्रेषण कौशल विकास योजना’राजस्थान के मूल निवासी अल्पसंख्यक समुदाय के उच्च माध्यमिक स्तर के शिक्षित युवाओं की ओर लक्षित है, जिनकी आयु 18 से 35 वर्ष के बीच है। पात्रता के लिये लाभार्थी के परिवार/अभिभावक की वार्षिक आय 8.00 लाख रुपए तक अथवा उससे कम होना अनिवार्य है।
- अल्पसंख्यक मामलात मंत्री शाले मोहम्मद ने बताया कि ‘मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक भाषा दक्षता एवं संप्रेषण कौशल विकास योजना’अल्पसंख्यक समाज के युवाओं को आधुनिक दुनिया में सशक्त और सफल बनाने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है। विदेशी भाषा सीखने से उन्हें न केवल भारत में बल्कि विदेश में भी बेहतर रोज़गार के अवसर मिलेंगे।
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