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स्टेट पी.सी.एस.

  • 21 Jan 2023
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उत्तर प्रदेश Switch to English

उत्तर प्रदेश में मोटे अनाजों की खेती को बढ़ावा देने की मुहिम शुरू

चर्चा में क्यों?

20 जनवरी, 2023 को उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बंगलुरु में आयोजित इंटरनेशनल ट्रेड फेयर ऑन मिलेट्स एंड ऑर्गेनिक -2023 में बताया कि उत्तर प्रदेश में मोटे अनाज की फसलों की खेती को बढ़ावा देते हुए आच्छादन बढ़ाने, उत्पादन तथा उत्पादकता में वृद्धि कर मूल्य संवर्द्धन और विपणन की व्यवस्था की जा रही है।

 प्रमुख बिंदु 

  • राज्य के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि मोटे अनाज की फसलों की खेती को बढ़ावा देते हुए आच्छादन बढ़ाने, उत्पादन तथा उत्पादकता में वृद्धि कर मूल्य संवर्द्धन और विपणन की व्यवस्था के अंतर्गत 55 मोटा अनाज प्रसंस्करण और पैकिंग के केंद्र स्थापित किये जाएंगे, जिससे 72 हज़ार 500 किसान प्रतिवर्ष लाभान्वित होंगे।
  • इसके अलावा जन सामान्य को आहार में मोटे अनाज को शामिल करने के लिये भी जागरूक किया जा रहा है।
  • उन्होंने बताया कि मोटा अनाज भारत का पारंपरिक भोजन है। मोटा अनाज ग्लूटेन मुक्त, उच्च प्रोटीन, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा से भरपूर होता है।
  • विदित है कि उत्तर प्रदेश में 2020-21 में 83 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में मोटा अनाज बोया गया था। इसमें 9.05 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में केवल बाजरा बोया गया था। शेष क्षेत्रफल में ज्वार, कोदो, सावां, मड़वा तथा काकून बोया गया था। इस प्रकार उत्तर प्रदेश मोटा अनाज के लिये अपार संभावनाओं से भरा हुआ है।
  • कृषि मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मोटे अनाज को लेकर पूरे देश में जागरूकता बढ़ी है। प्रधानमंत्री की प्रेरणा से ही वर्ष 2018 में मिलेट्स को पोषक अनाज के रूप में अधिसूचित किया गया तथा इसके उत्पादन को बढ़ाने के प्रयास लगातार किये जा रहे हैं।
  • इसके अलावा केंद्रीय कृषि कल्याण मंत्रालय द्वारा वर्ष 2018-19 में खाद्य पोषण और सुरक्षा के लिये मिलेट्स को खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत न्यूट्री अनाज उपमिशन के रूप में शामिल किया गया। वर्तमान में भारत सरकार द्वारा मोटे अनाजों को भी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदा जाने लगा है तथा उसके मूल्य में लगातार वृद्धि हो रही है।

बिहार Switch to English

जैविक विधि से लीची की खेती करने वाले 200 किसानों को मिलेगा जिओ टैग

चर्चा में क्यों?

20 जनवरी, 2023 को बिहार के मुज़फ्फरपुर ज़िला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक धर्मेंद्र सिंह ने ज़िला उद्योग केंद्र में एक कार्यशाला के दौरान बताया कि मुज़फ्फरपुर में जैविक खेती से लीची का उत्पादन करने वाले 200 किसानों को जिओ टैग से जोड़ा जाएगा, जिस पर उनके उत्पादन से लेकर पूरा रिकॉर्ड होगा।

प्रमुख बिंदु 

  • ज़िला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि लीची का उत्पादन करने वाले किसानों को जिओ टैग से जोड़े जाने पर देश-विदेश कहीं से भी लोग जिओ टैग की बदौलत सीधा किसान से संपर्क कर सकते हैं। इसके लिये ‘एक ज़िला एक उत्पाद’के तहत लीची उत्पादान करने वाले किसानों के रिकॉर्ड के लिये ज़िला उद्योग विभाग की ओर से एक टीम भी बनाई गई है।
  • विदित है कि ‘एक ज़िला एक उत्पाद’का मुख्य उद्देश्य प्रोडक्ट की मार्केटिंग करना है। ऐसे में लीची की मार्केटिंग के लिये पूरी कार्य योजना तैयार की गई है।
  • ज़िला उद्योग केंद्र की कार्यशाला के दौरान ‘एक ज़िला एक उत्पाद’के तहत लीची की जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिये किसानों को प्रेरित किया गया।
  • इन्वेस्ट इंडिया की नचिकेता ने बताया कि लीची की जैविक खेती से किसानों को ज्यादा से ज्यादा लाभ मिल सकेगा। उन्होंने ज़िले के छोटे किसानों को एक साथ मिल कर या फिर एफपीओ बनाकर लीची की खेती के बारे में जानकारी दी तथा लीची के बाग में हल्दी, सरसों, अदरक आदि की फसल के लाभ के बारे में भी बताया।

राजस्थान Switch to English

मुख्यमंत्री ने दी पदोन्नति संबंधी प्रकरणों के अध्ययन हेतु समिति के गठन की मंज़ूरी

चर्चा में क्यों?

20 जनवरी, 2023 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य में कर्मचारियों के पदोन्नति संबंधी प्रकरणों का अध्ययन करने के लिये समिति का गठन करने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी है।

प्रमुख बिंदु 

  • कर्मचारियों के पदोन्नति संबंधी प्रकरणों का अध्ययन करने के लिये समिति का गठन सेवानिवृत्त आईएएस खेमराज चौधरी की अध्यक्षता में किया जाएगा। समिति का सदस्य सचिव, संयुक्त शासन सचिव, कार्मिक (क-2) विभाग तथा समिति का प्रशासनिक विभाग कार्मिक विभाग होगा।
  • प्रस्ताव के अनुसार कार्मिक विभाग द्वारा विभिन्न विभागों में कैडर्स की विभागीय पदोन्नति समिति की बैठकें अनेक कारणों से नहीं हो पाने तथा पदोन्नति में आरक्षण संबंधी अधिसूचना का पालन सुनिश्चित करने के संबंध में मार्गदर्शन के लिये प्रकरणों का अध्ययन कर सिफारिश करने हेतु पृथक् से समिति का गठन किया जाएगा।
  • उल्लेखनीय है कि पूर्व में मुख्यमंत्री द्वारा कर्मचारी वेतन विसंगति परीक्षण समिति का गठन किया गया था, जिसकी रिपोर्ट दिनांक 12.2022 को राज्य सरकार के समक्ष प्रस्तुत की गई थी।

राजस्थान Switch to English

एमओयू साइनिंग सेरेमनी

चर्चा में क्यों?

20 जनवरी, 2023 को राजस्थान सूचना एवं जनसंपर्क विभाग से मिली जानकारी के अनुसार इन्वेस्ट राजस्थान कैंपेन के अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा लगभग 36 लाख करोड़ रुपए के निवेश के लिये 23 जनवरी को राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में जयपुर में एमओयू साइनिंग सेरेमनी का आयोजन किया जाएगा।

प्रमुख बिंदु 

  • एमओयू साइनिंग सेरेमनी में अक्षय ऊर्जा और पर्यटन क्षेत्र की 26 परियोजनाओं के लिये एमओयू पर हस्ताक्षर किये जाएंगे, जिससे लगभग 13,000 प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोज़गार सृजित होंगे।
  • उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री शकुंतला रावत ने बताया कि राज्य के विकास के लिये राज्य सरकार निवेशकों के साथ सस्टेनबल पार्टनरशिप बनाने के लिये प्रतिबद्ध है। इन्वेस्ट राजस्थान कैंपेन हितधारकों के साथ सहयोग करने और किये गए वादों को पूरा करने में मदद कर रहा है।
  • उद्योग एवं वाणिज्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव वीनू गुप्ता ने बताया कि इन्वेस्ट समिट के प्रति उद्योग जगत ने उत्साहजनक रुझान प्रदर्शित किया है। यह एमओयू साइनिंग सेरेमनी राज्य सरकार की प्रतिबद्धताओं को आगे ले जाने की दिशा में प्रभावी कदम साबित होगा।
  • उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार द्वारा गत वर्षों में उद्योगों की स्थापना प्रक्रिया को आसान बनाने के उद्देश्य से वन स्टॉप शॉप पॉलिसी एवं सेक्टर स्पेसिफिक नीतियाँ, जैसे- एनआरआर पॉलिसी 2022, हस्तशिल्प नीति 2022, एमएसएमई नीति 2022, राजस्थान स्टार्ट-अप नीति 2022, राजस्थान फिल्म टूरिज़्म प्रमोशन पॉलिसी 2022, राजस्थान टूरिज़्म पॉलिसी 2020, राजस्थान कृषि व्यवसाय नीति 2019 इत्यादि आरंभ की गई है।  

मध्य प्रदेश Switch to English

मुख्यमंत्री द्वारा पुस्तक ‘वेलोपेथी-माय नेचुरल हीलर’का विमोचन

चर्चा में क्यों?

20 जनवरी, 2023 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल स्थित सभागार में स्वास्थ्य सुरक्षा में सहयोगी पुस्तक ‘वेलोपेथी-माय नेचुरल हीलर’का विमोचन किया।

प्रमुख बिंदु 

  • उल्लेखनीय है कि ‘वेलोपेथी-माय नेचुरल हीलर’पुस्तक के लेखक रतलाम ज़िले के नेचुरोपैथी थेरेपिस्ट डॉ. संतोष गुप्ता हैं।
  • पुस्तक ‘वेलोपेथी’का मुख्य उद्देश्य आधुनिक जीवन-शैली के साथ समाज को स्वास्थ्य सुरक्षा की ओर अग्रसर करना है। इस पुस्तक का प्रयास यह होगा कि मॉडर्न मेडिसिन का प्रयोग किये बिना व्यक्ति अपनी स्वास्थ्य सुरक्षा में आत्मनिर्भर बन सके।
  • सात अध्यायों में विभाजित इस पुस्तक में जीवन-शैली के तीन आयाम फूड, उठने-बैठने के तरीके और माइंड पर जानकारी दी गई है। इसमें वेलोपेथी के सिद्धांत, शरीर के नियम, बीमारियाँ और उनसे सुरक्षा, आहार एवं पोषण के सिद्धांत, कोलेस्ट्रोल नियंत्रण, एलर्जिक फूड और जीवन-शैली पर चित्रों तथा सरल भाषा में मार्गदर्शन उपलब्ध कराया गया है। 

मध्य प्रदेश Switch to English

गांधीसागर फ्लोटिंग फेस्टिवल

चर्चा में क्यों?

20 जनवरी, 2023 को मध्य प्रदेश के पर्यटन और संस्कृति एवं टूरिज़्म बोर्ड के प्रमुख सचिव और प्रबंध संचालक शिव शेखर शुक्ला ने बताया कि पांच दिवसीय गांधीसागर फ्लोटिंग फेस्टिवल प्रदेश के मंदसौर ज़िले में 1 फरवरी से आयोजित किया जाएगा।

प्रमुख बिंदु 

  • पर्यटन और संस्कृति एवं टूरिज्म बोर्ड के प्रमुख सचिव और प्रबंध संचालक शिव शेखर शुक्ला ने बताया कि मंदसौर में आने वाले पर्यटकों को एक अनूठा ग्लैंपिंग और एडवेंचर एक्टिविटीज का अनुभव देने वाला यह अद्वितीय और अपनी तरह का पहला फ्लोटिंग फेस्टिवल है, जिसमे लैंड, एयर और वाटर बेस्ड एडवेंचर एक्टिविटीज रहेगी।
  • यह महोत्सव 5 फरवरी तक चलेगा। उसके बाद 3 माह तक पर्यटकों के लिये टेंट सिटी (ग्लैंपिंग) और 6 माह तक एडवेंचर एक्टिविटीज जारी रहेगी तथा पर्यटकों के रिस्पॉन्स पर इसे बढ़ाया जा सकेगा।
  • शिव शेखर शुक्ला ने बताया कि गांधीसागर फ्लोटिंग फेस्टिवल प्रकृति प्रेमियों और साहसी लोगों के लिये एक शानदार त्योहार है, जो उन्हें शहर की हलचल से दूर प्राकृतिक परिवेश में ले जाता है।
  • फ्लोटिंग फेस्टिवल में फ्लोटिंग स्टेज, फ्लोटिंग मार्केट, बोट स्पा, बोट सफारी, लाइव संगीत तथा अन्य का भी आयोजन होगा। इसके अलावा, गांधीसागर जलाशय के पास कई रोमांचक साहसिक गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा।
  • गांधीसागर फ्लोटिंग फेस्टिवल में प्रत्येक लक्जरी टेंट को प्रीमियम सुविधाओं, मनोरम, स्थानीय और अंतर्राष्ट्रीय व्यंजनों, इंडोर स्पोर्ट्स सम्मेलन सुविधाओं के साथ आरामदायक प्रवास सुनिश्चित करने के लिये सावधानीपूर्वक डिज़ाइन किया गया है।
  • प्रकृति आधारित शिल्प के बारे में लोगों को जानकारी देने के लिये, क्षेत्र में विभिन्न प्रकार की कार्यशालाएँ आयोजित की जाएंगी। यह पर्यावरण के अनुकूल शिल्प कौशल के बारे में जागरूकता और समझ को बढ़ावा देने का एक शानदार तरीका है।
  • उल्लेखनीय है कि गांधीसागर फ्लोटिंग फेस्टिवल मध्य प्रदेश के पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने और रोज़गार की नई संभावनाएँ पैदा करने के लिये शुरुआती 10 साल की पहल है।
  • शिव शेखर शुक्ला ने बताया कि इस परियोजना का उद्देश्य राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों पर्यटकों को आकर्षित करना है, जिससे उन्हें मध्य प्रदेश के विभिन्न आकर्षण का अनुभव करने का मौका मिलेगा। राज्य के भीतर कई गंतव्यों की खोज की जा रही है, जिनमें सफल पर्यटन स्थलों के रूप में विकसित होने की क्षमता है।   

हरियाणा Switch to English

राष्ट्रीय बालिका दिवस पर 86 बेटियों को किया जाएगा पुरस्कृत

चर्चा में क्यों?

19 जनवरी, 2023 को हरियाणा की महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री कमलेश ढांडा ने चंडीगढ़ स्थित सिविल सचिवालय में संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ हुई बैठक में बताया कि हर साल 24 जनवरी को मनाए जाने वाले राष्ट्रीय बालिका दिवस पर प्रदेश में 86 बेटियों को 6 लाख 24 हज़ार 9 सौ रुपए की राशि एवं प्रशंसा-पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा।

प्रमुख बिंदु 

  • राज्यमंत्री कमलेश ढांडा ने बताया कि केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा बेटियों के कल्याणार्थ चलाई गई विभिन्न योजनाओं के फलस्वरूप उन्हें आगे बढ़ने के पर्याप्त अवसर मिल रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप न केवल देश बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बेटियों ने भी अनेक उपलब्धियाँ अर्जित की हैं। ऐसे में विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हासिल करने वाली बालिकाओं को प्रशंसा-पत्र व इनामी राशि देकर सम्मानित किया जाएगा।
  • उन्होंने बताया कि खेलकूद, शिक्षा, सांस्कृतिक, सामाजिक कार्यों सहित विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने पर बालिकाओं को 11-11 हज़ार रुपए की राशि व बालिकाओं की राज्य स्तर पर हुई विभिन्न प्रतियोगिताओं में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली प्रतिभागियों को 5100, 2100 तथा 1100 रुपए की राशि और प्रशंसा-पत्र दिये जाएंगे। 

छत्तीसगढ़ Switch to English

केंद्रीय पुल में सबसे ज़्यादा धान देने वाला दूसरा सबसे बड़ा राज्य बना छत्तीसगढ़

चर्चा में क्यों?

20 जनवरी, 2023 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बताया कि वर्तमान खरीफ मार्केटिंग सीजन में सेंट्रल पूल में सबसे अधिक धान जमा कराने वाला छत्तीसगढ़ देश का दूसरा सबसे बड़ा राज्य बन गया है।

प्रमुख बिंदु 

  • मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसे एक बड़ी उपलब्धि करार देते हुए बताया कि लगातार चार वर्षों से छत्तीसगढ़ कृषि क्षेत्र में लगातार नए-नए कीर्तिमान रच रहा है। यह किसानों की मेहनत और खेती पर लौटे उनके भरोसे का ही परिणाम है।
  • उन्होंने बताया कि इस साल राज्य में धान खरीदी का भी नया रिकॉर्ड कायम हो रहा है। अब तक 103 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की जा चुकी थी। उन्होंने उम्मीद जतायी है कि निर्धारित अंतिम तिथि 31 जनवरी तक 110 लाख मीट्रिक टन के अनुमानित आँकडे भी पार हों जाएंगे।
  • उल्लेखनीय है कि भारत सरकार द्वारा 15 जनवरी को जारी रिपोर्ट के अनुसार छत्तीसगढ़ केंद्रीय पुल में 92 लाख मीट्रिक टन धान का योगदान दे चुका था। इस सीजन में सर्वाधिक धान जमा कराने वाला वह दूसरा प्रदेश बन चुका है।
  • मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार की किसान हितैषी नीतियों के चलते खेती-किसानी और किसानों के जीवन में सुखद बदलाव आया है। राज्य में फसल उत्पादकता एवं फसल विविधिकरण को बढ़ावा देने के लिये छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा संचालित ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’ के अलावा ‘गोधन न्याय योजना’, ‘सुराजी गाँव योजना’, किसानों की कर्ज माफी, सिंचाई कर माफी से राज्य के किसानों को एक नई ताकत मिली है, जिसके चलते राज्य में किसानों की संख्या और खेती के रकबे में लगातार वृद्धि हो रही है।
  • उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार की किसान हितैषी योजनाओं से इन चार वर्षों में लगातार किसानों की पंजीयन संख्या में वृद्धि हुई है। इस वर्ष 24.96 लाख किसानों ने पंजीयन कराया है, इनमें 2.30 लाख नए किसान हैं। किसानों को धान विक्रय में सहूलियत हो, इस लिहाज से इस साल राज्य में 135 नए उपार्जन केंद्र शुरू किये गए, जिसके कारण कुल उपार्जन केंद्रों की संख्या 2617 हो गई है।

छत्तीसगढ़ Switch to English

कृषि मंत्री ने इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में किया ‘मिलेट कैफे’का लोकार्पण

चर्चा में क्यों?

20 जनवरी, 2023 को छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने रायपुर के इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय परिसर में नवनिर्मित ‘मिलेट कैफे’का लोकार्पण किया।

प्रमुख बिंदु 

  • कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने बताया कि इस ‘मिलेट कैफे’में कोदो, कुटकी, रागी तथा अन्य लघु धान्य फसलों से निर्मित विविध व्यंजन- इडली, दोसा, डोहा, उपमा, भजिया, खीर, हलवा, माल्ट, कुकीज के साथ ही इनसे निर्मित छत्तीसगढ़ के पारंपरिक व्यंजन ठेठरी, खुरमी, अरसा, चाकोली, सेवई, पिढ़िया आदि आम जनता के लिये उपलब्ध रहेंगे। इसके अलावा लघु धान्य फसलों से निर्मित अन्य उत्पाद भी विक्रय के लिये उपलब्ध रहेंगे।
  • उन्होंने बताया कि ‘मिलेट कैफे’आम जनता में लघु धान्य फसलों के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने तथा उनके उपयोग को बढ़ावा देने के लिये प्रारंभ किया गया है। यह देश में किसी विश्वविद्यालय द्वारा संचालित किया जाने वाला प्रथम मिलेट कैफे होगा।
  • इस ‘मिलेट कैफे’का संचालन कृषि विज्ञान केंद्र रायपुर द्वारा किया जाएगा और यहाँ विभिन्न महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा निर्मित लघु धान्य व्यंजनों का विक्रय किया जाएगा।
  • उल्लेखनीय है कि लघु धान्य फसलों की पोषकता तथा स्वास्थ्यप्रद मूल्यों को दृष्टिगत रखते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा इसके उपयोग को बढ़ावा देने के लिये वर्ष 2023 को ‘मिलेट वर्ष’घोषित किया गया है। 

उत्तराखंड Switch to English

उत्तराखंड पेयजल निगम तैयार कर रहा वाटर ग्रिड

चर्चा में क्यों?

19 जनवरी, 2023 को उत्तराखंड के पेयजल सचिव नितेश झा ने बताया कि उत्तराखंड पेयजल निगम प्रदेश के शहरों में 24 घंटे पानी की सुचारू आपूर्ति के लिये पावर ग्रिड की तरह वाटर ग्रिड बनने जा रही है। यह ग्रिड बिल्कुल पावर ग्रिड की तरह होगी, जिससे सभी पानी की लाइनें जुड़ी होंगी।

प्रमुख बिंदु 

  • पेयजल सचिव नितेश झा ने बताया कि वाटर ग्रिड बनाने के लिये पेयजल निगम इसका प्रस्ताव तैयार कर रहा है, जिसे फरवरी माह में एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) की बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा ताकि एडीबी से प्रोजेक्ट को फंड मिल सके।
  • ज्ञातव्य है कि प्रदेश में अभी तक किसी मोहल्ले या क्षेत्र विशेष में ट्यूबवेल की मोटर फूँकने पर कई दिन तक पानी की किल्लत रहती है। लोग टैंकरों से पानी मंगाते हैं। कई इलाके ऐसे हैं, जहाँ गर्मी बढ़ने के साथ ही पानी की किल्लत शुरू हो जाती है। कई जगहों पर सर्दियों में भी पानी की परेशानी रहती है।
  • इन सभी दिक्कतों के समाधान के लिये पेयजल विभाग वाटर ग्रिड तैयार कर रहा है। इस ग्रिड से सभी शहरों की पेयजल लाइनें आपस में जोड़ी जाएंगी। जहाँ भी पानी की किल्लत होगी, वहाँ ग्रिड से पानी उपलब्ध करा दिया जाएगा। पेयजल लाइनों को आपस में जोड़ने का यह काम जरा चुनौतीपूर्ण है।
  • ऐसे काम करेगी ग्रिड-
    • जैसे पावर ग्रिड में कई बार किसी क्षेत्र विशेष में बिजली की समस्या होने पर दूसरी जगह से बिजली उपलब्ध करा दी जाती है, वैसे ही वाटर ग्रिड भी काम करेगी।
    • अगर किसी शहर के किसी क्षेत्र विशेष में पानी की कमी होगी तो ग्रिड के माध्यम से वहाँ तत्काल पानी उपलब्ध करा दिया जाएगा। हर मोहल्ले की मुख्य पेयजल लाइनें इस ग्रिड से जोड़ी जाएंगी।
  • उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र में वाटर ग्रिड स्थापित की जा रही है। यह ग्रिड पूरे साल पेयजल, औद्योगिक और कृषि उद्देश्यों के लिये पानी उपलब्ध कराने के लिये बनाई जा रही है।
  • मराठवाड़ा में आठ ज़िले आते हैं। इस क्षेत्र में कम वर्षा होती है। इस वजह से हर साल यहाँ पानी की किल्लत पैदा हो जाती है। गुजरात में भी जलापूर्ति के लिये वाटर ग्रिड बनाने काम किया जा चुका है।
  • कई इलाकों में किसी कारण विशेष से जलापूर्ति बाधित न हो, इसके लिये वाटर ग्रिड बनाने पर काम किया जा रहा है। इससे 24 घंटे पानी की उपलब्धता संभव हो सकेगी।

उत्तराखंड Switch to English

उत्तराखंड गृह विभाग में अब महिलाओं का दबदबा

चर्चा में क्यों?

20 जनवरी, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार उत्तराखंड गृह विभाग में पाँच अधिकारियों के विभागों में बदलाव किया गया, जिससे गृह विभाग के अहम पदों पर अब महिलाओं का दबदबा हो गया है।

प्रमुख बिंदु 

  • गृह विभाग के अहम पदों पर अपर मुख्य सचिव गृह राधा रतूड़ी, विशेष गृह सचिव रिद्धिम अग्रवाल के बाद अब अपर सचिव के पद पर निवेदिता कुकरेती को तैनात किया गया है।
  • इसके अलावा आईटीडीए की ज़िम्मेदारी अब अमित सिन्हा से लेकर आई.ए.एस नितिका खंडेलवाल को सौंपी गई है। अमित सिन्हा निदेशक विजिलेंस के पद पर सेवाएँ देते रहेंगे।
  • वहीं शहरी विकास विभाग के अपर सचिव हरक सिंह रावत को स्टाफ ऑफिसर अध्यक्ष राजस्व परिषद की ज़िम्मेदारी भी सौंपी गई है। श्याम सिंह राणा को इस ज़िम्मेदारी से हटाकर अब केवल स्मार्ट सिटी एडिशनल सीईओ की ज़िम्मेदारी दी गई है।

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