उत्तर प्रदेश Switch to English
ब्रह्मोस मिसाइल
चर्चा में क्यों?
लखनऊ में ब्रह्मोस मिसाइल के विनिर्माण का कार्य इस वर्ष मई-जून में शुरू हो जाएगा, जो भारतीय रक्षा क्षेत्र के लिये एक महतत्त्वपूर्ण कदम साबित होगा।
मुख्य बिंदु :
- विनिर्माण के बारे में:
- रक्षा मंत्री के अनुसार लखनऊ में रक्षा उपकरणों के साथ ब्रह्मोस मिसाइलों का निर्माण किया जाएगा।
- मिसाइल को विनिर्माण इकाई तक ले जाने के लिए रेलवे ट्रैक भी बनाया जाएगा।
- इस परियोजना में रूसी वैज्ञानिक भी भारत के साथ काम करेंगे। यह उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारे का एक हिस्सा है।
- ज्ञातव्य है कि भारत के दो राज्यों उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में रक्षा गलियारा के जरिये रक्षा विनिर्माण केंद्र स्थापित किये जा रहें हैं।
ब्रह्मोस मिसाइल के बारें में
- ब्रह्मोस मिसाइल जिसकी रेंज 290 किमी. है, भारत-रूस का एक संयुक्त उद्यम है और यह मैक 2.8 (ध्वनि की गति से लगभग तीन गुना) की शीर्ष गति के साथ दुनिया की सबसे तेज़ क्रूज़ मिसाइल है।
- ब्रह्मोस का नाम ब्रह्मपुत्र (भारत) और मोस्कवा (रूस) नदियों के नाम पर रखा गया है।
- यह दो चरणों वाली मिसाइल (पहले चरण में ठोस प्रणोदक इंजन और दूसरे चरण में तरल रैमजेट) है।
- यह एक मल्टीप्लेटफॉर्म मिसाइल है यानी इसे ज़मीन, हवा और समुद्र से लॉन्च किया जा सकता है तथा सटीकता के साथ बहु-क्षमता वाली मिसाइल है जो मौसम की स्थिति के बावजूद दिन और रात दोनों समय काम करती है।
- यह "फायर एंड फॉरगेट्स" सिद्धांत पर काम करती है यानी लॉन्च के बाद इसे मार्गदर्शन की आवश्यकता नहीं है।
- वियतनाम, संयुक्त अरब अमीरात और इंडोनेशिया ब्रह्मोस मिसाइल के अन्य संभावित ग्राहकों में से हैं।