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बिहार में अब ‘मीठी क्रांति
चर्चा में क्यों?
20 मार्च, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार बिहार में मीठी क्रांति (शहद उत्पादन) को बढ़ावा देने के लिये केंद्र सरकार ने राज्य के 17 ज़िलों का चयन किया है।
प्रमुख बिंदु
- राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन एवं शहर मिशन (नेशनल बी कीपिंग एंड हनी मिशन) के तहत इनका चयन किया गया है। योजना क्रियान्वयन के लिये इन ज़िलों को राशि की पहली किस्त भी भेजी जा रही है। केंद्र ने पहली किस्त के रूप में 30 करोड़ स्वीकृत किये हैं।
- बिहार में औरंगाबाद, भागलपुर, भोजपुर, दरभंगा, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, जमुई, किशनगंज, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, पटना, पूर्णिया, रोहतास, समस्तीपुर, सारण, सीतामढ़ी और वैशाली ज़िलों का चयन किया गया है। यहाँ हनी मिशन यानि मीठी क्रांति की सफलता के लिये केंद्र और राज्य सरकार संयुक्त रूप से काम करेंगी।
- मधुमक्खी पालन में राज्य में महिलाओं के समूह, जीविका और वेजफेड को प्राथमिकता दी जाएगी। 30 प्रतिशत हिस्सेदारी महिलाओं की होगी। इसका फायदा जीविका दीदियों को भी मिलेगा। महिला समूहों, किसान समूहों, सहकारी समितियों को अनुदान देकर इसके लिये प्रोत्साहित किया जाएगा।
- महिलाओं को मधुमक्खी पालन के लिये बढ़ावा देने के अलावा तकनीकी सहायता और आवश्यक ट्रेनिंग दी जाएगी। मधुमक्खी पालन क्षेत्र में फूल वाले पौधों की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। केंद्र सरकार द्वारा स्वीकृत राशि इसमें खर्च किया जाएगा।
- राज्य सरकार की ओर से इसमें वार्षिक कार्ययोजना तैयार कर ली गई है। ज़िला बागवानी विकास समिति को किसान समूह चयन की जिम्मेवारी दी गई है।
- इस योजना का उद्देश्य मधु क्रांति यानि मीठी क्रांति लाना है। मधु क्रांति के लक्ष्य को प्राप्त करने एवं वैज्ञानिक तरीके से मधुमक्खी पालन, मधु उत्पादन एवं अन्य उत्पाद को बढ़ावा दिया जाएगा। कृषि एवं गैर कृषि परिवार को रोज़गार दिलाने में भी यह मदद करेगा।
- विदित है कि बिहार में बड़े पैमाने पर शहद का उत्पादन होता है। राज्य के करीब पचास हज़ार लोग इससे जुड़े हुए हैं। बिहार के शहद की देश ही नहीं बल्कि विदेशों (अमेरिका, सऊदी अरब, कतर, मोरक्को) में भी ज्यादा मांग है। राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन एवं शहर मिशन शुरू होने का फायदा यहाँ के मधुमक्खी पालकों को होगा।
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