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स्टेट पी.सी.एस.

  • 21 Mar 2023
  • 1 min read
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उत्तर प्रदेश Switch to English

उत्तर प्रदेश में बनेंगे 20 नए हाईटेक कारागार

चर्चा में क्यों?

20 मार्च, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार एक उच्च स्तरीय बैठक में उत्तर प्रदेश कारागार प्रशासन एवं सुधार विभाग ने अवगत कराया कि राज्य की जेलों में क्षमता से अधिक बंदियों की संख्या को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने कई ज़िलों में नई जेलों के निर्माण का निर्णय लिया है।

प्रमुख बिंदु 

  • राज्य में नई जेलों के निर्माण के लिये प्रदेश के 11 ऐसे ज़िले चिह्नित किये गए हैं, जहाँ पर अभी कोई जेल नहीं है।
  • जानकारी के अनुसार अमेठी, महोबा, कुशीनगर, चंदौली, औरैया, हाथरस, हापुड़, संभल, अमरोहा, भदोही और शामली में नईं जेल बनेगी।
  • आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि राज्य सरकार ने इसके अलावा एक केंद्रीय कारागार और नौ ज़िलों में दूसरी जेल के निर्माण की कार्रवाई शुरू कर दी है जबकि कुछ जेलों में बैरकों की संख्या बढ़ाई जा रही है। इसके लिये सरकार के निर्देश पर शासन ने कारागार विभाग को हरी झंडी देते हुए भारी भरकम बजट जारी कर दिया है।
  • इन जेलों को वर्तमान परिदृश्य को देखते हुए हाईटेक टेक्नोलॉजी का यूज करते हुए बनाया जाएगा। इसके साथ ही नई जेलों के निर्माण का लक्ष्य दो से पाँच साल निर्धारित किया गया है।
  • विदित है कि वर्तमान में प्रदेश की केंद्रीय और ज़िला कारागार समेत कई कारागार में क्षमता से अधिक बंदी हैं। ऐसे में जेल मैनुअल द्वारा प्रदत्त सुविधाएँ उपलब्ध कराने और बंदियों के मानवाधिकारों के संरक्षण को देखते हुए नई जेलों की आवश्यकता है।
  • विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया था कि वर्तमान में सात केंद्रीय कारागार में 13,669 बंदियों की क्षमता है जबकि यहाँ पर 15,201 बंदी निरुद्ध हैं, जिसका अनुपात 111 प्रतिशत है।
  • इसी तरह 62 ज़िला कारागार में 49,107 बंदियों की क्षमता है, जिसके सापेक्ष 95,597 बंदी निरुद्ध हैं, जिसका अनुपात 194 प्रतिशत है। वहीं 2 उप कारागार में 306 बंदियों की क्षमता है, जिसके सापेक्ष 664 बंदी निरुद्ध हैं, जिसका अनुपात 216 प्रतिशत है। महिला केंद्रीय कारागार में 120 बंदियों की क्षमता है, जिसके सापेक्ष 148 बंदी निरुद्ध हैं, जिसका अनुपात 123 प्रतिशत है।       

बिहार Switch to English

बिहार में अब ‘मीठी क्रांति

चर्चा में क्यों?

20 मार्च, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार बिहार में मीठी क्रांति (शहद उत्पादन) को बढ़ावा देने के लिये केंद्र सरकार ने राज्य के 17 ज़िलों का चयन किया है।

प्रमुख बिंदु 

  • राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन एवं शहर मिशन (नेशनल बी कीपिंग एंड हनी मिशन) के तहत इनका चयन किया गया है। योजना क्रियान्वयन के लिये इन ज़िलों को राशि की पहली किस्त भी भेजी जा रही है। केंद्र ने पहली किस्त के रूप में 30 करोड़ स्वीकृत किये हैं।
  • बिहार में औरंगाबाद, भागलपुर, भोजपुर, दरभंगा, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, जमुई, किशनगंज, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, पटना, पूर्णिया, रोहतास, समस्तीपुर, सारण, सीतामढ़ी और वैशाली ज़िलों का चयन किया गया है। यहाँ हनी मिशन यानि मीठी क्रांति की सफलता के लिये केंद्र और राज्य सरकार संयुक्त रूप से काम करेंगी।
  • मधुमक्खी पालन में राज्य में महिलाओं के समूह, जीविका और वेजफेड को प्राथमिकता दी जाएगी। 30 प्रतिशत हिस्सेदारी महिलाओं की होगी। इसका फायदा जीविका दीदियों को भी मिलेगा। महिला समूहों, किसान समूहों, सहकारी समितियों को अनुदान देकर इसके लिये प्रोत्साहित किया जाएगा।
  • महिलाओं को मधुमक्खी पालन के लिये बढ़ावा देने के अलावा तकनीकी सहायता और आवश्यक ट्रेनिंग दी जाएगी। मधुमक्खी पालन क्षेत्र में फूल वाले पौधों की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। केंद्र सरकार द्वारा स्वीकृत राशि इसमें खर्च किया जाएगा।
  • राज्य सरकार की ओर से इसमें वार्षिक कार्ययोजना तैयार कर ली गई है। ज़िला बागवानी विकास समिति को किसान समूह चयन की जिम्मेवारी दी गई है।
  • इस योजना का उद्देश्य मधु क्रांति यानि मीठी क्रांति लाना है। मधु क्रांति के लक्ष्य को प्राप्त करने एवं वैज्ञानिक तरीके से मधुमक्खी पालन, मधु उत्पादन एवं अन्य उत्पाद को बढ़ावा दिया जाएगा। कृषि एवं गैर कृषि परिवार को रोज़गार दिलाने में भी यह मदद करेगा।
  • विदित है कि बिहार में बड़े पैमाने पर शहद का उत्पादन होता है। राज्य के करीब पचास हज़ार लोग इससे जुड़े हुए हैं। बिहार के शहद की देश ही नहीं बल्कि विदेशों (अमेरिका, सऊदी अरब, कतर, मोरक्को) में भी ज्यादा मांग है। राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन एवं शहर मिशन शुरू होने का फायदा यहाँ के मधुमक्खी पालकों को होगा।

राजस्थान Switch to English

जामडोली में खुलेगा दिव्यांगजनों के लिये प्रदेश का पहला विश्वविद्यालय

चर्चा में क्यों?

20 मार्च, 2023 को राजस्थान के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री टीकाराम जूली ने बताया कि राज्य विधानसभा ने दिव्यांगजन के लिये उच्च शिक्षण एवं अनुसंधान के लिये जयपुर के जामडोली में बाबा आम्टे दिव्यांग विश्वविद्यालय की स्थापना के विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया है।

प्रमुख बिंदु 

  • सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने बताया कि 72 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले इस विश्वविद्यालय के लिये ज़मीन चिह्नित की जा चुकी है।
  • उन्होंने बताया कि बाबा आम्टे दिव्यांग विश्वविद्यालय दिव्यांगजनों के लिये प्रदेश का पहला एवं देश का तीसरा विश्वविद्यालय होगा।
  • इस विश्वविद्यालय की स्थापना से दिव्यांगजनों को उच्च अध्ययन एवं शोध के बेहतर अवसर उपलब्ध होंगे। विश्वविद्यालय स्थापित करने का उद्देश्य शिक्षण, प्रशिक्षण एवं अनुसंधान के साथ ही दिव्यांगजनों का पुनर्वास कर उन्हें सक्षम एवं आत्मनिर्भर बनाना है।
  • यह विश्वविद्यालय पूर्णतया आधुनिक होगा, जिसमें वाई-फाई, स्मार्ट क्लास रुम, मॉडर्न कंप्यूटर लैब, प्रोजेक्टर इत्यादि की सुविधा उपलब्ध होगी। विश्वविद्यालय का भवन दिव्यांगों की सुविधा को देखते हुए पूर्णतया बाधारहित बनाया जाएगा।
  • मंत्री टीकाराम जूली ने बताया कि विश्वविद्यालय में बी.एड. बौद्धिक दिव्यांगता, डिप्लोमा इन साइन लैंग्वेज इत्यादि पाठ्यक्रम के साथ-साथ नियमित पाठ्यक्रम भी संचालित किये जाएंगे। पाठ्यक्रम की शुरुआत वर्ष 2023-24 से होगी तथा विश्वविद्यालय में प्रवेश हेतु दिव्यांग छात्र-छात्राओं को प्राथमिकता दी जाएगी।

राजस्थान Switch to English

राजस्थान एमएसएमई एक्ट-2023 विधेयक पारित

चर्चा में क्यों?

20 मार्च, 2023 को राजस्थान के उद्योग मंत्री शकुंतला रावत ने बताया कि राज्य विधानसभा में राजस्थान सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (स्थापना और प्रवर्तन का सुकरीकरण) (संशोधन) विधेयक, 2023 को ध्वनि मत से पारित कर दिया गया है।

प्रमुख बिंदु 

  • उद्योग मंत्री शकुंतला रावत ने बताया कि राजस्थान एमएसएमई एक्ट-2023 विधेयक आने के बाद राज्य का आर्थिक, सामाजिक स्वरूप बदलेगा और राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर औद्योगिक क्षेत्र मजबूत होगा।
  • इस अधिनियम में अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करने और राज्य सरकार के विभिन्न अनुमोदन प्राप्त करने के लिये छूट की अवधि को 3 वर्ष से बढ़ाकर 5 वर्ष करने का विनिश्चय किया गया है। एमएसएमई पॉलिसी के तहत 5 वर्ष तक किसी भी निरीक्षण या एनओसी से मुक्त उद्योग स्थापित करने का रास्ता खोला गया है।
  • उन्होंने बताया कि उद्योगों से जुड़ी किसी भी समस्या के समाधान के लिये राज्य स्तरीय वन स्टॉप शॉप का संचालन किया जा रहा है, जहाँ 14 विभागों के उच्च अधिकारी बैठकर उद्योगों से जुड़ी समस्याओं का तुरंत निस्तारण करते हैं।
  • शकुंतला रावत ने बताया कि राजस्थान देश का पहला अनूठा राज्य है जो नई एमएसएमई और हस्तशिल्प नीति लेकर आया है।
  • उन्होंने बताया कि उद्योग स्थापित करने के लिये मुख्यमंत्री प्रोत्साहन योजना, युवा उद्योग प्रोत्साहन योजना, रिप्स सहित कई प्रमुख योजनाएँ लाई गई हैं।
  • प्रदेश में पहली बार ज़िला स्तर पर व्यापक रोड शो किये गए, जिससे कि छोटे से छोटा उद्यमी भी उद्योगों के लिये मिल रही छूट का लाभ उठा सका।
  • विदित है कि राजस्थान में होटल को भी उद्योग का दर्जा दिया गया है। हाल ही हुए इन्वेस्ट राजस्थान में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हुए एमओयू को धरातल पर उतारा जा चुका है।

राजस्थान Switch to English

‘मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक भाषा दक्षता एवं संप्रेषण कौशल विकास योजना’

चर्चा में क्यों?

20 मार्च, 2023 को राजस्थान के अल्पसंख्यक मामलात मंत्री शाले मोहम्मद ने राज्य के अल्पसंख्यकों के समावेशी विकास के लिये नवाचार करने की कड़ी में भाषा दक्षता एवं संप्रेषण कौशल विकास के लिये ‘मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक भाषा दक्षता एवं संप्रेषण कौशल विकास योजना’का शुभारंभ किया।

प्रमुख बिंदु 

  • ‘मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक भाषा दक्षता एवं संप्रेषण कौशल विकास योजना’का उद्देश्य अल्पसंख्यक समुदाय के युवाओं को अंग्रेजी के साथ फ्रेंच, जर्मन, अरबी, स्पेनिश, फारसी और अन्य विदेशी भाषाओं का अध्ययन, बोलना व संप्रेषण कौशल विकसित कर रोज़गार प्राप्ति में सहयोग प्रदान करना है।
  • भाषा के इल्म के साथ, इस योजना में नामांकित छात्रों को उनकी उपस्थिति के आधार पर 1500 रुपए मासिक अधिकतम कुल 4500 रुपए स्टाइपेंड 3 माह तक प्रदान किया जाएगा।
  • उल्लेखनीय है कि कार्यकारी एजेंसी द्वारा सभी ज़िला मुख्यालयों पर अंग्रेजी भाषा के प्रशिक्षण की सुविधा उपलब्ध है। अन्य विदेशी भाषाओं के प्रशिक्षण की सुविधा संभाग स्तर पर उपलब्ध है।
  • ‘मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक भाषा दक्षता एवं संप्रेषण कौशल विकास योजना’राजस्थान के मूल निवासी अल्पसंख्यक समुदाय के उच्च माध्यमिक स्तर के शिक्षित युवाओं की ओर लक्षित है, जिनकी आयु 18 से 35 वर्ष के बीच है। पात्रता के लिये लाभार्थी के परिवार/अभिभावक की वार्षिक आय 8.00 लाख रुपए तक अथवा उससे कम होना अनिवार्य है।
  • अल्पसंख्यक मामलात मंत्री शाले मोहम्मद ने बताया कि ‘मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक भाषा दक्षता एवं संप्रेषण कौशल विकास योजना’अल्पसंख्यक समाज के युवाओं को आधुनिक दुनिया में सशक्त और सफल बनाने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है। विदेशी भाषा सीखने से उन्हें न केवल भारत में बल्कि विदेश में भी बेहतर रोज़गार के अवसर मिलेंगे।      

मध्य प्रदेश Switch to English

पॉवर जनरेटिंग कंपनी ने इतिहास में सर्वाधिक ताप विद्युत उत्पादन का बनाया रिकार्ड

चर्चा में क्यों?

20 मार्च, 2023 को मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के ताप विद्युत गृहों ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में 19 मार्च तक 26326.7 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन कर पॉवर जनरेटिंग कंपनी के इतिहास में सर्वाधिक ताप विद्युत उत्पादन का नया रिकार्ड बनाया गया है।

प्रमुख बिंदु 

  • कंपनी के ताप गृहों द्वारा किसी एक वित्तीय वर्ष में किये गए विद्युत उत्पादन में यह अभी तक का सर्वाधिक विद्युत उत्पादन है। इसके पूर्व पावर जनरेटिंग कंपनी ताप विद्युत गृहों द्वारा वित्तीय वर्ष 2018-19 में 86 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन किया गया था।
  • कंपनी ताप विद्युत इकाइयों की विशिष्ट तेल खपत माह फरवरी 23 तक 69 मिलीलीटर प्रति इकाई रही, जो अभी तक की न्यूनतम खपत है। ताप विद्युत इकाइयों का माह फरवरी तक हीट रेट 2486 किलो कैलारी प्रति इकाई रहा, जो अभी तक का न्यूनतम है।
  • कंपनी की 12 ताप विद्युत इकाई ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में 100 दिन या इससे अधिक दिनों तक सतत् क्रिघ्याशील रहने का रिकार्ड बनाया है।  

हरियाणा Switch to English

प्रदेश सरकार ने पंडित लख्मी चंद राज्य प्रदर्शन और दृश्य कला विश्वविद्यालय का नाम बदला

चर्चा में क्यों?

20 मार्च, 2023 को हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र में पंडित लख्मी चंद राज्य प्रदर्शन और दृश्य कला विश्वविद्यालय, रोहतक (संशोधन) विधेयक, 2023 पारित किया गया। पारित विधेयक के अनुसार, अब पंडित लख्मी चंद राज्य प्रदर्शन और दृश्य कला विश्वविद्यालय, रोहतक के नाम के आगे पंडित के स्थान पर दादा शब्द का प्रयोग होगा।

प्रमुख बिंदु 

  • रोहतक स्थित पंडित लख्मी चंद राज्य प्रदर्शन और दृश्य कला विश्वविद्यालय अब दादा लख्मी चंद राज्य प्रदर्शन और दृश्य कला विश्वविद्यालय के रूप में जाना जाएगा।
  • इसी प्रकार, विधानसभा में हरियाणा नगरीय क्षेत्र विकास तथा विनियमन (संशोधन) विधेयक, 2023 पारित किया गया। अंतरणीय विकास अधिकार (टीडीआर) प्रबंधन प्रणाली के ऑनलाइन संचालन को सुव्यवस्थित करने के लिये, 1975 के अधिनियम में कुछ संशोधन किये गए हैं।
  • इनमें विक्रय, व्यापार, नीलामी तंत्र के माध्यम से टीडीआर प्रमाण-पत्र का हस्तांतरण व विक्रय को संभव बनाने और क्रेता की भौगोलिक स्थिति पर अनजाने में लगाए गए प्रतिबंध को सुधारने के लिये धारा 2 के खंड (एन-2) में संशोधन किया गया है।
  • इसके अतिरिक्त, सदन में हरियाणा विद्यालय शिक्षा (संशोधन) विधेयक, 2023 प्रस्तुत किया गया। सदन में इस विधेयक पर विस्तार से चर्चा की जाएगी।
  • पंडित लख्मी चंद राज्य प्रदर्शन और दृश्य कला विश्वविद्यालय, रोहतक 5 अगस्त, 2014 को हरियाणा अधिनियम संख्या 24 के माध्यम से चार सरकारी तकनीकी संस्थानों, अर्थात् राज्य ललित कला संस्थान (SIFA), राज्य डिजाइन संस्थान (SID), राज्य फिल्म और टेलीविजन संस्थान (SIFT) तथा राज्य नगरीय योजना और वास्तुकला संस्थान (SIUPA) को एकीकृत करके अस्तित्व में आया।
  • इस विश्वविद्यालय की स्थापना डिजाइन, ललित कला, फिल्म और टेलीविजन, नगरीय योजना और वास्तुकला के नये मोर्चों पर ध्यान केंद्रित करने के साथ-साथ उच्चतर शिक्षा के उभरते क्षेत्रों में अध्ययन और अनुसंधान को सुगम बनाने तथा प्रोत्साहित करने और इन क्षेत्रों और संबंधित क्षेत्रों में भी उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिये की गई थी।
  • ये चारों संस्थान 240 छात्रों की वार्षिक प्रवेश क्षमता के साथ वर्ष 2011 में शुरू हुए थे तथा महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक से संबद्ध थे। राज्य सरकार इन संस्थानों को 100 प्रतिशत अनुदान सहायता प्रदान कर रही थी।
  • पंडित लख्मी चंद की दादा लख्मी चंद के रूप में लोकप्रियता को देखते हुए, अब सरकार ने पुन: विश्वविद्यालय का नाम दादा लख्मी चंद राज्य प्रदर्शन और दृश्य कला विश्वविद्यालय, रोहतक के रूप में करने का निर्णय लिया है।


झारखंड Switch to English

राँची में उत्कृष्ट विद्यालय के प्रबंधन समिति के सदस्यों का राज्य स्तरीय सम्मेलन

चर्चा में क्यों?

20 मार्च, 2023 को झारखंड के राँची के टाना भगत स्टेडियम खेलगाँव में झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद द्वारा आयोजित उत्कृष्ट विद्यालय के प्रबंधन समिति के सदस्यों का राज्य स्तरीय सम्मेलन का आयोजन हुआ।

प्रमुख बिंदु 

  • इस अवसर पर राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बताया कि झारखंड के इतिहास में पहली बार यहाँ की शिक्षा व्यवस्था में सुधार को लेकर ऐसा आयोजन हुआ है।
  • उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने सरकारी विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को क्वालिटी एजुकेशन उपलब्ध कराने का संकल्प लिया है, जिसके पहले चरण में 80 उत्कृष्ट विद्यालयों (स्कूल ऑफ एक्सीलेंस) में सीबीएसई की तर्ज पर बच्चों को शिक्षा मिलनी शुरू हो चुकी है तथा आने वाले समय में 4000 से अधिक सरकारी विद्यालयों में यह व्यवस्था लागू की जाएगी।
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के वैसे बच्चे जो स्कूली शिक्षा से आगे बढ़कर इंजीनियरिंग, मेडिकल सहित अन्य स्ट्रीम में पढ़ाई करना चाहते हैं, उन्हें राज्य सरकार आर्थिक मदद देते हुए पढ़ाई में होने वाले सभी खर्च वहन करेगी।
  • उन्होंने बताया कि देश में पहली बार इस राज्य ने अपने बच्चों को उच्चतर शिक्षा के लिये विदेशों में पढ़ाई करने के लिये 100% स्कॉलरशिप प्रदान किया है। राज्य सरकार के खर्च पर विदेश में पढ़ाई करने गए कुछ बच्चे डिग्रियाँ लेकर वापस राज्य पहुँचकर अच्छा कर रहे हैं, वहीं कुछ बच्चों को तो विदेशों में नौकरी भी मिल गई।
  • उत्कृष्ट विद्यालय (स्कूल ऑफ एक्सीलेंस) से संबंधित महत्त्वपूर्ण बातें-
  • राज्य के 80 उत्कृष्ट विद्यालयों की भौतिक संरचना को आदर्श मानक एवं विद्यालय की आवश्यकता के अनुसार निर्मित किया गया है।
  • राज्य के 80 उत्कृष्ट विद्यालयों में आधुनिक एवं सभी आवश्यक व्यवस्थाओं सहित पुस्तकालय की व्यवस्था की गई है। विद्यार्थियों के लिये उपयोगी पुस्तकें, दैनिक समाचार पत्र, प्रतियोगी परीक्षाओं की पुस्तकों के साथ-साथ पत्र-पत्रिका की व्यवस्था की गई है।
  • विद्यार्थियों में विज्ञान के प्रति रुझान विकसित करने तथा उनमें वैज्ञानिक सोच को आगे बढ़ाने के लिये राज्य के 80 उत्कृष्ट विद्यालयों में विज्ञान लैब की अधिष्ठापना की जा रही है।
  • राज्य के 80 उत्कृष्ट विद्यालयों में आई सीटीलैब के साथ-साथ स्मार्ट क्लास की व्यवस्था की गई है। इसके माध्यम से विद्यार्थी हर दिन कंप्यूटर की शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं एवं साथ ही ई-कैंट के माध्यम से विषयवार विशेष जानकारी प्राप्त कर रहे हैं।
  • राज्य के 80 उत्कृष्ट विद्यालयों में विभिन्न ट्रेड में व्यवसायिक शिक्षा की शुरूआत की गई है। इसका मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों में अपनी रूचि अनुसार अपने हुनर को आगे बढ़ाना है ताकि भविष्य में वे अपने आजीविका को सहजता से आगे ले जा सकें।
  • 80 उत्कृष्ट विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को भारतीय प्रबंधन संस्थान, राँची के माध्यम से प्रशिक्षित किया जा रहा है तथा 15 शिक्षकों को भारतीय प्रबंधन संस्थान, अहमदाबाद से भी प्रशिक्षित किया गया है।


उत्तराखंड Switch to English

उत्तराखंड में द्रोणाचार्य, खेल रत्न और लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड के लिये नाम तय

चर्चा में क्यों?

20 मार्च, 2023 को उत्तराखंड के खेल निदेशक जितेंद्र कुमार सोनकर ने बताया कि राज्य के वर्ष 2019-20, 2020-21 एवं 2021-22 के लिये तीन खेल प्रशिक्षकों को देवभूमि उत्तराखंड द्रोणाचार्य अवॉर्ड और तीन खिलाड़ियों को देवभूमि उत्तराखंड खेल रत्न पुरस्कार सहित कुछ अन्य पुरस्कारों के लिये चयनित किया गया है।

प्रमुख बिंदु 

  • खेल निदेशक जितेंद्र कुमार सोनकर ने बताया कि शासन की हाईपावर कमेटी और खेल मंत्री के अनुमोदन के बाद पुरस्कारों के लिये नाम घोषित कर दिये जाएंगे।
  • खेल विभाग की ओर से 24 मार्च को परेड ग्राउंड में आयोजित कार्यक्रम में करीब 200 से अधिक खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पुरस्कृत करेंगे। राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में बेहतर प्रदर्शन करने वाले इन खिलाड़ियों को पुरस्कृत किया जाएगा।
  • ज्ञातव्य है कि राज्य के खिलाड़ी हॉकी, क्रिकेट के मैदान से लेकर बैडमिंटन सहित विभिन्न खेलों में देश और दुनियाभर में अपना लोहा मनवा चुके हैं, लेकिन पिछले चार साल से कोविड एवं अन्य कई वजहों से राज्य के खिलाड़ियों और खेल प्रशिक्षकों को पुरस्कार नहीं मिल पाए थे। हालाँकि विभाग की ओर से समय-समय पर इसके लिये आवेदन मांगे गए, लेकिन खिलाड़ियों और खेल प्रशिक्षकों के नाम फाइनल नहीं हो पाए।
  • खेल विभाग के अधिकारियों के मुताबिक द्रोणाचार्य अवार्ड के लिये विभाग को आठ और खेल रत्न पुरस्कार के लिये 11 आवेदन मिले, जबकि लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड के लिये छह आवेदन मिले हैं।
  • द्रोणाचार्य, खेल रत्न एवं लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड के लिये खिलाड़ियों एवं खेल प्रशिक्षकों को पुरस्कार मिलने का इंतजार खत्म होने जा रहा है, लेकिन हिमालय पुत्र पुरस्कार के लिये खिलाड़ियों को अभी इंतजार करना होगा। वर्ष 2022 में शासनादेश होने के बावजूद विभाग की ओर से अभी इसके लिये आवेदन नहीं मांगा गया है।

उत्तराखंड Switch to English

उत्तराखंड कैबिनेट ने आबकारी नीति 2023-24 को दी मंजूरी

चर्चा में क्यों?

20 मार्च, 2023 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में उत्तराखंड सरकार ने राज्य के लिये आबकारी नीति 2023-24 को मंजूरी दे दी।

प्रमुख बिंदु 

  • नई आबकारी नीति में यह प्रावधान किया गया है कि अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) से अधिक दाम पर शराब बेचने वालों के लाइसेंस सस्पेंड होंगे। अगर किसी दुकान की पाँच बार एमआरपी से अधिक वसूली की शिकायत आई तो उसका लाइसेंस सस्पेंड कर दिया जाएगा।
  • बैठक में तय किया गया कि देशी मदिरा के पव्वे काँच के बजाए अब टेट्रा पैक में मिलेंगें ताकि मिलावट रोकी जा सके।
  • सरकार ने डिपार्टमेंटल स्टोर के लाइसेंस का शुल्क पहाड़ों में आठ लाख रुपए और मैदानी ज़िलों में आठ से बढ़ाकर 15 लाख रुपए कर दिया है।
  • नई आबकारी नीति में बार रेस्टोरेंट के शुल्क में कोई इज़ाफा नहीं किया गया है। ये निकटवर्ती शराब ठेके से ही ले सकेंगे। समुद्र आयतित मदिरा की कीमतों को भी नियंत्रित किया गया है।
  • राज्य में डिपार्टमेंटल स्टोर अब अपने ज़िले में स्थित शराब ठेके से ही शराब ले सकेंगे, जिससे उनकी मनमानी पर लगाम लगेगी।
  • नई नीति में दैवीय आपदा या धरना प्रदर्शन के दौरान बंद रहने वाली दुकानों का ज़िलाधिकारी की रिपोर्ट के आधार पर उस अवधि का राजस्व माफ करने का प्रावधान किया गया है।
  • नई नीति के बाद प्रदेश में देशी-विदेशी शराब सस्ती हो जाएगी। उत्तर प्रदेश से शराब की तस्करी पर अंकुश लगाने और अधिक राजस्व अर्जित करने के लिये उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में शराब की कीमतों के अंतर को 150 रुपए से घटाकर 20 रुपए कर दिया गया है।
  • नई आबकारी नीति को मंजूरी के बाद एक अप्रैल से देशी-विदेशी शराब के दाम 100 रुपए से 300 रुपए तक सस्ते हो जाएंगे।
  • आबकारी नीति 2023-24 के तहत 3 रुपए प्रति बोतल उपकर के रूप में लिया जाएगा, जो राज्य में गौ रक्षा, खेल और महिला कल्याण के लिये निर्धारित किया जाएगा।
  • वर्ष 2023-24 के लिये आबकारी राजस्व लक्ष्य 4000 करोड़ रुपए रखा गया है।

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