मुख्यमंत्री ने गोरखपुर से किया पोलियो अभियान का शुभारंभ | उत्तर प्रदेश | 21 Mar 2022
चर्चा में क्यों?
20 मार्च, 2022 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में पाँच वर्ष तक की उम्र के बच्चों को पोलियो से बचाने के लिये गोरखपुर से पल्स पोलियो अभियान का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- एक हफ्ते तक चलने वाले इस अभियान के तहत पाँच साल तक की उम्र के 3.80 करोड़ बच्चों को पल्स पोलियो ड्रॉप पिलाई जाएगी। इसके लिये 1.10 लाख बूथ बनाए गए हैं। साथ ही 76 हज़ार सचल टीमें गठित की गई हैं।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में 2012 के बाद से और भारत में 2011 के बाद से पोलियो का एक भी केस नहीं मिला है।
- गौरतलब है कि सामूहिकता के बल पर ‘फोर टी’ (ट्रेस, टेस्ट, ट्रीट और टीकाकरण) फॉर्मूले को अपनाकर उत्तर प्रदेश वैश्विक महामारी कोरोना के प्रबंधन में पूरे देश में अग्रणी है।
- उल्लेखनीय है कि भारत ने विश्व स्वास्थ्य सभा (WHA) के वैश्विक पोलियो उन्मूलन पहल के परिणामस्वरूप 2 अक्टूबर, 1994 को दिल्ली में पोलियो टीकाकरण की शुरुआत की थी तथा 1995 में पल्स पोलियो टीकाकरण (PPI) कार्यक्रम पूरे देश में शुरू किया गया।
- इस कार्यक्रम के तहत 5 वर्ष से कम आयु के सभी बच्चों को पोलियो समाप्त होने तक हर वर्ष ओरल पोलियो टीके (OPV) की दो खुराकें दी जाती हैं।
हरियाणा को मिला ‘खेलों को बढ़ावा देने के लिये श्रेष्ठ राज्य पुरस्कार’ | हरियाणा | 21 Mar 2022
चर्चा में क्यों?
19 मार्च, 2022 को हरियाणा को ‘खेलों को बढ़ावा देने के लिये श्रेष्ठ राज्य पुरस्कार’ प्रदान किया गया। लगातार तीन वर्ष के विजेता ओडिशा और अन्य राज्यों को पछाड़कर हरियाणा ने यह पुरस्कार प्राप्त किया।
प्रमुख बिंदु
- एसीईएस स्पोर्ट्स स्टार अवार्ड्स हिंदु ग्रुप द्वारा आयोजित वार्षिक स्पोर्ट्स अवार्ड्स समारोह में हरियाणा के खेल मंत्री सरदार संदीप सिंह ने राज्य की ओर से ‘खेलों को बढ़ावा देने के लिये श्रेष्ठ राज्य पुरस्कार’ प्राप्त किया।
- इसके अतिरिक्त, हरियाणा के खिलाड़ियों ने राज्य के लिये आठ अन्य श्रेणियों में भी पुरस्कार प्राप्त कर राज्य का नाम रोशन किया।
- एसीईएस स्पोर्ट्स स्टार अवार्ड्स समारोह में हरियाणा के नीरज चोपड़ा को ‘स्पोर्ट स्टार ऑफ दी ईयर’ एवं ‘बेस्ट प्लेयर इन ट्रैक एंड फील्ड’ का पुरस्कार दिया गया।
- इसी प्रकार, सुमित अंतिल को ‘बेस्ट पैरा मेल स्पोर्ट्सपर्सन’; रवि दहिया को ‘व्यक्तिगत खेल में श्रेष्ठ खिलाड़ी’; सविता पुनिया को ‘टीम में श्रेष्ठ खिलाड़ी’; भारतीय हॉकी टीम (पुरुष) को ‘ओलंपिक (टीम) में बेस्ट मूवमेंट’ तथा ‘नेशनल टीम ऑफ दी ईयर’ और भारतीय हॉकी टीम (महिला) को ‘श्रेष्ठ टीम पुरस्कार’ से नवाजा गया। उल्लेखनीय है कि भारतीय हॉकी टीम (महिला) में नौ खिलाड़ी हरियाणा से थीं।
- इस वर्ष पूर्व भारतीय क्रिकेटर सुनील गावस्कर की अध्यक्षता वाली जूरी ने ज़मीनी स्तर के खेल और ओलंपिक आंदोलन को बढ़ावा देने में अपनी भूमिका के लिये हरियाणा को इस पुरस्कार के विजेता के रूप में चुना है।
- गौरतलब है कि हरियाणा सरकार वर्षों से खेलों को बढ़ावा देने के लिये लगातार प्रयासरत् है। राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में हरियाणा के खिलाड़ियों द्वारा दिखाए गए जौहर और बड़ी संख्या में प्राप्त किये गए पुरस्कारों ने राज्य में लागू खेल नीति की सार्थकता सिद्ध की है।
35वाँ सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेला | हरियाणा | 21 Mar 2022
चर्चा में क्यों?
19 मार्च, 2022 को हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय और मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने दो साल के लंबे अंतराल के बाद विश्वप्रसिद्ध सूरजकुंड शिल्प मेले का आधिकारिक रूप से उद्घाटन किया।
प्रमुख बिंदु
- 19 मार्च से 4 अप्रैल, 2022 तक आयोजित होने वाले सूरजकुंड मेले का यह 35वाँ संस्करण है। वैश्विक कोविड-19 महामारी के कारण 2 साल से इस मेले का आयोजन नहीं किया गया था।
- वर्ष 1987 से सूरजकुंड शिल्प मेला लगातार भारत की हस्तशिल्प, हथकरघा और सांस्कृतिक विरासत की समृद्धि एवं विविधता को प्रदर्शित करता रहा है।
- केंद्रीय पर्यटन, कपड़ा, संस्कृति, विदेश मंत्रालय और हरियाणा सरकार के सहयोग से सूरजकुंड मेला प्राधिकरण तथा हरियाणा पर्यटन द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित इस हस्तशिल्प उत्सव ने अपने शिल्प, संस्कृति और भारत के व्यंजनों के प्रदर्शन के लिये अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन कैलेंडर पर प्रमुखता से अपनी पहचान कायम की है।
- जम्मू-कश्मीर 35वें सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेला 2022 का ‘थीम स्टेट’ है, इसलिये वैष्णो देवी मंदिर, अमरनाथ गुफा, कश्मीर से वास्तुकला का प्रतिनिधित्व करने वाले अपना घर, हाउस बोट का लाइव प्रदर्शन और स्मारक द्वार ‘मुबारक मंडी-जम्मू’ की प्रतिकृतियाँ मुख्य आकर्षण हैं।
- साथ ही, जम्मू-कश्मीर के सैकड़ों कलाकार विभिन्न लोक कलाओं और नृत्यों का प्रदर्शन करेंगे। पारंपरिक नृत्य कला रूपों से लेकर उत्कृष्ट शिल्प तक, जम्मू-कश्मीर की विरासत और संस्कृति का एक गुलदस्ता विभिन्न कला रूपों एवं हस्तशिल्प के माध्यम से अनूठी संस्कृति तथा समृद्ध विरासत को प्रदर्शित करने वाले इस मेले का मुख्य आकर्षण रहेगा।
- इस मेले के माध्यम से देश के हज़ारों शिल्पकारों को अपनी कला और उत्पादों को व्यापक रूप से प्रदर्शित करने के लिये एक सुनहरा मंच मिलता है। साथ ही यह मेला भारत के विरासत शिल्प को पुनर्जीवित करने में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- इस मेले में पारंपरिक और सांस्कृतिक कलाकारों द्वारा कच्ची घोड़ी, स्टिक वॉकर, कालबेलिया, राजस्थान के बेहरुपिया, हिमाचल के कांगड़ी नाटी, असम के बिहू, पंजाब के भांगड़ा, जिंदुआ, झूमेर, उत्तराखंड के चौपल, उत्तर प्रदेश के बरसाना की होली, मेघालय के वांगिया, संभलपुरी ओडिशा, मध्य प्रदेश के बधाई, महाराष्ट्र के लावणी का प्रदर्शन किया जाएगा।
- सूरजकुंड शिल्प मेले को वर्ष 2013 में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपग्रेड किया गया था। वर्ष 2020 में इस मेले में यूरोप, अफ्रीका और एशिया के 30 से अधिक देशों ने भाग लिया था, जबकि इस वर्ष भी 30 से अधिक देश इस मेले का हिस्सा बनेंगे।
- इनमें साझेदार देश उज्बेकिस्तान सहित लैटिन अमेरिकी देशों, अफगानिस्तान, इथियोपिया, मोजांबिक, तंजानिया, जिम्बाब्वे, युगांडा, नामीबिया, सूडान, नाइजीरिया, इक्वेटोरियल गिनी, सेनेगल, अंगोला, घाना, थाईलैंड, नेपाल, श्रीलंका, ईरान, मालदीव और अन्य देशों की भी भागीदारी होगी।
मुख्यमंत्री ने बलौदाबाज़ार में डॉ. खूबचंद बघेल की प्रतिमा का किया अनावरण | छत्तीसगढ़ | 21 Mar 2022
चर्चा में क्यों?
20 मार्च, 2022 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बलौदाबाज़ार में छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के प्रथम स्वप्नदृष्टा डॉ. खूबचंद बघेल की अष्टधातु से तैयार की गई सात फीट ऊँची प्रतिमा का अनावरण किया।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बलौदाबाज़ार प्रवास के दौरान ज़िला मुख्यालय के गौरव पथ गार्डन में डॉ. खूबचंद बघेल की प्रतिमा का अनावरण किया।
- उन्होंने आदमकद प्रतिमा की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रतिमा के ज़रिये छत्तीसगढ़ की नई पीढ़ी छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के स्वप्नदृष्टा के योगदान से परिचित होगी।
- इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने विप्र वाटिका में आयोजित सर्व ब्राह्मण समाज के शपथ ग्रहण समारोह में बलौदाबाज़ार पॉलीटेक्निक कॉलेज का नामकरण पूर्व सांसद स्वर्गीय करुणा शुक्ला के नाम पर करने की घोषणा की।
- उल्लेखनीय है कि डॉ. खूबचंद बघेल का जन्म रायपुर ज़िले के पथरी गाँव में 19 जुलाई, 1900 को हुआ था। डॉ. बघेल महात्मा गांधी के विचारों से काफी प्रभावित थे तथा सरकारी नौकरी छोड़कर 1930 में गांधीजी के आंदोलन से जुड़ गए थे।
- डॉ. बघेल ने कुप्रथा का जमकर विरोध किया। होली के दौरान कराए जाने वाले ‘किसबिन नाच’ (kissbin dance) को बंद कराने के लिये उन्होंने सत्याग्रह किया। इसके अलावा उन्होंने ‘पंक्ति तोड़ो’ आंदोलन चलाया। इस आंदोलन का उद्देश्य था ‘कोई भी व्यक्ति किसी के भी साथ एक पंक्ति में बैठकर भोजन कर सकता है, जाति के आधार पर अलग पंक्ति नहीं होनी चाहिये।’
फाल्गुन मड़ई मेला | छत्तीसगढ़ | 21 Mar 2022
चर्चा में क्यों?
19 मार्च, 2022 को दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा की ऐतिहासिक एवं विश्वप्रसिद्ध फाल्गुन मड़ई (फागुन मड़ई मेला) का 10 दिनों के विविध धार्मिक आयोजन के पश्चात् विधिवत् समापन हुआ।
प्रमुख बिंदु
- दसदिवसीय फागुन मड़ई मेले का शुभारंभ 9 मार्च को माँ दंतेश्वरी के प्रवेश द्वार पर स्थित मेंढ़का डोबरा मैदान में कलश स्थापना के साथ हुआ था।
- इस मेले में माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा के साथ नौ दिन तक माता की पालकी निकाली जाती है। फागुन मेले में निभाई जाने वाली रस्में केवल दंतेवाड़ा में ही देखने को मिलती हैं।
- इस मेले में 700 से ज़्यादा गाँव के देवी-देवता शामिल होते हैं। इसमें बस्तर संभाग और ओडिशा के नवरंगपुर ज़िले के सभी देवी-देवताओं को आमंत्रित कर सहभागी बनाया जाता है।
- दंतेवाड़ा में शंकनी-डंकनी नदियों के संगम स्थल पर विराजित माँ दंतेश्वरी देवी की प्रसिद्ध ऐतिहासिक और पुरातात्त्विक प्राचीन शक्तिपीठ की छत्रछाया में फागुन मेले का आयोजन किया जाता है।
- उल्लेखनीय है कि दंतेवाड़ा की प्रसिद्ध फागुन मड़ई का आयोजन प्रतिवर्ष फाल्गुन शुक्ल षष्ठी से पूर्णिमा तक होता है। ऐसी मान्यता है कि इस दौरान माँ दंतेश्वरी अपने सभी देवी-देवताओं के साथ होली उत्सव मनाती हैं।
- फागुन मड़ई का संपूर्ण आयोजन एवं व्यवस्था टेंपल स्टेट कमिटी दंतेवाड़ा द्वारा की जाती है। कलेक्टर दंतेवाड़ा की अध्यक्षता में गठित इस समिति में मंदिर के पुजारी, मांझी एवं स्थानीय जनप्रतिनिधि सदस्य होते हैं।