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मुख्यमंत्री ने बलौदाबाज़ार में डॉ. खूबचंद बघेल की प्रतिमा का किया अनावरण
चर्चा में क्यों?
20 मार्च, 2022 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बलौदाबाज़ार में छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के प्रथम स्वप्नदृष्टा डॉ. खूबचंद बघेल की अष्टधातु से तैयार की गई सात फीट ऊँची प्रतिमा का अनावरण किया।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बलौदाबाज़ार प्रवास के दौरान ज़िला मुख्यालय के गौरव पथ गार्डन में डॉ. खूबचंद बघेल की प्रतिमा का अनावरण किया।
- उन्होंने आदमकद प्रतिमा की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रतिमा के ज़रिये छत्तीसगढ़ की नई पीढ़ी छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के स्वप्नदृष्टा के योगदान से परिचित होगी।
- इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने विप्र वाटिका में आयोजित सर्व ब्राह्मण समाज के शपथ ग्रहण समारोह में बलौदाबाज़ार पॉलीटेक्निक कॉलेज का नामकरण पूर्व सांसद स्वर्गीय करुणा शुक्ला के नाम पर करने की घोषणा की।
- उल्लेखनीय है कि डॉ. खूबचंद बघेल का जन्म रायपुर ज़िले के पथरी गाँव में 19 जुलाई, 1900 को हुआ था। डॉ. बघेल महात्मा गांधी के विचारों से काफी प्रभावित थे तथा सरकारी नौकरी छोड़कर 1930 में गांधीजी के आंदोलन से जुड़ गए थे।
- डॉ. बघेल ने कुप्रथा का जमकर विरोध किया। होली के दौरान कराए जाने वाले ‘किसबिन नाच’ (kissbin dance) को बंद कराने के लिये उन्होंने सत्याग्रह किया। इसके अलावा उन्होंने ‘पंक्ति तोड़ो’ आंदोलन चलाया। इस आंदोलन का उद्देश्य था ‘कोई भी व्यक्ति किसी के भी साथ एक पंक्ति में बैठकर भोजन कर सकता है, जाति के आधार पर अलग पंक्ति नहीं होनी चाहिये।’
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फाल्गुन मड़ई मेला
चर्चा में क्यों?
19 मार्च, 2022 को दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा की ऐतिहासिक एवं विश्वप्रसिद्ध फाल्गुन मड़ई (फागुन मड़ई मेला) का 10 दिनों के विविध धार्मिक आयोजन के पश्चात् विधिवत् समापन हुआ।
प्रमुख बिंदु
- दसदिवसीय फागुन मड़ई मेले का शुभारंभ 9 मार्च को माँ दंतेश्वरी के प्रवेश द्वार पर स्थित मेंढ़का डोबरा मैदान में कलश स्थापना के साथ हुआ था।
- इस मेले में माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा के साथ नौ दिन तक माता की पालकी निकाली जाती है। फागुन मेले में निभाई जाने वाली रस्में केवल दंतेवाड़ा में ही देखने को मिलती हैं।
- इस मेले में 700 से ज़्यादा गाँव के देवी-देवता शामिल होते हैं। इसमें बस्तर संभाग और ओडिशा के नवरंगपुर ज़िले के सभी देवी-देवताओं को आमंत्रित कर सहभागी बनाया जाता है।
- दंतेवाड़ा में शंकनी-डंकनी नदियों के संगम स्थल पर विराजित माँ दंतेश्वरी देवी की प्रसिद्ध ऐतिहासिक और पुरातात्त्विक प्राचीन शक्तिपीठ की छत्रछाया में फागुन मेले का आयोजन किया जाता है।
- उल्लेखनीय है कि दंतेवाड़ा की प्रसिद्ध फागुन मड़ई का आयोजन प्रतिवर्ष फाल्गुन शुक्ल षष्ठी से पूर्णिमा तक होता है। ऐसी मान्यता है कि इस दौरान माँ दंतेश्वरी अपने सभी देवी-देवताओं के साथ होली उत्सव मनाती हैं।
- फागुन मड़ई का संपूर्ण आयोजन एवं व्यवस्था टेंपल स्टेट कमिटी दंतेवाड़ा द्वारा की जाती है। कलेक्टर दंतेवाड़ा की अध्यक्षता में गठित इस समिति में मंदिर के पुजारी, मांझी एवं स्थानीय जनप्रतिनिधि सदस्य होते हैं।
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