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स्वच्छता सर्वे 2023 के तहत ब्रांडिंग में प्लास्टिक का बैनर-पोस्टर लगाने पर कटेंगे 25 अंक
चर्चा में क्यों?
19 दिसंबर, 2022 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार स्वच्छ सर्वेक्षण-2023 में बेहतर रैंकिंग पाने के लिये बिहार के सभी नगर निकायों को डिजिटल तरीके से ज्यादा प्रचार-प्रसार करने होंगे क्योंकि स्वच्छ भारत मिशन 2.0 और स्वच्छ सर्वेक्षण में अगर किसी भी स्थिति में ब्रांडिंग के लिये फ्लेक्स, पॉलिथिन या प्लास्टिक का उपयोग किया जाएगा तो सीधे 25 अंकों की कटौती हो जाएगी।
प्रमुख बिंदु
- जानकारी के अनुसार, प्लास्टिक वाला फ्लैक्स व बैनर लगाने पर रैंकिंग बिगड़ जाएगी। इसके लिये मंत्रालय ने राज्य के सभी नगर निकायों को दिशा-निर्देश जारी कर दिया है।
- इसके बाद स्थानीय स्तर पर, मुजफ्फरपुर नगर निगम ने बैनर व फ्लैक्स की बजाय शहर में जगह-जगह स्मार्ट सिटी से लगे एलइडी स्क्रीन के माध्यम से स्वच्छता को लेकर लोगों को जागरूक करते हुए संदेश देना शुरू कर दिया है। इसकी कार्य योजना तैयार कर सर्वेक्षण को केंद्र सरकार की वेबसाइट पर अपलोड किया गया है।
- इस बार पूरे प्रतियोगिता के दौरान कलाकृतियाँ एवं स्लोगन (आर्ट वर्क) पर सबसे ज्यादा फोकस रहेगा। थीम के अनुरूप ही इस बार 48 प्रतिशत यानी 4525 अंक अकेले सर्विस लेवल प्रोग्राम यानी कूड़े को लेकर सेग्रीग्रेशन, प्रोसेसिंग व डिस्पोजल पर आधारित रहेंगे। 27 प्रतिशत यानी 2500 अंक सर्टिफिकेशन के होंगे और 25 प्रतिशत यानी 2475 अंक सिटीजन वॉइस के होंगे।
- वार्डों को ऐसे मिलेंगे अंक -
- वार्डों में 95 प्रतिशत से अधिक व्यापक प्रचार-प्रसार करने पर 25 अंक।
- वार्डों में 75 से 90 प्रतिशत तक प्रचार-प्रसार करने पर 20 अंक।
- वार्डों में 50 से 74 प्रतिशत तक प्रचार-प्रसार करने पर 15 अंक।
- वार्डों में 50 प्रतिशत से कम प्रचार-प्रसार करने पर 10 अंक।
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