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स्टेट पी.सी.एस.

  • 20 Dec 2022
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बिहार Switch to English

स्वच्छता सर्वे 2023 के तहत ब्रांडिंग में प्लास्टिक का बैनर-पोस्टर लगाने पर कटेंगे 25 अंक

चर्चा में क्यों?

19 दिसंबर, 2022 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार स्वच्छ सर्वेक्षण-2023 में बेहतर रैंकिंग पाने के लिये बिहार के सभी नगर निकायों को डिजिटल तरीके से ज्यादा प्रचार-प्रसार करने होंगे क्योंकि स्वच्छ भारत मिशन 2.0 और स्वच्छ सर्वेक्षण में अगर किसी भी स्थिति में ब्रांडिंग के लिये फ्लेक्स, पॉलिथिन या प्लास्टिक का उपयोग किया जाएगा तो सीधे 25 अंकों की कटौती हो जाएगी।

प्रमुख बिंदु

  • जानकारी के अनुसार, प्लास्टिक वाला फ्लैक्स व बैनर लगाने पर रैंकिंग बिगड़ जाएगी। इसके लिये मंत्रालय ने राज्य के सभी नगर निकायों को दिशा-निर्देश जारी कर दिया है।
  • इसके बाद स्थानीय स्तर पर, मुजफ्फरपुर नगर निगम ने बैनर व फ्लैक्स की बजाय शहर में जगह-जगह स्मार्ट सिटी से लगे एलइडी स्क्रीन के माध्यम से स्वच्छता को लेकर लोगों को जागरूक करते हुए संदेश देना शुरू कर दिया है। इसकी कार्य योजना तैयार कर सर्वेक्षण को केंद्र सरकार की वेबसाइट पर अपलोड किया गया है।
  • इस बार पूरे प्रतियोगिता के दौरान कलाकृतियाँ एवं स्लोगन (आर्ट वर्क) पर सबसे ज्यादा फोकस रहेगा। थीम के अनुरूप ही इस बार 48 प्रतिशत यानी 4525 अंक अकेले सर्विस लेवल प्रोग्राम यानी कूड़े को लेकर सेग्रीग्रेशन, प्रोसेसिंग व डिस्पोजल पर आधारित रहेंगे। 27 प्रतिशत यानी 2500 अंक सर्टिफिकेशन के होंगे और 25 प्रतिशत यानी 2475 अंक सिटीजन वॉइस के होंगे।
  • वार्डों को ऐसे मिलेंगे अंक -
    • वार्डों में 95 प्रतिशत से अधिक व्यापक प्रचार-प्रसार करने पर 25 अंक।
    • वार्डों में 75 से 90 प्रतिशत तक प्रचार-प्रसार करने पर 20 अंक।
    • वार्डों में 50 से 74 प्रतिशत तक प्रचार-प्रसार करने पर 15 अंक।
    • वार्डों में 50 प्रतिशत से कम प्रचार-प्रसार करने पर 10 अंक।

राजस्थान Switch to English

राजस्थान को डिजिटल नवाचारों के लिये मिला राष्ट्रीय पुरस्कार

चर्चा में क्यों?

19 दिसंबर, 2022 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में किये गए डिजिटल नवाचारों और संचालित जनकल्याणकारी योजनाओं को राष्ट्रीय स्तर पर दिया जाने वाला स्कोच पुरस्कार मिला।

प्रमुख बिंदु

  • राज्य सरकार के जनकल्याण पोर्टल और ई-मित्र को ई-गवर्नेंस श्रेणी में वर्ष 2022 का स्कोच गोल्ड अवार्ड दिया गया है। जनकल्याण पोर्टल के माध्यम से राज्य सरकार द्वारा सभी विभागों और ज़िलों की वेबसाइट्स का निर्माण किया जाता है, जिससे राज्य सरकार से संबंधित सभी जानकारियाँ आमजन को एक ही प्लेटफाँर्म पर मिल सके।
  • इसके अलावा ई-मित्र के माध्यम से राज्य सरकार की 600 से अधिक सेवाएं आमजन को ऑनलाइन उपलब्ध हो रही हैं।
  • ई-गवर्नेंस श्रेणी में ही राज्य सरकार के कार्मिकों के लिये बनाए गए डिजिटल प्लेटफॉर्म राजकाज को स्कोच सिल्वर अवार्ड दिया गया है।
  • हाउसिंग श्रेणी में उत्कृष्ट कार्यों के लिये राजस्थान हाउसिंग बोर्ड को स्कोच गोल्ड अवार्ड दिया गया है। वहीं, इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना को महिला एवं बाल विकास श्रेणी में स्कोच सिल्वर अवार्ड दिया गया है।
  • उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा आईटी के माध्यम से प्रदेश को एक पारदर्शी और जवाबदेह सुशासन देने की दिशा में निरंतर कार्य किया जा रहा है।
  • राज्य सरकार की ओर से आईटी आयुक्त आशीष गुप्ता, मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रभारी अधिकारी (आईटी) राजेश कुमार सैनी एवं प्रोजेक्ट ऑफिसर नेहा चौधरी ने पुरस्कार ग्रहण किया।

हरियाणा Switch to English

हरियाणा ने जीता स्कॉच गोल्ड अवार्ड

चर्चा में क्यों?

19 दिसंबर, 2022 को नई दिल्ली स्थित इंडिया हेबिटेट सेंटर में आयोजित समारोह में हरियाणा के कृषि व बागवानी विभाग को मृदा स्वास्थ्य कार्ड और फसल क्लस्टर विकास कार्यक्रम में अपनी-अपनी उल्लेखनीय उपलब्धियों के लिये स्कॉच गोल्ड अवार्ड मिला।

प्रमुख बिंदु

  • यह अवार्ड हरियाणा की ओर से कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा एवं बागवानी विभाग के महानिदेशक अर्जुन सैनी ने प्राप्त किया।
  • राष्ट्रीय पूल में खाद्यान्न का दूसरा सबसे बड़ा योगदान देने वाले हरियाणा प्रदेश ने बागवानी की दिशा में विविधीकरण और कृषि-व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिये कई नीतिगत पहल की हैं। राज्य ने लगभग 400 बागवानी फसल समूहों की मैपिंग की है और 700 किसान उत्पादक संगठनों का गठन किया है।
  • क्लस्टर में बैकवर्ड और फॉरवर्ड लिंकेज को मजबूत करने के लिये राज्य ने एफपीओ के माध्यम से ऑन-फार्म इंटीग्रेटेड पैक-हाउस की स्थापना के लिये 510.35 करोड़ रुपए के परिव्यय के साथ एक महत्त्वाकांक्षी योजना ‘फसल क्लस्टर विकास कार्यक्रम (सीसीडीपी)’ शुरू की है। प्रदेश में अब तक 33 एकीकृत पैक-हाउस स्थापित किये जा चुके हैं और 35 प्रगति पर हैं। चालू वित्त वर्ष के अंत तक ऐसे कुल 100 एकीकृत पैक हाउस स्थापित करने का लक्ष्य है।
  • इसके अलावा, किसानों और कृषि उपज के लिये अंतिम मूल्य श्रृंखला सुनिश्चित करने के लिये कृषि क्षेत्र की 37 कंपनियों ने कृषि-व्यवसाय गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिये बाय-बैक तंत्र के साथ एफपीओ के उत्पादन के व्यापार और विपणन के लिये 34 एफपीओ के साथ 54 समझौता ज्ञापन निष्पादित किये हैं।
  • गौरतलब है कि सीसीडीपी को उपज के एकत्रीकरण सहित कई मुद्दों को हल करने के लिये लॉन्च किया गया था, जैसे - क्लस्टर गठन, किसान समूह और पैक-हाउस, संग्रह केंद्र, ग्रेडिंग-पैकिंग और मानक जैसे बाजार लिंकेज आदि।
  • इसके अलावा, इसका उद्देश्य कीटनाशकों के अवशेषों, और कीटों, बीमारियों, एफ्लाटॉक्सिन और भारी धातुओं सहित सूक्ष्म जीवविज्ञानी संदूषण सहित स्वच्छता और फाइटोसैनेटिक उपायों को हल करना भी है।
  • राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि ‘हर खेत-स्वस्थ खेत’ अभियान के तहत 3-4 वर्षों में लगभग 75 लाख मिट्टी के नमूने एकत्र कर उनका परीक्षण किया जाएगा और प्रत्येक एकड़ के लिये मृदा स्वास्थ्य कार्ड (एसएचसी) किसानों को वितरित किये जाएंगे।
  • मृदा परीक्षण के बारे में लोगों की भागीदारी और जागरूकता बढ़ाने के लिये मिट्टी के नमूने एकत्र करने और मृदा स्वास्थ्य कार्ड के वितरण का कार्य किसान सहायकों, (स्थानीय ग्रामीणों) और ‘अर्न व्हाइल यू लर्न’कार्यक्रम के तहत सरकारी कॉलेजों, सरकारी वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल के विज्ञान छात्रों के माध्यम से किया जा रहा है।
  • किसान सहायकों और विज्ञान के छात्रों को प्रति मिट्टी का नमूना के लिये 40 रुपए का प्रोत्साहन भी प्रदान किया जाता है। मिट्टी के नमूने लेने के लिये उन्हें विभाग द्वारा प्रशिक्षित किया गया था। इसी रणनीति से राज्य ने वर्ष 2022-23 में 30 लाख मिट्टी के नमूने एकत्र किये हैं, जो पिछले वर्षों (2015-2020) की तुलना में आठ गुना ज्यादा है।
  • प्रवक्ता ने बताया कि हरियाणा राज्य में मृदा परीक्षण प्रयोगशालाओं का एक विस्तृत नेटवर्क है जहाँ किसानों की मिट्टी परीक्षण के लिये आसान पहुँच है। 20-25 किलोमीटर की परिधि में मृदा परीक्षण प्रयोगशाला की उपलब्धता है।
  • वर्ष 2020-21 से पहले विभाग 35 स्थैतिक मृदा परीक्षण प्रयोगशालाएँ, जो सालाना 7.4 लाख मिट्टी के नमूनों का परीक्षण कर सकती थीं। वर्ष 2021-22 और 2022-23 के दौरान विभाग ने 60 नए एसटीएल (13 स्थिर+47 मिनी) बनाए हैं।
  • वर्तमान में विभाग के पास कुल 95 (48 स्थिर+47 मिनी) मृदा परीक्षण प्रयोगशालाएँ हैं जो सालाना 30 लाख मिट्टी के नमूनों का परीक्षण कर सकती हैं।

झारखंड Switch to English

राँची सहित देशभर के 25 हवाई अड्डों को लीज पर देने की तैयारी

चर्चा में क्यों?

19 दिसंबर, 2022 को केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री वीके सिंह ने बताया कि देश के प्रमुख शहरों के हवाई अड्डों के संचालन का काम निजी क्षेत्र की कंपनियाँ कर रही हैं। इसी क्रम में अब राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन (एनएमपी) के तहत राँची सहित देश के अन्य 25 शहरों के हवाई अड्डों को 2022 से 2025 के दौरान लीज पर देने के लिये चुना गया है।

प्रमुख बिंदु

  • केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री के अनुसार देश में पटना, राँची, भुवनेश्वर, वाराणसी, अमृतसर, त्रिची, इंदौर, रायपुर, कालीकट, कोयंबटूर, नागपुर, मदुरै, सूरत, जोधपुर, चेन्नई, विजयवाड़ा, वडोदरा, भोपाल, तिरुपति, हुबली, इंफाल, अगरतला, उदयपुर, देहरादून और राजमुंदरी को लीज पर देने के लिये चुना गया है।
  • एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने आठ हवाई अड्डों को संचालन के लिये पीपीपी मॉडल के तहत लंबे समय के लिये लीज पर दिया है। मंत्रालय का मानना है कि जनहित में इसे निजी क्षेत्र को लीज पर दिया जा रहा है, ताकि देश में आधुनिक हवाई अड्डों का निर्माण हो सके।
  • वीके सिंह ने बताया कि हवाई अड्डे आर्थिक गतिविधि के केंद्र के तौर पर सामने आए हैं। लीज पर एयरपोर्ट देने से हासिल राजस्व से देश में हवाई अड्डों के बुनियादी ढाँचे का विकास किया जा रहा है। वहीं, केंद्र सरकार ने देश में 21 ग्रीन फील्ड हवाई अड्डे के निर्माण को मंज़ूरी दी है, जिसमें से 10 ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट शुरू हो चुके हैं।

छत्तीसगढ़ Switch to English

छत्तीसगढ़ के ‘मोर मयारू गुरूजी’ कार्यक्रम को मिला राष्ट्रीय सिल्वर स्कॉच अवार्ड

चर्चा में क्यों?

19 दिसंबर, 2022 को इंडिया हैबिटेट सेंटर नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में स्कॉच फाउंडेशन द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के ‘मोर मयारू गुरूजी’ कार्यक्रम को राष्ट्रीय स्तर पर सिल्वर स्कॉच अवार्ड प्रदान किया गया।

प्रमुख बिंदु

  • इस सम्मान को महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेड़िया और आयोग की अध्यक्ष तेजकुंवर नेताम ने प्राप्त किया।
  • इस सम्मान समारोह में छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड और वन विभाग बालोद को भी अवार्ड प्राप्त हुआ।
  • सम्मान प्राप्त करने के उपरांत अपने उद्बोधन में अनिला भेड़िया ने कहा कि बच्चों की मानसिकता को देखकर-समझकर शिक्षकों को बच्चों से व्यवहार करने के उद्देश्य से इस कार्यक्रम की शुरूआत की गई है।
  • उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय स्कॉच अवार्ड एक अत्यंत प्रतिष्ठित सम्मान है जो कि 7 चरणों की चरणबद्ध प्रक्रिया को पार करने के उपरांत ही प्राप्त होता है। यह अवार्ड महिला एवं बाल विकास की श्रेणी में बाल संरक्षण के क्षेत्र में ‘मोर मयारू गुरूजी’कार्यक्रम के नवाचार पर दिया गया है।
  • गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के ‘मोर मयारू गुरूजी’ कार्यक्रम के माध्यम से शिक्षकों को बाल अधिकारों की रक्षा के लिये खेल एवं अन्य गतिविधियों के माध्यम से रोचक तरीके से प्रशिक्षण दिया जाता है।
  • आयोग द्वारा अब तक इस कार्यक्रम में विभिन्न ज़िलों एवं राज्य स्तर पर लगभग 2000 शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जा चुका है और भविष्य में इसे ज़िला स्तर तक विस्तार करने की भी योजना है।
  • इस कार्यक्रम को रोचक तरीके से डिजाईन किया गया है। इसकी अवधि मात्र 2 से 3 घंटे ही रखी गई है, जिससे शिक्षक इसे आसानी से ग्रहण कर सकें।  
  • आयोग का यह मानना है कि एक शिक्षक और बच्चे का संबंध 5 वर्ष से 12 वर्ष तक रहता है और इस बीच शिक्षक के व्यक्तित्व का बच्चों पर गहरा प्रभाव पड़ता है। इसे ध्यान में रखते हुए बाल अधिकार सहित शिक्षकों द्वारा बच्चों से वार्तालाप करते समय और पढ़ाते समय किन बातों पर ज़ोर देना है और किन कमियों को सुधारना है, इन सभी विषयों को मोर मयारू गुरूजी कार्यक्रम में शामिल किया गया है।

उत्तराखंड Switch to English

स्वच्छ सर्वेक्षण-2022 में बेहतर प्रदर्शन करने वाले निर्मल नगरों को मिला अटल निर्मल नगर पुरस्कार

चर्चा में क्यों?

19 दिसंबर, 2022 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में स्थित मुख्य सेवक सदन में स्वच्छ सर्वेक्षण-2022 में बेहतर प्रदर्शन करने वाले निर्मल नगरों को अटल निर्मल नगर पुरस्कार से सम्मानित किया।

प्रमुख बिंदु

  • मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर प्रदेश के नौ निकायों को अटल निर्मल पुरस्कार और राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत पाँच निकायों को स्वच्छ गौरव सम्मान प्रदान किया।
  • मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि अटल निर्मल नगर पुरस्कार की राशि एक करोड़ से बढ़ाकर दो करोड़ रुपए की जाएगी। इसमें नियमानुसार कैंट क्षेत्रों को भी शामिल किया जाएगा।
  • उन्होंने यह भी घोषणा की कि पीएम आवास योजना (शहरी) के तहत मकान का आवंटन होने के बाद लाभार्थियों को घर का सामान खरीदने के लिये पाँच-पाँच हज़ार रुपए की प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी।
  • उन्होंने बताया कि कि केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री में चारधाम यात्राकाल में काम करने वाले पर्यावरण मित्रों को भोजन, गरम वर्दी के लिये अतिरिक्त मानदेय मिलेगा। वहीं, निकाय केंद्रीयकृत सेवा के कर्मचारियों के पेंशन देयकों के भुगतान को राज्य वित्त आयोग से एक प्रतिशत की धनराशि उपलब्ध कराई जाएगी।
  • कार्यक्रम में देहरादून नगर निगम, मुनि की रेती नगर पालिका और नंदप्रयाग नगर पंचायत को स्वच्छता सर्वेक्षण में बेहतर प्रदर्शन पर प्रथम पुरस्कार से नवाजा गया।
  • इसके अलावा नगर निगम हरिद्वार, कैंट बोर्ड लंढौर, नगर पालिका रामनगर, डोईवाला और नरेंद्रनगर को स्वच्छता गौरव सम्मान दिया।
  • इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने दून कैंट स्वच्छता चौपाल का लोगो भी लॉन्च किया।

राजस्थान Switch to English

‘इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना’ को मिला राष्ट्रीय स्तर का ‘स्कॉच अवार्ड’

चर्चा में क्यों?

19 दिसंबर, 2022 को नई दिल्ली स्थित इंडिया हेबिटेट सेंटर में आयोजित समारोह में राजस्थान में गर्भवती महिलाओं की पोषण संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति के उद्देश्य से चलाई जा रही ‘इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना’ को राष्ट्रीय स्तर पर स्कॉच अवार्ड से सम्मानित किया गया।

प्रमुख बिंदु

  • पुरस्कार वितरण समारोह में इस योजना को द्वितीय पुरस्कार (सिल्वर मेडल) दिया गया। समेकित बाल विकास सेवाओं के निदेशक रामावतार मीणा एवं योजना में तकनीकी सहयोग दे रही संस्था आईपीई ग्लोबल की प्रतिनिधि दिव्या संथानम ने यह पुरस्कार ग्रहण किया।
  • उल्लेखनीय है कि वर्ष 2020-21 में राज्य सरकार द्वारा 5 जनजातीय ज़िलों बाराँ, बाँसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़ एवं उदयपुर में इस योजना को शुरू किया गया था, जिसे वर्ष 2022-23 में राज्य के सभी 33 ज़िलों में लागू कर दिया गया है।
  • इस योजना के तहत दूसरी संतान के जन्म पर गर्भवती महिला को छह हज़ार रुपए की राशि प्रदान की जाती है।
  • इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना पूरी तरह से पेपरलेस योजना है जिसमें लाभार्थी को किसी भी प्रकार का आवेदन नहीं करना पडता, उसे स्वास्थ्य विभाग में दर्ज डाटा के आधार पर आनलाईन भुगतान किया जाता है। योजना के अंतर्गत लगभग 3.30 लाख महिलाओं को लाभान्वित करने का लक्ष्य है।

झारखंड Switch to English

झारखंड को पहली बार मिला डिजिटल इंडिया अवार्ड

चर्चा में क्यों?

19 दिसंबर, 2022 को सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार ने झारखंड के कोडरमा ज़िला प्रशासन द्वारा संचालित DEGS कंप्यूटर बेसिक ट्रेनिंग सेंटर के कॉन्सेप्ट को डिजिटल इंडिया अवार्ड देने के लिये चयनित किया है।

प्रमुख बिंदु

  • डिजिटल इंडिया अवार्ड कोडरमा के डीसी आदित्य रंजन के द्वारा ग्रहण किया जायेगा। कोडरमा डीसी के मुताबिक, आगामी सात जनवरी, 2023 को दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रपति के हाथों सम्मान प्राप्त किया जायेगा।
  • जानकारी के अनुसार, डिजिटल इंडिया अवार्ड को लेकर सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार ने वर्ष 2022 में आवेदन आमंत्रित किए थे, जिसके लिये हजारों की संख्या में नॉमिनेशन प्राप्त हुए थे। सात अलग-अलग कैटेगरी में दिये जाने वाले इस अवार्ड को लेकर हुए फर्स्ट राउंड में शार्ट लिस्ट में 100 से ज्यादा प्रोजेक्ट को जगह मिली थी। इसके बाद नौ सदस्यों की ज्यूरी जिसमें सचिव आईटी, दो अपर सचिव, आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर आदि के समक्ष सभी ने अपना प्रेजेंटेशन दिया था।
  • उल्लेखनीय है कि कोडरमा डीसी आदित्य रंजन ने भी आठ दिसंबर, 2022 को दिल्ली में ज्यूरी के समक्ष बेसिक ट्रेनिंग सेंटर की योजना को सामने रखा था, जिसके बाद अब अंतिम रूप से चयन हुआ है।
  • कोडरमा का चयन डिजिटल इनिशीएटिव एट ग्रास रूट लेवल में गोल्ड के लिये किया गया है। इस कैटेगरी में ई-विवेचन एप के लिये मध्य प्रदेश को प्लेटिनियम तथा श्रेयाश्री पोर्टल के लिये केरल को सिल्वर मिला है।
  • विदित है कि कोडरमा ज़िले में ज़िला प्रशासन की पहल पर हाल के वर्ष में डीईजीएस कंप्यूटर सेंटर की शुरुआत की गई है। वर्तमान में मरकच्चो प्रखंड को छोड़कर कोडरमा, झुमरीतिलैया, सतगावां, डोमचांच, चंदवारा और जयनगर में संचालित हो रहा है। इन सेंटरों में नौ हजार से ज्यादा बच्चों के अलावा एएनएनम, सहिया, जनप्रतिनिधियों आदि को कंप्यूटर का प्रशिक्षण देने के बाद प्रमाण पत्र भी दिया गया है।
  • आदित्य रंजन ने बताया कि वर्तमान में भी इन सेंटरों में सैकड़ों प्रशिक्षाणर्थी कंप्यूटर का प्रशिक्षण ले रहे हैं। यहाँ छह केंद्रों के अलावा दो और केंद्र खोलने की योजना है। एक केंद्र परियोजना बालिका उच्च विद्यालय, कोडरमा और दूसरा जेजे कॉलेज, झुमरीतिलैया में खुलेगा।

छत्तीसगढ़ Switch to English

राजकीय पशु जंगली भैंसों के संरक्षण पर लिखी विशेष पुस्तक ‘बैक फ्राम दी ब्रिंक’ का विमोचन

चर्चा में क्यों?

19 दिसंबर, 2022 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तथा वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने छत्तीसगढ़ राज्य वन्य जीव बोर्ड की बैठक में वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया द्वारा छत्तीसगढ़ के राजकीय पशु जंगली भैंसों के संरक्षण पर लिखी गई विशेष पुस्तक ‘बैक फ्राम दी ब्रिंक’ (BACK FROM THE BRINK) का विमोचन किया।

प्रमुख बिंदु

  • पिछले लगभग 17 वर्षों से डब्ल्यूटीआई, छत्तीसगढ़ वन विभाग के साथ वन भैंसों के संरक्षण एवं संवर्धन पर कार्य कर रहा है। इस पुस्तक में पिछले दो दशकों से चल रही परियोजना के विभिन्न पहलुओं के विवरण के साथ-साथ संरक्षण के लक्ष्य का विस्तृत विवरण दिया गया है।
  • गौरतलब है कि भारत में विश्व स्तर पर लुप्तप्राय जंगली भैंसों (बुवालिस अरनी) की 80 प्रतिशत से अधिक संख्या पाई जाती है। छत्तीसगढ़ में कठोर भूमि (हार्ड ग्राउंड) में वन भैंसों की संख्या 50 से भी कम रह गई है। असम की आर्द्र भूमि में वन भैंसों की संख्या 4000 के करीब है।
  • वाइल्डलाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया के संस्थापक और कार्यकारी निर्देशक विवेक मेनन के अनुसार, डब्ल्यूटीआई ने 2005 में जब राज्य में कार्य करना शुरू किया, उस समय उदंती अभयारण्य में एक मादा वन भैंस के साथ सिर्फ छह वन भैंसे बचे थे। इसका मतलब यह था कि मध्य भारत की अलग-अलग आबादी के विलुप्त होने का गंभीर खतरा था।
  • यह रिपोर्ट लुप्तप्राय वन भैंसों के साथ 15 वर्षों के संरक्षण कार्य का इतिहास है। छत्तीसगढ़ के राजकीय पशु के संरक्षण के लिये वैश्विक ध्यान के साथ-साथ केंद्र और राज्य सरकार के सहयोग की आवश्यकता है।
  • वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया के उपनिदेशक एवं मध्य क्षेत्र प्रमुख डॉ. राजेंद्र मिश्रा के अनुसार परियोजना अवधि के दौरान उदंती अभयारण्य में अधिकतम 11 वन भैंसे थे। वन विभाग ने डब्ल्यूटीआई के तकनीकी सहयोग से वर्ष 2020 में असम के मानस राष्ट्रीय उद्यान से दो वन भैंसों (नर एवं मादा) कंजर्वेशन ब्रीडिंग के लिये बारनवापारा वन्यजीव अभयारण्य में स्थानांतरित करने में भी सफलता प्राप्त की।
  • पुस्तक में बताया गया है कि उदंती के वन भैंसे असम राज्य और यहाँ तक कि महाराष्ट्र के जंगली भैसों के साथ हैप्लोटाइप साझा करती हैं और इसलिये उदंती में जंगली भैंसों की आबादी को बढ़ाने के लिये उपयोग किया जा सकता है। हालाँकि, उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व में घटते जा रहे वन एवं घास के मैदान जंगली भैंसों को बचाने में गंभीर खतरा पैदा कर सकते हैं।
  • लगातार तीन वर्षों के जन जागरूकता अभियान के माध्यम से, डब्ल्यूटीआई ने लगभग 4000 छात्रों, 3000 ग्रामीणों एवं 12 सार्वजनिक सेवा विभागों तक वन भैंसों के संरक्षण एवं संवर्धन का प्रचार-प्रसार किया, जिसका असर समाज के सभी वर्गों तक पहुँचा है।

राजस्थान Switch to English

निर्भया फंड के लिये 60 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बजट प्रावधान स्वीकृत

चर्चा में क्यों?

19 दिसंबर, 2022 राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने महिलाओं की सुरक्षा के लिये प्रदेश में चल रहे 45 पोक्सो न्यायालयों हेतु निर्भया फंड में 60 करोड़ रुपए के अतिरिक्त बजट प्रावधान को मंज़ूरी दी।

प्रमुख बिंदु

  • राज्य सरकार प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर अत्यंत संवेदनशील है तथा महिला सुरक्षा को लेकर प्रदेश में निरंतर आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। इसी क्रम में निर्भया फंड में अतिरिक्त बजट प्रावधान को मंज़ूरी प्रदान की गई है।
  • उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय मिशन (फास्ट ट्रेक स्पेशल कोर्ट) निर्भया फंड के अंतर्गत प्रदेश में 45 पोक्सो न्यायालय संचालित हैं, जिनमें राज्य सरकार द्वारा 40 प्रतिशत की फंडिंग की जाती है।
  • इस फंड हेतु गहलोत सरकार ने 40.27 करोड़ रुपए राज्यनिधि मद में एवं 19.73 करोड़ रुपए केंद्रीयांश मद में अतिरिक्त बजट प्रावधान को मंज़ूरी दी है, जिससे इन पोक्सो न्यायालयों में पदस्थापित कर्मचारियों/अधिकारियों के आगामी माह के संवेतन का निर्बाध आहरण हो सकेगा।

छत्तीसगढ़ Switch to English

छत्तीसगढ़ में बाघों की संख्या बढ़ाने मध्य प्रदेश से लाए जाएंगे बाघ

चर्चा में क्यों?

19 दिसंबर, 2022 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आयोजित छत्तीसगढ़ राज्य वन्य जीव बोर्ड की बैठक में छत्तीसगढ़ में बाघों की संख्या बढ़ाने के लिये मध्य प्रदेश से बाघ लाए जाने सहित कई अन्य प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।

प्रमुख बिंदु

  • इस प्रस्ताव के अनुसार मध्य प्रदेश से से लाये गए बाघों को अचानकमार टाइगर रिजर्व में छोड़ा जाएगा। इसके साथ ही साथ बारनवापारा अभयारण्य में भी बाघों के लिये अनुकूल परिस्थितियों के चलते टाइगर छोड़े जाएंगे।
  • छत्तीसगढ़ राज्य वन्य जीव बोर्ड की बैठक में इसके साथ ही वन्य प्राणियों की सुरक्षा और संरक्षण, वन्य प्राणी मानव द्वंद रोकने के अनेक प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।
  • मुख्यमंत्री ने वन्य प्राणियों की सुरक्षा और संरक्षण के लिये वनों की 10 किलोमीटर की परिधि के गांवों में आजीविका मूलक गतिविधियों को बढ़ावा देने, वन्य प्राणियों की सुरक्षा की दृष्टि से वन क्षेत्रों में संचार नेटवर्क को मजबूत बनाने, हाथी मानव द्वंद रोकने जागरूकता अभियान को गति देने और वन्य प्राणियों के लिये पानी और चारागाह विकसित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। बैठक में इनसे संबंधित प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।
  • छत्तीसगढ़ में बाघों की संख्या चार गुना करने के लिये ग्लोबल टाइगर फोरम (जीटीएफ) द्वारा प्रस्ताव दिया गया था, जिसके क्रियान्वयन की अनुमति बैठक में दी गई। जिसके तहत अचानकमार टाइगर रिजर्व में बाघ मध्य प्रदेश से लाकर छोड़े जाएंगे।
  • अधिकारियों ने बताया कि अचानकमार टाइगर रिजर्व में वन्यप्राणियों के लिये जल स्त्रोतों, चारागाह को विकसित किया गया है, जिससे शाकाहारी वन्यप्राणियों की संख्या में वृद्धि हो सके।
  • बोर्ड की बैठक में बलौदाबाजार ज़िले के बारनवापारा अभयारण्य में फिर से टायगरों को पुनर्स्थापित करने के लिये टाइगर छोड़ने के प्रस्ताव को भी सैद्धांतिक सहमति दी गई।
  • बारनवापारा अभयारण्य में वर्ष 2010 तक टाइगर पाए जाते थे। टाइगर रि-इंट्रोडक्शन एवं टाइगर रिकव्हरी प्लान के तहत ख्याति प्राप्त वन्यप्राणी संस्थान से हैबिटेट सुटेबिलिटी रिपोर्ट तैयार कराई जाएगी, जिसकी स्वीकृति राष्ट्रीय व्याघ्र संरक्षण प्राधिकरण नई दिल्ली से प्राप्त होने के बाद इस अभयारण्य में बाघ पुनर्स्थापना का कार्य प्रारंभ किया जाएगा।
  • अधिकारियों ने बैठक में बताया कि शाकाहारी वन्य प्राणियों को विभिन्न प्रजनन केंद्रों एवं अन्य स्थानों से लाकर प्रदेश के संरक्षित क्षेत्रों के प्राकृतिक रहवास में छोड़ा गया है।
  • बैठक में यह जानकारी भी दी गई कि छत्तीसगढ़ के वन क्षेत्रों में हाथियों के लिये चारागाह, पानी आदि की व्यवस्था करने से हाथी मानव द्वंद की घटनाओं में काफी कमी हुई है। लगभग 11 हज़ार 314 हेक्टेयर चारागाह विकसित किए गए हैं। लगभग 80 हज़ार हेक्टेयर में खाद्य घास की प्रजातियां लगाई गई हैं।
  • बैठक में भारत माला परियोजना के अंतर्गत प्रस्तावित रायपुर-विशाखापट्टनम इकोनॉमिक कॉरिडोर निर्माण के लिये उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व में केशकाल एवं कांकेर वनमंडल के लगभग 64 वन क्षेत्र तथा भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून द्वारा चिन्हांकित इद्रांवती- उदंती-सीतानदी-सुनाबेड़ा टाइगर कॉरिडोर के 7 वन कक्षों से गुजरने वाले लगभग 3.5 किलोमीटर राजमार्ग में प्रस्तावित इकानॉमिक कॉरिडोर निर्माण के लिये अनुमति दी गई।
  • इस प्रस्ताव को राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड को भेजा जाएगा। इस तरह भोपालपट्टनम से जगदलपुर राष्ट्रीय राजमार्ग में चिंतावागु नदी पर नवीन पुल निर्माण की अनुमति दी गई। यह प्रस्ताव भी राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड को अनुमति के लिये भेजा जाएगा। इस नवीन पुल एवं पहुंच मार्ग का निर्माण इद्रांवती टाइगर रिजर्व के बफर जोन के 1.177 हेक्टेयर रकबे के अंतर्गत आता है।
  • बैठक में वन क्षेत्रों में बेहतर संचार की सुविधा के लिये ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाने और मोबाइल टॉवर लगाने के प्रस्तावों को भी मंजूरी दी गई। इससे जहां वन प्राणी सुरक्षा व्यवस्था मजबूत होगी। वहीं वन क्षेत्रों के गांवों में पीडीएस सिस्टम, धान खरीदी, वृद्धावस्था पेंशन, बैंकिंग और ऑनलाइन पढ़ाई में आसानी होगी।
  • बैठक में वनभैंसों में कृत्रिम गर्भाधान करने की अनुमति भी प्रदान की गई। इस प्रस्ताव के अनुसार वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया तथा  LaCONES, CCMB हैदराबाद के विशेषज्ञों एवं वन विभाग में पदस्थ पशु चिकित्सकों के देख-रेख में वीर्य निकालने का कार्य किया जाएगा तथा इस उपयोग मादा वनभैंसों के कृत्रिम गर्भाधान हेतु किया जाएगा।

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