इंदौर शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 11 नवंबर से शुरू   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

हरियाणा स्टेट पी.सी.एस.

  • 20 Dec 2022
  • 0 min read
  • Switch Date:  
हरियाणा Switch to English

हरियाणा ने जीता स्कॉच गोल्ड अवार्ड

चर्चा में क्यों?

19 दिसंबर, 2022 को नई दिल्ली स्थित इंडिया हेबिटेट सेंटर में आयोजित समारोह में हरियाणा के कृषि व बागवानी विभाग को मृदा स्वास्थ्य कार्ड और फसल क्लस्टर विकास कार्यक्रम में अपनी-अपनी उल्लेखनीय उपलब्धियों के लिये स्कॉच गोल्ड अवार्ड मिला।

प्रमुख बिंदु

  • यह अवार्ड हरियाणा की ओर से कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा एवं बागवानी विभाग के महानिदेशक अर्जुन सैनी ने प्राप्त किया।
  • राष्ट्रीय पूल में खाद्यान्न का दूसरा सबसे बड़ा योगदान देने वाले हरियाणा प्रदेश ने बागवानी की दिशा में विविधीकरण और कृषि-व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिये कई नीतिगत पहल की हैं। राज्य ने लगभग 400 बागवानी फसल समूहों की मैपिंग की है और 700 किसान उत्पादक संगठनों का गठन किया है।
  • क्लस्टर में बैकवर्ड और फॉरवर्ड लिंकेज को मजबूत करने के लिये राज्य ने एफपीओ के माध्यम से ऑन-फार्म इंटीग्रेटेड पैक-हाउस की स्थापना के लिये 510.35 करोड़ रुपए के परिव्यय के साथ एक महत्त्वाकांक्षी योजना ‘फसल क्लस्टर विकास कार्यक्रम (सीसीडीपी)’ शुरू की है। प्रदेश में अब तक 33 एकीकृत पैक-हाउस स्थापित किये जा चुके हैं और 35 प्रगति पर हैं। चालू वित्त वर्ष के अंत तक ऐसे कुल 100 एकीकृत पैक हाउस स्थापित करने का लक्ष्य है।
  • इसके अलावा, किसानों और कृषि उपज के लिये अंतिम मूल्य श्रृंखला सुनिश्चित करने के लिये कृषि क्षेत्र की 37 कंपनियों ने कृषि-व्यवसाय गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिये बाय-बैक तंत्र के साथ एफपीओ के उत्पादन के व्यापार और विपणन के लिये 34 एफपीओ के साथ 54 समझौता ज्ञापन निष्पादित किये हैं।
  • गौरतलब है कि सीसीडीपी को उपज के एकत्रीकरण सहित कई मुद्दों को हल करने के लिये लॉन्च किया गया था, जैसे - क्लस्टर गठन, किसान समूह और पैक-हाउस, संग्रह केंद्र, ग्रेडिंग-पैकिंग और मानक जैसे बाजार लिंकेज आदि।
  • इसके अलावा, इसका उद्देश्य कीटनाशकों के अवशेषों, और कीटों, बीमारियों, एफ्लाटॉक्सिन और भारी धातुओं सहित सूक्ष्म जीवविज्ञानी संदूषण सहित स्वच्छता और फाइटोसैनेटिक उपायों को हल करना भी है।
  • राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि ‘हर खेत-स्वस्थ खेत’ अभियान के तहत 3-4 वर्षों में लगभग 75 लाख मिट्टी के नमूने एकत्र कर उनका परीक्षण किया जाएगा और प्रत्येक एकड़ के लिये मृदा स्वास्थ्य कार्ड (एसएचसी) किसानों को वितरित किये जाएंगे।
  • मृदा परीक्षण के बारे में लोगों की भागीदारी और जागरूकता बढ़ाने के लिये मिट्टी के नमूने एकत्र करने और मृदा स्वास्थ्य कार्ड के वितरण का कार्य किसान सहायकों, (स्थानीय ग्रामीणों) और ‘अर्न व्हाइल यू लर्न’कार्यक्रम के तहत सरकारी कॉलेजों, सरकारी वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल के विज्ञान छात्रों के माध्यम से किया जा रहा है।
  • किसान सहायकों और विज्ञान के छात्रों को प्रति मिट्टी का नमूना के लिये 40 रुपए का प्रोत्साहन भी प्रदान किया जाता है। मिट्टी के नमूने लेने के लिये उन्हें विभाग द्वारा प्रशिक्षित किया गया था। इसी रणनीति से राज्य ने वर्ष 2022-23 में 30 लाख मिट्टी के नमूने एकत्र किये हैं, जो पिछले वर्षों (2015-2020) की तुलना में आठ गुना ज्यादा है।
  • प्रवक्ता ने बताया कि हरियाणा राज्य में मृदा परीक्षण प्रयोगशालाओं का एक विस्तृत नेटवर्क है जहाँ किसानों की मिट्टी परीक्षण के लिये आसान पहुँच है। 20-25 किलोमीटर की परिधि में मृदा परीक्षण प्रयोगशाला की उपलब्धता है।
  • वर्ष 2020-21 से पहले विभाग 35 स्थैतिक मृदा परीक्षण प्रयोगशालाएँ, जो सालाना 7.4 लाख मिट्टी के नमूनों का परीक्षण कर सकती थीं। वर्ष 2021-22 और 2022-23 के दौरान विभाग ने 60 नए एसटीएल (13 स्थिर+47 मिनी) बनाए हैं।
  • वर्तमान में विभाग के पास कुल 95 (48 स्थिर+47 मिनी) मृदा परीक्षण प्रयोगशालाएँ हैं जो सालाना 30 लाख मिट्टी के नमूनों का परीक्षण कर सकती हैं।

 Switch to English
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2